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मेरे ख्यालों में

यू बेवजह कही भी कभी भी
“बस तुम”
आया ना करो
बेमतलब अब बस मुझे
तुम सताया ना करो
बिना पूछे जो तुम आ जाते हो
जब मर्जी ये जो तुम मेरे खयालो का
दरवाजा खटखटाते हो
मैं खोलता हूं दरवाजा तो
नजर नही आते हो
पता नही क्यों तुम
मुझे सत्ताकर भाग यू जाते हो
यह बेफालतू की जिद्द है
तुम्हारी मेरे ख्यालों में आने की
मुझे इस कदर सताने की
इसलिए

यू बेवजह कही भी कभी भी मेरे ख्यालों में बस तुम आया ना करो
मेरे ख्यालों में


बात अब तो मेरी तुम मान जाओ
मुझे यू ना तुम सताओ , ना तड़पाओ
बस अब वापस आ जाओ
फिर हक से मेरे
खयालो का दरवाजा खटखटाना, तोड़ना और
भीतर आ जाना
सिर्फ तुम बस जाना
और फिर अगर
तुम चाहो तो रुलाना और सताना भी
लेकिन
मुझे छोड़कर नही तुम जाना

इन्हे भी पढे: ख्याल, तेरा ख्याल, तुम्हारा ख्याल,

बड़े अधूरे अधूरे

बड़े अधूरे अधूरे से लगते है, कैसे तुम्हारे बिन हम इस जीवन को जी पाए
हम तुम्हारे बिना, कभी पूरे न हो पाए
एक बार संग आओ जरा हम, हम तुम अधूरे क्यों? क्यू ना संग रहकर पूरे हम दोनों हो जाए, ना जाने वो कौनसी बाते है जो हमे दूर ले जाए, कुछ बाकी है मन में जो तार छूटा सा जाए, ये मिलन काही अधूरा ना रह जाए,

आओ संग पूरा होकर देखे क्या कमाल हम लगते है
तुम साथ नही होती तो सवाल हम लगते है,

जरा साथ तो आओ फिर देखो क्या जवाब हम लगते है, तुम्हारे होने से जिंदगी का शवाब हम लगते है,

बड़े अधूरे अधूरे से लगते है,
कैसे तुम्हारे बिन हम इस जीवन को जी पाए।
हम तुम्हारे बिना, कभी पूरे न हो पाए।
एक बार संग आओ जरा हम,
हम तुम अधूरे क्यों? क्यू ना संग रहकर पूरे हो।

जब तुम्हारी आँखों में चमक बिखराती है,
तब सारे अधूरेपन को भुलाती है।
तुम्हारे होंठों की मुस्कान जगमगाती है,
हमारे दिल को आनंदित बनाती है।

हर सुबह जब सपने बिरजू करते हैं,
तब तुम्हारी यादों का पुल बनाते हैं।
रात के अंधेरे में जब अकेलापन छाता है,
तब तुम्हारी मुस्कान साथी बनाती है।

तुम्हारे बिना ये दिन बेकार लगते हैं,
हर पल बेमतलब तितलियों की तरह उड़ते हैं।
तुम्हारी आवाज़ की मधुरता भरी हर बात,
हमारे दिल को खुशियों से भर देती है।

जब तुम्हारी बाहों में आराम मिलता है,
तब पूरे होते हैं हमारे अरमान।
जीने की वजह तुम हो, ये जानते हैं हम,
तुम्हारे संग जीना सपनों की तरह है आनंदित और हर्षित।

फिर आओ नए रंगों से ढंकते हैं हम,
तुम्हारे संग जीने का एहसास दिलाते हैं।
हम तुम अधूरे नहीं, एक-दूजे के संग पूरे हैं,
जीवन के इस सफर में हम खुशियों से भरे हैं।

यह भी पढे: ख्वाब इतने, अपने ख्वाबों की डोर, ख्वाबों की डोर,

सामान्य दृष्टि

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है…..
समाज में अधिकता से वही बिकता है ।
बाहय दृष्टि के यंत्र मिले दो नेत्र….
सहायक सुंदर सटीक इनका क्षेत्र।

जानवरों मनुष्यों में समानता से दो नेत्र..
दृष्टि से दृष्टिकोण समृद्धि का रणक्षेत्र ।

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है…..
समाज में अधिकता से वही बिकता है ।

अक्सर दृष्टि वाले व्यक्ति दृष्टिवहीन….
विकसित नहीं दृष्टिकोण भावना हीन ।

स्वागत विविधता से रचे हो दृष्टिकोण….
दृष्टिवहीन लालच अधीन उनका कोण ।

भिन्न भिन्न दृष्टिकोणों का स्वागत….
सच्चाइयों से करते वो सामना अवगत  ।

अक्सर अपने दृष्टिकोण को मानते सही..
सत्य नहीं इतना सस्ता यह पहचाने नहीं ।

दृष्टिकोण को करते रहे निरंतर सुमृद्ध….
दूसरे दृष्टिकोण को समझने की हो ज़िद।

मेरी दृष्टि से में उकेरता छह….
सामने की दृष्टि से वही दिखता नौ
बात समझे ।

काहे मोक्ष ध्यान दे स्मृद्ध हो दृष्टिकोण…
स्वय उन्नति हो गाएगी जब होंगे बेहतर ।

यह भी पढे: बाह्य दृष्टि, दृष्टि, मौन का अवलोकन, लफ्जों में बयां, कुछ बात ऐसी,



हर व्यक्ति विशेष

हर व्यक्ति विशेष
अलग उसका ज्ञान और परवेश ।
मानव सेवा ही पूजा….
सब हौवे योग्य हो मंसूबा ।

सच्चा बल ही हर सकता पीड़ा….
मन हो बलवान उठा सके यह बीड़ा ।
मानव सेवा एक पूजा…..
इससे बड़ा नहीं कोई कार्य दूजा ।

मानव जानता मानव की व्यथा….
अच्छा करना उसकी शुभ संपदा।
मानव सेवा ही पूजा….
करके अपनी प्यास बुझा ।

हर व्यक्ति विशेष होता है,
अलग-अलग उसका ज्ञान और परवेश।
कोई बनता है नेता, कोई करता है कला,
कोई विज्ञान में होता है निपुण, कोई लेखन में महारथी होता है।

मानव सेवा है सबसे महत्वपूर्ण,
इसमें है समस्त धर्मों का सम्मान।
हर व्यक्ति की यही पूजा होनी चाहिए,
जीवन का अर्थ इसी में छिपा होनी चाहिए।

जो व्यक्ति मानव सेवा में लग जाता है,
उसे दुनिया सलाम करती है।
वह बनता है राष्ट्र का गौरव,
उज्ज्वल भविष्य का निर्माता होता है।

हर कोई हौवे योग्य मंसूबा,
अपने कर्मों से जगाए आदर्श।
सेवा करें दुखियों की, दें शिक्षा ज्ञान की,
जहां भी जाएं, वहां रचें नये इतिहास।

हर व्यक्ति का यही धर्म होना चाहिए,
सबको सम्मान और प्रेम देना चाहिए।
एक-दूसरे के साथ विनम्रता से रहना चाहिए,
तभी बनेगा यह संसार अद्वितीय।

अपने पे रखे नज़र

अपने पे रखे नज़र हम दिखते कैसे है…
यही मुद्दे की बात हम दिखते कैसे है।
असली लेबोलबाब हम दिखते कैसे है….
इसी बात सब राज हम दिखते कैसे है ।

जो दिखता है वही बिकता है ….
वो व्यापारी की नज़र रखता है ।
असल में तो हम अपनी नज़र से कैसे है…
वही सच में आप है , अपनी नज़र दिखते कैसे है ।

अपने पे नज़र रखे हम दिखते कैसे है,
यही मुद्दे की बात हम दिखते कैसे है।
असली लेबोलबाब हम दिखते कैसे है,
इसी बात सब राज हम दिखते कैसे है।

हम आहुति हैं साहस की, न रुकने वाले युद्धों की,
जो अथाह विश्वास रखते, कठिनाइयों को चुनौती देते।
हम वीरता के अम्बार में चमक, अद्वितीय स्वाभिमान की,
पर दिखने का तरीका, यह जग न समझे, हम जानते हैं बस खुदाई की।

सबके होंठों पर हंसी हो, लेकिन सच्चाई हमारी हो,
चाहे चुप रहें हम, जैसे ज्ञाता नहीं हमारी हो।
हम कवच हैं सत्य का, जो न टूटे कभी विपरीत में,
बदलने से तोड़ देंगे नहीं, इस जग के फ़रमान को हम पर मिले विपरीत में।

अपने कर्मों में छुपी है, हमारी असलियत गहराई में,
हम पर नज़र रखने वालों को है यह सच्चाई में।
हम अद्वितीय व्यक्तित्व के साकार हैं, अज्ञात जग में छिपे हुए,
बस खुद का साथी हैं हम, बाकी सब बने रुखे हुए।

जगत के राजों की जड़ में है विद्या की वृक्षारोहण,
हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते जाते हैं अग्रणी।
हार नहीं मानते हम, जीत के लिए बने हैं हम आदी,
जिसे देखते हैं सब राज, वही हमारी पहचान है प्रमुख हदी।

अपने पे रखे नज़र हम दिखते हैं जैसे कैसे,
यही मुद्दे की बात हम जानते हैं कैसे।
असली लेबबोलबाब हम दिखते हैं कैसे,
इसी बात सब राज हम दिखते हैं कैसे।

यह हैं हमारी प्रखरता, जो छिपी हैं हमारे अंदर,
जग में लहराते हैं हम, अपने वीरता के प्रमाण पर।
हमारे हृदय में धड़कन, जो लहराती हैं गर्व के साथ,
महसूस करो यह जग, हमारी उच्चता की अवाज़।

हम सृजनशीलता के प्रतीक, जो जगत में चमकते हैं,
अपने विचारों के आचरण, जो जग को प्रेरित करते हैं।
हम उज्ज्वल आध्यात्मिकता, जो जगत में छाती चौड़ी करते हैं,
मिटाओ अंधकार को, बन जाओ ज्ञान के बिरादरों के सरदार।

हम अस्थायी नहीं, दीर्घकालिक प्रतिष्ठित हैं,
जहां जाते हैं हम, उज्ज्वलता छोड़ जाते हैं।
हम सहायता के प्रतीक, जो जगत को बचाते हैं,
बढ़ते हैं हम सबके साथ, जीवन के रास्ते साथ चलाते हैं।

हम अपने कर्मों के धर्म में जीने का जन्म लेते हैं,
जन जन को जागृत करते हैं, सत्य के पथ पर चलते हैं।
जग को दिखाते हैं हम, अपनी सत्यता के बादशाही,
हम अपने पे रखे नज़र हैं, जग को दिखते हैं कैसे हमारी महिमा।

जीवन आप रहे

जो जीवन आप रहे जी वो लाखों लोगो का सपना…..
अपनी ख़ुशियाँ बनाये रखे, बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना ।
बहुत सी ख्वाहिशें अभी होनी है पूरी….
ख़्वाहिशों अनगिनत रह जाती अधूरी ।

लाखों लोगो का सपना हमारा जैसा जीवन…..
जो मिला है रहे इसमें खुश ,स्वस्थ रहे तन मन ।
दिल न दुखे मेरे किसी कृत्य से किसी का…..
यह कमाए कर्म ही हमारे मित्र और सखा।

जो जीवन आप रहे जी वो लाखों लोगों का सपना…
अपनी ख़ुशियाँ बनाये रखे, बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना।

बहुत सी ख्वाहिशें अभी होनी हैं पूरी…
ख़्वाहिशों अनगिनत रह जाती अधूरी।

जीवन की दौड़ में हम भटकते रहते हैं,
ख्वाहिशों की लहरों में उलझते रहते हैं।

हर एक सपना हमारा बनना चाहता है,
पर समय और परिस्थितियों की बाधाएं आतीं हैं।

मगर हम निरंतर चलते रहते हैं,
ख्वाहिशों के साथ अपना जीवन बिताते हैं।

हर एक सपना हमारा एक उम्मीद है,
जो हमें जीने का मार्ग दिखाती है।

बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना,
अपनी ख़ुशियाँ बनाए रखें, यही है अपना कामना।

ख्वाहिशों की सीमाएं अधूरी न रहें,
हमेशा आगे बढ़ते रहें, ख्वाहिशों को पूरा करते रहें।

जीवन का सफर है यह अनंत और अद्वितीय,
ख्वाहिशों के संग बिताएं यह अद्वितीय समय।

सपनों की दुनिया में हम बस रहें,
ख्वाहिशों की परछाईयों में खो रहें।

हमारे दिल के सपने हमेशा जीवित रहें,
ख्वाहिशों के संग चलते रहें, पूरी करते रहें।

जिसने दुख दिया

जिसने दुख दिया उसे दे क्षमा का दान ….
अगली बार न कर सके रखे ध्यान ।
क्षमा दान नम्र व्यवहार का निर्माणदाता…
जो सब जीवनों का बनेगा सुखदाता ।

भूल चूक ग़लतियाँ कभी किसी से भी होती रहती…..
क्षमा ही चिकित्सा होवे इस सच्चाई की अनुभूति ।
जिसने दिया दुख उसे दे क्षमादान….
यह व्यवहार होवे हमारी पहचान।

जिसने दुख दिया उसे दे क्षमा का दान,
अगली बार न कर सके रखे ध्यान।

क्षमा दान नम्र व्यवहार का निर्माणदाता,
जो सब जीवनों का बनेगा सुखदाता।

दृढ़ संकल्प से करें इसकी प्रार्थना,
बढ़ाएं प्रेम का गहरा अभिमान।

अहंकार को त्यागें, दया का पाठ पढ़ें,
सबको समझें, सम्मान से व्यवहार करें।

स्वीकारें जीवन की अनिश्चितता को,
बढ़ाएं सबका अपार सम्मान।

बिना शर्तों के दें दया का वरदान,
हर कार्य में भरें प्रेम का अभियान।

बिना इच्छा के हों सेवा में लगे,
जीवन को सुखी और शांति से भरे।

हर अवसर पर रखें खुशहाली की दृष्टि,
हस्ती हुई अन्याय को उजागर करें।

क्षमा का दान अपनाएं व्यापार में,
विश्वासपूर्वक चलें सबसे साथ।

सभी को आदर और प्रेम से देखें,
जीवन को बनाएं आनंदमय और साथ।

जिसने दुख दिया उसे दे क्षमा का दान,
अगली बार न कर सके रखे ध्यान।

क्षमा दान नम्र व्यवहार का निर्माणदाता,
जो सब जीवनों का बनेगा सुखदाता।

तन्हाई का रास्ता

तुमने जो तन्हाई का रास्ता मुझे दिखाया था उस पर आज भी मैं तन्हा ही हूं, तुमने जो तन्हाई का रास्ता मुझे दिखाया था,उस पर आज भी मैं तन्हा ही हूं।

ज़िन्दगी की जगमगाहट में खो गया हूं,
किसी के साथ न जाने कितनी रातें बिताया हूं।

तेरे जाने के बाद ये दुनिया सुनी हो गई,
हर रोशनी भी चली गई, अँधेरे में डूब गई।

तन्हाई की इस राह पर आज भी चलता हूं,
यादों के साथ आँसू बहाता हूं।

मेरी आवाज़ को धड़कनें सुनती हैं,
मगर खुद को तन्हा ही पाता हूं।

ये तन्हाई भरी ज़िंदगी अजनबी सी हो गई,
खुद को खो बैठा हूं, खुद से अलग हो गई।

क्या ये तन्हाई ही ज़िंदगी का मतलब है?
या कोई और मुझे समझा ही नहीं है।

बात तो उन्ही की

बात तो उन्ही की होती है, जिनमे कुछ बात होती है जब दिल से निकलते हैं शब्द,
भावों के पर्वत बन जाते हैं। बात तो उन्ही की होती है, जिनमें बात होती है।

बात तो उन्ही की

विचारों की लहरें छू जाती हैं,
जब कहीं उन्हें बस पाती हैं।

भाषा की सामर्थ्य होती है यहाँ,
जिससे बातें सबको समझ आएं।

सरलता और सहजता का जादू होता है,
जब शब्दों में बात विभोर होती है।

कविता बन जाती है एक आइना,
जो दर्पण बनकर दिखलाती है सच्चाई।

बात तो उन्ही की होती है,
जिनमें बात होती है।

शब्दों में सहजता

शब्दों में सहजता होना जरूरी है, बात कितनी भी गहरी हो उसको समझाने के लिए सरल होना आवश्यक है।

शब्दों में सहजता

जब भाषा अपूर्ण रह जाए,
और व्यक्ति खो जाए अर्थ के हाथों,
तब कविता उभरती है सबके मन में,
अन्तर्निहित भावों को प्रकट करती हों।

शब्दों की सहजता एक आवश्यकता है,
जो मिटा दे गहराई की दीवारें,
विचारों को सरलता से पहुंचाए,
जीवंत कर दे हृदय के विभोर आदरें।

सरलता से ही संवाद बन पाता है,
अभिव्यक्ति का मार्ग खुल जाता है,
गहराई की धारा बह निकलती है,
सबको राह दिखलाती है आपसी यारी।

तो चलिए, शब्दों में सहजता को बढ़ाएं,
बातें ऐसी करें कि हर कोई समझे,
जीवन की गहराइयों में भी घुल जाएं,
सरलता के साथ सबको विश्राम मिले।