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यू लाइक सैम्पल पेपर

यू लाइक सैम्पल पेपर एक लंबे समय से हम सबकी पहली पसंद रही है क्युकी इसमे अभी तक कोई गलती नहीं देखा गई , भाषा बहुत ही उत्तम है और बहुत ही साधारण शब्दो में समझाया गया है, जिससे की सभी को समझ में आ जाए, चाहे वो बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ते हो या फिर किसी प्राइवेट स्कूल में ये सभी के लिए समान काम करता है।

यू लाइक हमेशा से ही बेहतरीन प्रश्नों को छटकर लता है इसमे वो चुनिंदा प्रश्न होते है जो अधिकतर इग्ज़ैम में देखे गए है। और कई बार तो जो हम पढ़ते है वही प्रश्न इग्ज़ैम में आ जाते है जिसकी वजह से भी यू लाइक सैम्पल पेपर बच्चों की पहली पसंद बन जाता है, यू लाइक पब्लिशर इस बात का दावा नहीं करते की इसी में से प्रश्न आएंगे परंतु परीक्षा में आने वाले प्रश्न अधिकांश यू लाइक में से देखे गए है जिसकी अजह से बच्चे यू लाइक ही लेना पसंद करते है।

हर एक चैप्टर को अच्छे से समझाया गया है इसमे लघु, अति लघु , लंबे , पैराग्राफ, आदि सभी प्रकार से इसमे प्रश्न उत्तर दिए ओर साथ ही साथ एनसीईआरटी के प्रश्न और उत्तर भी इसमे दिए हुए है।

एक यू लाइक का सैम्पल पेपर किताब जैसा आता है ओर दूसरा जिसमे सिर्फ प्रैक्टिस के लिए कुछ पेपर सेट दिए जाते है जिनकी प्रैक्टिस करके छात्र को पेपर किस तरह से आता है, वो समझ में आ जाए ओर जब इग्ज़ैम हाल में छात्र पेपर देने के लिए बैठे तो उसे इस बात की समझ हो की पेपर किस तरह का ओर किस पैटर्न में आता है इस बात को सैम्पल पेपर की सहायता से अच्छी तरह से समझाया गया होता है।

साथ पिछले वर्षों में जो प्रश्न आ चुके होते है उनका भी शामिल किया जाता है क्युकी वह प्रश्न बहुत ही महतवपूर्ण होते है, जिनका पेपर में आने की संभावना होती है।

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कोविड 19

कोविड 19 कोरोनावायरस एक ऐसी बीमारी जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो कि इस वायरस से बचा हो।

अब यह बीमारी कोई प्रकृति का प्रकोप है या फिर बनाया गया कोई वायरस यह तो हम नहीं जानते परंतु हम तो सिर्फ इसके परिणामों को ही देख रहे हैं ऐसी बीमारी ना तो कभी आई है ना ही कभी आए हम यही कामना करते हैं। इसे बीमारी की जगह महामारी कहना और ज्यादा ठीक रहेगा। जोकि चाइना के वुहान शहर से शुरू होकर इटली पहुंची और इटली से सारी दुनिया में पहुंची।

दुनिया के बड़े बड़े देश जो हर चीज में विकास पूरक है वह भी आज इस वायरस के आगे घुटने टेके खड़े हैं। और हमारे देशवासियों का तो क्या कहना यह हमारे देश वासी हैं जो महामारी में भी लोगों का फायदा उठा रहे हैं जब शुरुआत में वायरस की खबर आई तो पूरी मार्केट से सैनिटाइजर गायब कर दिए ब्लैक में बेच रहे हैं 4:30 हजार का एक टेस्ट हो रहा है जो कि व्यक्ति को पहले भी कराना जरूरी है और ठीक होने के बाद भी कराना जरूरी है अगर एक इंसान के घर में 4 लोग भी हैं तो 18000 पहले और 18000 बाद में यानी कि ₹36000 वह सिर्फ टेस्ट टेस्ट में खर्च कर रहा है।

आखिर आम आदमी के पास इतना कौन सा खजाना है कि वह इतना खर्च करें सिर्फ टेस्ट टेस्ट के ऊपर अगर अस्पतालों की बात करें तो किसी एक मरीज को रखने के लिए ₹50000 लाख रुपए प्रति दिन के हिसाब से भी वसूले जा रहे हैं क्योंकि कोई ट्रीटमेंट बना ही नहीं है सुरक्षा है घर पर रहकर भी ठीक हो रहे हैं बीमारी की वजह से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है अर्थव्यवस्था बिल्कुल पटरी पर आ गई है न जाने कितने उद्योग धंधे कारखाने सब बंद हो गए हैं कितने ही लोग बेरोजगार हो गए कितने ही लोगों का घर खर्च का पैसा नहीं है बच्चों की फीस लेने के लिए नहीं है

क्या तो आज ही खाएं और क्या करें और जिन लोगों का काम छूट गया है क्या उनको कोई राहत है अगर कुछ लोग पेट भरने के लिए खाना भी दे रहे हैं तो सिर्फ पेट भरने से ही इंसान का जीवन नहीं चलता इंसान के जीवन में शिक्षा जीवन स्तर भी कुछ मायने रखता है इस बीमारी ने सब की छवि एकदम मिटा दिए। अमेरिका देश चौकी दुनिया की सुपर पावर होने की दावा करता था।

कोविड 19 आज कोरोनावायरस के मारे अपने दरवाजे पूरी दुनिया के लिए बंद किए बैठा है परंतु एक बात और देखने में आई है हमारे देश भारत में लोगों में जागरूकता की बहुत कमी है जब तक हमारे स्वयं के ऊपर ना बीते तब तक हम जागरूक नहीं होते।कोरोनावायरस या कोविड-19 आज के समय में एक ऐसी बीमारी है जो भारत नहीं पूरे विश्व में फैल चुकी है, और इसकी चपेट में आ चुका है।

बीमारियां बहुत है इस दुनिया में वर्तमान में कई कारण भी है परंतु विषाणु जनित बीमारी सबसे खतरनाक आज के समय में है बीमारी के वैसे तो कोई कारण होते हैं जैसे कि बैक्टीरिया प्लाज्मोडियम सूक्ष्म जीव आदि परंतु आज के समय में हमारा रहन सहन भी बीमारियों का एक बड़ा कारण बन चुका है हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत कम हो चुकी है।

भागदौड़ भरी जिंदगी और शारीरिक क्षमता को हमने बिलकुल छोड़ दिया है शारीरिक कार्य बिल्कुल कम कर दिया है अधिकतर ऑफिस में एक ही सीट पर पूरा दिन एक ही बैठा रहता है मैं तो कोई शारीरिक श्रम करता है ना उसे कोई पसीना आता है ना वह पर्यावरण के वातावरण के संपर्क में आता है एक कंप्यूटर चेयर कि आज के समय में इंसान के जीवन बन गया है। हमने पर्यावरण से जैसे-जैसे डोरी बनाना शुरू किया है हम बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं।

और पूरे विश्व को भी हमने खतरे में डाल दिया है विषाणु को इस पूरी दुनिया में कहीं कोई इलाज नहीं है विषाणु से केवल बचाव किया जा सकता है हमें भी अपनी ओर से पूरी सावधानी का पूरा बचाव रखना चाहिए दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए लापरवाही बिल्कुल नहीं बदलनी चाहिए हम जानते हैं कि पूरे विश्व में कितने व्यक्तियों की मृत्यु किस वायरस की वजह से हो चुकी है इसलिए हमें जितना हो सके सावधान रहना चाहिए घर पर रहते हुए हमें सभी देशों का पालन करना चाहिए। अपने आप को प्रकृति से भी जोड़ना चाहिए शारीरिक श्रम करना चाहिए थोड़ा व्यायाम भी जरूरी है भोजन मैं भी हमें बदलाव करना चाहिए

Written by Pritam Mundotiya