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SEO फ़्रेंडली ब्लॉग

SEO फ़्रेंडली ब्लॉग लिखिए : अगर आप एक नए ब्लॉगर हों और आप अपने ब्लॉग में अपने पाठकों को सेओ फ्रेंडली बनाना चाहते हैं, तो यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने ब्लॉग में SEO दोस्ताना तकनीक का उपयोग करें। SEO दोस्ताना तकनीक आपके ब्लॉग को सर्च इंजन रैंकिंग में ऊपर लाने में मदद करेगी और आपके पाठकों को आपके ब्लॉग की खोज में मदद करेगी।

यहां कुछ SEO फ़्रेंडली ब्लॉग लिखने के टिप्स हैं:

कीवर्ड रिसर्च करें: अपने ब्लॉग लेख के लिए कीवर्ड रिसर्च करना आवश्यक है। इससे आप अपने लेख में उन कीवर्डों का उपयोग कर सकते हैं जो आपके पाठकों की खोज के आधार पर बनाए जाते हैं।

ब्लॉग के शीर्षक का उपयोग करें: आपके ब्लॉग के शीर्षक आपके लेख के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से में होते हैं। आपके शीर्षक में अपने कीवर्ड का उपयोग करने से आपके ब्लॉग को खोज में उच्च रैंक मिल सकता है।

अपने लेख को अंशदान करें: अपने लेख को अंशदान करने से आपके पाठकों को आसानी से आपके ब्लॉग के विषय के बारे में समझ मिलती है। अंशदान में आप अपने कीवर्ड का भी उपयोग कर सकते हैं।

इंटरनल लिंकिंग का उपयोग करें: इंटरनल लिंकिंग के माध्यम से आप अपने ब्लॉग के विभिन्न पोस्ट्स को जोड़ सकते हैं। इससे आपके पाठकों को अन्य अधिक जानकारी मिलती है और आपके ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ता है। इसके अलावा, इंटरनल लिंकिंग से सर्च इंजन को आपके ब्लॉग की संरचना के बारे में भी पता चलता है।

सामग्री का लंबावदी और उपयोगी होना चाहिए: आपके ब्लॉग की सामग्री को लंबावदी और उपयोगी बनाने की कोशिश करें। यह आपके पाठकों को आपके ब्लॉग पर वापस आने के लिए प्रेरित करेगा।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करें: सोशल मीडिया प्लेटफार्म से आप अपने ब्लॉग को अधिक साझा कर सकते हैं और अपने ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ा सकते हैं।

बिना वापसी के बिक्री की अनुमति न दें: अपने ब्लॉग पर सामग्री और लिंकों के माध्यम से आप अपने पाठकों को अन्य साइटों पर भेज सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आपके पाठक वापस आने की संभावना नहीं रखते, अगर आप उन्हें बिना वापसी के बिक्री की अनुमति देते हैं।

इन SEO फ्रेंडली ब्लॉग लिखने के टिप्स का उपयोग करके आप अपने ब्लॉग की संरचना को बेहतर बना सकते हैं और अपने पाठकों को अधिक उपयोगी सामग्री प्रदान कर सकते हैं। सेओ दोस्ताना तकनीक के उपयोग से आप अपने ब्लॉग के ट्रैफिक को बढ़ा सकते हैं और अपने पाठकों की खोज में आसानी से आपके ब्लॉग को ढूंढ़ सकते हैं।

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हमारी पृथ्वी का हृदय

पर्यावरण हमारी पृथ्वी का हृदय
उसे साँवरे नहीं इस बात में कोई संदेह ।

सब इस प्रकृति माँ का दिया देय….
इसका सही प्रयोग से करे व्यय ।

पेड़ पौधे धरती की संपदा….
सिर्फ़ उसका दोहन लाएगी विपदा ।

स्वयं से करे पर्यावरण को सुरक्षित
अपनी लालचो को करे संयमित ।

पर्यावरण में गहरा असंतुलन….
तापमान बढ़ रहा कट रहे है वन ।
एक तकलीफ़ हो रहा जलवायु परिवर्तन ।

इस गहरी समस्या पे दे ध्यान….
कैसे बाहर आयेंगे बने बुद्धिमान ।
नहीं तो जल्द गर्कं हो जाएँगे सब श्रीमान ।

सब जगह भिन्न भिन्न पेड़ उगाये…..
जल कटाव मिट्टी पहाड़ो को बचाये ।
हर दिन पर्यावरण दिवस जी कर मनाये ।
इस धरती को मानव का स्वर्ग बनाये ।
ख़ुद भी जिए दूसरी को भी जिवाए ।
यह मंत्र पढ़े और पढ़ाये ।

पर्यावरण, हमारी पृथ्वी का हृदय है। यह हमारे सभी जीवनों की जड़ है और हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है। पर्यावरण हमें स्वच्छ और ऊर्जावान वातावरण प्रदान करता है जो हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।

हालांकि, आजकल हमारे पर्यावरण को नष्ट करने की चिंता बढ़ रही है। वनस्पति और जीव-जंतुओं के नष्ट होने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, वायु प्रदूषण और जल संकट के कारण पर्यावरण की स्थिति गंभीर हो रही है।

हमें इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। हमें अपनी भूमिका समझनी चाहिए और सुस्थित और सुरक्षित पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। हमें प्रदूषण कम करने, वनरक्षण को बढ़ावा देने, जल संरचनाओं को सुधारने और जल संचय करने के लिए जागरूक होना चाहिए। वन्य जीवों की संरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामरिक मुकाबला भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

हमारे पर्यावरण को साँवरने के लिए हमें साझा संगठनिक प्रयास करने, अधिकांशतः संयुक्त राष्ट्र की मान्यताओं और समझौतों का पालन करने और नवाचारी तकनीकों का उपयोग करके समस्याओं का समाधान ढ़ूंढ़ने की आवश्यकता है। पर्यावरण के हित में सतत और संवेदनशील प्रगति करना हमारा कर्तव्य हद्वारा जारी यह संदेश स्वर्णिम संकट को दर्शाता है। पर्यावरण हमारी माता की तरह है, और हमें उसे सावरना हमारा दायित्व है। इसके बिना, हमारा अस्तित्व खतरे में है। हमें संयुक्त रूप से कार्य करना होगा और पर्यावरण की सभी मान्यताओं का पालन करना होगा ताकि हम इसे सुरक्षित रख सकें। हमें जल संचय, प्रदूषण नियंत्रण, और वन संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। साथ ही, हमें नवाचारी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए जो पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी में सुधार ला सकें। यदि हम इन समस्याओं के सामाजिक, आर्थिक, और वैज्ञानिक मुद्दों को संगठित रूप से समझते हैं और उन्हें हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं, तो हम पर्यावरण को सावर सकते हैं। पर्यावरण हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाने योग्य एक अमूल्य धरोहर है, और हमें इसकी सुरक्षा करनी चाहिए।

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तुम्हारा खुद का समय

तुम्हारा खुद का समय यह वो समय है जिसे तुम स्वयं के साथ व्यतीत करना चाहते है, यह समय खुद के साथ बस कैसे बिताना चाहते हो ये तुम्हारा ही फैसला है , क्या तुम इस समय को अपने दोस्त, फैमिली, या किसी काम में लगना चाहते हो या फिर अकेले ही इस समय का भरपूर आनंद उठाना चाहते हो, इस समय में तुम्हे पूरी आजादी है तुम जो कुछ भी करना चाहते हो वही तुम कर सकते हो, इस समय के और तुम्हारे बीच में कोई नहीं होता बस इस समय का फायदा तुम कैसे लेते हो ये तुम पर ही निर्भर है।

क्या इस समय में तुम आत्म मंथन करते हो या कुछ गेम खेलने लगते हो या फिर किताबो के संग वक्त बिताते हो, कुछ संगीत या कुछ और क्या करते हो इस वक्त के साथ तुम, या फिर अपने समय को भी बस बिताने की कोशिश करते हो और तुम्हे पता ही नही की तुम्हारा खुद का समय है क्या ? यह समय जो तुम खुद के लिए खोज रहे थे उस समय को भी तुम बस बरबादी की ओर मोड़ रहे हो।

इस समय के साथ सोचता हूं मुझे सोचना और लिखना बेहद पसंद है यह समय दुबारा नहीं आएगा इसलिए मैं अपने समय को सिर्फ सोचने के लिए बिताना पसंद करता हूं, मैं आध्यात्म और आत्मचिंतन में समय को व्यतीत करता हूं, सोचने से अर्थ मेरा मैं स्वयं को बेहतर कैसे करू, और क्या क्या कर सकता हूं इसी विषय में अधिक सोचता हूं और अपने विचारो को और स्कारात्मक बनाना ही मेरा उद्देश्य रहता है। मैं अपने भीतर के नकारात्मक विचारों को हटाने का प्रयास करता रहता हूं और उन्हें अपने मन और मस्तिष्क से दूर ही रखने की कोशिश में रहता हूं।

बहुत बार ऐसा होता है की हमे हमारा समय नहीं मिल पाता किसी न किसी कार्य में बुद्धि व्यस्त हो जाती है जिसकी वजह से हम स्वयं को ही भूल जाते है। स्वयं को याद रखने के लिए हमेशा अपने विचारो को शांत रखना चाहिए।
ज्यादा समय ध्यान में व्यतीत करना चाहिए, जिससे आप स्वयं के साथ ज्यादा से ज्यादा बिता सके

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रेलवे कर्मचारी

रेलवे कर्मचारी की कहानी 35 साल रेलवे में टीटी की नौकरी करने के बाद रिटायर हुए। घर पर रहने लगे।
एक महिने बाद ही पत्नी ने पति से कहा डाक्टर के पास जाना है, मुझे थोड़ा सा चैकअप कराना है।
?
शाम पत्नी को डाक्टर के पास ले जाकर पति ने कहा जाइए दिखाईये,,
उसने रोनी सी सूरत बनाकर कहा आप आगे आईये
मेरा तो बहाना था
दरअसल आपको दिखाना था
?
डाक्टर साब , ये पिछले 35 साल रेलवे में टीटी रहे,
सप्ताह में केवल दो दिनों के लिये घर आते थे, बाकी दिन बाहर रहते थे।
लगातार “रेल यात्रा के वातावरण” को सहते थे।
?
अब रिटायरमेंट के बाद घर आते ही कमाल कर दिया है,
चार फीट चौड़े पलंग को काट कर दो फीट का कर दिया है,
अटैची को सांकल से बांध कर ताला लगाते हैं,
तकिये में हवा भरते हैं और चप्पलें सिरहाने रखते हैं,
कमरे का ट्यूब लाइट अलग हटा दिया है और
उसकी जगह जीरो वाट का वल्ब लगा दिया है,
?
टेप रिकार्डर से फिल्मी गानों का कैसेट निकाल कर,,
रेल्वे एनाउंसमेंट,
गाड़ी चलने की ध्वनि,
घंटी की घनघनाहट,
और
गरम चा,,इय समोसा की कर्कश आवाज का केसेट लगाते हैं,
मूंगफली के छिलके,और बीड़ी सिगरेट के टुकड़े पलंग के चारों ओर फैलाते हैं ,
?
मैं तो रात भर जागती हूँ
और ये आराम से सो जाते हैं
पता नहीं कैसी जिंदगी जीते हैं
कप में चाय दो, तो कुल्हड़ में पीते हैं ,
?
एक रात मेहमान आये तो मैंने इन्हें जगाया,
इन्होने करवट बदली और मेरे हाथ में ट्रेन का टिकट और सौ रुपये का नोट थमाया।
?
मैने कहा ये क्या है,तो बोले रसीद नही बनाना
इंदौर आये तो ख्याल से उठाना
?
पिताजी से,दहेज में मिला सोफासेट आधे दामों में बेंच आये है,
बदले में दो सीमेंट की ब्रेंच खरीद लाये है,
?
बेडरूम में लगीं पेंटिग्स को अलग कर दिया है,
उनकी जगह,
भारतीय रेल आपकी अपनी सम्पत्ति है,
जंजीर खींचना मना है?
लिखवा दिया है,
?
एक रात इनके पास आकर बैठी
इन्होने पांव मोड़े और कहा आइए
आइए आराम से बैठिये
?
डाक्टर साब बताने में शर्म आती है पर आपसे क्या छिपाना है
इन्होने ने मुझसे पूंछा
बहन जी आपको कहाँ जाना है
?
डायनिंग टेबिल पर खाना खाने से मना करते हैं
पूड़ियां मिठाई के डिब्बे में और सब्जी को प्लास्टिक की थैली में भरते हैं,
?
एक रात मेरे भाई और पिताजी आये
दोनों इनकी हरकत से बहुत लजाये
रात में भाई ने इनकी अटैची जरा सी खिसकाई
ये गुस्से में बोले जंजीर खींचू चोरी करते शर्म नहीं आई
?
सुबह सुबह बूढ़े पिताजी जल्दी उठ कर नहाने जा रहे थे
बालकनी पर इनके पास वाली खिड़की से आ रहे थे
उन्होंने खिड़की से हाथ डाल कर इन्हें जगाया
इन्होने गुस्से में कहा इस तरह से मत जगाओ
यहाँ कुछ नहीं मिलेगा,
? बाबा ,आगे जाओ
पिताजी आगे गये तो उन्हें वापस बुलाया
?
उन्हें एक रुपये का सिक्का दिया और पूंछा कौन सा स्टेशन आया
?
इनका अजीब कारनामा है
एक पर एक हंगामा है
अभी कबाड़ी के यहाँ से एक पुराना टेबिल फेन मंगवाया
छत पर लटके अच्छे खासे सीलिंग फेन को उतार कर उसकी जगह टेबिल फेन लटकाया
?
उसे चालू करने विचित्र तरीका अपनाते हैं
जेब से कंघी निकाल कर पंखा घुमाते हैं
?
सुबह मंजन ब्रश साबुन निकाल कर बाथरूम की ओर जाते हैं,
मैं कहतीं हूँ बेटा गया है
तो वहीं लाइन लगाते हैं
?
समझाती हूँ आ जाओ, तो रोकते हैं
हर दो मिनट के बाद बाथरूम का दरवाजा ठोकते हैं
?
इन्होने पूरे घर को सिर पर उठा लिया है
घर को वेटिंग रूम और बैडरूम को ट्रेन का कम्पार्टमेंट बना दिया है
?
इनके साथ बाकी जिंदगी कैसे कटेगी हम यह सोच कर डरते हैं
और ये सात जनम की बात करते हैं
हम तो एक ही जनम में पछताये
भगवान किसी युवती को रेलवे के टीटी की पत्नी न बनाये…..

एक रेलवे कर्मचारी

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