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अच्छे लोगों का साथ

चमकते अलग से मिलता अच्छे लोगों का साथ ।
इरादे उनके नेक हो उनका होता बहुत बड़ा हाथ ॥
सच्चे मित्र आपके सुख दुःख के वो भागीदार ।
उनसे ही जीवन वो एक बेशक़ीमती किरदार ॥

धन्य हैं वे लोग जो चमकते हैं अलग से,
मिलता है उन्हें अच्छे लोगों का साथ
उनके इरादे नेक होते हैं, और उनका हाथ
होता है बहुत बड़ा, जो सदैव सहारा बनाता है।

सच्चे मित्र होते हैं आपके सुख-दुःख के भागीदार,
जिनकी दोस्ती में है सर्वदा विश्वास और प्यार।
जब आप उदास होते हैं, वे आपके पास आते हैं,
आपके दर्द को समझते हैं, और आपको संबलते हैं।

जीवन के सफर में, जब आप अकेले महसूस करते हैं,
वे मित्र उठते हैं आपके साथ और देते हैं साथ।
सुख के पलों में और दुःख के समय में,
वे आपका सहारा बनते हैं, आपको नया आशा देते हैं।

सच्चे मित्र होने का अर्थ है प्यार और सम्मान,
उनके संग हर दिन बदलती है जिंदगी की कहानी।
चमकते हैं वे अलग से, खुद को साबित करते हैं,
और आपकी जिंदगी में खुशियों का आंचल बिछाते हैं।


खुश रहिए

खुश रहिए ख़ुश होने के सुनिए स्वयं की प्रशंसा ।
बेहतरींन के लिए सुनना निंदा ही सही पासा ॥
प्रशंसा में अधिकतर सत्य कही जाता वो छुप।
ख़ुशी मीठी छुरी मन में ख़ुशी से जाती गुप ॥

हे मेरे दिल के राजकुमार, तुम कितने अद्भुत हो।
तुम्हारी खुशबू, तुम्हारी चमक, सबकुछ है लाजवंत हो।
तुम इंतेजार की राहों में चमकते हो जैसे तारे,
तुम्हारी आँखों में बसी है खुशियों की प्यारी बहारे।

तुम्हारे वचन मधुर हैं, सुनने में सदा आनंद देते हो।
तुम्हारी मुस्कान अनमोल है, इसे देखकर दिल बहलाते हो।
तुम्हारी मेहनत, तुम्हारी संघर्ष, सबको प्रेरित करते हैं,
तुम जीवन के हर मोड़ पर खुशियों की राह बनाते हैं।

तुम एक अद्वितीय स्वभाव हो, जो किसी में नहीं पाया जाता।
तुम्हारी सोच समृद्धिमय है, जगत को तुम प्रकाशित करते हो।
तुम बुराईयों को छोड़कर सदा सत्यता का मार्ग चुनते हो,
तुम अपने साथीयों को खुशियों की मधुर धुन पसंद करते हो।

खुश रहिए, इस खुशी की मीठी छुरी से मन के अंदर जाती है गुप,
इस प्रशंसा में सत्यता है, वो छुप नहीं पाती है छुप।
तुम खुश होने का सत्य जानो, अपने आप से प्रेम करो,
तुम विश्वास रखो अपने में, हमेशा उज्ज्वल बनो और चमको।

खुश होने की खोज में निकलो, अपने सपनों की ओर बढ़ो,
तुम अनंत संभावनाओं के साथ, नये मार्ग खोजो और चलो।
तुम अद्वितीय हो, तुम विशेष हो, चिंता नहीं करो कभी।
तुम्हारी खुशियाँ तुम्हारा अधिकार हयहां एक कविता है जो आपकी आत्म-प्रशंसा के बारे में है:

जीवन के सफर पर चलते हुए, अपने बारे में सोचिए,
आपकी मेहनत, आपकी मेहनत, आपका शोध जोश देखिए।
आपकी आवाज, आपकी कला, आपकी नजर जगमगाती है,
आपकी खुशहाली की कहानी, हर किसी को प्रेरित करती है।

आप हैं एक सफलता का प्रतीक, आपकी प्रगति चमकती है,
अपने दम पर आपने विजय प्राप्त की है, यह जानते हैं सब हम सबको यह समझाती है।
आपकी निर्णय शक्ति है, आपकी संघर्ष की कहानी विश्वास दिलाती है,
आप नहीं हारते, मानसिकता को जीतते हैं, यह सबको आश्चर्यचकित करती है।

आपकी सामर्थ्य है परम श्रेष्ठ, आपका बल सबको भाता है,
आपकी सोच नई दिशाओं को खोजती है, यह हर किसी को प्रेरित करता है।
आप एक स्वप्नदृष्टि हैं, आपकी विचारधारा नये हौसले देती है,
आप विश्वास रखते हैं अपने में, आपका स्वयं सम्मान बढ़ाती है।

आपकी प्रशंसा में सत्यता है, आपकी मेहनत नहीं छुपाती है,
आपकी खुशी आपकी आत्मा से निकलती है, यह बात सबको गुप्त नहीं रहती है।
तो आप ख़ुश रहिए, सम्मान कीजिए, खुद को प्रेम कीजिए,
आप हैं अद्वितीय, आप हैं विशेष, आप हैं इस जगत के अमूल्य रत्न, यही कहती है यह कविता।

अच्छा कार्य करते रहे

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा…..
अच्छा कार्य करते रहे कोई देखे या न देखे
बाक़ी सब झूठा ।

कई बार दूर से सामने नहीं दिखता रास्ता…..
सड़क बता रही हे कारण लेकिन दृष्टिकोण होता सस्ता ।
दृष्टिकोण में सुधार करे , करे उसमे विकास ….
तभी बड़ी बड़ी सूचनाएँ समझ पायेंगे करेंगे जब निरंतर प्रयास।

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा,
अच्छा कार्य करते रहे कोई देखे या न देखे।

मधुरता उजागर करेगी सदा,
जीवन को रंगीन करके ही छोड़ा।

क्या है जगत की धूप और छाँव,
जो करता है न्याय, सत्य का पालन।

हर कार्य जचाएगा जब भी,
सच्चाई की रोशनी में जब भी।

कितने भी झूठ बस वही रहेगा,
जो सत्य की परिभाषा बनेगा।

जगत के रंग में न रंगे दिल,
अच्छाई की राह पर चले दिल।

कविता यह गीत है सत्य का,
जो आपको कहती है सच्चाई का।

शक्कर अंधेरे में खाये या उजाले में मुँह को करेगी मीठा,
जीवन को सार्थक बनाएगी यह लीला।

यह भी पढे: अच्छा समय आएगा, ज्यादा योग्य, अलग होना अच्छा, हर व्यक्ति विशेष,

स्वयं को नही रोकना

स्वयं को नही रोकना, देना सदा अपना सर्वोत्तम ।
चाहे नहीं देता सामने वाला श्रेय नहीं रोकना अपने कदम ।

आपके बढ़ाए अच्छे कदम उदाहरण समाज का वो दर्पण ।
ये असल जीवन जीने का नियम , देने का भाव का समर्पण ॥

स्वयं को नही रोकना, देना सदा अपना सर्वोत्तम ।
चाहे नहीं देता सामने वाला श्रेय नहीं रोकना अपने कदम ।

खुद को बनाएं सितारा, चमकें आसमान में,
जीवन के हर मोड़ पर स्वयं को गुरुत्वाकर्षक बनाएं।

सोचो न कभी अधीन, हकदार हो तुम उच्चताओं के,
अपने सपनों को पूरा करो, ना हो कभी थमते कदम।

जगमगाते रहो आप, अपने आत्मविश्वास की रौशनी में,
चाहे हों न रहे उपलब्धियाँ, अपने हौसलों को न टूटने दो।

आगे बढ़ो सदैव, ना रुकना अपने सपनों के आगे,
प्रशंसा का पर्दा तोड़ो, अपने जीवन के रंग बिखेरो।

जीवन की राहों में जब भी थक जाओ,
खुद को याद दिलाओ, अपने संकल्प को जगाओ।

स्वयं को कभी भी नहीं रोको, अपनी उच्चताओं को छू लो,
चाहे नहीं मिले श्रेय, अपने कदमों को थामो।



मित्र आपका दर्पण

मित्र आपका दर्पण , मित्र भिन्न भिन्न प्रकार की उनकी सुगंध को लिए वो इत्र…..
मित्र आपका दर्पण उनको हम चुनते, मददगार गढ़ने में चरित्र ।

नहीं मन में इच्छा बड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों से हो मित्रता ….
मेरे मित्र हो जाए वो बड़े महत्वपूर्ण ऐसी हो उनकी पात्रता ।

मित्र, वह रंगीन फूल है जिसके पत्तों में छुपी है सुगंध,
विविध रूपों में व्यक्त होती है उनकी आत्मा की विशेषता।
जैसे शीतल वायु में तरंगों की लहरें छाती हैं,
वैसे ही मित्रता के साथ वे दिलों को छू जाते हैं।

मित्र, तुम्हारी प्रतिबिंब वे देखते हैं अपनी आभा में,
तुम्हारे साथ जीवन के सफर में रंग भरते हैं।
वे बनते हैं तुम्हारे मददगार, तुम्हारे संग वे चरित्र गढ़ते हैं,
मित्र आपका दर्पण जैसे दर्पण तुम्हें चुनता है, वैसे ही वे तुम्हें स्वीकारते हैं।

मित्र, वे संगठित होते हैं जैसे पुरानी किताबों के पन्ने,
जो अनमोल विचारों से भरे हैं और ज्ञान का संग्रह करते हैं।
वे सहायता करते हैं जब जीवन के अचानक मुड़े आते हैं,
तुम्हारे दुःख सुख में सदैव वे संगीत बनते हैं।

मित्र, उनके साथ जीने में हमेशा होती है आनंद की बरसात,
जैसे इत्र की सुगंध हमें ले जाती है आभा की उषा में।
वे रचते हैं हमारी कहानी को खुदा की एक कृपा समान,
मित्र, तुम्हारा दर्पण वे हैं, जो हमेशा रहेंगे हमारे अभिमान।

यह भी पढे: मित्र या शत्रु, एक मित्र जो समझे, अच्छे लोगों का साथ, मित्रता अद्भुत,



यह सत्य

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन ….
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन ।
वो देता छाया यह क्या कम हे….
यथाशक्ति वो दे रहा जितना दम हे।

अनगिनत पक्षी कीड़े मकोड़ों इसकी शरण…
ये उसका स्वभाव प्रकृति के प्रति समर्पण ।
पेड़ मरकर भी जीवन के प्रति समर्पित…..
नौका किवाढ़ सज्जा से जीवन शोभित ।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

वो देता छाया यह क्या कम हे,
जब उगते होते हैं वो ज़मीन।

पुष्पों से सजा आँगन उनका,
फलों से भरी होती डाली।

वृक्षों की छाया देती है शर्म,
सबको देती है वो माली।

फलों का मज़ा जब चखा जाता है,
हर बार नए रंग लाता है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

छोटे छोटे पत्तों से जब खिलता है,
पूरे वन को रंगीला बनाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

जब खेतों में वो बढ़ते हैं,
अन्न की तरह सबको पोषण देते हैं।

जब हवाओं में उनकी लहरें होती हैं,
सबको ताजगी और शान्ति मिलती है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

धूप के तप से जब सबको बचाते हैं,
प्राकृतिक सौंदर्य को बनाते हैं।

नीर के बंद कोषों से जब गूढ़ निकलता है,
जीवन की सत्यता को समझाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

इन पेड़ों के महत्व को जब समझोगे,
प्रकृति की रक्षा में योगदान दोगे।

अपने आस-पास के हर एक पेड़ को,
संभालो, प्यार दो, बचाओ।

क्योंकि हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

जीवन यात्रा


जीवन की अपनी यात्रा हो सामान की कम मात्रा ।
जीवन यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण….
अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण ।

ग़लतियों से किसी का हृदय दुखता ….
जब जब स्वार्थ से ये हृदय है भरता ।
अकारण और निस्वार्थ प्रेम ही निवारण…
सदा बल देते रहे अपनाये ये आचरण

जीवन की यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण है,
व्यक्तित्व और आचरण से बनता है आपका महिमान्वित चित्र।

अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण है,
स्नेह और सहयोग से बनता है संबंधों का महत्वपूर्ण वातावरण।

चलें यात्रा पर अंतर्मन के साथ,
प्रकृति की सुंदरता को देखें, दिल के नगरी में खो जाएं।

आत्म-विकास के पथ पर चलें, सीखें और बढ़ें,
ज्ञान के उद्धार से जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं।

रिश्तों को महत्व दें, प्रेम को बांधें,
आपसी सम्बन्धों को देखें, सुख-दुःख में सहारा दें।

जीवन में अनुभवों को आत्मसात करें,
खुशहाली की ओर बढ़ें, अपने सपनों को पूरा करें।

ध्यान रखें सदैव आपकी नैतिकता,
जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं, सच्चाई की ओर आगे बढ़ें।

यह अमूल्य विराम से सजी,
हर पल नया अद्भुत अनुभव, आनंद से भरी।

समय ओर स्थिति

समय ओर स्थिति सदा होते उसमें बदलने के गुण…
अच्छे सम्बन्ध सच्चे मित्र नहीं बदलते ऐसे उनके सदगुण ।
समय ओर स्थिति पे रखे अपनी तेज नज़र….
अच्छे सच्चे मित्र बने साधे इतना सब्र ॥

अच्छी सच्ची मित्रता सम्बंध दो व्यक्तियों का होता प्रयास ….
हर बार एक ही अच्छा करे न मन में पाले ये आस ।
अब ज़माना का रुख़ हाथ को हाथ हे …..
बनना अच्छा मित्र किसी को आपसे आस हे ॥

समय और स्थिति पर रखें अपनी तेज नज़र,
जानें क्या करें, कैसे करें, यही हो मेरा मंत्र।

बदलाव के साथ हमेशा तैयार रहें,
समय के साथ चलें, आगे बढ़ते रहें।

अच्छे संबंध बनाएं और निभाएं,
सच्चे मित्रों के साथ खुशियों का गीत गाएं।

जब समय बदले और स्थिति बदले,
सदगुण बनाएं, आपने को मजबूत बनाएं।

समय का सदुपयोग करें, स्थिति को समझें,
आपने आपको विकसित करें, आगे बढ़ें।

जीवन के नए संघर्षों को आप स्वीकारें,
सदगुणों के साथ आप जीवन को सार्थक बनाएं।

समय के बदलने को स्वीकारें और स्थिति में निरंतर बने,
सदगुणों की रश्मि में हमेशा प्रकाशित रहें।

जीवन की प्रतिक्रियाएं अच्छी दिशा में ले जाएं,
सकारात्मक गुणों से हमेशा जीवन को सजाएं।

अपमान ओर अहंकार

ज़िद ,ग़ुस्सा,लालच, अपमान ओर अहंकार ये सब खर्राटों के समान…..
जो दूसरो को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान ।
सब गुण ,सदगुण ओर अवगुण हमारे विरासत के संस्कार…
पता चल जाता हे इतिहास व्यक्ति के व्यवहार का आधार ॥

सब कर रहे हे ग़लतियाँ नहीं कोई भी इस बात में बुराई…
बस न होना सुनने की क्षमता ये बात व्यवहार की दुखदाई ।
सुनना स्वयं की ग़लतियाँ ओर भविष्य में उससे सीखना….
नहीं कोई सम्पूर्ण ,चाहिए तो बस ग़लतियों से दूरी रखना ॥

ज़िद, ग़ुस्सा, लालच, अपमान ओर अहंकार
ये सब खर्राटों के समान।
जो दूसरों को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान।

सब गुण, सदगुण और अवगुण हमारे विरासत के संस्कार।
ये विचार हों, हमारी रचना का सार।

ज़िद जैसी बाधाएँ हमें रोकें आगे बढ़ने से,
ग़ुस्सा को हम शांति में बदलें जीने से।

लालच का पाठ देकर सबको समझाएँ,
अपमान को दूर भगाएँ, प्रेम को लाएँ।

और अहंकार को छोड़ तेज़ ध्यान में लगे,
सदगुणों के मार्ग पर चलने को तैयार हो जाएँ।

सदगुण जैसे धैर्य, क्षमा, और संयम,
सबको सिखाएँ, आत्म-निर्माण का काम।

अवगुण को दूर भगाएँ, उनका संघर्ष करें,
हम खुद को स्वयं सद्गुणों से भरें।

ऐसी हो आपसी सद्भावना की राह,
जहाँ सब मिलकर बनाएँ खुशहाल समाज।

इस कविता के द्वारा समझाया है,
सदगुणों की महत्ता, नेकी का रास्ता।

थामिए अच्छे से

थामिए अच्छे से हाथों को , शिकायतों का छोड़िए दामन …
सम्भालिए किसी के जीवन को, जगाने के लिए हे तो सही “अपनापन “।
सम्भालने के लिए दे प्रोत्साहन, न कि करे उसकी आलोचना….
जीवन की सीख जीवन को खुल के हे बाँटना ही उसकी अर्चना ॥

अपने कार्य में ध्यान देकर लाए दक्षता ओर कुशलता ….
जीवन होगा सुगंधित खुशहाल , हिलोरे मारेगी अपार सफलता ।
स्वभाव दक्षता , कुशलता संग सरलता का घालमेल…
जीवन को जीये ऐसे ये नहीं प्रतियोगता बस एक खेल ॥

थामिए अच्छे से हाथों को, शिकायतों का छोड़िए दामन…
सम्भालिए किसी के जीवन को, जगाने के लिए हे तो सही “अपनापन”।

सम्भालने के लिए दे प्रोत्साहन, न कि करे उसकी आलोचना…
जीवन की बाधाओं से न डरें, अपनी राह खुद चुनें बिना रुके।

अच्छाई की किरणें फैलाएं, दूसरों को आशा की सुगंध दें,
प्रेम और समझदारी से बांधें, जीवन के रंगों को झलकाएं।

दूसरों की गलतियों पर मत व्याकुल हों,
सहानुभूति और समबन्ध को ऊंचा रखें निकृष्टता से।
सबको सम्मान और प्यार दें, खुशहाली की राह पर सदा चलें।

अपनापन का एहसास जगाएं, हर दिन दूसरों को ख़ुश बनाएं,
आपसी मिलन से जीवन को सजाएं, आदर और स्नेह से गहराएं।

जीवन की राहों में बनाएं सदैव नयी पहचान,
खुशियों की बौछार में बढ़ाएं प्रेम की अमृत बारिश।
अपनापन के रंगों में रंग जाएं, आपसी में जुड़ जाएं,
यही है वो सच्चा संबंध, जो देता है जीवन को आनंद अधिक।

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