खड़ा हू अब भी तेरे इंतज़ार में
जिस जगह तुम मुझे छोड़ कर गए थे
करता हू घंटो इंतज़ार बस तुम्हारा
जिस जगह तुम मुझे छोड़ गए थे
मै अपनी मंजिल का रास्ता भूल गया हू
सिर्फ तुम्हारा रास्ता अब याद है मुझे
कहीं तुमने अपना रास्ता तो नहीं बदल दिया
सिर्फ मेरे होने से वहां
मै इंतज़ार में तुम्हारे नजर जमाए बैठा हू
सिर्फ तेरे लिए की तू आएगी यहां
मेरी निगाहें टकटकी लगाए
सिर्फ तुम्हारा इंतज़ार करती है
बिन पलक झपकाए बस तुम्हे देखने के लिए
मेरी सांसे आहे भरती है।
कब तुम आओगे और कब , कब मै तुम्हे देख पाऊंगा
सब कुछ भूल जाता हूं तुझे देखने के लिए
मै तेरे समय पर आ जाता हूं,
लेकिन सिर्फ इंतज़ार ही करता हुआ नजर आता हुआ।
ना जानें कहां तुम चली जाती हो
खो जाती हो मेरी आंखो से औझल सी नजर आती हो।
क्या तुम मुझे देखकर अपना मुंह मोड़ चली जाती हो
क्या रास्ता बदल कही और से निकल जाती हो ?
मेरी निगाहों से कैसे बचकर तुम निकल जाती हो
टूट गया हू मै क्या तुम इतना नहीं समझ पाती हो ??