चाय की तलब सी लग रही लेकिन मुझे आजकल चाय ही नहीं मिल रही है। इस चाय की तलब भी अब खत्म हो गई है अब उतनी अलब नहीं लगती जितनी मुझे पहले लगा करती थी, मेरी चाय की आदत में अब कमी आ गई है, अब मैं सिर्फ 3 बार चाय पिता हूँ, बल्कि जो तीसरी बार वाली चाय उसकी भी तलब अब बंद हो गई है, इसलिए वो चाय कभी पी लेता हूँ कभी नहीं अब इसी वजह से मेरा पेट भी ठीक रहने लगा है।
अधिक चाय के सेवन से हमारी पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है, साथ ही हमारी भूख भी कम हो जाती है यदि हम चाय का अधिक मात्रा में सेवन करते है तो।
अब जो तीसरी वाली चाय उसके मिलने ओर न मिलने से मुझे कोई खास फर्क नहो पड़ता क्युकी अब मेरी चाय की तलब थोड़ी कम हो गई है, जिस तरह से मुझे मेरे समय पर चाय ना मिलने पहले फर्क पड़ता था की अब इस समय चाय मिलनी चाहिए नहीं तो मेरा मूड खराब हो जाता था, बार बार दिमाग सिर्फ चाय चाय चिल्लाता रहता था।
जब तक नहीं मिलती मन शांत नहीं होता था लेकिन अब वह बात नहीं है, वो हाल नहीं है इस दिमाग का अब मन ओर दिमाग दोनों शांत है, अब चाय की जरूरत खत्म हो गई है, या फिर मन अब समझ चुका है की चाय इस शरीर की जरूरत नहीं है, और वैसे भी चाय की आदत अच्छी नहीं है जिसे छोड़ ही देना चाहिए क्युकी चाय पेट खराब करती है, गैस की अधिक समस्या चाय के कारण ही होती है, कब्ज भी चाय की वजह होती है।
आपका आलस चाय की वजह से बढ़ जाता है, चाय में कोई शारीरिक व मानसिक शक्ति नहीं होती बस यह एक आदत है जो लग चुकी है हम सभी को इसके कोई फायदे नहीं है, लेकिन हम सभी बचपन से ही चाय का सेवन करते है, इसलिए हमे चाय की आदत लगी होती है, जो अब हमे छोड़ देनी चाहिए।
इसके अलावा बहुत सारे पे पदार्थ है जिनका हम सेवन कर सकते है, ओर वे हमारी सेहत के लिए अच्छे होते है, यदि आप चाय छोड़ नहीं सकते तो कम तो अवश्य ही कर सकते है।
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