अब महिला हाट में संडे बुक बाजार लगने लगा है जिसका कोई भी समर्थन नहीं कर रहा था लेकिन कुछ लोगों की साजिश ओर कुछ लोगों की मजबूरई जो यह सब करना पड़ रहा है, किताब का छोटा शहर वीरान करने की एक साजिश चल रही है जो पूरी तरह से कामयाब होती दिख रही है। लगता है MCD अपने गलत बयान और पुलिस की सहायता से दरियागंज संडे बुक बाजार के लोगो को वहाँ से हटा देगी। पिछले 3 दिन से लगातार में अखबारों मैं पढ़ रहा हूं कि “संडे बुक बाजार के लोगो को मिला नया ठिकाना” अब मेरा प्रश्न यह है कि कितने लोग राज़ी हुए जरा हमे ये तो बताना
क्या आप जबरदस्ती अपना कुशासन चलाना चाहते हो ?
ये हमे बताना
हम तो वहाँ नही बैठना चाहते फिर काहे तुम चाहते हो जबरदस्ती हमे वहाँ बैठाना ? जरा हमको यह आप समझाना15rs लगते थे अब उसके 200rs आप ले लोगे हमसे
2 घंटे किताबों को लगाने में लगेंगे और 2 घंटे किताबों हटाने में लगेंगे।
एक समय पर 276 लोग जब हर हफ्ते वहाँ जाएंगे तो चक्का जाम हो जाएगा घण्टो का समय तो हमारा यू ही बर्बाद हो जाएगा। क्या तब ट्रैफिक जाम नजर नही आएगा ?क्या रिक्सा , ठेला पूरा महिला हाट में घूम पायेगा ?
कुछ किताबे लगाने से क्या वो अच्छा काम कर पायेगा ?जितने का माल बिकेगा उतना तो मेरा खर्चा हो जाएगा फिर घर पर क्या ठेंगा लाएगा।संडे बुक बाजार का नाम महिला हाट के नाम के नीचे दब जाएगा।मेरा तो अस्तित्व ही खो जाएगाहमारी मदद के लिए क्या कोई आगे आएगा ?
क्या आप हमारा साथ दोगे ?इस संडे को हमारे साथ आकर
आप सभी से एक बिनती है की इस “संडे बुक बाजार” दिल्ली गेट मेट्रो गेट नंबर 3 पर आप सभी हमारे मिलकर जुड़े और हमारा साथ दे संडे बुक बाजार को बचाने के लिए, क्युकी हम महिला हाट का बहिष्कार करते है।