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वो नहीं है बराबर

अंगुलियाँ बताती की वो नहीं है बराबर
हर उँगली का अपना जादू और हुनर ।
देती उँगलियाँ परस्पर एक दूसरे का साथ…
हथेली संग मिलकर कहलाती वो हाथ ।

अंगुलियाँ से हाथ की सुंदरता….
प्यार करे सहलाये मारे बचाये ,थप्पड़ या मुक्का सब इनकी क्षमता ।
इसी प्रकार जीवन में कोई छोटा कोई बड़ा ….
परस्पर सहयोग से कार्य करे नहीं होगा झगड़ा ।

अंगुलियाँ बताती की वो नहीं है बराबर
हर उंगली का अपना जादू और हुनर।
देती उंगलियाँ परस्पर एक दूसरे का साथ,
हथेली संग मिलकर कहलाती वो हाथ।

बड़ी उंगली सभी को राह दिखा जाती,
मध्यम उंगली संगठन को बनाती।
अनामिका सृजनशीलता में निपुण,
कनिष्ठिका योग्यता से भरपूर है यह दुनिया किसी की नहीं।

अंगुलियों की संगठनशीलता,
अद्वितीयता का प्रतीक बनती है।
एक दूसरे को समर्थन देती,
संयोग का प्रभाव जगाती है।

हर उंगली में छिपी है अनगिनत शक्ति,
प्रतिभा, कौशल और संवेदनशीलता की लिप्त।
जब वे मिल जाती हैं, एकजुट होकर,
दुनिया को छूने का अवसर मिलता है सबको।

अंगुलियों की मिलनसार ताकत,
साकार और असाकार के बीच जो बांध लेती।
वे बनाती हैं हाथ को समृद्ध,
सफलता की ओर अग्रिम बढ़ाने की कल्पना खुद ही कर लेती।

अंगुलियाँ हैं बराबर नहीं होती,
पर अपने महत्व में सभी को झोंकती।
हर उंगली अपना जादू प्रगटाती,
हुनर की चमक दुनिया को दिखाती।

जीवन आप रहे

जो जीवन आप रहे जी वो लाखों लोगो का सपना…..
अपनी ख़ुशियाँ बनाये रखे, बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना ।
बहुत सी ख्वाहिशें अभी होनी है पूरी….
ख़्वाहिशों अनगिनत रह जाती अधूरी ।

लाखों लोगो का सपना हमारा जैसा जीवन…..
जो मिला है रहे इसमें खुश ,स्वस्थ रहे तन मन ।
दिल न दुखे मेरे किसी कृत्य से किसी का…..
यह कमाए कर्म ही हमारे मित्र और सखा।

जो जीवन आप रहे जी वो लाखों लोगों का सपना…
अपनी ख़ुशियाँ बनाये रखे, बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना।

बहुत सी ख्वाहिशें अभी होनी हैं पूरी…
ख़्वाहिशों अनगिनत रह जाती अधूरी।

जीवन की दौड़ में हम भटकते रहते हैं,
ख्वाहिशों की लहरों में उलझते रहते हैं।

हर एक सपना हमारा बनना चाहता है,
पर समय और परिस्थितियों की बाधाएं आतीं हैं।

मगर हम निरंतर चलते रहते हैं,
ख्वाहिशों के साथ अपना जीवन बिताते हैं।

हर एक सपना हमारा एक उम्मीद है,
जो हमें जीने का मार्ग दिखाती है।

बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना,
अपनी ख़ुशियाँ बनाए रखें, यही है अपना कामना।

ख्वाहिशों की सीमाएं अधूरी न रहें,
हमेशा आगे बढ़ते रहें, ख्वाहिशों को पूरा करते रहें।

जीवन का सफर है यह अनंत और अद्वितीय,
ख्वाहिशों के संग बिताएं यह अद्वितीय समय।

सपनों की दुनिया में हम बस रहें,
ख्वाहिशों की परछाईयों में खो रहें।

हमारे दिल के सपने हमेशा जीवित रहें,
ख्वाहिशों के संग चलते रहें, पूरी करते रहें।

दरिया और झरने

दरिया और झरने का हुआ संवाद….
दरिया बोला जानते हो सुमंद्र का स्वाद ।
झरना बोला सुमंद्र विशाल पानी खारा ….
दिखता नहीं किनारा जल की अथा धारा।
दरिया बोला झरने बनोगे तुम समुंद्र…
झरना बोला छोटा हूँ मेरा पानी मीठा
नहीं होना खारा रुद्र और रहूँ सदा क्रुद्ध ।

दरिया और झरने के बीच हुआ एक संवाद,
बोला दरिया, “जानते हो सुमंद्र का स्वाद।”
झरना बोला, “सुमंद्र विशाल पानी खारा,
दिखता नहीं किनारा, जल की अथा धारा।”

फिर दरिया ने कहा, “झरने बनोगे तुम समुंद्र,
महासागर की तरह बहोगे नदियों की वंदर।”
झरना बोला, “मैं छोटा हूँ, मेरा पानी मीठा,
झरने के रूप में जनता हूँ अपनी महिमा।”

समय बिता, दिन बिता, संवाद रहा चलता,
दरिया और झरना, एक-दूजे से बहुत प्यार करता।
दरिया बड़ा, विशाल होता गया,
झरना छोटा, मधुर होता बना रहा।

फिर एक दिन आया, बादलों का तांडव,
बरसने लगी जल धाराएं ऊँची-ऊँची आवाज़।
दरिया और झरना, एक-दूजे को देखा,
हंस पड़े दोनों, आपस में बोले एक साथ।

दरिया बोला, “झरना, तू बहुत मीठा है,
तेरी धाराएं जैसे अमृत की वंदना है।”
झरना बोला, “दरिया, तू नदी का राजा है,
तेरी महिमा को देखकर हर कोई चाहे ताजा है।”

दरिया और झरना, एक-दूजे को गले लगाएं,
प्यार और सम्मान से एक-दूजे को भर जाएं।
वे हमेशा आपस में मिलकर बहते रहें,
सुंदरता और एकता की दुनिया बनाएं।

जिसने दुख दिया

जिसने दुख दिया उसे दे क्षमा का दान ….
अगली बार न कर सके रखे ध्यान ।
क्षमा दान नम्र व्यवहार का निर्माणदाता…
जो सब जीवनों का बनेगा सुखदाता ।

भूल चूक ग़लतियाँ कभी किसी से भी होती रहती…..
क्षमा ही चिकित्सा होवे इस सच्चाई की अनुभूति ।
जिसने दिया दुख उसे दे क्षमादान….
यह व्यवहार होवे हमारी पहचान।

जिसने दुख दिया उसे दे क्षमा का दान,
अगली बार न कर सके रखे ध्यान।

क्षमा दान नम्र व्यवहार का निर्माणदाता,
जो सब जीवनों का बनेगा सुखदाता।

दृढ़ संकल्प से करें इसकी प्रार्थना,
बढ़ाएं प्रेम का गहरा अभिमान।

अहंकार को त्यागें, दया का पाठ पढ़ें,
सबको समझें, सम्मान से व्यवहार करें।

स्वीकारें जीवन की अनिश्चितता को,
बढ़ाएं सबका अपार सम्मान।

बिना शर्तों के दें दया का वरदान,
हर कार्य में भरें प्रेम का अभियान।

बिना इच्छा के हों सेवा में लगे,
जीवन को सुखी और शांति से भरे।

हर अवसर पर रखें खुशहाली की दृष्टि,
हस्ती हुई अन्याय को उजागर करें।

क्षमा का दान अपनाएं व्यापार में,
विश्वासपूर्वक चलें सबसे साथ।

सभी को आदर और प्रेम से देखें,
जीवन को बनाएं आनंदमय और साथ।

जिसने दुख दिया उसे दे क्षमा का दान,
अगली बार न कर सके रखे ध्यान।

क्षमा दान नम्र व्यवहार का निर्माणदाता,
जो सब जीवनों का बनेगा सुखदाता।

बचपन के खिलौने

बचपन के खिलौने
लट्टू कंचे फोटो रंग चिट ….
पढ़ते नंदन चंदामामा की
कॉमिक्स ,रहते थे हम फिट।

बचपन की यादे मीठी मीठी….
नींबू शिकंजी भी लगती थी अनूठी।
पड़ोसियों से माँग कर बर्फ….
इंजॉय ही इंजॉय थी सब तरफ़।

बचपन के खिलौने, अनमोल और खूबसूरत,
लट्टू, कंचे, फोटो, रंग, चिट-चिट छोटे-मोटे।
दिनभर खेलते थे हम उनसे,
खुशियों के रंग में रंगे जीवन के आखिरी पल तक।

नंदन चंदामामा की कहानियों का सफर,
हर रात नए चमत्कार से सजा आसमान।
उड़ जाते थे हम उस अंधेरे गगन में,
चंद्रमा की दुनिया में छुपी थी हर खुशियों की पहचान।

कॉमिक्स के पन्नों का जादू,
पल-पल बदलती थी दुनिया की भाषा।
शीर्षकों में खो जाते थे हम विश्वास की गाथा,
अपनी दुनिया में बसे थे हम जीवन की अपार साथा।

बचपन की यादों का जादू बना,
हमारे दिलों में बसी थी विनोद की धुन।
खेल-खिलौने, कविताएं और कहानियों का संगम,
हमारा बचपन था सच्ची खुशियों का ध्यान।

प्यारे खिलौनों की यादें आज भी ताजगी से भरी हैं,
बचपन की मस्ती और खुशियों की वह फुहारी हैं।
जीवन की इस रेलगाड़ी में, जब भी बहुत हो जाए थकी,
एक नजर डालते हैं हम बचपन के खिलौनों की दुकान पे।

बचपन के खिलौने, वो सुंदर और मधुर यादें,
हमारे दिल की आस्था और ख्वाहिशों की पहचान।
बस एक खिलौना नहीं, वो हमारी पूरी दुनिया थी,
जो हमेशा रहेगी हमारी जीवन की मधुर कहानी।

विचारों का पिटारा

अच्छे विचारों का पिटारा
हो मस्तिष्क तुम्हारा…..
फिर हार में या जीत में
सदा खुला रहेगा यह द्वारा ।

अच्छा व्यक्तित्व व्यापार की पूजी के समान मज़बूत सहारा ….
सब अच्छा ,जब अच्छे विचारो का पिटारा
हो मस्तिष्क तुम्हारा ।

अच्छे विचारो का पिटारा,
हो मस्तिष्क तुम्हारा।
फिर हार में या जीत में,
सदा खुला रहेगा यह द्वारा।

जब भी दुख सताए आपको,
और जीवन थकाए आपको।
तो खोल लें इस पिटारे को,
विचारों का अमृत पाएं आपको।

यहाँ निवेदन करें आपको,
अपार ज्ञान प्राप्त हो आपको।
ज्ञान की कठपुतली बनें आप,
और दुर्बलता को हराएं आप।

चाहे जीत हो या हार हो,
चाहे अंधकार हो या प्यार हो।
यह विचारों का पिटारा,
सदैव चमके यहाँ तुम्हारा।


गम का साया

ना गम है , ना गम का साया है जिंदगी इसलिए किसी गम को गले ना लगाना और खुद को ना यू गम के साये में खो जाने दो , यह है जिंदगी ।

ना गम है, ना गम का साया है,
जीवन का रंगीन उपहार है।
इसलिए किसी गम को गले ना लगाना,
खुद को ना यू गम के साये में खो जाना।

जीवन की यात्रा में रहो उदासीन,
चिंताओं को तुम पर नहीं जीने देना।
हंसते रहो और हंसी बाँटो,
यही है जीने का बहुत ही आसान तरीका।

जब आए गमों की बारिश तुम्हारे जीवन में,
ध्यान दो उन्हें और भूल जाओ फिर।
आगे बढ़ो और नयी उचाईयों को छूओ,
खुशियों की सर्वदा बनी रहो नगीना।

जीवन की राहों में चलो संगीत बजाते,
आपस में प्यार और समझदारी बांटे।
बीते पलों को याद करके हंसो,
यही है जीने का सबसे अच्छा तरीका।

ना गम है, ना गम का साया है,
जीवन का रंगीन उपहार है।
इसलिए किसी गम को गले ना लगाना,
खुद को ना यू गम के साये में खो जाना।

गम का साया

उन्ही से सीखा है

प्यार से बात करना और मुस्कुराना तो उन्ही से सीखा है वरना हमे कहाँ कभी प्यार और मुस्कुराना यह आया

प्यार की बातें, मुस्कान की हंसी,
वो जीवन के रंग जो हैं सदैव स्वास्थ्य।
कोई अनजान, बन गया हमारा यार,
उन्ही से सीखा है प्यार का सच्चा आदर।

जब रूठ जाती थी ज़िंदगी के रंग,
वो ही आते थे हमारे दिल के संग।
हंसते रहते थे हम उनके साथ,
प्यार की बातों में खो जाते थे रात।

सपनों की दुनिया में सफर कराते थे,
वो ही थे जो हमारी दिल की आरती उठाते थे।
जिस्म को छूने से पहले दिल को छू जाते थे,
वो ही थे जो हमारे दिल को बहुत समझाते थे।

प्यार की बातें, मुस्कान की हंसी,
वो जीवन के रंग जो हैं सदैव स्वास्थ्य।
उनके बिना यह ज़िंदगी कैसी होती,
प्यार और मुस्कान से जीने की ख़्वाहिश रोती।

वो हमेशा रहेंगे हमारे दिलों में,
प्यार और मुस्कान से भरे हमारे सपनों में।
जब भी याद आएंगे हम उनकी मुस्कान,
दिल में उठेगा प्यार का यही गान।

उन्ही से सीखा है
उनही से सीखा है

छोटी शंका

छोटी सोच
ख़ुशियों को लेती वो नोच ।
शंका छोटी सोच का सपुत्र…
दोनों परस्पर बंधे एक सूत्र ।

स्वयं का करे आत्मनिरीक्षण ….
बड़ी सोच से करे सब परीक्षण
क्षण क्षण जीवन हो रहा पूरा….
देखा सपना न रह जाये अधूरा ।

छोटी शंका है अघोर,
ख़ुशियों का रोग जिसे था अभिमान।
इस सोच में उमड़ आती है शंका,
जो विचारों को बाँध देती है अभिमान की जंजीरों में।

जगत की सीमाओं से ज्यादा छोटी है,
इस सोच के आगे सब बेसर हैं।
ख़ुशियों के परिंदे उड़ जाते हैं,
जब इस सोच का सपुत्र नोच लेता है उन्हें।

प्रगति का पथ छोटी सोच से ढका होता है,
आगे बढ़ने की भीड़ को इससे बचना होता है।
हर व्यक्ति अनन्त संभावनाओं से युक्त है,
लेकिन छोटी सोच उसे हकीकत से दूर ले जाती है।

दोनों परस्पर जुड़े हैं एक सूत्र से,
बढ़ते जाते हैं वे साथ समय के साथ।
ख़ुशियों का रास्ता खोलने की कुंजी,
है महान सोच में, नहीं छोटी सोच की राजी।


संकट एक मुश्किल

संकट एक मुश्किल परेशानी….
सब जाएगा कट मन को है समझानी ।
संकट बने शक्ति नहीं उससे घबराना….
घटनाओं को कैसे लेते यह चाहिए आना ।

लोग बहुत बहुत मुश्किल जीवन जी रहे…
आस नहीं खोते साहस का शरबत पी रहे।
समय अच्छा हो या बुरा नहीं रहता सदा..
जीवन की यही सादगी यही उसकी अदा।

संकट एक मुश्किल परेशानी,
सब जाएगा कट मन को है समझानी।
संकट बने शक्ति नहीं उससे घबराना,
घटनाओं को कैसे लेते यह चाहिए आना।

जब आवेश में हो तुम, चिंता भरी हो दुनिया,
ज़रा सोचो अपने अंदर की शक्ति और ज्ञान की भूमि को।
संकट तो सिर्फ एक पथिक है, जो आता जाता रहेगा,
तुम्हारा मन है वो दिव्य आधार, जो तुम्हें सदा बचाएगा।

इंसान का जीवन चरागों का सफर है,
प्रतिदिन आते हैं नये संकट, नयी मुश्किलें पास।
पर धैर्य रख, मजबूत बन अपना मन,
जब भी आए संकट की घड़ी, खड़ा रहे हमेशा अपनी ज़मीन पर।

चिंता न लो, घबराहट न करो, जीवन की गति बनाओ स्थिर,
संकट बने तुम्हारी शक्ति, उस पर विजय प्राप्त करो वहीर।
घटनाओं को जैसे लेते हो, उसमें अग्रसर बनो आप,
करो विचार और कार्य, बन जाओ अविचलित और अद्वितीय स्वभाव के स्वामी।

संकट एक परीक्षा है, जो तुम्हें मजबूती से विश्राम कराती है,
नया अवसर, नया सफलता का मार्ग खोलती है।
अपने आप को विश्वास दो, अपनी क्षमताओं को जानो,
संकट बन जाए तुम्हारी शक्ति, जो तुम्हें उच्चताओं की ओर ले जाएगी।