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अच्छे विचार

अच्छे विचार में होती ताकत खुशियां होती उनकी परछाई ….
सोचो और जीयो अच्छे विचारो को सबका जीवन हो सुखदाई….

अच्छे ओर सच्चे विचारों की ऊर्जा भी होती निश्छल निकपट….
खुशियां जो जन्मती इनसे जीवनों में होती चमत्कार की आहट ।

अच्छे विचारों में होती ताकत, खुशियां होती उनकी परछाई,
सोचो और जीयो अच्छे विचारों को, सबका जीवन हो सुखदाई।

जब मन में उजियारे जगमगाते हैं,
अंधकार दूर होकर रौशनी बिखराते हैं।
दुखों की बादलों को दूर भगाते हैं,
सुख-शांति की बूंदें हर दिल में बहाते हैं।

जीवन की राहों में अगर विचार सच्चे हों,
खुशियों का संगीत हमेशा सुनाते हों।
जीवन के पत्थर भी रास्ता बन जाते हैं,
जब आपके मन में अच्छे विचार आते हैं।

गलतियों से सीख कर आगे बढ़ना,
चाहे जितनी भी मुश्किलें सामने आएं।
खुशियों की बारिश में नचते रहना,
और अच्छे विचार के संग जीने आएं।

हर दिन नये सपने सजाकर चलो,
खुशियों के संग जीवन को भर दो।
मुश्किलों को हराकर हंसते मुस्कानों को बरकरार रखो,
अच्छे विचार के संग सबको प्यार दो।

जीवन का सफर खुशियों से सजाओं,
अच्छे विचारों को अपनी ज़िन्दगी में पाओं।
सोचो और जीयो पूरी उमंग के साथ,
हर दिन खुशियों से सजाएं अपनी रात।

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मन के विचार

मन के विचार, मन में चलते विचारो पर रहे बुद्धि की धार ।
वाणी भी क़ाबू रहेगी होगा मज़बूत आधार ॥
मन वचन कर्म से न किसी का दिल दुखे।
जीवन की कापी में स्वर्ण अक्षर से लिखे ॥

विचारों की धार मन में चलती,
बुद्धि की शक्ति सदा बनी रहती।
जब तक वाणी सच्ची हो और मधुर,
मजबूत आधार बने सबके लिए आदर।

मन, वचन, कर्म की त्रिविधि से,
किसी का दिल न हो कभी दुखे।
आदर के साथ रहे हमेशा,
सुखी बनाए अपने सभी रिश्ते।

प्रेम, शांति, आनंद की देन,
बनाए जीवन को सुंदर और धन्य।
चिंता, कष्ट, द्वेष को छोड़,
अपार खुशियों से भरे हमारे मन्य।

चलते रहें सत्य की मार्ग पर,
उठाएं ऊँचाईयों के पथ पर कदम।
सबका भला करने का हो निश्चय,
हो जाए सबका जीवन सुखदाम।

मन के विचार, मन में चलते विचारों का निर्माण,
बुद्धि की धार से हो संयम।
वचन और कर्म से बने संसार,
दुःख से मुक्ति पाएं सभी आदमी और औरत।

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सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार का जेसे जेसे होगा विकास गतिमान होंगे सकारात्मक बदलाव….
विकास ओर बदलाव पूरक ओर समान्तर का दोनो में निहित भाव ।
विकास हो चाहे व्यक्ति का , चाहे समाज हो विकसित…
सोचने का दृष्टिकोण में बदलाव होता अपरिमित ॥

हर समाज हर व्यक्ति की चाहत आए विकास की लहर…
कर्म करे निरंतरता से इसी दिशा में सुबह हो या शाम पहर ।
फिर विकास बनेगा अधिकार ओर सोच होगी सम्मानित…
यह परम सुख जीवन का सब कुछ इसमें हे समाहित ॥

सकारात्मक विचार जब विकास की राह पर जाते हैं हम,
तो सकारात्मक बदलाव होते हैं क्रमशः।
संघर्षों से भरी है यह यात्रा,
पर सफलता की ओर हैं हम जुनूनी।

विकास और बदलाव दोस्त हैं हमारे,
स्वभाव समान्तर दोनों के विचारे।
चमकती है जब सभ्यता की रौशनी,
तब विकास का दीप प्रज्वलित होता है।

व्यक्ति का विकास हो या समाज का,
आगे बढ़े रास्ते पर जब राज करता है।
प्रगति के पथ पर नए आयाम होते हैं,
और सबको मिलता है नया सामर्थ्य का आभास।

समृद्धि और समाजिक न्याय की ओर हम,
बढ़ रहे हैं जब एकसाथ जोड़ते कदम।
विकास के रंग से रंग रहा है यह संसार,
हर दिन हो रहा है समृद्धि का उद्घाटन।

जगमगाती है जब विज्ञान की ज्योति,
तब तकनीकी उन्नति का अहसास होता है।
विकास और बदलाव का संगम होता है,
जब सबको मिलता है सुखी जीवन का आदान।

चलो आगे बढ़ें विकास की ओर,
बदलाव के रास्ते में हों साथी हम।
सकारात्मकता से जीने का संकल्प लें,
बनाएं यह दुनिया सुंदर और विकसित हम।

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चिंतन मनन

क्या विचार एक विद्युत है? चिंतन, मनन, और विचार में आपको क्या फर्क नजर आता है?
विचार विद्युत नहीं बल्कि विद्युत से भी कई गुना अधिक है,इन विचारों को समझना आसान नहीं है , यह विचार इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड में चर विचर कर रहे है , विचार इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड का जोड़ है, जिसकी वजह से ही यह सम्पूर्ण ब्रह्मांड जुड़ा हुआ है यह विचार काही से भी अलग नहीं है

जिस प्रकार से श्री मद भागवत गीता में लिखा हुआ है शब्द आकाश के विकार है। यदि आप विचारों को समझेंगे तो सम्पूर्ण चराचर जगत में विचार ही विचार है जिसकी वजह से हमारे इस ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, यह कभी ना रुकने वाली वाली प्रक्रिया है।

अब बात करते है मनन , चिंतन, ओर विचार की यह एक ही प्रक्रिया से जुड़े हुए तीन आकार में बदलाव है इसके विपरीत कुछ नहीं यदि आपके भीतर कोई विचार प्रकट होता है तो आपका उस पर अपनी क्रिया ओर प्रतिक्रिया रूप देते है जो मनन वाली श्रेणी में रखते है इसके बाद इन विचारों के समूह पर शांत चित से चिंतन करते है वही आपका चिंतन है।

चिंतन, मनन और विचार तीनों ही मानसिक क्रियाएँ हैं जो हमारे मन और बुद्धि की गतिविधियों को व्यक्त करती हैं। हालांकि, इन तीनों में थोड़ा अंतर होता है।

चिंतन एक ऐसी मानसिक क्रिया है जो हमारे मन में उत्पन्न होने वाले विचारों को ध्यान से सोचने का काम करती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो हमें अपने विचारों के बारे में सोचने की समझ देती है और हमें अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में सोचने की अनुमति देती है। चिंतन हमें अपनी विचारों के बारे में गहनता से सोचने की अनुमति देता है ताकि हम अपनी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने के लिए उन्हें समझ सकें।

मनन एक ऐसी क्रिया है जो हमें अपने विचारों को विस्तार से विचार करने की अनुमति देती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम अपने मन की समस्याओं को हल करने के लिए उनसे निपटने की अनुमति देते हैं। मनन हमें अपने विचारों के पीछे छिपी हुई भावनाओं और दृष्टियों को समझने की अनुमति देता है ताकि हम अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठा सकें।

विचार एक ऐसी मानसिक क्रिया है जो हमारे मन में उत्पन्न होने वाले विभिन्न विचारों को व्यक्त करने की अनुमति देती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें हम अपने मन में उत्पन्न होने वाले विभिन्न विचारों को संगठित करने का काम करते हैं और उन्हें व्यक्त करने के लिए उचित शब्दों का चयन करते हैं। विचार हमें अपने अंतर्मन के भावनाओं और विचारों को समझने की अनुमति देता है और हमें विभिन्न मुद्दों और समस्याओं के समाधान के लिए उचित विचारों का चयन करने में मदद करता है।

इस प्रकार, चिंतन, मनन और विचार तीनों ही मानसिक क्रियाएं हैं जो हमारे मन और बुद्धि की गतिविधियों को व्यक्त करती हैं, लेकिन इनमें थोड़ा अंतर होता है। चिंतन हमें अपने विचारों के बारे में सोचने की समझ देता है, मनन हमें अपने विचारों को विस्तार से विचार करने की अनुमति देता है और विचार हमें अपने विभिन्न विचारों को व्यक्त करने की समझ देता है।

क्या अब लोग पढ़ते है?

यह किताब की दुकान इतनी बड़ी “आजकल कौन पढ़ता है ” या आजकल भी लोग पढ़ते है क्या? लोगों की सोच को क्या हो गया है यह बात समझ से बारे हो जाती है ब कुछ लोग ऐसे प्रश्न पूछते है की आप पढ़कर करोगे क्या ? कितना कमाओगे ? इतना तो मैं इसी काम से कमा लेता हूँ फिर पढ़कर क्या करना और क्यों पढ़ना फिर इतना

जब इस प्रकार के प्रश्न मन में आने लग जाते है तब पढ़ाई से रुझान हट जाता है यदि आप आजकल की पीढ़ी को सिर्फ यही समझाओ की पढ़ाई करके तुम्हें पैसा कमाना है बस ओर कुछ नहीं करना जिस काम में ज्यादा पैसा मिले वही करना है बस ओर कुछ यदि इसी प्रकार के विचार आप इस पीढ़ी में डालेंगे तो फिर वह उसी प्रकार की सोच को विकसित करेंगे इसके विपरित फिर कुछ कैसे आएगा?

इस जमाने में ज्यादा लोग पढ़ने चाहिए या कम यह बात मुझे समझ नहीं आती कई बार यह प्रश्न बाद विचित्र सा लगता है की लोग पढ़ते है क्या ? क्यू पढ़ते है ? आजकल कौन पढ़ता है , क्या इतनी किताबे बिकती है? यह प्रश्न बड़े अजीब है

लोगों का ध्यान कपड़े ओर जूते की खरीदारी में ज्यादा है लेकिन किताबों में नहीं, लग अलग तरह ए जूते तो खरीदने है लेकिन किताबे नहीं पैर अच्छे दिखने चाहिए लेकिन दिमाग बढ़े या नहीं इस बात से कोई लेना देना नहीं है शरीर अच्छा दिखना चाहिए , बाल अच्छे लगने चाहिए , कही मेरे बाल तो नहीं ऊढ़ रहे है इस बात पर ध्यान है लेकिन बुद्धि में कोई फरक आया इस बात में कोई ध्यान नहीं है,

आजकल तो बहुत अच्छी अच्छी किताबे पढ़ने को मिल जाती है ओर आप उनसे बहुत कुछ सिख सकते है यदि आपका यह प्रश्न उठता है की अब पढ़कर क्या करेंगे ,आजकल कौन पढ़ता है या अब सिख कर क्या करेंगे तो फिर इसका प्रतिउत्तर यही है की अब अच्छे जूते ओर कपड़े पहन कर भी क्या करोगे ? साथ ही दिमाग अच्छा नहीं है तो अपने बच्चों को क्या अच्छी शिक्षा दोगे , क्या संस्कार दोगे क्या अपनी अगली पीढ़ी में ट्रांसफेर करके जा रहे हो?

विचार क्या है?

आइए जानते है विचारों के बारे में :-विचार कहाँ से आते है? क्यों आते है? इन विचारो के आने का कारण क्या है ? क्या है विचार?
विचारो के पैदा होने का रहस्य क्या है? 
हमारे मस्तिस्क के अंदर विचारो की उत्पत्ति हो रही है हमारे आसपास के वातावरण से हमारी शारीरिक क्रिर्याओं के कारण, जो हम पहले कार्य कर चुके है। उन् सभी के कारण हमारे मन, मस्तिष्क में प्रतिक्षण विचार पैदा हो रहे है। जिनके कारण हमारी सोच पर प्रभाव पड़ता है।

छोटे ओर बड़े विचार
विचार कहने में और देखने में बहुत छोटा सा है यह आता भी बहुत छोटे छोटे कार्यो से है जैसे हमने आंखो के द्वारा  किसी को देखा और पल भर में ही विचार आ गया, सिर्फ एक ही विचार नहीं आता वह विचार अपनेसाथ असंख्य और विचारो को साथ लाता है।

महिन विचार जो एक दम से आपके मस्तिष्क में नहीं आता वो पहले आपकी नाभि में उत्पन्न होता है उसके उपरांत वो पूरे शरीर में कम्पन करता है इस क्रिया के पूरे होने पर ही वो मस्तिष्क तक पहुंचता है तथा वह सूक्ष्म विचार अब आपके मस्तिष्क में अटके या आप उसे सुदृढ कर वाणी के द्वारा बाहर निकाले यह आप पर निर्भर करता है। यह पूरा क्रम है आपके द्वारा उच्चारित शब्दो का
परंतु हमारा मस्तिस्क इस पर विचार, विमर्श करने लग जाता है।
हम विचारो को कैसे देख और समझ सकते है?

विचारों को देखा नहीं जा सकता
हम विचारो को आँखों के द्वारा नहीं देख सकते परंतु हमे यह समझ में आते है। इन विचारो को हम visualise करते है अपनी imagination से, मस्तिस्क में छोटे से छोटा विचार भी बहुत प्रभावशाली होता है। यह एक विचार नहीं है बल्कि बहुत सारे विचार है जो लगातार कार्यरत है यह विचार एक के साथ मिलकर नए नए विचारों को जन्म दे रहे है जिन्हे हमें वृतिया कहते है
जिसके कारण ही हमारे जीवन की असंख्य घटनाओ का निर्माण हो रहा है और हम एक नई स्तिथि ओर परिस्थिति को जन्म दे रहे है।

विचार एक घटना है
इन सभी घटनाओ को हम कैसे देख सकते है? कैसे ये सभी घटनाये घट रही है?
इन घटनाओ के पीछे कौनसा विचार किर्याशील था या है ? हम सभी ये सोचते है की मेने तो किसी के साथ कोई बुरा नहीं किया परंतु मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? क्यों मेरे साथ ऐसी घटनाये घट रही है जिसको मेने कभी सोचा भी नहीं था या मेने ऐसा कब किया था ?
ये क्यों हो गया ?

हमे उन घटनाओ का समबन्ध पता भी नहीं होता की क्यों और क्या कारण है?
इन होने वाली घटनाओं का फेर भी वे घटनाये हमारे जीवन में हमारे साथ होती है
आप खाना खाते है, आप खेलते है
आप पुरे दिन में बहुत सारी घटनाओ के साथ जुड़े होते हो जैसे घर,दुकान पूजा कार्य , आना- जाना आदि कार्यो से पूरा दिन व्यस्त रखते है, जिस कारण  से असंख्य विचार तथा कार्य हमारे साथ जुड़ जाते है और हमे पता भी नहीं चलता यह सारे कार्य और विचार हमारे लिए एक घटना स्तिथि ओर परिस्थिति का निर्माण कर रहे है।

परंतु वह भी एक घटना का निर्माण कर रही है कुछ विचार हमारे आस पास के वातावरण के जो आपके जीवन की घटनाओ से जुड़ जाते है।

जरा देखिये, समझिये यह विचार कैसे अनेको घटनाओ का निर्माण कर रही है। जिनको हमे समझना में असमर्थ है असहाय हो जाते है, अपने जीवन के प्रति क्योंकि हमे समझ ही नहीं आता है क्यों ये घटनाये हो रही है क्या कारण है इन घटनाओ का इस कारण कई लोग कहते है, आप निमित है, इन सभी घटनाओ के होने मात्र में जिसे होना था जो होनी है सिर्फ आपको जो कार्य दिया है। उसको आपको भोगना है, आप भोगने के लिए हो आपके हाथ में कुछ नहीं आप कुछ नहीं करते हो सबकुछ पहले से तय हो चूका है, मान लेते है।

हमे यह भी मालुम है कि जिस प्रकार की घटनाये हमारे जीवन में घट रही है वो हमारे द्वारा ही निर्धारित है। जो कुछ घट रहा है वो पहले से ही तय है और जो आगे होने वाला है वो भी हम तय कर चुके है लेकिन क्या ??

हम यही सोच कर बैठ जाये कि हम कुछ भी नहीं कर सकते तो हम अपने विचारो को नीचे की श्रेणी में ले जायेंगे, अर्थात अधोगति में और हमारे विचार तथा उसी प्रकार के कार्य होंगे हमे अपने विचारों को बेहतर ओर अच्छा बनाना है उन पर ध्यान देना है।

यदि हम ऐसा कर रहे है तो हमे अपने विचारो तथा अपने कार्यो को धयांपूर्वक देखना और समझना चाहिए यह किस दिशा में है तथा क्या आदेश और निर्देश की स्तिथि है तभी हम इन विचारो को  एक नयी दिशा दे सकते है।

जिससे हमारा जितना भी भविष्य हमारे पिछले विचारो तथा कार्यो से तय हुआ है उन्हें हम पार कर जाये उसके बाद निर्माण तो हमे करना है न या फेर हम ऐसा ही जीवन बिताना चाहते है। कैसे हम बीता रहे है।हमे अपने विचारो को उच्च बनाना है।

यह हम समझते है कि किस प्रकार हम अपने जीवन निर्माण में सहायक तत्व है। ऐसा हम कोशिश करते है। क्यों और किस प्रकार से यह घटना पैदा हो गयी है। जिसे हम उसी क्षण समझ जाये और उस घटना को होने से वही रोक सकते है तथापि होने ही न दे उस घटना को आगे बढ़ने दे
बहुत सारे उदहारण के साथ हम इन विचारो का विशलेषण करते है,  आप किसी कार्य को करते है,

तो उसमे कितने ही विचार आपकी सहायता करते है और उन विचारो का प्रभाव तथा वो विचार हमारे जीवन को किस प्रकार गति प्रदान कर रहे है, जिनके कारण घटनाओ का समावेश बनता ही जा रहा है, आपने देखा होगा की आप किसी जगह से गुजर रहे है,  उस जगह बाजार है अलग-अलग सामान, साज-सज्जा, कपडे, खाने-पीने,सुन्दर-सुन्दर लोग, अतिमनभावुक दृश्य है तो क्या होगा उससे ? क्या आप उस जगह तथा उन लोगों से प्रभावित होंगे या अप्रभावित ही निकल जायेंगे?
कोई विचार आएगा या नहीं ? आपके शरीर की हाव भाव की स्तिथी में परिवर्तन होगा या नहीं ?
आपके मन मस्तिस्क में कोई इच्छा जागृत होगी या नहीं? आप उस जगह के बारे में कुछ सोचेगे या नहीं?

यह कुछ और प्रश्न उत्पन्न हुए इस जगह यही विचार है यह सूक्ष्म ओर बड़ा विचार बनता है।

तो लगातार जुड़े रहे मेरे साथ मैं विचार क्या है ओर इन विचारों के क्या कार्य है, ओर यह विचार किस प्रकार से कार्य करते है। नीचे मैं कुछ लिंक ओर दे रहा है जिसमे आप विचार व शब्दों के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते है।

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