गीत संगीत हृदय तथा मस्तिष्क की ओषधि….
सुनते रहे सुनाते रहे गाते रहे गुनगुनाते
रहे अपनाये यह विधि ।
गाना संगीत सुनके मन होता शांत….
सात सुरों की लय से मन होता प्रशांत ।
गीत संगीत मन मस्तिष्क की ओषधि….
बुझा दीपक जल उठता दूर होती व्याधि ।
संगीत एक आकाश जिसका न कोई छोर….
यह वो पतंग जिसकी उपलब्ध अनंत डोर।
गीत संगीत हृदय तथा मस्तिष्क की ओषधि,
जिनका आनंद होता है सदैव विधि।
सुनते रहें, सुनाते रहें, गाते रहें, गुनगुनाते रहें,
इस विधि को अपनाएं, जीवन में आनंद बहाएं।
गाना संगीत सुनके मन होता शांत,
स्वरों की मधुरता से जगाता चित्त का आदान्त।
सात सुरों की लय से मन होता प्रशांत,
रचनाओं की गहराई से भरता रूह का विश्रांत।
संगीत की जगमगाहट धरती को झूमा देती है,
ताल-मात्रा की गति हृदय को भर जाती है।
गीतों की मधुरता दिल को छू जाती है,
संगीत की सादगी मस्तिष्क को भर जाती है।
संगीत हृदय तथा मस्तिष्क की ओषधि है,
जो रागों की बंधन से मन को मुक्ति दिलाती है।
गीत संगीत का आनंद जीवन में बिखेरता है,
सदैव इसकी आराधना करें, अपनी आत्मा को संगीत से भरें।