खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट ।
ग़र वर्तमान में प्रसन्न…..
यही सच्चा कमाया धन ।
फिर जीवन को नहीं रहे तुम काट…..
चाहे न या कम धन फिर भी ठाठ -भाट।
जीवन का मालिक कौन है यह सत्ता किसके है पास….
यदि जीवन की चाभी स्वयं के पास यह सुखद अहसास ।
आपकी सुखी और दुखी होने की चाभी यदि दूसरो के पास….
राक्षस और तोते की कहानी गर्दन तोते की दाबेगी इधर राक्षस की उड़ेगी सांस ।
अकारण वर्तमान में रहे ख़ुश ….
शुक्रिया करे नहीं हो कभी नाखुश ।
ख़ुशी का विकल्प सिर्फ़ और सिर्फ़
ख़ुशी ….
जिये जीवन जैसे जीवन जीता शशि ।
खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।
जीवन का मतलब क्या है, विचार करो थोड़ा,
क्या तुम बस काम करते हो, और अपनी ज़िन्दगी छोड़ा?
ख़ुद से पूछो, क्या तुम खुश हो, क्या तुम संतुष्ट हो,
क्या तुम वह सपना पाए हो, जिसे ज़िंदगी ने तुमसे छीना हो?
क्या तुम वक्त का मज़ा ले रहे हो, प्यार से अपनों के साथ,
या बस दौड़ रहे हो, धन-दौलत के पीछे भागते रहते हाथ?
जीवन एक उपहार है, इसे सवार्थी बना न पाओ,
इसका आनंद लो, अपने सपनों को पूरा करो।
धन और सम्पत्ति तो केवल मालिकी हैं यहाँ,
परम मूल्यवान है वह, जो मनुष्य को मिलता है स्वयं।
ताजगी और ख़ुशी से भरी हो ज़िंदगी की क़लाएं,
बस वही सच्चा कमाया धन, जो दिल को छू जाएं।
ज़िंदगी को अपने अरमानों से सजाओ,
सपनों को पूरा करके अपनी ख़ुशियां बढ़ाओ।
खुद से करो सवाल, जीवन को जी रहे हो या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।
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