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सामाजिक प्राणी

मन में कई प्रकल्प और संकल्प  उठते रहते है हम एक सामाजिक प्राणी है हम एक परिवार में रहते है हमारी या परिवार की जिम्मदारियाँ और लक्ष्य साधना पड़ता है कभी मन विचलित होता है, हमारा ख़ुद से किया वादा अपने जीवन का लक्ष्य और प्राप्ति को मन में हिसाब लग रहा होता है।

ये मन ही है जो किसी की लालच बेईमानी ईमानदारी समझदारी होने का कारण है, ये सब मन के खेल है और मन को पता है, लाखों में से एक को यह भीतर का ज्ञान जगा होता है कि सब मन के खेल है इनसे खेल के कैसे बाहर आना है , हम जितना विस्तार बाहर देख रहे है वो सब मनों में पहले घटा है फिर बाहर उसकी अभिव्यक्ति हुईं है।

मन जो भी हो क्रियाशील हो सिर्फ़ और सिर्फ़ विचार न हो उनकी अभिव्यक्ति हो उसकी बहुत सी बाँते इस दो शब्द के पिंजरे से बाहर नहीं आ पाती कहने को तो यह दो शब्द का है मन लेकिन बहुत ही गहरा सागर से भी गहरा धरती आकाश  इसमें सब समा जाते है यह कुछ भी कर सकता और न चले तो यह निष्क्रिय भी यही होता है ।

एक अच्छा स्वच्छ कार्यशील मन समाज परिवार और ख़ुद के लिए एक asset है उसकी पूँजी है किसी का धन लूट सकते है उसकी बाहर की पूँजी लूट सकते है लेकिन मन इतनी आसानी से नहीं लूट सकते जिसने बाहर ये सब विस्तारित क्या था ।

मैं यह मानता हूँ अधिकतर या कहे सब, जितने व्यक्ति उतने मन, बचपन से शिक्षा हमारे पाठ्यक्रम में अपनाना चाहिए कि पहले व्यक्ति पहचाने उसका मन क्या चाहता है क्या वो भावुक है विचारशील है चंचल है धीर गंभीर है  धोखेबाज़ है स्थिर है जो भी उसकी स्थिति हो अब वो उसको और स्वच्छ या स्वच्छ करने के उपाय जिससे एक ज़िम्मेवार समाज परिवार और देश निर्माण में सहायक होगा उसे अपनी कमियाँ और priorities मालूम हो तो खुद के लिए सब के लिये शुभ ही शुभ होगा बहुत शुभ होगा ।

मन एक बहुत ही सामान्य शब्द है जो हमारे दिमाग, विचार और भावनाओ को व्यक्त करता है, इसका अंग्रेजी में Mind कहते है मन एक ऐसा भौतिक तत्व नहीं है जो हम देख सकते है।

मन हमारे अंतरमन की एक अभिव्यक्ति है जिसमे हमारे विचार भवनाए और अनुभव होते है, यह हमारी सोच और व्यवहार डालती है, मन की स्थिति आउट स्थिरता काफी महत्वपूर्ण है हमारी ज़िंदगी के लिए , एक स्थिर और शांत मन हमारी खुशी और सुख के लिए जरूरी है, जबकी एक व्यग्रह और और असंतुलित मन हमारे जीवन में तकलीफ और परेशानी का कारण बन सकता है, मनुष्य अपने मन की स्थिति को स्वस्थ और शांत रखने के लिए की तरह के साधन अपनाते है जैसे की ध्यान, योग, भक्ति, और मन की शुद्धि के लिए मेडिटेशन मन क्यू भटकता है,

मन के भटकने के कारण कई बातों पर निर्भर करता है, कभी काभी मन के भटकने के कारण हमारी भीतरी स्थितियो से जुड़ा होता है और कभी कभी हमारे बाहर के मौसम के कारण, माहौल, और लोगों से भी जुड़ा है होता है , क्युकी हम एक सामाजिक प्राणी है जिसकी वजह से हमारा मन समाज के कार्यों में लगा होता है और वही विचार हमारे में लगातार चलते रहते है, कुछ मुख्य कारणों में से कुछ इस प्रकार है।

स्ट्रेस: हमारे जीवन में स्ट्रेस के कारण हमारे मन असंतुलित हो सकता है, जिस तरह से हमारी शारीरिक क्रियाओ में स्ट्रेस के कारण प्रभाव होता है, वैसे ही हमारे मन पर भी स्ट्रेस होता है, आलस के कारण हम अपनी जिम्मेदारियों से भागने के लिए अपने मन को किसी भी तरह से समझाने का प्रयास नहीं करते है।

भूख और नींद की कमी: जब हम भूखे या थके होते है, तो हमारा मन ही असंतुलित हो जाता है, हमारा मन अपने को थका थका और बेजूबान महसूस करने लगता है।

भावनाओ का असंतुलन: हमारे मन को कोई भी बाहरी वस्तु जैसे की एक गण एक तस्वीर या कोई बात हमारी भावनाओ और विचारों पर प्रभाव डाल सकता है, अगर हमारे मन में कोई भावनाओ का असंतुलन है तो हमारा मन भटकने का प्रयास करता है।

आवाज और शोर: आवाज ओर शोर हमारे मन पर भी प्रभाव डाल सकता है, जब हम बाहर से आवाज़े सुनते है, तो हमारे मन का ध्यान उस तरफ जाता है, इन सभी कारणों के साथ हमारे मन का भटकना एक परक्रिया है जिसमे हमारे मन के विचार और भावनाओ का असंतुलन है इसलिए, हमारे मन के विचार को शांत और स्थिर रखने के लिए हमे अपने जीवन में शांति और सुकून को ढूँढना चाहिए।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, वह जीवन के बारे में लगातार सोचता रहता है, अपने जीवन के भविष्य में कभी सोच घबराता है तो कभी बहुत खुश नजर आता है बस यही सोच है जिसकी वजह से उसके मन में संतुलन ओर असंतुलन की स्थिति बनी रहती है।

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लॉर्ड शब्द

लॉर्ड शब्द का प्रयोग आजकल कलाकारों, क्रिकेटर के लिए किया जा रहा है, क्या अब आने वाले समय में यह मानव भगवान बनने जा रहे है क्या? 

क्या हमारी आस्था हमारी सोच बदल गई है? 

लोग भेड़ चाल में चल रहे है उन्हे यह नहीं पता की यह अच्छा है, या बुरा बस वो चल रहे है उन्हे लगता है वो यह करके अमीर या फेमस हो गया है, तो हम भी उसी तरह से हो जायेंगे लेकिन उन्हें उनके पीछे की सोच का नही पता जिस तरह से गाने के बोल कितने अश्लील होते है लेकिन वो गाना रील में बहुत तेज़ी से वायरल हो गया तो अब बाकी के लोग भी वही गाना अपनी रील में जोड़ने लग जाते है बजाए उसका बहिष्कार करने के उन्हे लगता है, इतने लोग कर रहे है तो यह सही होगा, जबकि ऐसा नहीं होता सोशल मीडिया हमेशा सही नही होता, और सोशल मीडिया पर बहुत सारी गलत चीजों को फैलाया भी जाता है, जो बल्कि भी सही नही है लेकिन हम भी उन्ही के जाल में फंस जाते है हम लगता है की वह सही है हम इस समय अपनी बुद्धि का उपयोग ही नही करते बस उनको फॉलो करना शुरू कर देते है। 

क्या हम इन शब्दो का उचित प्रयोग कर रहे है लॉर्ड शब्द से संबोधन करना किसी भी व्यक्ति को जब वह व्यक्ति बहुत अश्लील और कत्ल करने जैसे निंदनीय कार्य करता हो फिल्म में, इस प्रकार के संदेशों को फैलाना समाज को किस में बढ़ावा दे रहा है उस पर हमे ध्यान देना चाहिए। 

क्या अश्लील हरकतों के लिए आप किसी व्यक्ति को लॉर्ड बना देंगे? आप अपने धर्म को नीचा गिराने में ही लगे हुए है फिर कोई और आपके धर्म का आदर कैसे करेगा, वह भी इसी तरह के मजाक बनाएगा।

बॉबी देओल ने यह नाम खुद नही रखा यह दर्शक उन्हें ये नाम दे रहे है जो बिल्कुल निंदनीय है सिर्फ गलती किसी कलाकार की नही होती समाज की भी बहुत भूमिका होती है, किसी को गलत बनाने और उनका गलत कार्यों में साथ देने की हम ही है, जो इस तरह की फिल्मों को बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर रहे है, इसलिए लगातार इस तरह को फिल्मे आजकल बन रही है और इसके साथ इस प्रकार की फिल्मे अच्छी कमाई भी कर रही है।

क्या हमे लॉर्ड शब्द का प्रयोग करना चाहिए या नहीं इसका निर्णय आप स्वयं ले ओर इस बात को समझे की यह सही है या गलत।

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बस कोशिश है

बस कोशिश है
हां कोशिश है कुछ लिखने की, कुछ बता देने की, कुछ भीतर जो हो रहा है, दिल में उसको बयां कर देने की, ये जो कोशिशे है ना लगातार चलती रहनी चाहिए।

जो मन के भीतर है दबा कहीं, यह कोशिश है उन सभी दबे हुए विचारो के लिए एक कोशिश है, जो उन विचारों को बाहर निकाले ओर उनके साथ कुछ बाते हो, कुछ तालमेल बने वरना वो विचार कही घुटकर मर ना जाए, जिन विचारों से चल रहा है यह जीवन, कभी इस जीवन एमी संतुलन आता है तो काभी असंतुलन बस यह जीवन यू ही चलता है, इस जीवन को बेहतर करने की कोशिश में लगे रहना ही है, यही कोशिश हो हमारी हर समय अवसर की खोज रखे जारी।

जिनको बाहर निकाल पाना बहुत मुश्किल सा है।

लेकिन फिर भी बस एक कोशिश है, कुछ हो जाने की, कुछ करने की, कुछ पाने की,
कुछ कह पाना,
कुछ समझा पाना,
कुछ बता पाना, कुछ हो पाना भी संभव नहीं दिखता बस यू ही यह जीवन चलता फिरता

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जीवन ज्यादा

जीवन ज्यादा 10 विचार जो जीवन बदल दे

कुछ विचार हो जो आपके जीवन को पूर्ण रूप से बदल दे, वही जीवन के विचार है, जो आपको निखार देंगे , आपको नई ऊर्जा ओर सकती प्रदान करते है। हमे बस उन्ही जीवन के विचार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ऐसे ही कुछ अनमोल विचार है , जिन्हे हमे अपने जीवन में उतारना चाहिए।

जीवन ज्यादा योजना नहीं माँगता , आदिवासी जंगल के सच्चे निवासी…..
परम्पराएँ जीवनशेली अनूठी ख़ासी ।
आदिवासी जल जंगल ज़मीन के रखवाले…
जंगल के सच्चे सपूत सिपाही निराले ।

उनकी ख़ुशी के कारण बहुत साधारण ….
नाच गान के मनाते साधारण उनके वरण ।
वो जानवरों के साथ कैसे जीना जानते ….
जंगल बना रहे और फले फुले यह मानते ।

जंगल का दोहन नहीं उनकी मंशा….
उनसे सीखे सुधारे समाज की दिशा ।
वो जंगल से लेते और उसे वापस लोटाते….
वो अपनी परंपराओं से सच्चाई से निभाते ।

2. जीवन ज्यादा योजना नहीं माँगता…..
उसकी आशा तुममें न पनपे विषमता ।
जीवन मिलजुल के कार्य कर रहा ..
चाहे जल में आकाश में चाहे हो धरा ।

सब अपने हिस्से का जीवन जी के
आगे बढ़ते जा रहे…..
पुराना जीवन जा रहा नया जीवन हर क्षण प्रगत हुए जा रहे ।
ये खेल निरंतरता का सदा था हे
ओर चलेगा …
जीवन आएँगे जीवन जाएँगे इसका
पुष्प सदाबहार खिलेगा ।

3. हम सदा कार्यशील एक बेहतर कल के निर्माण के प्रति अग्रसर……
कल परिवर्तित होता हम खुश की जगह और बेहतर के तलाशते अवसर ।
ये त्रासदी हे हम अनंत यात्रा में हे हमे ख़ुद नहीं पता क्या हम चाहते …..
कुछ अधिक जो नहीं हुआ हे परिभाषित बस लगे हे अंध दौड़ में भागते जाते ।

4. सही शब्द हृदयों की चाभी , उसको खोलने का काम वो करते …..
सही शब्दों का प्रयोग करके जैसे पहन मोती की माला हम महकते सँवरते ।
शब्द तीर ज़ख़्म दे सकते गंभीर …..
शब्द ही मीठे मिटा देते दुःख की पीर ।

कई लोग हे जिनको समझने पे भी नहीं उनके कान पे जूँ रेंगती ……
प्रभु जी से प्रार्थना सुधारो उनकी मति बुद्धि
उनकी सही पकड़े गति

5. पढ़ाई अनपढ़ से मतलब नहीं हे
भावनायें समझ में चाहिए आनी….
भावनायें समझे वही व्यक्ति पढ़ा
लिखा बाक़ी सब बेकार की कहानी ।

भीतरी शिक्षा के नहीं विद्यालय….
घर से मिलते संस्कार बिना चुकाए मूल्य ।
जो भी वस्तुयें निशुल्क वही मूल्यवान….
भीतरी शक्ति से उन्हें हम सकते पहचान ।

6. प्रत्येक सूर्यास्त हमारे जीवन से एक दिन को कम…..
लेकिन फिर हुए सूर्योदय से जीवन में भरता नया दम ।
हो चाहे सूर्योदय या सूर्यास्त हर समय परिवार और मित्रों का थामे रहे हाथ…..
सम्भालना अपनो को दिखाना यही सही दिशा यही उत्तम पुरुषार्थ ।

7. नहीं महत्वपूर्ण हम कितना जानते हे या हे कितने शिक्षित …..
योग्य हो इतने जटिल से जटिल स्थिति से निकल सके सुरक्षित ।
अपनी योग्यता में धार लगाते रहे करे इतना परिश्रम….
युद्ध में बेवजह खून नहीं बहेगा योग्य हो इतने सक्षम।

8. विश्वास से की गई प्रार्थना सार्थक…..
सब होगा सम्भव प्रयास हो अथक ।
असम्भव होगा वो तत्काल सम्भव…..
विश्वास की शक्ति से कर ले अनुभव ।

दे ध्यान विश्वास में न जुड़ा हो अंध…..
फिर आगे अंधेरा ही अंधेरा दुर्गंध ही दुर्गंध ।
अपनी प्रार्थना में अधिक से अधिक व्यक्तियों को करे सम्मलित…..
जीवन में उतरेगी प्राण वायु , बात करे जिसमें जुड़ा हो सबका हित।

9. संबंध नहीं होते बढ़े , उन संबंधों को सम्भालने वाले होते हे बड़े…..
हीरे जवाहरात भी खूबसूरत लेकिन चार चाँद लगाते जब होते वो गहनों में जड़े ।
हमेशा संबंधों को सम्भाले नहीं करे दोहन…..
संबंध सही रहेगे उनका उज्जवल रहेगा यौवन।

10. ये प्रश्न ग़ैर वाजिब हे कि कौन हमसे आगे और कौन हमसे पीछे…..
ये ज़िंदगी हे साहब रिश्ते कमाइये रिश्ते पैसे में ताक़त लेकिन नहीं रिसते जैसी नज़ाकत न ही उसकी तरह प्यास ।

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प्रतिज्ञान

आपके लक्ष्यों और उद्देश्यों के आधार पर, यहां 20 और प्रतिज्ञाएं हैं. जिन्हे आप हर रोज बार बार दोहरा सकते है यह प्रतिज्ञान आपके जीवन को बेहतर बनाती है।

  1. मैं नियमित रूप से स्वस्थ जीवन जीने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  2. मैं रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  3. मैं नियमित रूप से स्वयं के विकास के लिए समय निकालने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  4. मैं रोजाना अपनी पढ़ाई और अध्ययन को ध्यान में रखने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  5. मैं रोजाना कम से कम 10 मिनट मेडिटेशन करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  6. मैं अपनी दैनिक जीवन में हर बार रचनात्मकता को बढ़ावा देने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  7. मैं हर दिन नए चुनौतियों का सामना करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  8. मैं रोजाना कम से कम एक नया चीज सीखने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  9. मैं नियमित रूप से अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  10. मैं रोजाना अपने दोस्तों और परिवार के बीच अच्छी बातचीत करने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  11. मैं रोजाना अपने दोस्तों और परिवार के लिए सहायता में होने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  12. मैं हर दिन नए लोगों से मिलने और नए विषयों पर बातचीत करने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  13. मैं रोजाना अपने समय का उपयोग अच्छी तरह से करने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  14. मैं नियमित रूप से अपनी स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  15. मैं नियमित रूप से अपने स्वयं के साथ अकेले समय बिताने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  16. मैं रोजाना कम से कम एक अनुभव का आनंद लेने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  17. मैं नियमित रूप से अपने संबंधों में सच्चाई और विश्वास का पालन करने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  18. मैं नियमित रूप से समाज सेवा के लिए समय निकालने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  19. मैं रोजाना कम से कम एक प्रेरक किताब या कहानी का पढ़ने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  20. मैं नियमित रूप से अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने का प्रतिज्ञान लेता हूं।

10 सकारात्मक प्रतिज्ञाएं हैं जिन्हे हर रोज 2 बार दोहराए

  1. मैं हर दिन अधिक सकारात्मक सोचने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  2. मैं हर दिन अपने जीवन में नए उत्साहपूर्ण उद्यमों का समर्थन करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  3. मैं हर दिन अपने आप पर विश्वास रखने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  4. मैं हर दिन अपने दोस्तों और परिवार के साथ प्यार और सम्मान से व्यवहार करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  5. मैं हर दिन अपने समय का सदुपयोग करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  6. मैं हर दिन अपने जीवन में नए संभावित अवसरों को ढूंढने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  7. मैं हर दिन अपने आसपास की सुंदरता और अच्छाई का विस्तार करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  8. मैं हर दिन अपने स्वयं के विकास और सफलता के लिए नए कदम उठाने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  9. मैं हर दिन अपने जीवन में शांति और सुख का विस्तार करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  10. मैं हर दिन अपने जीवन के लिए एक उत्साहजनक दृष्टिकोण का विकास करने का प्रतिज्ञा लेता हूं

10 प्रेम पर प्रतिज्ञाएं हैं

  1. मैं हमेशा अपने पार्टनर को प्रेम और सम्मान से व्यवहार करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  2. मैं हर दिन अपने पार्टनर के साथ संवाद करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  3. मैं अपने पार्टनर को हमेशा समर्थन और आशीर्वाद देने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  4. मैं हमेशा अपने पार्टनर को समझने की कोशिश करता हूं और उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं।
  5. मैं हमेशा अपने पार्टनर को समय देने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  6. मैं हमेशा अपने पार्टनर को स्पष्टता से व्यवहार करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  7. मैं हमेशा अपने पार्टनर के साथ उन्हें खुश रखने के लिए कोशिश करता हूं।
  8. मैं अपने पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को स्थायी बनाने का प्रतिज्ञान लेता हूं।
  9. मैं अपने पार्टनर के साथ एक स्वस्थ, समृद्ध और समन्वित रिश्ते का संरक्षण करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।
  10. मैं हमेशा अपने पार्टनर के साथ उनके प्रति लगाव और प्रेम का विस्तार करने का प्रतिज्ञा लेता हूं।

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कामयाबी

सफल होने के लिए यहाँ कुछ महान व्यक्तियों के अनमोल शब्द हैं, जिन विचारों से हम कामयाबी के शिखर तक पहुच सकते है, इन अनमोल शब्दों को हमे अपने जीवन में लाना चाहिए इन महान लोगों के उत्तम विचारों, शब्दों का चिंतन , मनन, अनुसरण करना चाहिए।

1.”जब तक आप अपने सपनों का पीछा नहीं करते, तब तक आप अपने सपनों को जीना नहीं चाहते।” – एपीजे अब्दुल कलाम

2.”सफलता का रहस्य वही है जो हमें कभी नहीं बताया गया है। यह आपके विश्वास और मेहनत में है।” – धीरुभाई अंबानी

3″कामयाबी खुद के अंदर होती है, उसे भरोसा रखिए और कोशिश करते रहिये।” – महात्मा गांधी

4. “जो आप कर सकते हैं, उसे कीजिए। जो आप नहीं कर सकते, उसकी चिंता मत कीजिए।” – मदर टेरेसा

5. “कामयाबी के पीछे भागते रहिए, पर कभी अपने सपने से नहीं भागते।” – सचिन तेंदुलकर

6. “जिंदगी में कामयाबी के लिए, मेहनत और आज़ादी दोनों की ज़रूरत होती है।” – स्वामी विवेकानंद

7. “कामयाबी तब तक संभव है जब तक आप हार नहीं मानते।” – स्टीफ़न हॉकिंग

8. “सफलता का राज़ एक अच्छा प्लान है और उससे भी ज़रूरी है उसे पूरा करने की प्रेरणा।” – बिल गेट्स

9. “अपने इरादे को इतना मजबूत बनाओ कि सफलता के सामने कोई बार नहीं आ सके।” – वाल्ट डिस्नी

10. “अपने सपने को पूरा करने के लिए, आपको उनसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।” – लियोनेल मेस्सी

11. “कामयाबी के लिए, आपको पहले अपने आप में विश्वास होना चाहिए।” – विराट कोहली

12. “सफलता तब तक दूर नही है जब तक आप हार नहीं मान लेते।” – अर्नोल्ड श्वर्ज़नेगर

13. “जीवन का सबसे बड़ा उपहार है आपकी समझदारी।” – भगत सिंह

14. “मुझे अच्छे लोगों के साथ रहने का शौक है।” – महात्मा गांधी

15. “शिक्षा अपनी आत्मा का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।” – स्वामी विवेकानंद

16. “सफलता एक तनावमुक्त जीवन होता है।” – महात्मा गांधी

17. “अगर आप एक अच्छे व्यक्ति बनना चाहते हैं, तो अपने आप को निर्मल और स्पष्ट बनाइए।” – महात्मा गांधी

18. “आपका समय अतुलनीय है। उसे बेकार न करें, इसे किसी अच्छे काम में लगाएं।” – स्वामी विवेकानंद

19. “जब तक आप अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान नहीं होते, तब तक आप उसे प्राप्त नहीं कर सकते।” – महात्मा गांधी

20. “जो लोग सोचते हैं कि वे कुछ नहीं कर सकते, वे असल में कुछ नहीं करते।” – महात्मा गांधी

21. “जीवन का उद्देश्य न केवल एक नायाब अनुभव है, बल्कि एक उच्चतम उद्देश्य की भी तलाश है।” – स्वामी विवेकानंद

22. “आप अपने जीवन की गाड़ी खुद चलाते हैं। अपनी मनचाही दिशा में बढ़ने के लिए इसे सही दिशा में सेट करें।” – रवींद्रनाथ टैगोर


23. “समय अभी भी हमारी तरफ अपना चेहरा नहीं फिराया है।” – महात्मा गांधी

24. “अपनी विश्वासयोग्यता के बारे में विश्वास रखें, और उसे बढ़ाएँ। आप जो कुछ चाहते हैं, उसे प्राप्त कर सकते हैं।” – स्टीव जॉब्स

25. “अपने दोस्तों के साथ समय बिताना एक उत्तम विचार है।” – अब्राहम लिंकन

26.”आपका विश्वास आपके आप से शुरू होता है।” – जिम रोहन

27. “जब आपको दुःख होता है, आप उससे सीखते हैं।” – अमिताभ बच्चन

28. “जो चीजें आपको दुखी करती हैं, उससे दूर रहिए। जो आपको खुश करती हैं, उनसे संबंध बनाइए।” – महात्मा गांधी

29. “आप जितने सक्षम हैं, उतने ही तरक्की करें।” – विवेकानंद

30. “जीवन का आनंद उसे बांटने से बढ़ता है।” – श्री रविशंकर

31. “जीवन का अर्थ अपने आप को दूसरों के लिए सेवा करने में है।” – महात्मा गांधी

32. “जीवन में सफल होने के लिए, आपको बड़े सपने देखने होंगे।” – महेंद्र सिंह धोनी

33. “जीवन का रहस्य सफलता के लिए मेहनत करना है।” – लटा मंगेशकर

34. “अपने आप में विश्वास करें और दूसरों का सम्मान करें।” – सुभाष चंद्र बोस

35. “धन अच्छी चीज है, लेकिन धन से बढ़कर अच्छी चीज है समझदारी।” – महात्मा गांधी

36. “अपने सपनों के लिए लड़ना जरूरी है।” – स्वामी विवेकानंद

37. “जो लोग आपके बारे में बुरा कहते हैं, उन्हें ध्यान में न रखें।” – माँ तेरेसा

38. “जीवन एक संघर्ष है। आपको हार नहीं मानना होगा।” – अमिताभ बच्चन

39. “असफलता एक अवसर है फिर से प्रयास करने का।” – अपजेफा

40. “आप जो चाहते हैं, वह संभव है।” – विवेकानंद

41. “आपकी सफलता आपके अंदर है।” – जिम रोहन

42. “जो लोग सफल होते हैं, वे लोग नहीं होते हैं जो हमेशा सही होते हैं।” – विश्वास खरे

43. “आप जितना विश्वास रखते हैं, उतनी ही शक्ति आपको मिलती है।” – जिम मुहर

44. “जब आप अपनी आँखें बंद करते हैं, तब आप वह देखते हैं जो आप चाहते हैं।” – अमिताभ बच्चन

45. “जो आपको खुशी देता है, उससे जुड़े रहिए।” – स्टीव जॉब्स

46. “जो आपके सपनों को असंभव कहते हैं, उनसे दूर रहिए।” – आचार्य बालकृष्ण जी महाराज

47. “जब आप अपने सपनों को पूरा करते हैं, तब आप खुशी महसूस करते हैं जो कुछ भी नहीं बदल सकती।” – ओप्रा विनफ्री

48. “जीवन का सबसे बड़ा उपहार है कि आप जीवन को जीएं।” – विल रॉजेंबर्ग

49. “सफलता उसी के लिए होती है जो कुछ करता है, न कि उसके सपनों को देखता है।” – संदीप माहेश्वरी

50. “जीवन का उद्देश्य नहीं है केवल जीना, बल्कि एक अर्थपूर्ण जीवन जीना है।” – विलियम शेक्सपियर

51. “आप अपनी सोच के अनुसार बनते हैं। जो भी आप सोचते हैं, वह आपकी वास्तविकता बन जाता है।” – विलियम जेम्स

52. “जीवन में सबसे खतरनाक विचार होते हैं, उन विचारों से बचें जो आपके समझ से पार होते हैं।” – एलन मस्क

53. “विफलता सफलता का मूल नहीं होती, यह सिर्फ एक नया प्रयास करने से पहले होती है।” – जॉर्ज एलियट

54. “आपका सफलता आपके अंदर की ज़िम्मेदारी है।” – विलियम बूट्स

55. “जितना बड़ा सपना, उतनी ही बड़ी ज़िम्मेदारी।” – विश्वास नायक

56. “जब लोग जुट जाते हैं, तब उनमें शक्ति होती है।” – हेलन केलर

57. जीवन का सबसे बड़ा सूत्र है – अच्छे लोगों का साथ दें। – ए पी जे अब्दुल कलाम

58. “अगर आप आसान रास्ते से सफल होते हैं, तो आपको सोचना चाहिए कि आपने किस चीज का टुकड़ा छोड़ दिया होगा।” – गैरी वास्केज

59. “जीवन एक संघर्ष है जो आपको बेहतर व्यक्ति बनाने में मदद करता है।” – महात्मा गांधी

60. “वृक्ष के समान बनों जो कड़ी गर्मी झेलने के बाद भी सभी को छाया देता है”।– महाकवि कालिदास

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ध्यान कैसे करे

ध्यान कैसे करे ? ध्यान क्यों करना चाहिए ? ध्यान करने के लिए किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं है इस आपाधापी की जिंदगी में अपने मन के विचारों को हम शांत नहीं रख पाते है इसलिए हमे ध्यान करना चाहिए  

ध्यान कैसे करे : मन को शांत रखने के लिए हमे ध्यान करना चाहिए , मन ना जाने किधर किधर भागता है उस मन को स्थिर करने के लिए ध्यान करना जरूरी है।

मन के भटकाव को रोकने के लिए ध्यान करना जरूरी है, हमे जीवन में सफल होने के लिए स्वयं के विचारों को नियंत्रित रखना होता है उसके लिए हमे ध्यान करने की आवश्यकता है, 

ध्यान तो स्वं घटित होता है , किसी पर चीज पर लगातार ध्यान रहे उसी को ध्यान कहते है ध्यान करने के लिए आपको कही नहीं जाना जहा आप है जो आप कर रहे है बस वही ध्यान हो सकता है, असल में ध्यान वही है,

यदि आप ध्यान करते समय स्थिर नहीं बैठ पाते है तो इसके लिए हमने अलग से एक ब्लॉग लिखा है इसको आप इधर पढ़ सकते है

अपने भीतर की हो रही क्रियायों को सजगता से देखना ही ध्यान है ध्यान जो स्वयं घटित होता है

जब आप भोजन करते है उस समय आप भोजन पर ध्यान दे , कोई भी कार्य कर रहे हो बस उसी पर ध्यान दीजिए उसके अलावा कही नहीं होना आपका ध्यान धीरे धीरे उसी दिशा में केंद्रित होने लगेगा  

जब आप पैदल चल रहे हो तो अपने कदमों पर ध्यान दे ये छोटी छोटी किरया आपको ध्यान की गहराई में धीरे धीरे उतार देगी ओर आप अपने भीतर मन की आवाज को ध्यान से सुन पाओगे जिससे आपका मन शांत होने लगेगा ओर ध्यान इधर उधर की व्यर्थ की चीजों में नहीं जाएगा

आपका मन स्थिर हो जाएगा

जरूरी नहीं हर बात

जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे, हर बात अपनी ही मनमानी की हो, कुछ ऐसी बाते होती है जो हमारे वश में होती ही नहीं है।
जरूरी नहीं हर किताब अच्छी लगे, हर फिल्म अच्छी लगे, हर मौसम अच्छा लगे हर सफर और हमसफर भी अच्छा लगे कुछ साथ मुलाकात जज़्बात ऐसे होते है जो ना चाहकर भी जिंदगी के हिस्से होते हैं , कहानी और किस्से होते है , उनका होना भी घटना है, उस घटना में बहुत कुछ अपना है तो बहुत कुछ पराया है, बहुत सारी चीज़े जो हो रही है वो हमारी समझ से पड़े होती है।

कुछ जो हमे समय आने पर समझ आ जाती है, ओर कुछ समझ नहीं आती क्युकी हमारी समझ भी उस स्तर तक नहीं पहुच पाती इसलिए जो हो रहा है, जो घटना बन रही है, वो अच्छी ओर बेहतर हो रही है, बस यही सोचकर हमे आगे बढ़ना है जिंदगी की सारी समस्या स्वयं ही हल हो जाती है।

या तो वो दुर्घटना है या फिर महत्वपूर्ण घटना यह तय करना तुम्हारी जिम्मेदारी है, की कितनी दूर साथ चले कुछ दूर या पूरी जिंदगी साथ निभाते चले कुछ को बीच रास्ते में छोड़ा जा सकता है। कुछ को बिलकुल भी नहीं फिर उसका हमारी पसंद और न पसंद से कुछ लेना देना नही,

बस साथ निभाना उसमे बहुत कुछ छिपा है, जो आपको समझना है हो सकता है वो आपके लिए सही है, लेकिन आपको पसंद नही था या नही है लेकिन वो एक दम फिट है आपके लिए , आपके जीवन के लिए।

इसलिए जिंदगी का साथ निभाते चलो
मेरे दोस्त यह जिंदगी इस जिंदगी के साथ थोड़ा मुस्कुराते चलो ,
कभी दुख होगा तो कभी सुख होगा
लेकिन सफर जिंदगी का है
अतंत अच्छा ही होगा
यूं गम को अपने सीने में दबाकर कब तक चलोगे
मुस्कुरादो उस दबे हुए घाव के भी तो गम भरेंगे, क्युकी जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे

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मंजिल की तलाश

ना मंजिल का पता है ना उस ठिकाने का बस चल रहा हूँ, कुछ खास नही बस हर लम्हे में इस तरह से जीने की आदत हो गयी है जैसे अब समय कही नही है। बस चलते ही जा रहे है ना कोई बंधन है ना कोई रोक टोक , ना कोई सीमा है बस निकला हूँ मंजिल की तलाश में

मंजिल की तलाश
मंजिल की तलाश

जीवन तो स्वत् चल रहा है आप चलो या फिर ना चलो यह गतिमान की अवस्था में है आप किसी दौड़ का हिस्सा नही होना चाहते फिर भी जीवन आपको बहा कर ले जा रहा है अपने साथ, क्योंकि आपका खुद पर कोई नियंत्रण नही है
समय और परिस्थितिया आपको नियंत्रित कर रही है।

यदि आप भीतर से खुद के साथ प्रवाहित है खुद के लिए तो बस फिर जीवन आपको आपके अनुसार ही आपको लेकर जाएगा फिर आप उस दौड़ में नही होंगे जिसमे पूरी दुनिया भाग रही है और सिर्फ भागना चाहती है परंतु किसी से पूछे तो कोई नही बताता क्यों भाग रहा है भाई ?

उनको “ना अपनी मंजिल का पता है ना उस ठिकाने का” की उनको जाना कहाँ है? और वे जानने की कोशिश भी नही करते की हम कहाँ जा रहे है क्यों जा रहे है ? बस समय और परिस्थितितयो के साथ बहते जाते है।

लेकिन बस वो पागलो की भागता ही रहा है, क्यों बाकी के लोग भी उसी तरह से भाग रहे है जीवन आपके अनुसार चले आप जीवन के अनुसार ना चले समय तो गतिमान है, उसे चलने दे जैसे वो चल रहा है आप अपनी चाल को नियंत्रित रखे और सजग रहे जितने सजग आप होंगे उतना ही नियंत्रित आपका जीवन भी होगा जिसकी डोर आपके हाथ में होगी।

जब आप हाइवे पर गाड़ी चला रहे होते हो तब आपको लगता है कि गाड़िया कितनी तेज़ चल रही है उसी वक़्त आपको भी लगता है की गाड़ी उतनी ही तेज़ी से चलाई जाए और आगे निकल जाए वरना कोई पीछे से टक्कर ना मार जाए और यदि आप साइड में चल रहे तो कोई आपको परेशान नही करता लेकिन एक आनन्दित सा लगता है बहुत धीमी रफ्तार लोग निकल रहे है आगे, फिर भी एक अलग मजा होता है उस एक तरफ चलाने का और लोगो को देखने का की बस लोग निकल रहे है। और हम अपनी मस्ती में बस चलते ही जा रहे है।

लोगो को निकालने दो वो उनका सफर है, आपका सफर है साइड में आराम से देखकर चलना मतलब सजग रहना जीवन के प्रति वही सम्पूर्ण आनंद है हर एक पल को आनन्दित होकर जीना यही लक्ष्य है हमारा , आन्नद सम्पूर्ण आनंद लेना जीवन को पूर्णतया से जीना।

बस जीवन एक लहर की तरह बह रहा है जिसका छोर खुद ब खुद अंत पा लेंगा , ना कुछ पाने की तम्मना है और ना ही कुछ खोने का डर बस जीवन हो चुका है एक मधुर सफर, मंजिल की तलाश पूरी होगी।