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SEO फ़्रेंडली ब्लॉग

SEO फ़्रेंडली ब्लॉग लिखिए : अगर आप एक नए ब्लॉगर हों और आप अपने ब्लॉग में अपने पाठकों को सेओ फ्रेंडली बनाना चाहते हैं, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने ब्लॉग में SEO दोस्ताना तकनीक का उपयोग करें। SEO दोस्ताना तकनीक आपके ब्लॉग को सर्च इंजन रैंकिंग में ऊपर लाने में मदद करेगी और आपके पाठकों को आपके ब्लॉग की खोज में मदद करेगी।

यहां कुछ SEO फ़्रेंडली ब्लॉग लिखने के टिप्स हैं:

कीवर्ड रिसर्च करें: अपने ब्लॉग लेख के लिए कीवर्ड रिसर्च करना आवश्यक है। इससे आप अपने लेख में उन कीवर्डों का उपयोग कर सकते हैं जो आपके पाठकों की खोज के आधार पर बनाए जाते हैं।

ब्लॉग के शीर्षक का उपयोग करें: आपके ब्लॉग के शीर्षक आपके लेख के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से में होते हैं। आपके शीर्षक में अपने कीवर्ड का उपयोग करने से आपके ब्लॉग को खोज में उच्च रैंक मिल सकता है।

अपने लेख को अंशदान करें: अपने लेख को अंशदान करने से आपके पाठकों को आसानी से आपके ब्लॉग के विषय के बारे में समझ मिलती है। अंशदान में आप अपने कीवर्ड का भी उपयोग कर सकते हैं।

इंटरनल लिंकिंग का उपयोग करें: इंटरनल लिंकिंग के माध्यम से आप अपने ब्लॉग के विभिन्न पोस्ट्स को जोड़ सकते हैं। इससे आपके पाठकों को अन्य अधिक जानकारी मिलती है और आपके ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ता है। इसके अलावा, इंटरनल लिंकिंग से सर्च इंजन को आपके ब्लॉग की संरचना के बारे में भी पता चलता है।

सामग्री का लंबावदी और उपयोगी होना चाहिए: आपके ब्लॉग की सामग्री को लंबावदी और उपयोगी बनाने की कोशिश करें। यह आपके पाठकों को आपके ब्लॉग पर वापस आने के लिए प्रेरित करेगा।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करें: सोशल मीडिया प्लेटफार्म से आप अपने ब्लॉग को अधिक साझा कर सकते हैं और अपने ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ा सकते हैं।

बिना वापसी के बिक्री की अनुमति न दें: अपने ब्लॉग पर सामग्री और लिंकों के माध्यम से आप अपने पाठकों को अन्य साइटों पर भेज सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपके पाठक वापस आने की संभावना नहीं रखते, अगर आप उन्हें बिना वापसी के बिक्री की अनुमति देते हैं।

इन SEO फ्रेंडली ब्लॉग लिखने के टिप्स का उपयोग करके आप अपने ब्लॉग की संरचना को बेहतर बना सकते हैं और अपने पाठकों को अधिक उपयोगी सामग्री प्रदान कर सकते हैं। सेओ दोस्ताना तकनीक के उपयोग से आप अपने ब्लॉग के ट्रैफिक को बढ़ा सकते हैं और अपने पाठकों की खोज में आसानी से आपके ब्लॉग को ढूंढ़ सकते हैं।

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किताब

क्या आप को मालूम है दुनिया की पहली किताब या कहे धर्मग्रन्थ ऋग्वेद है जो भोज पत्र पे लिखा गया था और उसकी प्रति पुणे में फ़िलहाल भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टिट्यूट में रखी हुई है
सबसे पहले मानव पत्थरों में उकेर के लिखता था और लेखन का सबसे पहले प्रमाणित सूचना आती है प्राचीन सुमेर से वहाँ कृषि के लेन देन और अनुबंधों के दस्तावेज़ो को संभलने के लिए किया गया था फिर यह फैलते फैलते इसका उपयोग वित्त , धर्म ,सरकार , क़ानून आदि अन्य विषयों को अपने ऊपर आश्रित कर लिया

यह एक पूरा विशाल चक्र है जिससे किताबें गुज़री है आज जो हम किताबों का स्वरूप देख रहे है वो इतने सारे बदलावो के बाद हम तक पहुँची है ।

किताबों का अर्थ हो सिर्फ़ और सिर्फ शुद्ध ज्ञान का विस्तार प्रचार चाहे वो विज्ञान हो चिकित्सा हो सामाजिक हो आर्थिक हो शैक्षिक हो या प्रेरणादायक हो कला से जुड़ी हो आध्यात्मिक ज्ञान धार्मिक ज्ञान की हो वहीं सच्ची और अच्छी जिनमे लेश मात्र भी लाग लपेट ना हो और प्रामाणिक हो तभी वो आपने श्रोता से न्याय कर सकेंगी और सच्ची बातों और ज्ञान का प्रचार हो सकेगा तब अच्छे शिक्षक बन सकेंगे और इस ज्ञान का प्रचार प्रसार में सहायक बन पायेंगे ।

किसी देश की जैसी किताबें प्रारंभिक शिक्षा , माध्यमिक शिक्षा या उच्च शिक्षा में होंगी वेसे ही वहाँ के लोगो का माँग , सोच और व्यक्तित्व होगा ये सत्य है ।

मैं इस लेख के माध्यम से कहना चाहूँगा जो मुझे बहुत दिल से लगता है कि आक्रांताओं द्वारा देश और हमारी शिक्षा को नुक़सान पहुँचाया गया चाहे वो नालंदा विश्वविद्यालय को आग लगाकर इतनी बेशक़ीमती ज्ञान की पुस्तकें जल कर राख हो गई जिसकी क्षतिपूर्ति कभी नहीं हो सकती या फिर अंग्रेज बहुत ही चालाक थे उन्होंने भारत देश की पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली जो की गुरुकुल माध्यम की थी उसको पलट दिया और अंग्रेज़ी भाषा को बढ़ावा देने का माध्यम से लार्ड मेकले की शिक्षा नीतियों के आधार से कितावों का निर्माण किया और उनकी नीति इस प्रकार बनाई गई जिसने भारतीय व्यक्ति ग़ुलाम ( नौकरी माँगने वाला ) बने ज़्यादा सोच न सके और हमेशा ग़ुलामों की तरह सोचे जिसका भुगतान हम आज तक भोग रहे है बच्चे पढ़ते है अंक अर्जित करना उसका उद्देश्य चाहे सामाजिक ज्ञान शून्य हो उनका दिमाग़ सरकार से नौकरी माँगता है इसमें उनकी गलती नहीं है यह होता है किसी सभ्यता को नष्ट करने का तरीक़ा तो यह ताक़त है किताबों की ।

मेरा कहना है हम् सब को मिलकर निरंतर शोध कर अच्छी पुस्तकें और हो वो सस्ती किताबे जो व्यक्ति के ज्ञान और उसके विकास में सहायक हो करमबद्ध तरीक़े से हमारी आने वाली नस्लों को पढ़ने के लिए मिले हर विषय में हर क्षेत्र जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो और देश का विकास हो।
किताब या कहे पुस्तक देश को व्यक्ति को बना सकती है या उसकी हस्ती मिटा सकती है ।
तो बड़ी ही जागरूकता से अपने पठन के लिए पुस्तकों का चुनाव करे और सरकार देश के शिक्षाविद और प्रभुद्ध वर्ग से हम सब मिलकर माँगे की एक उज्वल शिक्षा नीति और पुस्तकें वो जो देश और व्यक्ति के विकास में अच्छी किताबों का प्रचार प्रसार करे ताकि भविष्य का भारत खूब तरक़्क़ी करे उसका भविष्य उज्जवल हो।

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स्वयं का अध्ययन

जिंदगी में सभी को कुछ न कुछ पढ़ते रहना चाहिए, आप आजकल क्या पढ़ रहे है?मैं सिर्फ स्वयं का अध्ययन करता हूँ बाकी सभी किताबे को मैंने खुद को पढ़ना काफी समय पहले ही बंद कर दिया था, लेकिन हा मैं अब बुक समरी सुन लेता हूँ लेकिन वो भी इतनी सुन ली है की कुछ बचा नहीं है, अधिकतम किताबों की समरी एक जैसी ही है, उन्ही आदतों को बदलने के लिए बताते है जो 20 साल पहले बताई जाती है, इन सभी बाहर के लेखकों ने श्रीमद भगवत गीता ओर हमारे ही ग्रंथों से उठाकर लिख रखा है।

मैं पिछले कुछ वर्षों सिर्फ भागवत गीता ही पढ़ता हूँ, कभी कभी ओर इसके साथ स्वयं को पढ़ता हूँ बस यही इसके अलावा कुछ नहीं।

Do not read books just read yourself

यदि आप स्वयं को पढ़ते है, तो आपको अन्य किसी भी किताब को पढ़ने की आवश्यकता नहीं रह जाती है, इसलिए स्वयं का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है, हम अनेकों जन्मों से इस धरती पर जन्म ले रहे है

हमारे भीतर बहुत सारे शब्द भरे हुए है, उन शब्दों को टटोलना शुरू करो फिर आपको बाहरी शब्दों की जरूरत नहीं पड़ेगी, आपके भीतर ही अथाह भंडार है, शब्दों का जिन्हे आप पढ़ सकते है, फिर बाहरी किताबों का ज्ञान क्या लेना

इसके साथ साथ आप आसपास का वातावरण , आसपास की घटनाओ, समाज को भी पढ़ सकते है, यह आपको पूरा जीवन ओर जीवन के मूल्य को समझते है, हम सभी के मन , मस्तिष्क में हजारों विचार चलते यही कुछ न कुछ प्रश्न भी उठते है, उन सभी सवालों का जवाब भी आपको आपके आसपास ही मिल जाता है।

हो सकता है शुरुआत में आपको जवाब नहीं मिल रहा हो या थोड़ा समय लग रहा हो, लेकिन जैसे जैसे आप लगातार वही प्रश्न आप इस ब्रह्मांड करने की आदत में जुड़ जाते है, तो आप ब्रह्मांड भी आपको उन सवालों का जवाब देना शुरू कर देता है , किसी न किसी घटना , कार्य, आदि प्रकार से आपको जवाब मिलते है।

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लिखता हूँ

लिखता हूँ लेकिन कभी कभी तो लिखने का मन नहीं होता ओर कभी कभी तो यह सोचने में समय निकल जाता है, की क्या लिखू किसके बारे में लिखू जब लिखने बैठता हूँ तो फिर कई बार तो मैं लिख भी नहीं पाता या दो चार लाइन लिख कर बस वही रुक जाता हूँ, उस लिखे हुए को बीच में अधूरा छोड़ फिर किसी ओर विषय पर लिखने बैठ जाता हूँ, एस बहुत बार होता है मेरे साथ जब मैं लैपटॉप पर लिखता हूँ इसलिए पेन ओर कॉपी उठाकर ही लिखता हूँ जिससे मुझे एक ही विषय पर लिखने का जोर रहे।

मन में अब कोई दर्द भी नहीं है जिसको लिखू, जिसको कुरेद कर लिख दू अपने शब्दों में, कोई जिले, शिकवा व शिकायत नहीं किसी से जो मैं दुखी होकर लिखू , सुन है दुख में इंसान ज्यादा लिख लेता है, खुश होता है तो उसके पास शब्द नहीं होते या शब्दों में अपनी भावनए व्यक्त नहीं कर पाता।

मेरे साथ भी कुछ इसी तरह का लगता है, मेरा जीवन एक सीधी रेखा की तरह सीधा ही है जिसमे कोई हलचल नहीं है, ना शोर शराबा है, बस चुप शांत लहर है भीतर गहरी शांति ओर सन्नटा है, ना बहुत सारी इच्छाए जितना है उसमे संतुष्ट हूँ, ओर जीवन में यही उम्मीद भी करता हूँ सब अच्छा ओर शांति से ही चलता रहे सब खुश रहे सदेव शांति बनी रहे।

लेकिन जब हृदय टूट हुआ होता है, छिन्न भिन्न होता है, कुछ गीले शिकवे, शिकायते बहुत होती है किसी से तो हमारे मस्तिष्क में विचारों जमावड़ा सा लग जाता है, भीतर क्रोध भी भर जाता है, बुद्धि खुद में ही बड़बड़ाने लगती है, विचार अपनी कहानिया बना लेते है, ओर बहुत सारे ऐसे विचारों को जोड़ लेते है जो पहले से थे नहीं उनको आमंत्रण दे देते है, वही समय होता है जब व्यक्ति बहुत अधिक लिखने लगता है।

उस समय सबकुछ शब्दों के माध्यम से बाहर आने लगता है, इसके विपरीत जब मन ओर मस्तिष्क, हृदय शांत होता है तब कोई राग द्वेष नहीं होता भीतर ना इच्छाए बहुत उच्चल मार रही होती तब विचार भी शांत मुद्रा में बैठ जाते है फिर वो भी बाहर नहीं आना चाहते विचार भी गहरी शांति का अनुभव लेना चाहते है, ओर शांत जीवन के साथ बस ज्यों के त्यो ही चलते है, फिर कुछ लिखना या नहीं लिखना बहुत जरूरी नहीं लगता, भीतर ही ठहराव बना रहे यह ज्यादा जरूरी सा लगता है।

लिखने का मन है तो कभी लिखना नहीं छोड़ना जो राग द्वेष के बुलबुले उठते है उनको शब्दों के द्वारा बाहर निकालते रहो, उन्हे लिखो ओर अपने शब्दों को जन जन तक पहुचाओ, जिसने सुधार हो , जीवन बेहतर हो ओर अच्छे रास्ते पर अग्रसर रहे, यही आशा करता हूँ

लिखने का मन

कभी कभी लिखने का भी मन नहीं करता बल्कि यही मेरा एक मनपसंद कार्य है जिसे मैं पूरी जिंदगी करना चाहता हूँ, इसके अलावा कुछ नहीं करना चाहता लेकिन कई बार एस होता की बस बहुत लिख चुका हूँ अब ओर नहीं लिखना चाहता।

लेकिन आज मुझे जुखाम हो रहा है जिसकी वजह से लिखने में ध्यान नहीं लग रहा बार बार एस लग रहा है बस सो जाऊ या आराम कर लू, लेकिन किसी ने एक बात काही है जब आप किसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते है तो उसमे बहुत सारी बाधाये आती है, वह मानसिक ओर शारीरिक बाधा कैसी भी हो सकती है।

कई बार हमारा ऑफिस या दुकान जाने का मन नहीं करता लेकिन हमे करना पड़ता है क्युकी जाना जरूरी होता है। इसी प्रकार मेरा कभी लिखने का मन हो या नहीं हो लेकिन मैं लिखता हूँ, क्युकी जिंदगी किसी लक्ष्य को हासिल करना है, तो आपको उस कार्य के प्रति लगातार होना ही पड़ेगा, आपको उस कार्य से अवकाश नहीं लेना।

वैसे मेरी एक आदत है जब मुझे लगता है की आगे आने वाले कुछ दिनों तक किसी दूसरे कार्य में व्यस्त हूँ, या फिर मैं कुछ ओर काम करना चाहता हूँ, तब मैं अपने कार्य को अड्वान्स में ही कर लेता हूँ, ताकि मुझे किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, ओर मुझे कभी ऐसा नहीं लगे की आज मैंने कुछ काम ही नहीं किया।

मैं पहले से ड्राफ्ट में सेव कर लेता हूँ ओर उस दिन दिन तारीख पर सेट करके पोस्ट कर देता हूँ, लेकिन यह सुविधा आपको ओर किसी कार्य में नहीं मिलती इसलिए आपको लगातार तैयार रहना होता है।

इसलिए यदि आपका मन है तो भी कार्य को करे ओर नहीं है तो भी उस कार्य को करे, वह कार्य तभी पूरा होगा ओर इससे आप लगातार कार्य के प्रति बने रहेंगे, आपकी मंजिल आपके करीब आती है।

ट्रेंडिंग कीवर्ड

ट्रेंडिंग कीवर्ड व अच्छे कीवर्ड कुछ जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित होंगे और आपके ब्लॉग को अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।

ट्रेंडिंग कीवर्ड: ट्रेंडिंग कीवर्ड भी आपके ब्लॉग को अधिक ट्रैफिक प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए आप Google Trends या Twitter Trends जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं। ये कीवर्ड आपके ब्लॉग को समय से पहले विशेष तरह से खोजने में मदद करते हैं जो आपको ट्रेंडिंग विषयों में शामिल करते हैं।

विषय संबंधित शब्द: आपके ब्लॉग में शामिल विषय से संबंधित शब्द ब्लॉग पोस्ट का टाइटल और मेटा टैग में शामिल करने से आपके ब्लॉग को संबंधित खोज के लोगों तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है।

लंबी पूंजीवादी कीवर्ड: ये वे कीवर्ड होते हैं जिनका उपयोग उन संबंधित खोजों में किया जाता है जिनमें अधिक प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन वे आपके ब्लॉग को अधिक ट्रैफिक प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए आप Google की Keyword Planner या SEMrush जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं।

उपयोगकर्ता की भावनाओं के आधार पर कीवर्ड: आप उपयोगकर्ताओं के भावनाओं के आधार पर भी कीवर्ड चुन सकते हैं। इससे आप उन खोजों की गहराई को समझ सकते हैं जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित होते हैं और जो उपयोगकर्ताओं को उनकी जरूरतों के अनुसार संबंधित मिलते हैं।

स्थान के आधार पर कीवर्ड: यदि आपका ब्लॉग स्थानिक है तो आप स्थान के आधार पर कीवर्ड चुन सकते हैं। इससे आप उन खोजों को संबोधित कर सकते हैं जो उन लोगों के लिए संबंधित होते हैं जो आपके स्थान से संबंधित होते हैं।

नए ब्लॉग

यदि आप एक नए ब्लॉगर हैं, तो निम्नलिखित टिप्स आपको अपने नया ब्लॉग को शुरू करने में मदद कर सकते हैं

अपने नए ब्लॉग का विषय चुनें: आपको एक थीम चुननी होगी जो आपके ब्लॉग के सभी पोस्ट के लिए उपयुक्त हो। आप अपने ब्लॉग के विषय के बारे में विचार करें जो आपकी रुचि के अनुसार हो।

एक नाम चुनें: एक उपयोगी नए ब्लॉग नाम चुनें जो आपके उद्देश्यों और विषय से संबंधित हो। ब्लॉग नाम को सरल और यादगार बनाने के लिए एक छोटा और स्पष्ट नाम चुनें।

एक ब्लॉग होस्ट का चयन करें: एक अच्छे ब्लॉग होस्टिंग सेवा का चयन करें, जो आपके वेबसाइट को चलाने के लिए आवश्यक हो। आपको एक बेहतरीन होस्टिंग सेवा चुननी चाहिए जो आपके ब्लॉग के लिए उचित समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती हो।

एक शीर्षक और लोगो बनाएं: एक शीर्षक और लोगो (LOGO) बनाना आपके ब्लॉग के लिए एक अलग और पहचानी चीज होगी। एक जीवंत और उपयोगी लोगो बनाएं जो आपके ब्लॉग के विषय को ठीक से दर्शाता हो।

अपने ब्लॉग के लिए सामग्री लिखें: अपने ब्लॉग के लिए उचित सामग्री (CONTENT ) लिखें जो आपके विषय से संबंधित हो। सामग्री को आकर्षक, सरल और उपयोगी बनाएं जो आपके पाठकों को समझने में मदद करेगी।

एक सोशल मीडियाप्रवेश करें: एक सोशल मीडिया साइट पर अपने ब्लॉग का प्रचार करना आपके ब्लॉग के लिए उचित ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप एक या दो सोशल मीडिया प्लेटफार्म चुन सकते हैं, जैसे फेस्बूक, ट्विटर , पिनटेरेस्ट, जो आपके लक्ष्यों और विषय से संबंधित हों।

अपने ब्लॉग को विज्ञापित करें: अपने ब्लॉग को विज्ञापित ( Advertise ) करना आपके ब्लॉग के लिए ज्यादा ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप इंटरनेट पर अपने ब्लॉग के बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं और अपने ब्लॉग को लोगों के बीच फैलाने के लिए विभिन्न दलों और समुदायों को जोड़ सकते हैं।

नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें: एक अपडेट किया गया ब्लॉग लोगों को अपने ब्लॉग के लिए वापस आने के लिए प्रोत्साहित करता है। नियमित रूप से नई सामग्री अपडेट करें और अपने पाठकों से संबंधित टिप्स और लेखों के बारे में संपर्क में रहें, लोगों से फीडबैक जरूर ले ये आपके ब्लॉग को सुधार करने में मदद करता है।

अपने पाठकों से संपर्क में रहें: अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना आपके लिए उचित होगा। अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब दें और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करें।

धैर्य रखें: अपने ब्लॉग को सफल बनाने में समय लगता है। धैर्य रखें और हर रोज नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें ताकि पाठकों की संख्या बढ़ती रहे।

पाठक आपके ब्लॉग के लिए वापस आते रहें। अपने ब्लॉग को बढ़ाने के लिए आपको अपने लक्ष्यों के लिए एक समय सीमा तय करनी चाहिए और अपने ब्लॉग में नियमित रूप से समय निकालना चाहिए। यदि आप परत टाइम कर आढ़े रहे है तो भी आप इस कार्य को कम से कम 1-2 घंटे जरूर दे।

आप अपने नए ब्लॉग के लिए एक समुदाय (Group) भी बना सकते हैं, जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित हो। इससे आप अपने पाठकों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, अपनी सामग्री को साझा कर सकते हैं और अधिक बढ़ने के लिए एक सामान्य नेटवर्क बना सकते हैं।

एक अच्छे नए ब्लॉग को संचालित रखने के लिए, आपको अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना चाहिए। आपको अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब देना चाहिए जिसके लिए आप Quora को चुन सकते है, और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आप अपने पाठकों के बीच एक विशेष रिश्ता बना सकते हैं जो आपके ब्लॉग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

अंत में, आपको धैर्य रखना चाहिए। ब्लॉगिंग में सफल होने में समय लगता है इसलिए आपको धैर्य रखना चाहिए और नियमित रूप से सामग्री अपडेट करना चाहिए। अपने ब्लॉग के लिए उचित समय निकालें, उचित सम्पादन और शोध करें, और अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहें। यदि आप इन टिप्स का पालन करते हैं, तो आप अपने ब्लॉग को सफल बनाने में सक्षम होंगे।