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दिल वालो की दिल्ली

दिल वालो की दिल्ली
बंदे  सब मस्ती में टल्ली ।

दिल्ली में हम हुए पेदा…..
यही की चड़ी चर्बी और मैदा ।

दिल्ली का इतिहास पुराना…
हर जगह के लोगो का यहाँ ठिकाना ।

चाँदनी चौक कृष्ण नगर कमला नगर..
सरोजिनी नगर  रोहिणी हजारो डगर  ।

दिल्ली में पड़ती कड़क ठंड और भड़की गर्मी …
अपना नहीं यह मौसम की समीकरण उसकी हठधर्मी ।

दिल्ली राजधानी है राजनैतिकअखाड़ा…
हमेशा पड़ा रहता यहाँ राजनैतिक जाड़ा ।

राष्ट्रपति भवन इंडिया गेट या देखो लालक़िला….
बड़े बड़े फ़्लाइओवर पे लगता गाड़ियो का क़ाफ़िला ।

मेरी दिल्ली आने वाले का करती स्वागत करती बाँहें खोल के…
इसका दिल बड़ा है सब को सम्भाल लेती समानता से मीठा मीठा बोल के ।

दिल वालो की दिल्ली

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15 अगस्त

15 अगस्त भारत के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है, जब भारत ने ब्रिटिश शासन से आजादी हासिल की थी। यह दिन देश के लोगों के लिए गर्व और उत्साह का दिन होता है।

भारत को स्वतंत्रता कब प्राप्त हुई?

भारत काफी लम्बे समय तक अंग्रेजों का गुलाम बनकर रहा। अंग्रेजों ने हम भारतीयों पर करीब 200 वर्षों तक राज किया। भारत में आजादी के लिए कईं क्रांतियाँ हुई और कईं लोगों ने अपना बलिदान दिया।

तब जाकर भारत को 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्रता प्राप्त हुई। उसी दिन से प्रतिवर्ष 15 अगस्त के दिन को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

15 अगस्त 1947 के दिन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लगभग 100 साल के संघर्ष के बाद ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद हुआ था। इस दिन नेहरू जी ने राष्ट्र के नाम एक ऐतिहासिक भाषण दिया था जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लोगों को धन्यवाद दिया


स्वतंत्रता का महत्व:

स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी की कीमत क्या है। हमें यह याद दिलाता है कि हमें लगातार अपने देश के विकास और उन्नति में योगदान देना चाहिए। हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने देश में अमन और शांति को बनाए रखना चाहिए।

स्वतंत्रता का महत्व वही समझ सकता है, जिसने गुलामी का स्वाद चखा हो। स्वतंत्रता का हम सभी के जीवन में काफी महत्व है।

एक पराधीन व्यक्ति अपनी मर्जी से कोई भी कार्य नहीं कर सकता है लेकिन, एक स्वतंत्र व्यक्ति अपनी मर्जी से प्रत्येक कार्य कर सकता है। यही इनके बीच में मुख्य अंतर है।

भारत को आजादी ऐसे ही रातों-रात नहीं मिली बल्कि, इसके लिए कईं लोगों ने संघर्ष किया है। उन्होंने अपना सब कुछ न्योंछावर के बाद यह आजादी हमें दिलवाई है।

उन्हीं की वजह से आज हम सभी आजादी की साँस ले रहे है। आज हम किसी भी चीज के लिए अपनी आवाज उठा सकते है और मांग कर सकते है

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक गर्व का दिन होता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे देश के संघर्ष के पीछे अनेक लोगों का बलिदान होता है। इस दिन हमें ये भी याद दिलाना चाहिए कि हमें अपनी स्वतंत्रता का उपयोग उन्नति और समृद्धि के लिए करना चाहिए।

इस दिन हमें ये भी समझना चाहिए कि हमें अपने देश के लिए एक होकर काम करना चाहिए। हमें इस दिन को अपने देश के उज्जवल भविष्य के लिए एक संकल्प का दिन बनाना चाहिए। हमें ये भी याद रखना चाहिए कि हमें अपने देश के भलाई के लिए नहीं बल्कि सभी देशों के लिए काम करना चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस हमें ये भी समझाता है कि हमें अपने देश के ऐसे महान् व्यक्तियों को याद रखना चाहिए, जिन्होंने अपनी जान देकर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था। हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए और उन्हें एक आदर्श के रूप में रखना चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस हमें एक नयी शुरुआत का दिन भी बनाता है। हमें अपनी स्वतंत्रता के लिए शुक्रिया अदा करना चाहिए और उसकी हिफाजत करना चाहिए। हमें अपनी स्वतंत्रता के लिए देश के विकास में योगदान देना चाहिए और अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए काम करना चाहिए।

समाप्त में, स्वतंत्रता दिवस हमें ये याद दिलाता है कि हमारे देश की स्वतंत्रता एक अनमोल उपहार है। हमें इसे सचेत रखना चाहिए और इसे अपने देश के उन्नति के लिए उपयोग करना चाहिए। इस दिन को धीरे-धीरे एक जन-आंदोलन के रूप में मनाना चाहिए, जिससे हमारे देश की अन्य ताकतों को भी संदेश मिलेगा कि हम स्वतंत्र हैं और अपने देश के लिए हम एक होकर काम करेंगे।

15 अगस्त का महत्व यह भी है कि इस दिन के बाद से भारत एक नया चैप्टर शुरू करता है। भारत ने आजाद होने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उन्नति के लिए काम करना शुरू किया है, जैसे शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास और राष्ट्रीय एकता आदि।

इस दिन को याद करना हमें यह भी समझाता है कि हमें अपने देश के लिए काम करना चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी स्वतंत्रता की कीमत समझनी चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। इस दिन को मनाकर हम अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और देश के विकास के लिए सक्रियता से योगदान देने का फैसला लेते हैं।

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क्या हम तैयार है

यह बात सोलह आने सच है हम चाहते तो है कि स्वछ भारत हो परंतु क्या हम तैयार है, अच्छे भारत के लिए, स्वच्छ व सुंदर भारत के लिए बस यही एक जरा सा सवाल हमे खुद से पूछ लेना चाहिए हम कही भी थूक देते है, खुले में शोच कर देते है गाड़ी से बाहर से कूड़ा फेक देते है, पानी की बोटल रास्ते में पीकर ही फेक देते है।

सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट हम ही पीते नजर आते है, कूड़ेदान को अपनी दुकान में ना रखकर दूसरे की दुकान के सामने हम डाल देते मेट्रो स्टेशन की दीवारों के बीच में गुटके के पाउच हम छिपा देते है, बस में सफर करते हुए ही हम बाहर थूकते हुए हम ही नजर आते है कितनी ही ट्रेन, बस हमारे लिए बनाई जा रही हो, परंतु हम ही उनको तोड़ देते है तथा गंदा भी हम ही करते हुए नजर आते है। क्या हम तैयार है?

एक सड़क का निर्माण हो रहा होता है तो उसके पत्थर भी हम लोग ही उठाकर घर ले जाते है।
दिल्ली, हरयाणा और उत्तर प्रदेश की सड़कें पूल जब बन रहे होते है तो पुलिस कर्मचारी लगाए जाते है ताकि कोई सामान ना चुरा ले जाये।

DDA के प्रोजेक्ट भी हमारे जैसे लोगो के कारण ही देर से होते है क्योंकि हमारे काम के लिए भी उन्हें सुरक्षा देनी पड़ती है ।

गाय, भेस रोज काट रही है क्योंकि ट्रैफिक पुलिस वाला रेड लाइट पर 500rs लेकर उस ट्रक को जाने देता है।

हम ही वो लोग है जिन्हें गाड़िया चाहिए और मुह पर मास्क भी हम ही को लगाना है उसके बाद चार लोगों मे बैठकर हम ही नजर आएंगे की बहार प्रदूषण व गर्मी बहुत है क्योंकि हमें यह कभी समझ नही आता कि इसका कारण हम ही है।

पानी नदी की तरह बहता रहता है तब परवाह नही है तब मेरा काम नही है यह सब बातें सामने आती है और जब चला जाता है तब रोते भी हम है फिर कोसते है सरकार को।

आज कल नई चीज देखने को मिल रही है parents ही अपने बच्चों को पनवाड़ी की दुकान पर लेकर जाते है फिर कहते है हमारा बच्चा गुटका सिगरेट और शराब पीने लग गया है
अब गलती किसकी ये कैसे समझ आये हमको रे।

क्या हम तैयार है? यह सवाल हमे स्वयं से पूछना चाहिए।

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