हंसने रुलाने का नाम है जिंदगी , यू ही गुदगुदाती है जिंदगी, कभी हसाती तो कभी रुलाती है जिंदगी, यह जिंदगी है साहब कुछ अटपटी तो चटपटी सी है जिंदगी

हंसने रुलाने का नाम है जिंदगी , यू ही गुदगुदाती है जिंदगी, कभी हसाती तो कभी रुलाती है जिंदगी, यह जिंदगी है साहब कुछ अटपटी तो चटपटी सी है जिंदगी
जिंदगी कैसी है, तेरे बिना कुछ ऐसी है
और कुछ वैसी है
जिंदगी और जब तू साथ है
जिंदगी और जब तू साथ है
तो लगता है कि कुछ है जिंदगी
हाल क्या बताऊँ ?
कुछ हाल ऐसा है कुछ हाल वैसा है
बस मसक्कत से भरी है जिंदगी
जब तू दूर जाती है तो रूठ जाती है
जिंदगी तू पास आती है
तो मुस्कुराती और खिलखिलाती भी खूब है
ये जिंदगी
गम ए छुपाये नहीं ये छुपता लगता है
बेमुरम्मद सी है जिंदगी
आंसुओ से आँखे भर भर जाती है
जब तू इन आँखों से दूर चली जाती है
चिरागे रोशन तू कर जाती है
जब तू फिर से पास आती है
ना जाने क्यों तेरे बिना ?
बेतहासा बेहाल सी है जिंदगी लगता है, कुछ फटेहाल सी है जिंदगी
लेकिन जब तू पास होती है
तो कमाल सी है जिंदगी
ना जाने क्या क्या करती धमाल सी है ये जिंदगी
इसलिए तू दूर जाना मत मुझे छोड़ कर
वरना लगेगी दुर्भर सी ये जिंदगी
अगर तू पास है तो हर हाल में मस्त है ये जिंदगी
तू साथ है इसलिए जबरदस्त भी है ये जिंदगी
तेरे बिना कुछ ऐसी है कुछ वैसी है जिंदगी
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जिंदगी एक कविता की भांति ही है, जिसमे आपको जिंदगी के हर उतार चदाव के बारे में मिलता है, जिस तरह से जिंदगी आपको प्रोत्साहित करती है उसी तरह कविता भी, कविता में ही जिंदगी की सच्चाई छुपी मिलती है जो शब्दों के माध्यम से आपको बताती है, रूबरू कराती है।
मुस्कराहट का ही तो एक नाम है जिंदगी
जरा इसे मुस्कुराने ही दो,
ना गम के साये में खोने जाने दो यह है जिंदगी
जिसे मिली उसे कदर नहीं है
जिसे न मिली उससे पूछो जरा क्या है जिंदगी ?
न तड़पाओ न रोने दो बड़ी प्यारी है जिंदगी
इसे खिलने दो जरा यह खिलना चाहती है
क्योंकि खिलखिलाती सी है यह जिंदगी
गुदगुदाती सी है जिंदगी
बहुत हसाती है यह जिंदगी
रुलाती भी बहुत है जिंदगी
मिलकर जीने का नाम है जिंदगी
बिछड़ने का नाम है जिंदगी
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी
प्यारी सी मुस्कान है यह जिंदगी
खुद में जीने का नाम है जिंदगी
रूठे हुए को मनाना है जिंदगी
किसी अपने से रूठ जाना भी है जिंदगी
इंतज़ार भी है जिंदगी
अधूरी प्यास है जिंदगी
सहलाती हुई माथे पर हाथ रखती माँ है यह जिंदगी
माँ का आँचल है जिंदगी
पिता की डांट का नाम है जिंदगी
खुदसे प्यार करने का नाम है जिंदगी
मैं से मैं मिल जाना है जिंदगी
तुम और मैं को खत्म कर देना है जिंदगी
जिंदगी एक कविता की भांति ही है बस इस जिंदगी को उसी तरह से जिओ
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