Posts tagged Hindi blog

आपके शब्द

आपके शब्द ही आपको आपकी मंजिल तक पहुंचा रहे है। जो आपके भीतर विचार चलते है, उन विचारों से हम अपने नए विचारों को बनाते है, हमारे विचार ही हमे बनाते है, हमारे विचार ही हमे बिगाड़ देते है, हम अपने विचारों पर कितना गौर करते है यह बहुत महतवपूर्ण है।

यह शब्द बहुत कमाल करते है, इन शब्दों से ही बनता है हमारा जीवन, बहुत कुछ निर्भर करता है इन शब्दों पर हमारे जीवन के लिए जो कुछ घटनाए हो रही है इन शब्दों के द्वारा ही होती है, हम चाहे माने या नहीं लेकिन शब्दों का महत्व है, हमारा जीवन बिना शब्द तो निर्जीव ही है, शब्द बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है, बिन शब्द यदि आप कल्पना करे तो क्या ही जीवन, इस जीवन में जान डालने वाला जो तत्व है वो शब्द ही है, इन शब्दों की महिमा तो बहुत बड़ी है।

लेकिन आज कल तो भद्दे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है जिन शब्दों से दूषित हो रहा है वातावरण, क्युकी यह शब्द आकाश का विकार है, इन्ही शब्दों से हमारे भूमंडल पर प्रभाव पड़ रहा है। जिस वजह से बहुत कुछ परिवर्तन की दिशा है इसलिए इस संसार में लगातार बदलाव चलते रहते है, इन विचारों को बदलना जरूरी है, इन शब्दों को बदलना जरूरी है, यह नकारात्मक शब्द अपने जीवन से हटाने जरूरी है, जिनका परिणाम भी नकारात्मक होता है।

क्या आप भी नकारात्मक शब्दों का प्रयोग करते है? यदि हाँ तो अब अपने शब्दों को नकारात्मक बनने से रोके ओर उन्हे सकारात्मक शब्दों में बदले, अपने शब्दों को सरल ओर शालीन शब्द बनाए यह शब्द आपको एक बेहतर जीवन की ओर ले जाने में मदद करते है, आपके शब्द ही आपके जीवन को बेहतर की ओर लेकर जाते है।

यह भी पढे: कल सिर्फ एक शब्द, अपने शब्दों पर जोर, शब्दों में सहजता, शब्द, शब्दों की माया,

प्रेरणा जीवन

प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत, जैसे पीधे को पानी की ज़रूरत…
देते रहे उसकी बढ़ती रहेगी ताक़त ।
ख़ुद को अच्छे विचारों का देते रहे पानी..
किरदार मज़बूत और ज़िंदगी सुहानी ।

हम सब एक दूसरे से होते प्रेरित….
प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत ।
भीतर ख़ुशियों का लगाते रहे पानी …
कहानी ये है ज़िंदगी की ज़ुबानी ।

हम सब एक दूसरे से होते प्रेरित,
प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत।
भीतर ख़ुशियों का लगाते रहे पानी…

जीवन एक आद्यांतर यात्रा है,
जहां हम सब मिलकर अपनी दिशा ढ़ूंढ़ते हैं।
प्रेरणा की किरणों से जीने का आदान,
संगीत की तरह मधुरता से भरे जीवन का वर्णन।

एक दूसरे की संवेदनाओं को समझें,
उनमें भावों की ताकत को पहचानें।
हर क्षण अद्वितीय, अनूठा और महत्वपूर्ण,
जीवन को गहराई से महसूस करें सभी लोग।

प्रेरणा की लहरों से ऊंची उड़ानें भरें,
सपनों की उड़ान को संगीत से सजाएं।
आपसी सहयोग और प्रेम के संग,
ख़ुद को और दूसरों को बनाएं ख़ुशियों का रंग।

जीवन का रंगमंच है ये संसार,
हर अदा, हर रंग से सजा हर प्यार।
हम सब में छुपी है वह अनंत शक्ति,
जो जगाए रौशनी, और देती है सबको साथी।

प्रेरणा के प्रकाश में हम सब रोशन हों,
अपनी कार्य-रणनीति को बनाएं मजबूत।
जीवन के सफ़र में आपसी सहयोग से,
हम सब बनाएं यह दुनिया सुंदर और मनोहार।

हम सब एक दूसरे से होते प्रेरित,
प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत।
भीतर ख़ुशियों का लगाते रहे पानी…
यही हो हमारी जीवन की सुंदरता की पहचानी।

युवा

“युवा साथीत्व के रंगमंच पर दिखाए अपार प्रतिभा और सहयोग” एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक नाटक का आयोजन रखा गया। इस नाटक के लिए गाँव के सभी लोग आए , जहां उन्हें एक रंगमंच तैयार करने के लिए आदेश दिया गया।

गांव के युवा समिति ने अपनी सोच और कला का प्रदर्शन करने के लिए उत्साहित होकर रंगमंच की तैयारी शुरू कर दी। वे सभी अपनी कठिनाइयों के बावजूद मिलकर काम करने लगे।

कुछ लोग मोर्चे बनाने में लगे, कुछ लोग पैंटिंग का काम कर रहे थे, और कुछ लोग सेट डिजाइन और सीनरी के लिए जिम्मेदार थे। युवा सदस्यों ने आपस में सहयोग करते हुए एक सुंदर और आकर्षक रंगमंच तैयार किया।

नाटक का दिन आ गया और सभी गांववासी उत्सुकता से नाटक का आयोजन देखने के लिए आए। नाटक शुरू हुआ, और गांववासी नाटक के पात्रों की प्रतिभा, अभिनय और कथानक को देखकर प्रभावित हो उठे। रंगमंच पर उनकी रचनात्मकता और प्रतिभा की झलक दिखाई दी।

नाटक का समापन हो गया और सभी लोग आपस में गले मिले और बधाई देने लगे। यह नाटक और रंगमंच ने न सिर्फ एक कहानी को बयां किया, बल्कि गांव के युवाओं में आत्मविश्वास, सामर्थ्य और सहयोग की भावना को भी जगाया।

इस छोटी सी कहानी से स्पष्ट होता है कि रंगमंच हमें अपनी प्रतिभा का परिचय कराने के साथ-साथ समजबूत समाजी बंधन बनाने में भी मदद करता है। यह गांव के युवाओं को एक मंच प्रदान करता है जहां वे अपनी कला, संगठनशीलता, और सहयोग कौशलों का प्रदर्शन कर सकते हैं। यह एक उदाहरण है कि जब लोग साथ मिलकर काम करते हैं और एक लक्ष्य के लिए मेहनत करते हैं, तो उनकी सामरिकता और समृद्धि बढ़ती है।

इस कहानी से हमें यह संदेश मिलता है कि सामूहिक योगदान और टीमवर्क अद्यतन करने की आवश्यकता होती है। छोटी से छोटी उपलब्धियों के लिए भी सहयोग और समर्पण की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे हमारे आसपास के लोगों को प्रेरित करने और उन्हें उदाहरण स्थापित करने में मदद मिलती है।

यह भी पढे: जादू की छड़ी, कलाकार का जीवन, सब संभव, जब कोई आपसे पूछे, ज्यादा योग्य,

लफ्जों में बयां

चंद लफ्जों में बयां क्या करू? इस प्रेम को मेरे सारे शब्द और मेरी मेरी उम्र बीत जाए लेकिन प्रेम का अर्थ पूरा मेरे शब्द भी न कर पाए, फिर भी एक नाकाम कोशिश है कुछ बताने की, एक नया रिश्ता बनाने की

प्रेम क्या है ?
क्या मैं प्रेम शब्द को बयान कर पाऊंगा ?

चन्द लफ्जों में बयां क्या करू ?
इस प्रेम को

मेरे सारे शब्द और मेरी उम्र बीत जाए
लेकिन
प्रेम का अर्थ पूरा तो मेरे शब्द भी ना कर पाए

फिर भी एक नाकाम कोशिश सी है
कुछ बताने की, एक नया रिश्ता बनाने की

ये संबंध वो है

जिसमे हर एक रिश्ता नाता समा जाता है
मत भेद दिलो मेंं जो है वो दूर हो जाता है ,

असीम आसमान भी धरती की औढनी नजर आता है
जब कभी सतरंगी होता है आसमान
तब यही आसमान एक छोर से
बाहे फैलाये दूसरे छोर को जाता है

तब देखो क्या मधुर संबंध
धरती और आसमान का बन जाता है

यह प्रेम है जो धरती और आसमान को
एक करता हुआ नजर आता है

यह प्रेम है
जो पूरे ब्रह्मांड को एक शब्द में बांधे नजर आता है
और अनेको शब्दो में फैलाता हुआ चला जाता है

लफ्जों में बयां

यह प्रेम वो है
जो ना शब्दो से बयान हो पाता है
और ना ही मौन से समझ आता है

यह प्रेम तो
शब्द और मौन दोनो के पार ले जाता है।

पैसों की बचत

पैसों की बचत क्यू जरूरी है: पैसों को ध्यान से खर्चे जहां जरूरत हो वही पर उसको खर्च करे, बेफिजूल के खर्च से दूर रहे, अपने खर्चों की लिस्ट बनाए व देखे की आप कहाँ खर्च कर रहे इससे आपको यह समझ आता है की आपका खर्च अनावश्यक कार्यों में तो नहीं लग रहा।

पैसों की बचत जरूर करे चाहे व बचत छोटी ही क्यू न हो, छोटी छोटी बचत करने से आपसे लंबी अवधि में ज्यादा बचत कर सकते है, आपकी बचत ही आपको भविष्य में फायदा देती है, अनिश्चित घटनाओ से बच जा सकता है।

खर्चे से ज्यादा इनवेस्टमेंट करने पर ध्यान दे, हर महीने के खर्चों की लिस्ट बनाए जिससे आपको आपके खर्चों का स्पष्ट रूप दिखेगा ओर आप अपने बेफिजूल के खर्चों पर रोक लगा सकेंगे।

यदि आप पैसों की बचत के लिए दस वर्ष का समय रखते है तो आपको बहुत लाभ मिलता है, समय तो बहुत जल्दी ही बीत जाता है लेकिन पैसे की बचत नहीं हो पाती उतनी इसलिए हमे पैसों की बचत के साधनों पर ध्यान देना चाहिए।

हमारा हाल आमदनी अठन्नी ओर खरचा रुपया है ऐसा हाल तो नहीं है इस बात को ध्यान में रखना चाहिए।

जब स्वतंत्रता की बात आती है तो पैसे बचाने के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता। वित्तीय स्वतंत्रता आपको आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आपको अपनी पसंद और आराम के अनुसार जीवन जीने में मदद करता है। आपको अपनी पसंद की चीज़ों पर अपना पैसा खर्च करने और एक आरामदायक और समृद्ध जीवन जीने की स्वतंत्रता और अधिकार है।

पर्याप्त बचत होने से आप अधिक पूर्ण जीवन जीने में सक्षम होते हैं। आपको अपने भविष्य के लक्ष्यों जैसे सेवानिवृत्ति या स्वास्थ्य देखभाल जैसे अप्रत्याशित खर्चों के बारे में कम तनाव होने की संभावना है। बचत आपको राहत और आराम देती है, यह जानकर कि आपके पास जीवन में विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त धन है।

पता नहीं मुझे

पता नहीं मुझे कैसे मेरी ओर तुम्हारी बाते हो जाती है, कुछ तो बात है हम दोनों के बीच जो कभी अधूरी रह जाती तो कभी पूरी हो जाती है, हम दोनों ना जाने किसलिए मिले, कौनसा था तार जो हम दोनों को जोड़ रखा था, कितनी दूरिया हो जाती है फिर एक मोड पर आकार हम मिल ही जाते है, फिर उनही बातों को सिरा बनाकर हम आगे की और बढ़ चल चले जाते है।

तुझसे मिलना और बाते करना मेरी आदत सा था जो अब भी छूटा नहीं लगता क्युकी करता हूँ तुझसे अब भी मैं बाते अपने ही ख्यालों में तेरे संग करता हूँ।

कुछ ऐसे ही बस तेरी यादों में डूब जाना चाहता हूँ, हर जगह से दूर हो जाना चाहता हूँ, कुछ ओर ना हो अब हम दोनों के बीच सिर्फ तेरे ही ख्यालों में अपने हर ख्याल को बिताना चाहता हूँ, खो जाना चाहता हूँ, तेरे ही सपने सजाकर तुम्हें अपनी आँखों में मुँदना चाहता हूँ।

क्या तुम भी मुझे अपनी यादों में रखना चाहती हो या फिर उन सभी यादों का भुलाना चाहती हो, जो सँजोई थी एक दूसरे के साथ रहकर उन यादों को कैसे तुम भुला दोगे, यह सोचकर भी मैं घबरा जाता है।

पता नहीं मुझे हम दोनों के बीच में कौनसा संबंध है, जो ना टूटता है ना जुड़ता है फिर भी हम दोनों का संबंध अटूट सा लगता है, उस अटूट से संबंध में हम दोनों को नहीं पता क्या नाम दिया उस संबंध ना कोई पता फिर भी होने को रिश्ता कहला रहा है।

कितनी भी दूर हम रहे लेकिन फिर भी जीवन में जब भी हम याद करते है एक दूसरे को तो मानो वो पल हिचकी से भर जा रहा है।

यह भी पढे: पता नहीं, बहुत सारा ख्याल, pta nahi mujhe, pta nahi main,

जल्दी तो कभी देर

हम सभी समय को सोचकर कभी जल्दी तो कभी डर सोचकर भाग रहे है लेकिन समय कहीं नहीं है समय सिर्फ हमारे द्वारा तैयार किया गया एक विचार है

Read More

भागम भाग

जिंदगी एक भागम भाग दौड़ है जिसमे लाखो इच्छाएं है जिन्हें पूरा करने की एक नाकाम कोशिश है, उन सभी इच्छाओं को पूरा कर फिर यही छोड़ जाना है, ना कोई मुकाम पाना है ना कुछ कर दिखाना है फिर भी बस इस जिंदगी के साथ भागते ही जाना है।

बार बार असफल होने के बावजूद भी जीतने और कुछ कर दिखाने की इच्छा का नाम ही है जिंदगी 
कुछ करके दिखाना भी है जिंदगी 
क्या करना और क्यों करना, किसके लिए करना 
यह भी ना समझ पाना है जिंदगी
और समझ जाने का नाम ही तो है जिंदगी 

बहुत सारे सपनो को साकार करने का नाम भी है
जिंदगी उन सपनों से हार कर बैठ जाना भी है,
जो सपने देखे थे उनके लिए फिर से उठ जाना है 
जिंदगी और उनके साथ फिर नए सपनो को देखना और 
उठ कर हिस्सा लेना भी है यह जिंदगी 

जिंदगी भी गणित के उस 0 और इंफिनिटी की तरह लगती है, जो शुरुआत तो 0 से करती है और खत्म इंफिनिटी मतलब कभी ना खत्म होने वाली है यह जिंदगी 

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने की बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को जिंदगी कहते है। 
जीत और हार का सिलसिला है जिंदगी 
कभी जीत है तो हार भी है जिंदगी 

जिंदगी एक भागम भाग दौड़ है।

यह भी पढे: टालने की आदत, लक्ष्य, अकेले बैठ, ख्वाबों की डोर, जल्दी तो कभी देर,

लॉर्ड शब्द

लॉर्ड शब्द का प्रयोग आजकल कलाकारों, क्रिकेटर के लिए किया जा रहा है, क्या अब आने वाले समय में यह मानव भगवान बनने जा रहे है क्या? 

क्या हमारी आस्था हमारी सोच बदल गई है? 

लोग भेड़ चाल में चल रहे है उन्हे यह नहीं पता की यह अच्छा है, या बुरा बस वो चल रहे है उन्हे लगता है वो यह करके अमीर या फेमस हो गया है, तो हम भी उसी तरह से हो जायेंगे लेकिन उन्हें उनके पीछे की सोच का नही पता जिस तरह से गाने के बोल कितने अश्लील होते है लेकिन वो गाना रील में बहुत तेज़ी से वायरल हो गया तो अब बाकी के लोग भी वही गाना अपनी रील में जोड़ने लग जाते है बजाए उसका बहिष्कार करने के उन्हे लगता है, इतने लोग कर रहे है तो यह सही होगा, जबकि ऐसा नहीं होता सोशल मीडिया हमेशा सही नही होता, और सोशल मीडिया पर बहुत सारी गलत चीजों को फैलाया भी जाता है, जो बल्कि भी सही नही है लेकिन हम भी उन्ही के जाल में फंस जाते है हम लगता है की वह सही है हम इस समय अपनी बुद्धि का उपयोग ही नही करते बस उनको फॉलो करना शुरू कर देते है। 

क्या हम इन शब्दो का उचित प्रयोग कर रहे है लॉर्ड शब्द से संबोधन करना किसी भी व्यक्ति को जब वह व्यक्ति बहुत अश्लील और कत्ल करने जैसे निंदनीय कार्य करता हो फिल्म में, इस प्रकार के संदेशों को फैलाना समाज को किस में बढ़ावा दे रहा है उस पर हमे ध्यान देना चाहिए। 

क्या अश्लील हरकतों के लिए आप किसी व्यक्ति को लॉर्ड बना देंगे? आप अपने धर्म को नीचा गिराने में ही लगे हुए है फिर कोई और आपके धर्म का आदर कैसे करेगा, वह भी इसी तरह के मजाक बनाएगा।

बॉबी देओल ने यह नाम खुद नही रखा यह दर्शक उन्हें ये नाम दे रहे है जो बिल्कुल निंदनीय है सिर्फ गलती किसी कलाकार की नही होती समाज की भी बहुत भूमिका होती है, किसी को गलत बनाने और उनका गलत कार्यों में साथ देने की हम ही है, जो इस तरह की फिल्मों को बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर रहे है, इसलिए लगातार इस तरह को फिल्मे आजकल बन रही है और इसके साथ इस प्रकार की फिल्मे अच्छी कमाई भी कर रही है।

क्या हमे लॉर्ड शब्द का प्रयोग करना चाहिए या नहीं इसका निर्णय आप स्वयं ले ओर इस बात को समझे की यह सही है या गलत।

यह भी पढे: अपने शब्दों पर जोर, समाज में अधिकता, शब्दों में सहजता, आपके शब्द,

धूप और ठंड

धूप और ठंड का मज़ा घर से बाहर की यह खिलखिलाती धूप ओर भीतर कमरे की ठंड दोनों ही बहुत मजेदार है, जब बाहर जाते है तो मन नहीं करता धूप से घर वापस जाने का ओर जब भीतर होते है तब बाहर निकलने का मन नहीं होता बस लगता है कंबल में यू ही दुबककर बैठे रहे ओर आलस से भरे रहे।

उस आलस में भी जीवन का आनंद आने लगता है, लगता है कुछ काम नहीं हो बस आराम ही आराम हो, यही बैठ सारे सुख है बाहर क्यू जाना इस ठंड में लेकिन बाहर निकल देखो तो सूरज भी तुमसे कहता है की बैठ यह मैं तेरे शरीर के तापमान को ठीक कर दू, तू बस बैठ जा चाहे खड़ा हो जा कुछ देर यही, सर्दी की धूप भी ऐसी लगती मानो गर्मी में तुम ठंडी ठंडी आइसक्रीम खा रहे हो।

बाहर की उस खिलखिलाती धूप को देख ऐसा लगता है की बस इसी धूप के साथ वक्त गुजार लू, भीतर आकार तो सर्दी लगती है, समय अभी 11:45 का दोपहर होने लगी थी, सर्दी की धूप तो बहुत ही अच्छी लगने लगती है, धूप और ठंड का मज़ा यह दोनों एकसाथ सर्दी में ही मिलते है, गर्मी में इन दोनों का आनंद नहीं अछूता ही रहता है।

सर्दी में शरीर तो ठंडा ठंडा हो गया है, जैसे सर्दी में शरीर पूरी तरह अकड़ ही गया हो, घर में तो जैसे सीलन सी आई हुई हो, घर की चार दिवारे एकदम ठंडी बर्फ सी हो गई है, घर में जब होते है तो लगता है की रजाई औढकर बस बैठे रहो, ओर रजाई से बाहर ही नहीं निकलो लेकिन बाहर की धूप देख कर ऐसा लगता है की अब भीतर ना जाऊ यही खड़ा रहु या फिर बस चारपाई बिछा कर लेट जाऊ अब तो यही एक मन में चलता है।

शरीर भी गजब की चीज है बहुत आलस ओर आराम चाहता है, कभी कुछ खास मेहनत नहीं करना चाहता कठिन परिस्थितियों का सामना भी नहीं करना चाहता, बस यू ही आरामदायक जिंदगी को जीना चाहता है, लेकिन यदि इसी तरह से आराम चाहेगा तो कभी मजबूत नहीं बन पाएगा इसलिए जब सर्दी ओर गर्मी इन दोनों मौसम का आनंद लेना चाहिए, इस शरीर को ठंड की भी आदत हो ओर गर्मी की भी आदत होनी चाहिए।