तुम ये जो- इश्क भर की- बातों में
तुम ये जो
मिश्री के जैसे घुल जाओ
कही तुम गुम न हो जाओ
कही तुम न खो जाओ
बस जो तुम हो
वही होने को हो जाओ
खुद को संभालो
बस संभालो
खुद को
खुद को
कही तुम खुद से दूर ना जाओ
कही तुम गुम ना जाओ
कही तुम ना खो जाओ
इस जिंदगी को संभालो
कही जिंदगी को भी ना खो डालो
खुद से इतना इश्क तुम कर डालो
हर एक गम जिंदगी का तुम भुलादों
तुम ये जो इश्क भर की बातों में
इश्क भर जिंदगी हो जाओ
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