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गर्मी

आई गर्मी शुरू हुआ क़त्ले आम …..
काट कर मिलता ग़ुद्देदार मीठा इनाम ।

नाम आम लेकिन नहीं वो आम है….
फलों के राजा का अच्छा ख़ासा दाम है ।

एदशहरी लंगड़ा तोतापुरी चौसा हापुस….
आमरस खाओ चूसो दिन होवे ख़ुश  ।

हम लंगड़े को भी काट डालते….
बिना FIR के उसका रस निकलते ।

ये आम है बहुत ख़ास…..
भिन्न भिन्न किस्मों का इसका इतिहास ।

आम रस के साथ मिला दो दूध….
ठंडा करके पियो यह शक्ति का बारूद  ।

गर्मी का राजा फल आम….
इसको बारंबार मेरा दण्डवत प्रणाम ।

गर्मी की आई छुट्टी, खुशी दिलाए बच्चों को ये गुद्दे,
आम के रंगीन दरियाबंद, खिल उठा खुशहाली का जहां।

टपटपाते धूप के नीचे, फलों की विश्रामभूमि है यहाँ,
आम के रसीले गीले स्वाद से भरपूर है यह इनाम।

लाली-गुलाबी हो जाते हैं, ये खट्टे-मीठे फल कच्चे,
दिल जीतते हैं उनके स्वाद से, जिन्हें खाने का मौका मिले सबको सच्चे।

आम की आमदानी से, आम की होती है खुशियाँ बन जातीं,
गर्मी की तपिश से हमें, आम की मिठास मिल जातीं।

अंगूरी-आमली खट्टी-मीठी चटनी में, आम का जो जाम लगाते हैं,
मौसम ये जो खुशियों की बौछार लाते हैं।

गर्मी के दिनों में आम की बारिश होती है खुशियों की,
इस तरह से आम की खेती से हमें अन्न भी मिलती हैं प्यार की भरपूर खुशियों की।

आई गर्मी शुरू हुआ क़त्ले आम,
काट कर मिलता ग़ुद्देदार मीठा इनाम।



आम प्रभु सदा दर्शन देना….
क़त्लेआम कर देंगे मेरा कहना ।

पेड़ का पहला पत्ता

पेड़ का पहला पत्ता हो सकता है बड़े जंगल की शुरुआत …
शुभ आशा से करे कार्य बदल जाएँगे विपरीत हालात ।
ख़ुशियाँ चाहिए तो पहले उनको देना सीखना होगा…..
शुरुआत तो कीजिए असंभव भी संभव होगा ।

हृदय से कीजिए अपना कार्य 100 परसेंट….
जीवन का एक नाम और कार्य उसका करना एडजस्टमेंट ।
कोई शुरुआत नहीं होती छोटी बड़ी….
सोच  ही होती छोटी ,बड़ी या हथकड़ी।

पेड़ के हर पत्ते में छुपी है कहानी,
जंगलों की शुरुआत, अद्भुत विज्ञानी।
पहला पत्ता जैसे खुशी का प्रतीक,
जीवन के आगामी सफर की प्रारंभिक।

शुभ आशा से होते हैं सबके कार्य,
कर देंगे बदल दुःखी हालात प्यारे।
जैसे बदलता है मौसम का रंग,
विपरीत पल भी छू जाएँगे खुशियों के संग।

ख़ुशियाँ चाहिए हमें, ये सच है,
लेकिन उन्हें देना बहुत जरूरी है।
जैसे पेड़ अपनी शाखाओं को फैलाता है,
हमें भी पहले देना सीखना होगा, सहज रूप से खुशियों का प्रकटा।

चाहिए ताजगी, चाहिए ख़ुशहाली,
कर देंगे साथी खुशियों की समुराई।
हाथ मिलाएं और आगे बढ़ें सब,
ख़ुशियों की नई धारा में उतर जाएँ अब।

पेड़ का पहला पत्ता सिखाता है हमें,
कर्मठता, धैर्य और नयी आशा के ज्ञान।
खुद को बदलें, खुशियों को बांटें,
सृष्टि के रंगों में रंग जाएँ अब हम सबसे बढ़कर।


रिक्तता को बनाना

रिक्तता को बनाना बनाये रखना अति आवश्यक….
रिक्तता के कारण नहीं होता टकराव नहीं होती कसक ।
सब का कार्य क्षेत्र उसमे रिक्तता अनिवार्य…
एक निश्चित दूरी बनाए रखे, आवश्यक इतना धैर्य ।

जब रिक्तता होती है, वह जगह मिलती है विचारों की,
जहाँ नए कार्यों के बीज बोने को मिलती है शक्ति।
जब दिमाग खाली होता है, उसे भरती है कल्पना,
नये और अद्वितीय रूप लेती है जगत की सृजनशीलता।

अस्थायी रिक्तता देती है आशा का समुंदर,
जहाँ तलाशी जाती है नये सपनों की सत्यता।
विचारों की गाथा बुनती है अद्वितीय कविता,
सृजनशील विचारों को मिलता है पथ प्रशस्ति का निशान।

पर धैर्य की आवश्यकता है, जब रिक्तता होती है,
क्योंकि नये कार्यों के लिए समय लगता है।
धीरे-धीरे उगते हैं सपने, नये विचार बहार आते हैं,
धैर्य से इंतजार करो, नयी रोशनी जगमगाती है।

तो चलो, धैर्य बनाए रखो, इस रिक्तता के बीच,
नए सपनों की उड़ान भरें, अपार सफलता के बीच।
रिक्तता है सृजनशीलता का आदान-प्रदान स्थान,
जब उसे सही तरीके से उपयोग करो, होती है जीवन की ज्ञान।

रिक्तता को बनाना बनाये रखना अति आवश्यक…
रिक्तता के कारण नहीं होता टकराव नहीं होती कसक।
सब का कार्य क्षेत्र उसमे रिक्तता अनिवार्य, एक निश्चित दूरी बनाए रखे, आवश्यक इतना धैर्य।

जीने का अंदाज

हमे देखना है क्या है हमारे पास….
यही सही जीने का अंदाज ।
जो पास वही सच में असली…
उसी में ख़ुशियाँ मिलेगी तसल्ली ।

वर्तमान में जो भी है उसे सम्भाले….
ज़रूर खुलेंगे क़िस्मत के बंद ताले ।
यह सब जीवन की कहानी….
सुन लो तुम मेरी ज़ुबानी ।

जीवन का असली रंग,
है वही जो हमारे पास संग।
चाहे छोटी हो या बड़ी सी बात,
ख़ुशियों का मंच है यही इक़रार।

चाहे धन हो या न हो समृद्धि,
जीने का आनंद है सदैव सिद्धि।
हमारे अंतर में जो ख़ुशी हो,
वही है सच्ची जीवन की खोज।

दूसरों की नज़रों से आगे निकल,
खुद को पहचाने और अपनाए सबक।
जो हमारा है, वही सच और असली,
खुद को खो न दें, यही है तसल्ली।

जीवन की खोज में, आगे बढ़े हम,
जो खो गया, उसे छोड़ दें हम।
ख़ुशियों की खेलती दुनिया में,
हमारी जोड़ी हो, समृद्धि और सद्भावना से।

यही सही जीने का अंदाज है,
जो पास है, वही हमारी असली आज़।
ख़ुशियों के संग जीवन का मेल,
अपनी पहचान में हमें मिलेगी तसल्ली।



अलग होना अच्छा

अलग होना अच्छा है
होना बस सच्चा है ।
सच्चे का हो बोलबाला….
सच बनेगा तेरा रखवाला।

ठंड रख ठंड
बस रहना हर स्थिति में सच्चा  है ।
ख़ुद को ही देना है जवाब…
सच्चे होंगे तो जवाब दे पायेंगे जनाब ।

सच्चे का हो बोलबाला,
सच बनेगा तेरा रखवाला।

जब तू अपनी राह पर चलेगा,
दुनिया तेरी खिड़की खोलेगी।
सबकी नज़रों में तू अद्भुत होगा,
जीवन की राहों में रौशनी लाओगा।

अलगी दुनिया में अपनी पहचान बनाओ,
सच्चाई की लाली सबको दिखलाओ।
हार न मानो, आगे बढ़ो,
जीवन के हर मोड़ पर खुद को निखारो।

ना डरो, ना हिचकिचाओ,
अपने सपनों को पुकारो।
सच की राह पर चलो तुम,
खुद को खो दो, जग को पाओ तुम।

सच्चाई की उचाईयों पर चढ़ो,
धैर्य और संघर्ष से महकदार बनो।
सच्चे दिल से जीवन जियो,
अलग होकर खुद को परखो और खुश रहो।

सच बनेगा तेरा रखवाला,
सच्चाई की विजय बनाओ आपका काम।
अलग होना अच्छा है,
सच्चाई की जीत बनाओ आपका नाम।

भविष्य निर्माण

भविष्य निर्माण हो जाते चौतीस पैंतीस ….
खाना पीना अब नहीं रह गया ख़ालिस ।

तीस पैंतीस में थोड़ी जीवन आई स्थिरता..
इस उम्र में आनंद और खाने पीने में रमता।

फिर पचास पचपन में गाड़ी चलती पीछे ..
शारीरिक बौद्धिक सब क्षमता होती नीचे ।

इस आयु में भिन्न प्रकार की बीमारियाँ लेती घेर ….
ब्लड प्रेशर शुग़र कलेस्ट्रॉल अन्य बीमारियों होता शरीर ढेर ।

स्मृति चुस्ती फुर्ती भी होती कम…
बाजुओं शरीर का कम होता दम ।

अब आता याद पास है धन विद्या कला…
नहीं किया परोपकार सेवा और भला ।

यदि कोई इस स्थिति से रहे हो गुजर…
परोपकार कर्म से जीवन जाएगा संवर ।

निःसंचोक बचे समय का करे सदुपयोग..
ये प्रयोग आवश्यक सबसे बड़ा यह योग।

जो किया है प्रकृति समाज से अर्जित….
गुणों ज्ञान धन जो कर सकते अर्पित ।

आज जो तेरा कल किसी और का नियम से कार्य नहीं दे स्वय को धोखा, फिर कैसे हो भविष्य निर्माण

विनम्रता में भी नंबर

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस…..
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस ।
क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा…
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा ।

मैं नहीं विनम्र काईयो की नज़र में….
वो सही है जानते मुझे जीवन के सफ़र में।
क़द सत्य का भी जीवन मी चाहिए बड़ा ..
सत्य कटु , सामने नहीं होता झूठ खड़ा ।

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस,
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस।

क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा,
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा।

विनम्रता से भरी हर बात, हर काम,
प्रभुत्व को देती जीवन को नई शान।

समय के साथ बदले भाव, रहे सदा सुरमई,
विनम्रता बनी रहे हमारी शक्ति की काई।

गर्व से नहीं, बल्कि सहजता से जियें,
दूसरों की सम्मान को हम जगाएं।

जब तक विनम्रता बनी रहे विचारों की नीव,
हम बनेंगे सच्चे मानवता के प्रवीण।

इसलिए आओ मिलकर चलें विनम्रता की राह,
सृजन करें एक जीवन नया, सदा सुखी और सहज।


सामान्य दृष्टि

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है…..
समाज में अधिकता से वही बिकता है ।
बाहय दृष्टि के यंत्र मिले दो नेत्र….
सहायक सुंदर सटीक इनका क्षेत्र।

जानवरों मनुष्यों में समानता से दो नेत्र..
दृष्टि से दृष्टिकोण समृद्धि का रणक्षेत्र ।

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है…..
समाज में अधिकता से वही बिकता है ।

अक्सर दृष्टि वाले व्यक्ति दृष्टिवहीन….
विकसित नहीं दृष्टिकोण भावना हीन ।

स्वागत विविधता से रचे हो दृष्टिकोण….
दृष्टिवहीन लालच अधीन उनका कोण ।

भिन्न भिन्न दृष्टिकोणों का स्वागत….
सच्चाइयों से करते वो सामना अवगत  ।

अक्सर अपने दृष्टिकोण को मानते सही..
सत्य नहीं इतना सस्ता यह पहचाने नहीं ।

दृष्टिकोण को करते रहे निरंतर सुमृद्ध….
दूसरे दृष्टिकोण को समझने की हो ज़िद।

मेरी दृष्टि से में उकेरता छह….
सामने की दृष्टि से वही दिखता नौ
बात समझे ।

काहे मोक्ष ध्यान दे स्मृद्ध हो दृष्टिकोण…
स्वय उन्नति हो गाएगी जब होंगे बेहतर ।

यह भी पढे: बाह्य दृष्टि, दृष्टि, मौन का अवलोकन, लफ्जों में बयां, कुछ बात ऐसी,



हर व्यक्ति विशेष

हर व्यक्ति विशेष
अलग उसका ज्ञान और परवेश ।
मानव सेवा ही पूजा….
सब हौवे योग्य हो मंसूबा ।

सच्चा बल ही हर सकता पीड़ा….
मन हो बलवान उठा सके यह बीड़ा ।
मानव सेवा एक पूजा…..
इससे बड़ा नहीं कोई कार्य दूजा ।

मानव जानता मानव की व्यथा….
अच्छा करना उसकी शुभ संपदा।
मानव सेवा ही पूजा….
करके अपनी प्यास बुझा ।

हर व्यक्ति विशेष होता है,
अलग-अलग उसका ज्ञान और परवेश।
कोई बनता है नेता, कोई करता है कला,
कोई विज्ञान में होता है निपुण, कोई लेखन में महारथी होता है।

मानव सेवा है सबसे महत्वपूर्ण,
इसमें है समस्त धर्मों का सम्मान।
हर व्यक्ति की यही पूजा होनी चाहिए,
जीवन का अर्थ इसी में छिपा होनी चाहिए।

जो व्यक्ति मानव सेवा में लग जाता है,
उसे दुनिया सलाम करती है।
वह बनता है राष्ट्र का गौरव,
उज्ज्वल भविष्य का निर्माता होता है।

हर कोई हौवे योग्य मंसूबा,
अपने कर्मों से जगाए आदर्श।
सेवा करें दुखियों की, दें शिक्षा ज्ञान की,
जहां भी जाएं, वहां रचें नये इतिहास।

हर व्यक्ति का यही धर्म होना चाहिए,
सबको सम्मान और प्रेम देना चाहिए।
एक-दूसरे के साथ विनम्रता से रहना चाहिए,
तभी बनेगा यह संसार अद्वितीय।

मुस्कुराहट छुआ छूत

जरा देखिए दिखे कोई चेहरा जो नहीं रहा हो मुस्कुरा….
दीजिए उसको मुस्कुराहट उसका भी चेहरा खिले ये ख़ुशी का इशारा ।
मुस्कुराहट छुआ छूत की बीमारी…..
इच्छा ये लगे सबको, है इतनी प्यारी ।

जरा मुस्कराइए….
ख़ुशी के महामार्ग पे चढ़ जाइए ।
जीवन के प्रति कृतघ्न भाव अपनाइए….
जीवन भी पूरी क्षमता से ख़ुद को लुटाइए।

जगमगाते रंगों के बीच एक चेहरा है,
जो नहीं रहा हो मुस्कुरा।
उसकी आँखों में छुपी दर्द की बूंदें,
जीवन की गहराईयों में घिरा।

पर उसे चाहिए था एक मुस्कान का इशारा,
जिससे उसका भी चेहरा खिले।
वो खुशी का संकेत जो भर दे उसके दिल को,
और हर गम को दूर कर दे मिटाए।

मुस्कुराहट छुआ छूत की बीमारी है,
जो देती है दिल को आराम।
वो बतलाती है कि जीने का असली मजा,
खुशियों को बांटने में है समाया।

जब चेहरे पर लगी मुस्कान की छांव हो,
दिल की धड़कनें भी जगमगाए।
हर दर्द को दूर कर दे वो प्यारी मुस्कान,
और खुशियों से सजाए।

तो जरा देखिए, दिखेगा वह चेहरा है,
जो नहीं रहा हो मुस्कुरा।
उसे दीजिए वो मुस्कुराहट का तोहफा,
जिससे उसका जीवन बन जाए सुहाना।