Posts tagged pariksha

जीवन का आधार

पढ़ाई जीवन का आधार है
क्या यह कथन सही हे ?
किसी को सही से सुनना
भी क्या पढ़ाई हे?

क्या सही व्यवहार में पढ़ाई
का योगदान हे ?
क्या अच्छी नौकरी ओर धन
कमाना ही पढ़ाई हे ?

क्या पढ़ाई मस्तिष्क की
खुराक की हृदय का
भी इसमें कुछ योग हे ?
क्या पढ़ाई एक व्यवस्था

एक विशेष क़ार्य में आगे
बढ़ने की कसौटी ॥

पढ़ाई जीवन का आधार है ,
जो नहीं करता उसे है डर है।

ज्ञान की धरा से जब बहता है,
तब समझ में आता है जीवन का सत्य है।

जीवन की इस यात्रा में,
ज्ञान ही है सफलता का मंत्र है।

पुस्तकों का समुद्र है ये जगत,
जिसमें डूबकर ज्ञान करो जगमगाता है अपना मतलब है।

ज्ञान की इस धरती पर हर व्यक्ति,
अपनी अलग पहचान बना सकता है।

पढ़ाई से सीखो नए नए ज्ञान को,
जीवन के हर पहलू में उसे लागू करो।

इससे नहीं मिलती सिर्फ सफलता,
बल्कि आत्मविश्वास भी मिलता है जीवन का अर्थ होता है पढ़ाई का।

जब तक हम पढ़ाई नहीं करते हैं,
हम अपने जीवन को समझने में असमर्थ होते हैं।

पढ़ाई करने से हम सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं,
और अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।

पढ़ाई जीवन का आधार है,
जो नहीं करता उसे है डर है।

यह भी पढे: छात्रों के लिए, शिक्षा ही जीवन, पढ़ाई क्यों जरूरी है, परीक्षा,

परीक्षा

परीक्षा

हम सबका ऐसा सोचना है कि परीक्षा के बल विद्यालय जीवन में ही होती है। परंतु विद्यार्थी चाहे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करता हो या फिर किसी विश्वविद्यालय में परीक्षा उसका एक अभिन्न अंग होता है। पूरे साल में किसी विद्यार्थी ने क्या किया क्या नहीं किया क्या कितना उसे समझ आया इन सब का आकलन करना ही परीक्षा का मुख्य उद्देश्य होता है। सच पूछिए तो केवल पूरे साल की विद्यार्थी के ज्ञान को आप इनको ही परीक्षा के रूप में रखा जाता है,
यह विद्यार्थी के ज्ञान का आकलन का एक तरीका मात्र है।       

परंतु आज के समय में विद्यार्थियों के मन में परीक्षा का एक ऐसा डर बैठा हुआ है, कि उस डर की वजह से न जाने कितने ही विद्यार्थी मानसिक तौर से बीमार हो रहे हैं।
आज के समय में मानसिक बीमारियों की बहुत बड़ी बाजार परीक्षा का डर भी है। 

परीक्षा में अपने आप में कोई डर होने का मतलब नहीं है परंतु हम जब प्रतिस्पर्धा पर आते हैं विद्यार्थी पर जबरदस्ती का प्रभाव डालते हैं, और किसी दूसरे की तरह होने की चाह उस विद्यार्थी को मानसिक व्याधियों से ग्रस्त कर देती है। हर विद्यार्थी की अपनी एक क्षमता होती है और उसी क्षमता की पहचान के लिए ही परीक्षा निर्धारण किया गया है।  हर बार परीक्षा का अर्थ केवल इतना है कि विद्यार्थी अपनी क्षमता को जाने और अपने आप से प्रतिस्पर्धा करें और अगली बार अपनी पिछली क्षमता से अच्छा प्रदर्शन करें और वह अपनी कमियों को जान सके अपनी गलतियों को सुधार सकें। पिछली परीक्षा में की गई अपनी गलतियों को सुधारने के लिए परीक्षा के परिणाम दिए जाते हैं।

परंतु किसी भी विद्यार्थी परीक्षा में आए उसके अंको के माध्यम से ही जांचा नहीं जा सकता हर एक विद्यार्थी या हर एक बालक किसी न किसी एक विषय में अच्छा होता है। या फिर  ऐसा कहा जाए कि हर कोई विद्यार्थी हर एक विषय में अच्छा नहीं होता हर किसी की अपनी पसंद वह अपनी इच्छाएं होती है जिस विषय में विद्यार्थी की इच्छा अच्छी है इच्छा शक्ति रखती है उस विषय को वह जल्दी और आसानी से सीख सकता है।

  परीक्षा केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं परंतु यह तो प्रत्येक मनुष्य के लिए जीवन के हर मोड़ पर देखने को मिलती है। समय-समय पर मनुष्य को परीक्षा की घड़ी का सामना करना पड़ता है। और उनसे निकलने के लिए मनुष्य को नए-नए तरीकों से कोशिश करनी पड़ती है यह पूरा जीवन कई पड़ाव पर परीक्षाएं लाता है।

Written by Pritam Mundotiya

परीक्षा

परीक्षा से पहले डर और परीक्षा के बाद सफलता के बीच एक कड़ी होती है, जिसका नाम है रिवीजन:, यह उस चिड़िया का नाम है जो आपकी कमजोरी को कम और मजबूती को और मजबूत करती है. लेकिन आप जानते हुए भी रिवीजन नहीं कर पाते हैं.

1⃣. सबसे पहले और सबसे अहम- अपना सिलेबस को ध्यान में रखें. कहने का मतलब है कि अगर आपको सिलेबस का पता नहीं तो पढ़ाई कैसे करेंगे?

2⃣. खुद को सुनियोजित करें खुद की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक टाइम टेबुल बनाएँ. चाहे आपकी परीक्षा 2 माह या 1 माह हो चाहे जितना समय हो खुद को सुनियोजित करके ही कर सकते हैं. इसलिए एक टाइम टेबुल बनाएँ और उसका अनुसरण करें.

3⃣. जितनी उपर कही गई है उन बातों को ध्यान दें. बहुत से लोग छोटी मोटी गलतियाँ कर बैठते हैं. उदाहरण के लिए एक दिन किसी कारणवश यदि नियमित अध्ययन से आप चूक गए तो यह आप कभी मत सोचिए कि आज का दिन बेकार चला गया, अब मैं कल पढ़ुंगा. कड़वा लेकिन सत्य है कल कभी नहीं आता.

परीक्षा से पहले रिवीसन जरूर करे
सफलता की कुंजी

4⃣. यह याद रखें कि परीक्षा के 10 मिनट पहले किसी प्रकरण पर चर्चा न करें.

5⃣. अब आप सही रूप मेे रिवीजन कर रहे हैं, तो पिछले वर्ष का पेपर हल करें, ऐसा इसलिए कि ताकि परीक्षा का पैटर्न आपको मालूम हो जाएगा.

6⃣. परीक्षा में दूसरों की सहायता न करें, न दूसरों से सहायता लेने की कोशिश करें.

7. अपने साथ जरूरत का पूरा समान लेकर जाए ताकि आप अपने समान पेन , रबर और इत्यादि की चीज़ों को मांगने मैं व्यर्थ न करे