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विवेकानंद विचार

स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार जो जीवन बदल सकते हैं।

स्वामी विवेकानंद एक ऐसे महान संत और विचारक थे, जिन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपने प्रेरणादायक विचारों से दिशा दी। स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी लोगों को जागरूक और प्रेरित करते हैं। इस ब्लॉग में हम उनके कुछ महत्वपूर्ण विचारों को गहराई से समझेंगे और जानेंगे कि इन्हें अपने जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है।


1. “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”

गहराई से समझें:

यह विचार हमें यह सिखाता है कि जीवन में धैर्य, समर्पण और निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी हैं। जब तक हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक हमें न रुकना चाहिए और न ही हार माननी चाहिए।

उदाहरण:

मान लीजिए कि एक छात्र UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहा है। पहले प्रयास में उसे सफलता नहीं मिलती, लेकिन अगर वह धैर्य रखता है, मेहनत जारी रखता है और अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहता है, तो एक दिन वह निश्चित रूप से सफलता प्राप्त करेगा।

👉 सीख: असफलता से घबराने की बजाय, उसे सीखने का अवसर मानना चाहिए और तब तक प्रयास करते रहना चाहिए जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।


2. “खुद को कमजोर मत समझो, क्योंकि यह सबसे बड़ा पाप है।”

गहराई से समझें:

स्वामी विवेकानंद आत्मविश्वास को सबसे महत्वपूर्ण गुण मानते थे। यदि कोई व्यक्ति खुद को कमजोर या अयोग्य समझता है, तो वह कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता। आत्मविश्वास की कमी इंसान को आगे बढ़ने से रोक देती है।

उदाहरण:

अगर कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहता है, लेकिन यह सोचकर डर जाता है कि वह सफल नहीं होगा, तो उसकी असफलता पहले ही तय हो जाती है। लेकिन अगर वह खुद पर विश्वास रखता है और मेहनत करता है, तो सफलता निश्चित होती है।

👉 सीख: खुद पर विश्वास रखें और आत्म-संदेह से बचें। आत्मविश्वास ही आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा।

स्वामी विवेकानंद

3. “एक विचार लो, उसे अपनी जिंदगी बना लो, उसी के बारे में सोचो, उसी का सपना देखो और उसी को जियो।”

गहराई से समझें:

यह विचार हमें एकाग्रता और समर्पण का महत्व सिखाता है। जब तक हम किसी एक लक्ष्य पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे, तब तक उसमें सफलता पाना कठिन होगा।

उदाहरण:

अगर कोई व्यक्ति क्रिकेटर बनना चाहता है, लेकिन वह अपने समय को कई दूसरी चीजों में बर्बाद करता है, तो वह अपने खेल में उत्कृष्टता हासिल नहीं कर पाएगा। लेकिन अगर वह पूरी तरह से क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करता है, रोज़ अभ्यास करता है और अपनी गलतियों से सीखता है, तो वह एक दिन सफल क्रिकेटर बन सकता है।

👉 सीख: जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा ध्यान और समर्पण आवश्यक है।


4. “सच्चा ज्ञान उसी को मिलता है जो स्वयं पर विश्वास करता है।”

गहराई से समझें:

यह विचार हमें यह सिखाता है कि ज्ञान और आत्म-विश्वास आपस में जुड़े हुए हैं। जब हम खुद पर विश्वास रखते हैं, तो हम अपने निर्णयों में अधिक सशक्त होते हैं और सीखने की प्रक्रिया में अधिक गहराई तक जा सकते हैं।

उदाहरण:

अगर एक लेखक को खुद पर विश्वास नहीं होगा कि वह अच्छी किताब लिख सकता है, तो वह कभी भी लिखना शुरू नहीं करेगा। लेकिन अगर वह अपने अंदर के डर को छोड़कर लेखन की प्रक्रिया शुरू कर देता है, तो धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा और वह एक महान लेखक बन सकता है।

👉 सीख: आत्म-विश्वास ही ज्ञान और सफलता की पहली सीढ़ी है।


निष्कर्ष

स्वामी विवेकानंद के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। यदि हम उनके विचारों को अपने जीवन में लागू करें, तो हम अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

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प्रेरणादायक विचार

यहाँ कुछ महान व्यक्तियों के प्रेरणादायक विचार दिए गए हैं, जो हमारी सोच को बदलने में मदद करते है और यदि हम इन अनमोल विचार को अपने जीवन में उतार लेते है तो निश्चित ही हमारा जीवन बदल जाता है।

महान व्यक्तियों के प्रेरणादायक विचार

  1. स्वामी विवेकानंद
    “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
  2. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
    “सपने वो नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने न दें।”
  3. महात्मा गांधी
    “आप जो बदलाव दुनिया में देखना चाहते हैं, पहले खुद में वह बदलाव लाइए।”
  4. अल्बर्ट आइंस्टीन
    “प्रतिभा का कोई विशेष उपहार नहीं होता, बस जुनून की हद तक जिज्ञासु बने रहना ही असली प्रतिभा है।”
  5. नेपोलियन हिल
    “जो मनुष्य जो सोच सकता है और विश्वास कर सकता है, वह उसे प्राप्त भी कर सकता है।”
  6. रवींद्रनाथ टैगोर
    “जो खुद पर विजय प्राप्त कर लेता है, वही सच्ची आज़ादी का हकदार होता है।”
  7. स्टीव जॉब्स
    “आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की ज़िंदगी जीने में बर्बाद मत करो।”
  8. ब्रूस ली
    “ज्ञान देना पर्याप्त नहीं है, हमें उसे लागू भी करना चाहिए। इच्छाशक्ति होना पर्याप्त नहीं है, हमें उसे करना भी चाहिए।”
  9. थॉमस एडिसन
    “मैं असफल नहीं हुआ, मैंने बस 10,000 तरीके खोजे हैं जो काम नहीं करते।”
  10. विन्सेंट वैन गॉग
    “अगर आपके भीतर एक आवाज़ कहे कि आप पेंटिंग नहीं कर सकते, तो हर हाल में पेंटिंग करें और वह आवाज़ खुद-ब-खुद शांत हो जाएगी।”

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मौका

मौका
हर क्षण मौका है अपने विचारों में शुद्धता लाने की  प्रामाणिकता  का मौका है कौन कौन से विचार जीवन को सुधारते हो उनका सदा सिमरन करे ऐसे विचारो का विकास करे उनमे अपनी सोच का बल डाले , सुधार एक निरंतर क्रिया है इसके क्रियान्वयन में लगे रहे आप मौके का लाभ ले पायेंगे ।
जीवन मौक़ा ही मोका है।

यहाँ बुरे कर्म करने का भी मौका है और अच्छे सम कर्म करने या बेफ़ज़ूल के कर्म करने का मौक़ा है ये व्यक्ति विशेष पे आ जाती है, बात वो कौन सा कर्म जगाना बनाना चाह रहा उसकी दिशा गति और व्यक्ति ख़ुद निर्धारित करता है ।

इस धरती पर हम आये एक निश्चित अवधि के लिए और जब आये है, तो बोझ तो बनाना नहीं है मिला जब यहाँ से सबकुछ तो यहाँ वापस लौटाना भी एक ज़रूरी आवश्यक क्रिया है जो एक संदेश है, दूसरो के लिए तो मैं कहूँगा आप मौक़ा ढूँढे कैसे हम सक्षम हो अपना कमाया अपनी समझ दूसरो से बाँट सके।

हर व्यक्ति के लिए मौके की व्याख्या अलग अलग किसी को किसी दुखी को सांत्वना या सुख देकर ख़ुशी मिलती है वो वही मौके खोजता है, और एक व्यक्ति को सताने में दुख देने में ख़ुशी मिलती वो उन मौको की तलाश करता है, किसी व्यक्ति को किसी कार्य में कुशलता चाहे सही चाहे ग़लत बढ़ाने के मौके से जीवन में प्रसन्नता मिलती किसी को धन कमाने के मौक़ो से ख़ुशी मिलती है, किसी को सोना चाँदी हीरे जवाहरात जमा करने में मौक़ों का प्रयोग करते है, तो हर व्यक्ति की मौके को लेकर उसका दर्शन है ।

इंसान होने के नाते हमारा नैतिक दायित्व है हम अपने विचारों को निरंतर सुधारे क्यूँ क्योंकि इसी में हितलाभ है, यह सिर्फ़ कहने की बात नहीं सच है और समाज देश को कुछ देने वाले बने खोजे मौके या फिर बनाये मौके।

हमे जीवन रूपी मौका मिला है चलो उसे पवित्र करे चूँके न। यही मेरी भाषा शैली। तो आख़िर में कर क्षण एक मौक़ा है, उसका सदुपयोग करे दूसरों को भी अच्छा करने का मौजा दे ।

हैप्पी मौका दिन

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प्रार्थना

प्रार्थना करनी चाहिए, पूरा विश्व एक है कोई दुखी है तो हम सुखी नहीं है हम एक दूसरे से जुड़े हुए है चाहे वो तार नज़र नहीं आये लेकिन गहराई से जुड़े हुए है, यह एक सच्चाई है हम जिसके लिये कुछ नहीं कर सकते लेकिन एक काम कर सकते है क्या है वो काम वो है प्रार्थना।

करे प्रार्थना उस अनजान शक्ति से जिससे हम सब जुड़े हुए है वो मौक़ा है मौक़ा देती है वो शक्ति है।

कोई आप से कहेगा प्रार्थना कमजोरी है कामचोरी है नहीं हो नहीं है बस आप अपना काम करते हो पूरी शिद्दत से लेकिन आप के सिस्टम आपकी निजता को पता है, एक विशाल शक्ति जो सब को चला रही है बड़े बड़े काम हो रहे है, तो किसी की विशालता का सम्मान करना एक अच्छा और नेक कार्य है, लेकिन वो नज़र नहीं आती मानिए आप एक अंधेरे कमरे में  बैठे है, बीच में दिया जल रहा आप बता पायेंगे वो किस ओर देख रहा है।
बताइए  बताइए ? 

पढ़ते जाये इसका उत्तर में कही भी दे दूँगा
तो आप दुनिया में सुख दुख देख रहे है वो है लेकिन हमेशा के लिए नहीं है या तो समय उनको नष्ट कर देता या समय में दिखते हुए वो नष्ट होती है या परिवर्तित होती है।
इस पूरे ब्रह्मांड में आप एक बिलकुल पिद्दी छोटी सी इकाई है जहां पृथ्वी नहीं कुछ भी तो हमारी क्या बिसात है।

हमारी प्रार्थना कृतज्ञता का भाव है मन को स्वच्छ रखने का शांत रखने  का अच्छी भावनाओं को विकसित करने का कार्य है ज़रूर ज़रूर करे और यह बात महसूस करके देखें।
प्रार्थना का मतलब यह नहीं कि मैं यह अर्पण करूँगा मेरा यह काम बन जाये यह सौदे बंज़ी है जो ग़लत है कुछ नहीं होता इस सौदेबाजी से।

हमारी प्रार्थना मतलब स्वयं का भला सोचना तथा दूसरे के कैसे भला हो सकता है, इस बात को जीना न कर पाने की स्थिति में अनजान शक्ति से  बिना किसी लागलपेट के मन खोल के वार्तालाप करना और समाधान माँगना।

जो मैंने प्रश्न का उत्तर नहीं दिया था वो है “चहु ओर “ प्रकाश समानता से चहु और देख रहा होता है, आप देख रहे होते तो लगता है आप को देख रहा है यह ख़ासियत है प्रकाश की।

तो कहने का मतलब है प्रार्थना कीजिए खूब कीजिए बस सौदेबाजी न करे वो सही रास्ता नहीं है।
तो मेरा कहना है प्रार्थना नित्य कीजिए उस परम शक्ति का रोज़ धन्यवाद कीजिए यही एक सुखद जीवन की ओर चलिए।

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फिज़िक्स वालाह

फिज़िक्स वालाह कौन है अलख पांडे इस पूरी सीरीज अलख पांडे के किरदार को दिखाया जाता है, जिनको देखकर यह प्रेरणा मिलती है की परिस्थितिया ओर चुनौतिया कितनी ही आए लेकिन अपने रास्ते से पीछे नहीं हटना , जिस तरह का स्वभाव इस सीरीज में दिखाया गया है, क्या उसी तरह का स्वभाव था उनका उस समय भी , बहुत ही उग्र ओर काफी नासमझ किरदार रहा है उनकी जिंदगी जिन्हे अपनी जिंदगी के बारे कुछ नहीं पता बस पढ़ाना अच्छा आता है बाकी किरदार में कुछ खास नही।

कुछ विशेष क्या है, अलख पांडे उर्फ फिज़िक्स वालाह में जो इस सीरीज में दिखाया जा रहा है। अभी तक मैंने इनके 4 एपिसोड देखे है जिनमे उनकी खुद्दारी दिखती है की वो बच्चों से ज्यादा पैसे नहीं लेंगे, ओर किसी दूसरे के साथ इसलिए नहीं जुड़ना की वो पैसे ज्यादा दे रहा है क्युकी फिज़िक्स वालाह बिकाऊ नहीं है, उन्होंने 75 लाख रुपये हर महीने के ऑफर को भी ठुकरा दिया क्युकी वह सिर्फ एक बिकाऊ टीचर नहीं बनना चाहते थे , वह कुछ बच्चों को पढ़ना भी चाहते है।

इस सीरीज में दिखाया है, की वह प्रेम करके पछता रहे है, एक मुस्लिम वर्ग की महिला ओर अलख हिन्दू परिवार से है परंतु अड़चने सानिया के परिवार से वह अपने परिवार में ये बात बता नहीं पाती ओर इन दोनों का रिश्ता उसी बीच में रुक जाता है यही से अलख पांडे की जिंदगी में मोड दिखाई देता है, वह कुछ दिनों के लिए घर छोड़ निकल पड़ते है खुद की तलाश में इन्ही सवालों में वे भी कूद जाते यही ओर जिंदगी ओर खुद की राह को समझने के लिए अकेले ही निकल जाते है , यहाँ उनका दिमाग कुछ ओर चीजों को सोचने में लग जाता है यही से उनके विचार खुलने लगते है , एक अंग्रेजी ग्रुप से मिलने के बाद

अलख पांडे उर्फ फिज़िक्स वालाह
अलख पांडे

सिर्फ पढ़ाने की भूख दिखती है , कुछ अपना करने की चाहत जो इनको आगे बढ़ने से कभी रोक नहीं पाएगी , किसी भी व्यक्ति को जब कुछ करने की चाहत होती है तो फिर कितनी ही अड़चने आए वो उनका सामना कर ही लेता है,

एक सीरीज आई है फिज़िक्स वाला के सफर की उन्होंने कैसे अपना सफर तय किया,

हम लीडर है हमे lead करना है भाग 5 में जब फिज़िक्स वालाह अपने लिए एक एप बनवाते है तब प्रतीक कहता है हम लीडर है हमे lead करना है, यही सोच इसी तरह के शब्द हमे पुश करते है हमारे जीवन में जो हमे स्टेप फॉरवर्ड ओर बड़े कदम उठाने के लिए साहस देते है।

भाग 6: जब आप किसी मुकाम को हासिल कर लेते हो ओर फिर लोग उसे तोड़ने के लिए हर मुकिम कोशिश करते है, और उन मुश्किलों के सामने डटकर खड़े हो जाते हो, हार नहीं मानते , आप टूटे जरूर हो लेकिन बिखर नहीं गए बस खुद आप इतना संभाल कर खड़े हो जाते हो , की आपको हटा नहीं सकता बस यही पूरी कोशिश रहती है इस पूरे भाग में इस समय दिमाग कुछ काम नहीं कर पाता की जब आप देखते हो , आप अपने काम पर ध्यान दे या फिर अपने दुश्मनों से लड़े बस यही दिमाग में चलता है इसीको भाग 6 में दिखाया किस तरह से अलख पांडे जूझते है उन सभी परेशानियों से जब उनके टीचर उनको छोड़ कर जाने लग जाते।

एक्स्ट्रा मेरिटल

आजकल तो क्या क्या नहीं हो सकता , जो हो सकता है वो शायद हम लोग सोच भी नही पाते कुछ लोग इतनी आगे निकल जाते है। अपनी सोच के साथ की पता नही चलता एक औरत का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर शुरू हुआ उसका एक बच्चा भी था, अब वो एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर था या नहीं ये भी नही पता किसी को लेकिन सभी देखकर यही बोलते थे, जब आप अपनी आँखों से नहीं देखते तब तक आपको किसी पर दोष लगाना सही नहीं है, किसी के चरित्र पर कीचड़ उछालना उचित नहीं क्युकी सच आपको ओर मुझे नहीं पता यह तो सिर्फ उसी व्यक्ति को पता होता है जो कर रहा होता है।

एक औरत जो हमारी घर के सामने वाले घर की बहु हर रोज 4:25 पर आती थी जब वह बस या ऑटो में आती थी, ऐसे ही लगातार आती रही उसी समय अपने समय से वो सिर्फ 5 पहले या देर में ही आती होगी कभी कभी लेकिन जब वह रैपिडो की मोटरसाइकिल बुक करने लग गई तो उस औरत के समय में धीरे धीरे बदलाव होना शुरू हो गया, ओर वो बदलाव अब उस स्त्री के ससुर को खलने लग गया, उनका ससुर अब नीचे ही आकार खड़ा होने लग गया, उसके आने के समय पर वो देखने लग गया की क्या बुक करके आती है बहू, ऑटो से आजाए ये बाइक पर क्यू आ रही है, क्या अच्छा लगता है ऐसे इसका आना यू ही वो नीचे खड़े होकर बड़बड़ाता था।

अब वह अपने समय से 20 मिनट देर से आने लगी, और जब वह अपने घर के सामने बाइक उतरती तो सभी आस पड़ोस के लोग उसे देखने लगे की यह बहु इस तरह से हर रोज बैठकर किसी बाइक वाले साथ आकर आती है। यही व्यक्ति हर रोज वही होने लगा तब उसके ससुर को शक होने लगा, की बहुरानी का कही चक्कर चल रहा है।

अब उसका ससुर हर रोज ऊपर से उस व्यक्ति को देखता की यह वही व्यक्ति जो कल भी आया था या कोई और अलग है व्यक्ति है , इस औरत के ससुर का शक धीरे धीरे बढ़ रहा था। अब वह ससुर नीच उतर कर इंतजार भी करने लगा की कौन है ये बंदा जो हर रोज उसकी बहु छोड़ने आता है।

अब उसकी बहु घर के बाहर नहीं उतरती घर से थोड़ी दूर पर ही उतर जाती है और वहां से पैदल चल कर घर तक आती है। ताकि किसी को बुरा भी नहीं लगे और पता भी नही चले साथ ही समाज भी देखकर आपत्ति न जताए, लेकिन यह किसी को नहीं पता था की उसका एक्स्ट्रा मेरिटल अफेर है या नहीं बस शक के दायरे थी, यह एक बिना वजह का शक था, जिसका किसी के पास कोई सबूत नहीं था ओर जब तक आँखों से देखा ना हो तब तक उस पर यकीन नहीं करना चाहिए।

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लिखता हूँ

लिखता हूँ लेकिन कभी कभी तो लिखने का मन नहीं होता ओर कभी कभी तो यह सोचने में समय निकल जाता है, की क्या लिखू किसके बारे में लिखू जब लिखने बैठता हूँ तो फिर कई बार तो मैं लिख भी नहीं पाता या दो चार लाइन लिख कर बस वही रुक जाता हूँ, उस लिखे हुए को बीच में अधूरा छोड़ फिर किसी ओर विषय पर लिखने बैठ जाता हूँ, एस बहुत बार होता है मेरे साथ जब मैं लैपटॉप पर लिखता हूँ इसलिए पेन ओर कॉपी उठाकर ही लिखता हूँ जिससे मुझे एक ही विषय पर लिखने का जोर रहे।

मन में अब कोई दर्द भी नहीं है जिसको लिखू, जिसको कुरेद कर लिख दू अपने शब्दों में, कोई जिले, शिकवा व शिकायत नहीं किसी से जो मैं दुखी होकर लिखू , सुन है दुख में इंसान ज्यादा लिख लेता है, खुश होता है तो उसके पास शब्द नहीं होते या शब्दों में अपनी भावनए व्यक्त नहीं कर पाता।

मेरे साथ भी कुछ इसी तरह का लगता है, मेरा जीवन एक सीधी रेखा की तरह सीधा ही है जिसमे कोई हलचल नहीं है, ना शोर शराबा है, बस चुप शांत लहर है भीतर गहरी शांति ओर सन्नटा है, ना बहुत सारी इच्छाए जितना है उसमे संतुष्ट हूँ, ओर जीवन में यही उम्मीद भी करता हूँ सब अच्छा ओर शांति से ही चलता रहे सब खुश रहे सदेव शांति बनी रहे।

लेकिन जब हृदय टूट हुआ होता है, छिन्न भिन्न होता है, कुछ गीले शिकवे, शिकायते बहुत होती है किसी से तो हमारे मस्तिष्क में विचारों जमावड़ा सा लग जाता है, भीतर क्रोध भी भर जाता है, बुद्धि खुद में ही बड़बड़ाने लगती है, विचार अपनी कहानिया बना लेते है, ओर बहुत सारे ऐसे विचारों को जोड़ लेते है जो पहले से थे नहीं उनको आमंत्रण दे देते है, वही समय होता है जब व्यक्ति बहुत अधिक लिखने लगता है।

उस समय सबकुछ शब्दों के माध्यम से बाहर आने लगता है, इसके विपरीत जब मन ओर मस्तिष्क, हृदय शांत होता है तब कोई राग द्वेष नहीं होता भीतर ना इच्छाए बहुत उच्चल मार रही होती तब विचार भी शांत मुद्रा में बैठ जाते है फिर वो भी बाहर नहीं आना चाहते विचार भी गहरी शांति का अनुभव लेना चाहते है, ओर शांत जीवन के साथ बस ज्यों के त्यो ही चलते है, फिर कुछ लिखना या नहीं लिखना बहुत जरूरी नहीं लगता, भीतर ही ठहराव बना रहे यह ज्यादा जरूरी सा लगता है।

लिखने का मन है तो कभी लिखना नहीं छोड़ना जो राग द्वेष के बुलबुले उठते है उनको शब्दों के द्वारा बाहर निकालते रहो, उन्हे लिखो ओर अपने शब्दों को जन जन तक पहुचाओ, जिसने सुधार हो , जीवन बेहतर हो ओर अच्छे रास्ते पर अग्रसर रहे, यही आशा करता हूँ

अवसर

जिंदगी भी चुनिंदा अवसरों का इंतजार कर रही है, क्या वो अवसर तुम हो

अवसर
अवसर

अवसर जिंदगी का वो तुम ही हो इसे यू ही तुम मत जाने दो।

सबकी अपनी रुचि

सबकी अपनी रुचि होती है अलग अलग विषयों में और अलग अलग तरह से परंतु यह जरुरी नहीं है, कि हम सभी को जीवन में हमारी रूचि के अनुसार ही कार्य मिले और जिस विषय में हमारी रुचि है, उसमें हमे सफलता मिले इसलिए हम जो भी कार्य करते है, उसे ओर उत्साह से करे यही एक बेहतर विकल्प है।

बहुत सारे छात्रों की रूचि गणित में होती है, परंतु उससे ज्यादा छात्रों को गणित समझ में ही नहीं आती और कुछ छात्र गणित में रूचि तो रखते है, परंतु उसमे सफल नहीं हो पाते। बहुत सारे छात्र यह निर्णय लेते है 10वीं कक्षा के बाद #Science के विषय लेंगे परंतु उतने अंक ही नहीं प्राप्त कर पाते की वो विज्ञानं ले पाए या फिर उन्हें ये लगने लगता कि क्या आगे वो कर पाएंगे या नहीं ? क्योंकि जरुरी नहीं है आपको विज्ञानं के सभी विषय पसंद हो।

उसमे #physics #chemistry #biology होती है जरुरी नहीं है आपको यह तीनों विषय पसंद हो समय के साथ साथ आपको अपनी रुचियों के बारे में पता लगता है फिर आप उसी और अग्रसर होते है क्योंकि जरुरी नहीं है जिसमे आपकी रुचि आज है उसीमे आपकी रुचि कल भी हो।

हमारे जीवन में हर पड़ाव पर बहुत सारे ऐसे कार्य सामने आते है  जो हमे अपनी रूचि के अनुसार नहीं मिलते लेकिन हमें वो सभी कार्यो को करना हमारे जीवन की आवश्यकता में आ जाते है चाहे हम उस कार्य को करना चाहते है अथवा नहीं परंतु कार्य तो करना ही होता है क्यों ना  हम उन सभी कार्यो को उत्साह पूर्वक  करे।

जिस तरह से हम पुस्तक पढ़ते है अथवा जो बिषय हमारी पसंद का नहीं है फिर भी हमे उस विषय को भी पढ़ना पड़ता है क्योंकि हमें परीक्षा में सफल होना होता है, हम में से ज्यादातर छात्रों को #सामाजिक विज्ञान पढ़ने में अरुचि होती है लेकिन हमें परीक्षा में सफल होने के लिए वो विषय पढ़ना अनिवार्य होता है जबकि सामाजिक विज्ञान ही सबसे महत्वपूर्ण विषय निकल कर बाहर आता है जब आप IAS,IS आदि की परीक्षाओ की तैयारी करते है तो सबसे ज्यादा आपको सामाजिक अध्यन आदि के विषयों में ही सबसे अधिक जानकारी लेनी होती है चाहे वो विषय हमे पसंद था या नहीं परंतु जानकारी लेने के लिए उस विषय में हमे रूचि बनानी पढ़ी तथा उत्साह से के साथ पढ़ना भी पढ़ा।

इसलिए सफल व्यक्तित्व के लिए हमे सभी कार्यो को उत्साह के साथ करना चाहिए किसी भी कार्य को करते समय हमको बोरियत ना महसूस हो पूर्ण ध्यान और समग्र एकाग्रता के साथ हमे अपने कार्य को लगातार करना चाहिए तथा उस कार्य में जब तक सफलता ना प्राप्त करले तब तक हमे उस कार्य को  करना चाहिए क्योंकि वही कार्य आपको आपकी #मंजिल की और ले जाने में सहायक है।

फिर हमें परीक्षा हेतु के लिए पढ़ने होते है ताकि हम परीक्षा में सफल हो सके यदि हम वही विषय उत्साह से पढ़े तो हम सफल तो होंगे ही अपितु उस विषय में अच्छे अंक भी प्राप्त कर पाएंगे।

या फिर एक ही काम को बार बार करते हुए हम बोर हो जाते है परंतु वो कार्य करना हमारी मज़बूरी होता है यदि हम वही कार्य रूचि के साथ करे तो हम उस कार्य को अच्छे ढंगसे तथा अच्छे परिणाम की स्तिथि तक करते है क्युकी सबकी अपनी रुचि होती है अलग अलग विषयों में इसलिए हमे हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

समय की बचत

समय की बचत की जाए, समय की हानी ना हो, अपने समय को सही जगह लगाए, यू ही समय को ना गवाये, बिना मतलब के कार्यों में अपने समय को बर्बाद नहीं करे।

समय की बचत
समय की बचत
  1. समय बहुत कीमती है, इसलिए समय को व्यर्थ नहीं करना चाहिए
  2.  जो कार्य जरूरी नहीं उन कार्यों को छोड़ दे ओर अपने जरूरी कार्यों पर ध्यान दे उन कार्यों को जल्द से जल्द करे उन कार्यों को ताले नहीं।
  3. समय अपनी जगह बना लेता है निकलने के लिए इसलिए हर उस जगह को ध्यान से देखे जहां से समय निकल रहा है।
  4. अपनी दिनचर्या को ध्यान से देखे ताकि आप अपने समय की हानी होने से रोक सके।
  5. सोशल मीडिया हमारा बहुत समय लेता है आजकल इसलिए अपने समय को देखे की आप व्यर्थ की चीजों पर तो समय को बर्बाद तो नहीं कर रहे है ना।
  6. हम उन छोटी छोटी चीजों पर ध्यान नहीं देते जो हमारे समय को खराब करवाती है इसलिए अपने समय को उस जगह न लगाए जहां समय ज्यादा अधिक लगता है ओर उत्पादन कम होता है।
  7. बेफिजूल की चर्चा ओर बातों में अपने समय को ना लगाए।
  8. यदि आपके लिए कोई वस्तु जरूरी नहीं है तो उस पर अपना ध्यान नहीं लगाए।
  9. हमे सुबह जल्दी उठना चाहिए ताकि हम समय का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग कर सके, ओर उन जरूरी कामों को सुबह से ही खत्म करले जिससे की हमारे काम का बोझ पूरे दिन ना रहे।
  10. गुस्सा ना करे नहीं तो पूरे दिन आप उनही चीजों के बारे में सोचते रहेंगे ओर आप अपने काम पर ध्यान नहीं लगा पाएंगे।

समय की बचत पर कुछ बातें जो ध्यान रखनी चाहिए जिससे हम समय को बचा सके ओर सही दिशा में समय को लगा सके।

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