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बात अच्छी

हाँ तुम्हारी हर बात अच्छी लगती , जिंदगी भर साथ रहु इसलिए मुलाकात अच्छी लगती है , तुम्हारी हर बात अच्छी लगती है,
जो तुम कहते हो वो बस सच लगता है।
तुम्हारी हंसी, तुम्हारी भावनाएं,
मेरे दिल को कुछ ज़्यादा ही सुकून देती है।

तुम्हारी हर बात मुझे खुशी देती है,
जो तुम कहते हो वो मेरी जिंदगी बदल देती है।
दिनभर तुम्हारी यादों में खोये रहते हैं,
तुम्हारी बातों से जीवन में नई उमंग पाते हैं।

तुम्हारी हर बात दिल को छू जाती है,
जो तुम कहते हो वो दिल को सुकून देती है।
तुम सबसे अलग हो, तुम सबसे खास हो,
तुम्हारी हर बात मेरे दिल को रोमांचित कर देती है।

तुम्हारी हर बात अच्छी लगती है,
तुम मेरी जिंदगी का हर पल खुशियों से भर देती हो।
तुम एक अनमोल सूखा नहीं हो,
तुम एक अनमोल गुलाब हो,
तुम्हारी हर बात मेरे दिल को आनंदित कर देती है।

जीवन से सवाल पूछो

जीवन आपके सवालों का जवाब देने को तैयार बैठा है, बस आप इस जीवन से सवाल तो पूछो एक बार , जिंदगी से सवाल पूछो तो क्या पूछो,
जिंदगी उत्तर नहीं देती, सिर्फ अपने रुख बताती है।
जिंदगी की तरफ देखो, तो क्या दिखता है,
उदासी, खुशी, मुसीबतें, और बेहतर दिन जिन्हें याद करते हैं।

जिंदगी के सवाल हमें बहुत परेशान करते हैं,
हम तो नहीं जानते क्या गलत हो गया हमसे।
हम तो बस फिर से शुरू करना चाहते हैं,
जिंदगी को बेहतर बनाना चाहते हैं।

जिंदगी से सवाल पूछो तो क्या जवाब मिलता है,
मौत का दर तो सबको होता है, बस जो जीता है वो जानता है।
जिंदगी की भीड़ में खुश रहो या उदास,
जीते रहो या हारो, जिंदगी का मजा तो बस रहता है उसमें बिताने में अपने वक्त का।

जिंदगी से सवाल पूछो तो क्या पूछो,
हम सबके लिए जिंदगी एक सवाल बन जाती है।
फिर भी, हम जिंदगी को आगे बढ़ाना नहीं छोड़ सकते,
जीवन की ये चुनौती हमें और मजबूत बनाती है।

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मंजिल मिलेगी

तू अपनी राहों को चुन न पथ से भटक तू आगे बढ़ तू चल ,राह में रुकवटे आती है बहुत ,तू मंजिल को ना छोड़ ,बस अडिग हो बढ़ चल , मंजिल मिलेगी ना मिलेगी , ये क्या पता हमें,
पर जो भी कहते हैं, उस पर विश्वास हमें।
हर मुश्किल में थोड़ी होती है चुनौती,
पर जब दृढ़ता से जीत लेते हैं, तब खुशी से भर जाते हैं हमें।

मंजिल मिलती है या ना नहीं , इससे फर्क पड़ता है,
जो बीत गया उस पर शोक नहीं, नयी उमंगों का है अभिप्राय।
हर नयी चुनौती से अच्छे से लड़ते हैं हम,
जब तक हौसला हमारा बढ़िया, तब तक कुछ भी नहीं हमारा हार।

मंजिल मिलेगी ना मिलेगी, ये क्या मायने रखता है,
जीवन हमें आनंद देता है जब हम प्रगति करते हैं।
हमने नयी उमंगों से हमेशा संघर्ष किया है,
जब मंजिल मिलती है, तब खुशियाँ हमें जागृत करती हैं।

मंजिल मिलेगी ना मिलेगी, ये तो भगवान जानते हैं,
पर हमें बस यही जानना है, कि जीवन एक यात्रा है।
हम सभी अपनी मंजिलों की तलाश में हैं,
जब तक जीवन हमारे साथ है, तब तक तो हमें बस अपने सपनों को पूरा करना है।

समस्या

हर समस्या का समाधान होता …..
ध्यान की कमी से नही पाते पहचान ।
समस्या का समाधान हमारे भीतर ….
दूसरो के पास सिर्फ़ सुझाव की खबर ।

भीतर करे समस्या का चिंतन ….
जन्मेगा समाधान समस्या का निश्चित पतन ।
अपने ध्यान की रखे सही दिशा और दशा ….
उत्तर मिलेगा न छोड़े समाधान की आशा ।

विचारों का बेहतर होना

हमारे विचारो में
हो सकती असहमति…लेकिन हमारे विचारों का बेहतर होना है संभव
हमे खोजना उन विचारो को
जिसमें दोनों की एक मति ।
तब एक बेहतर संवाद जन्मेगा….
उसी की सुगंध चहु ओर बहेगा ।

वैचारिक मतभेद का करे सम्मान….
तभी सच्चाई को जान पाते श्रीमान ।
जहाँ एक मति से कार्य होगा सम्पन्न….
तीव्र गति से होगा सुखो का संवर्धन ।

सुखी रहने का मंत्र….
कार्यशैली में निरंतर अपनाये सुधार तंत्र ।

भीतर शांति के बीज

भीतर शांति के बीज अनमोल वचन जीवन के लिए सदा उपयोगी होते है, इन्हे अपने जीवन में उतार लीजिए ओर हर रोज इन विचारों का अनुसरण कीजिए लाखों ही हम पढ़ रहे है, परंतु इन्हे सिर्फ पढ़ना ही बहुत नहीं है इनको अपने जीवन में उतारना भी बहुत आवश्यक है।

भीतर तेरे शांति के बीज…..
अंकुरण करना उनका हरगिज़ ।
मानवता के फूल खिलेंगे….
ख़ुशियों की सब ओर तरंगें ही तरंगें ।

शांति से जीवन होता उजियारा…
शांति से बेहतर नहीं कोई सहारा ।
शांति के फूल सुंदर सुंदर….
खिलता जीवन मोहक मधुर ।

मुस्कुराने का जादू

यह मुस्कुराने का जादू है , जहाँ शब्द न करे काम मुस्कुराहट काम कर जाती……
बात पते की मुस्कुराहट की नही कोई जाति प्रजाति ।
यह तो प्रकृति का वरदान बात यह सब को समझ हे आती ।

मुस्कुराहट में प्यारी सी आहट…
काम को बनाने की इसमें चाहत ।
मुस्कुराहट का प्रभाव…..
कहलाता अच्छे व्यवहार का स्वभाव ।
मुस्कुरा कर जब करते काम….
उसमें झलकता शांत मन का आयाम ।

मुस्कुराहट से हो जाता हर असमभाव वाला संभव काम , मुस्कुराहट करती हर दुख को दूर शांति का प्रस्ताव लाती हर दिल में उम्मीद में जगाती , यही मुस्कुराने का जादू है, जो मुस्कुराहट खुशिया बिखेरती जाती।

बीते हुए दिन

बीते हुए दिन
जिंदगी से जिंदगी कि कुछ मुलाकातें
जो अधूरी थी, शायद पूरी भी ना हो सकी
ओर कभी शायद पूरी अब हो भी ना सके

क्युकी
वो दब गई , दफन हो गई
उन बीते हुए दिनों में, उन बीते हुए दिनों में

जिनमें मैने की थी मैंने बहुत सारी नादानी
क्या उन नादानियों को फिर से याद करूं?

ऐसा क्या ख़ास है?
उन बीते हुए दिनों में,
जो मै फिर से जाऊ उन पुरानी यादों में,
बातो में ,
क्यों गुम हो जाऊ ?
क्या है ख़ास ?
है क्या ख़ास ?
नहीं पता , मुझे नहीं पता

लेकिन फिर भी ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है
वो बीते हुए दिन याद आते है
लेकिन क्या करे वो तो बीते हुए दिन है
कुछ किया नहीं जा सकता
याद आते है , बताओ आते है ना
वो दिन

वहीं पुराने दिन जो तुम बिताए थे
उनमें तुम्हारा बचपन भी था , लड़कपन , जवानी , झगड़ा भी था।
कभी मासूमियत थी तो कभी धोखा था
तुम्हारे चेहरे पर

लेकिन कुछ था
पता नहीं क्या था
पता नहीं क्या था

लेकिन सभी मुझे कहते है वो कुछ खास था
क्युकी वो बिता हुआ एक पल
एक दिन
महीना, महीने , साल एक उम्र का पड़ाव था
जो बीत गया , वो बीत गया

फिर वो आ ना सका
फिर वो आ ना सका
बस अब उन दिनों की यादें है
जो बीत गए है

जो बन्द हो गए है डायरी में , पन्नों में , कलम की स्याही से
जिन्हे फिर से  ठीक भी नहीं किया जा सकता
उनको फिर से जिया भी नहीं जा सकता
(उन्मे सिर्फ पुरानी याडे है दबे हुए कुछ अरमान है )
उनमें सिर्फ दबी मुस्कुराहट ,
दबे आंसू , झलकता जाम
ओर धुंधली यांदे है
जिनको फिर से याद करने की कोशिश की जा सकती है

लेकिन जीवित नहीं किया जा सकता वो दिन ,
वो बीते हुए दिन मेरे भी नहीं है ,
खोए भी नहीं है सिर्फ जिंदा लाश की तरह दफन है,
उन्हें मै फिर से याद कर रहा हूं
क्युकी वो मेरी पुरानी यादे ही तो बन रह गई।

यह भी पढे: जिंदगी की राह, कुछ यादे है, जिंदगी से जिंदगी, अक्सर तुम और मैं,

सपने क्या होते है?

सपने क्या होते है ? ओर ये सपने क्यों जरूरी है ?
जिंदगी में यदि सपने ना हो तो जिंदगी अधूरी लगती है सपनों के साथ जीने पर ही तो जिंदगी पूरी लगती है बिना सपनों के जीना भी क्या जीना इससे बेहतर है मर जाना।

सपने क्या होते है
सपने क्या होते है

सपने क्या होते है ? सपनो वो है जो कुछ लोग सोते हुए देखते है और कुछ लोग जागते हुए खुली आंखो से जो लोग नींद मै सपने देखते है वो सिर्फ उन्हें शुभ ओर अशुभ के पैमाने पर नापते है उनके लिए सपनो के अकोई महत्व नहीं होता बस नींद खुली सपना ख़तम , उस सपने का कोई अर्थ नहीं लगाते बस यदि सपना बुरा है तो बुरे सपने की तरह भूल जाते है ओर यदि अच्छा गई तो उन्हें अच्छी नींद मानकर ही खत्म समझ लेते है।

लेकिन कुछ खुली आंखो से सपनो देखते है उन्हें को असल जिंदगी में पूरा करने की चाहत रखते है उनके लिए सुबह – शाम मेहनत करते है सोचते है भागते – दौड़ते है सारा दिमाग ओर शारीरिक बल लगा देते है उनके लिए वहीं जीवन का लक्ष्य होता है वहीं सब कुछ होता है।

हर किसी के लिए सपने अलग अलग होते है किसी डॉक्टर, इंजिनियर , लॉयर, तो किसी को कुछ सपने अपनी अपनी इच्छाओं के अनुसार सोचते है और वहीं उनमें अलग अलग रंग भर लेते है जिन्हे वो सपनो का नाम देते है।

जिंदगी बहुत बड़ी है इसमें जितनी इच्छाएं डालो उतनी ही पूरी होगी और सपनो का आकार भी बढ़ता जाता है।

जिंदगी में देखे गए सभी सपने साकार नहीं होते उनके लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता है लाखो यतन करने पर भी वो सपने पूरे हो ये ज़रूरी नहीं है लेकिन फिर उन सपनों के पीछे हम भागते रहते है जिंदगी भर सिर्फ आंखो में हसीन सपने लेकर ही जीते है हम की यह पूरा होगा , यह पूरा होगा।

मेरी जिंदगी के बहुत सारे सपने है जिन्हें मै पूरा करना करना चाहता हूं लेकिन असमर्थ सा लगता हूं फिर भी लगातार कोशिश कर रहा हूं वो सपने पूरे होंगे या नहीं मुझे नहीं पता लेकिन उन्ह सपनो में
मै रंग भरता हूं
उनके लिए लाइन खींचता हूं , बार बार सोचता हूं,
उस लाइन को ओर गाढ़ा करता हूं ताकि दिमाग से वो सपना दूर ना हो जाए।

आपका दिमाग

आपका दिमाग क्या कहता है? आप को किस कार्य और किस दिशा की ओर प्रेरित कर रहा है आपको ?  किस दिशा में ले जाना चाहता है आपका दिमाग आपको ? क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है।

जब आप बहुत सारे लोगो के बीच में होते हो यो बहुत शोर आता है अलग अलग लोगो के विचार आपके मस्तिष्क से टकराते है, जिनकी वजह से आपके सोचने में  परिवर्तन आ जाता है ओर आप जो सोचना चाहते हो वो सब सोच भी नही पाते हो, जिस वजह से आप भी उन लोगो में घुल मिल जाते हो ओर देखने लगते हो लोगो को जो आस पास से गुजर रहे है जो आपके सामने से जा रहे है।

जो उनकी आंखे उसी दिशा में बह जाती है जहाँ से लोग आ ओर जा रहे है, लेकिन आपको अपने विचारो को देखना है समझना है क्यों वो बह रहे है? उन लोगो के साथ क्या आपका दिमाग ऐसे ही किर्या कलापो में लगना चाहता है आप यदि करना भी चाहते हो कुछ तो  कर नही पाते बस बह जाते हो दूसरे के साथ…..

आपका मस्तिष्क आपसे कुछ कहता है या कुछ कह रहा है? लेकिन आप अपने मस्तिष्क और उसके विचारो की बात सुन नही पा रहे है या सुनकर अनसुनी कर रहे है हमारा मस्तिष्क ना जाने कितने ही, विचारों को प्रकट कर रहा है कभी हम अकेले बैठना चाहते है तो कभी भीड़ का हिस्सा होना चाहते है, इधर उधर टहलने लग जाते है यदि हमारे पास कुछ और काम नही तो अपने आपको किसी ना किसी काम में व्यस्त रखना चाहते है।

हम हमसे  अपने आपको किसी न किसी प्रकार के कार्य में व्यस्त रखते है, जिसके कारण हम अपने विचारों को सही तरह से ढंग से देख नहीं पाते है हमारा मस्तिष्क हमेशा विचारों में भरा हुआ रहता है हम कभी अपने विचारों के साथ अकेले नहीं होते, ये दिमाग कभी बिना विचारों के नहीं होता ये बात हम कभी नहीं सोचते की ये जो विचार है हमे  किस दिशा में ले जा रहे है।

हमारा मस्तिष्क भी कितने प्रकार के विचारों को प्रकट करता है, कभी किसी प्रकार की सोच में व्यस्त करता है तो कभी काही कुछ और स्तिथि और परिसतिथियों के कारण हमारा मस्तिष्क अलग अलग प्रकार की सोच को विचारों को जनम देता है, या हम यू कह सकते की हमारा मस्तिष्क की प्रकार से कार्य करता है, हमारा मस्तिष्क तो अनंत तरीकों से काम कर सकता है और इतनी किरयायाओ में व्यस्त हो सकता है शायद उसको इमैजिन करना भी मुश्किल है।

Mind work on different different level it vary accrdng to your thought how u give design to ur thought it can goes nd go beyond the limits of univers your brain is complete universe as your brain think it happen in our real life.

हमारा दिमाग भी हर समय हर पल घिरा हुआ रहता है जिसके कारण हमारा मस्तिष्क आने जाने वाले विचारों में विचार विमर्श की क्रिया और प्रतिक्रिया में लगातार उलझा रहता है, इन विचारो के दृश्य और इनकी कल्पनाएं हमारे मस्तिष्क में लगातार चलने वाली किरायायो के एक सहायक होती है, हमारी छोटी छोटी विचार का अपना एक दृश्य होता है और दृश्य की अपनी एक उसकी उचाईं और गहराई उस एक विचार के साथ होती है।

कभी कभी लगता है कि आसक्ति अब भी बाकी है मेरी बहुत सारी जगह जिसके बुलबुले फूटते है,  अंदर ही अंदर और में उनको देखता हूं रोक भी लेता हूं लेकिन फिर भी  ऐसा लगता है कि यदि मैं इन विषयों को हमेसा रोकता रहा तो इनका विस्फोट भी होगा एक दिन जो सही नही है फिर मुझमे अंतर ही कहाँ रह गया यदि मैं भी एक दिशा से दूसरी दिशा में भटकता रहूंगा तो।

इससे तात्पर्य यह है कि मुझे अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते रहना चाहिए चाहे वो छोटी सी इच्छा क्यों न हो उस इच्छा को मारना नही चाहिए उसे समझना चाहिए मेरा लगाव जीवन के प्रति अब भी बाकी है वो लगाव कम हो में इसके लिए अभ्यासरत हूं।

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