इस दिल में अरमान बहुत है,
ये दिल की बातें कैसे बताऊं?
कैसे समझाऊं इसे तुम्हें?
ये दिल जो चाहता है सिर्फ तुमको,
ये दिल जो तड़प रहा है बिना तुम्हारे,
इसे कैसे समझाऊं अपने अरमानों को?
एक कविता के रूप में सुनाऊं इसे,
जो इस दिल की धड़कनों में बसी है,
प्यार की भाषा में लिखूं इसे,
ताकि तुम इसे समझ सको बिना बातों के।
ये दिल जो तुम्हें चाहता है बेपनाह,
ये दिल जो तुम्हारी आशा में जी रहा है,
इसे कैसे व्यक्त करूं बिना शब्दों के,
इसकी गहराई को कैसे समझाऊं तुम्हें?
यही सोचते-सोचते एक कविता लिख रहा हूँ,
जिसमें इस दिल की बातें छिपी हैं,
कागज़ पर शब्दों को सजाता हूँ,
ताकि तुम इसे पढ़कर समझ सको इसे अपनी ज़रूरतों के।
ये दिल की अरज़ू है जो बहुत सी,
ये दिल की ख्वाहिश है जो अनमनी,
इसे कैसे बताऊं इस दिल को,
हर लम्हे में तुम्हारी यादें हैं बिखरी।
ये कविता बस इतना कहना चाहती है,
इस दिल में अरमान बहुत है,
इस दिल की बातें समझो तुम,
क्योंकि ये दिल तुम्हें ही चाहता है गमगीन।
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