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शब्दों में सहजता

शब्दों में सहजता होना जरूरी है, बात कितनी भी गहरी हो उसको समझाने के लिए सरल होना आवश्यक है।

शब्दों में सहजता

जब भाषा अपूर्ण रह जाए,
और व्यक्ति खो जाए अर्थ के हाथों,
तब कविता उभरती है सबके मन में,
अन्तर्निहित भावों को प्रकट करती हों।

शब्दों की सहजता एक आवश्यकता है,
जो मिटा दे गहराई की दीवारें,
विचारों को सरलता से पहुंचाए,
जीवंत कर दे हृदय के विभोर आदरें।

सरलता से ही संवाद बन पाता है,
अभिव्यक्ति का मार्ग खुल जाता है,
गहराई की धारा बह निकलती है,
सबको राह दिखलाती है आपसी यारी।

तो चलिए, शब्दों में सहजता को बढ़ाएं,
बातें ऐसी करें कि हर कोई समझे,
जीवन की गहराइयों में भी घुल जाएं,
सरलता के साथ सबको विश्राम मिले।

अक्सर तुम और मैं

अक्सर तुम और मैं , कुछ कुछ बाते करते है, उनही पुरानी पलों को संग बैठ याद करते है, कभी संग हम मिल जाते है, कभी तन्हा भी हो जाते है,

अक्सर तुम और मैं कुछ कुछ बाते करते है, उनही उलझे किस्सों को सुलझाने की कोशिश में हम घंटों खुद ही उलझ जाते थे, लेकिन फिर उस एक सुलझे हुए हिस्से को पकड़ हम भी सुलझ जय करते थे।

अक्सर तुम और मैं, कुछ कुछ बाते करते हैं,
उनही पुरानी पलों को संग बैठ याद करते हैं।

वह बिते हुए समय की लहरें फिर से जी जगाती हैं,
यादों के संग स्वर्गिक संगीत बजाती हैं।

हम बैठे हैं, विचारों की दुनिया में खोए हुए,
बीते लम्हों को सुलगाते हैं, खुद को ढूंढ़ते हुए।

हंसी, खुशियाँ, गम, और रोने की भी आवाज़ें,
जीवन की इस रेखा पर एक साथ ही साज़ें।

हम याद करते हैं वो मुस्कान और आँखों की चमक,
जो दूरियों को भी मिटा देती थी जब आती थी बातें वक्त की टकटक।

वक्त बदलता है, दिन रात बदलते हैं,
पर हमारी दोस्ती अटूट बनी रहती हैं।

चाहे दूर हों हम आपस में भावनाएं,
यादों की इन ठंडी रातों में भी बचाती हैं।

चलते चलते, जब इस यात्रा का अंत आएगा,
तो यादें हमें फिर वहीं ले जाएगी जहां शुरुआत हुई थी।

तब तक रहेंगी हम यादों के उस दरिया में खोए,
जहां तुम और मैं, कुछ कुछ बाते करते हैं, संग बैठ याद करते हैं।

म्यूजिक

म्यूजिक आज कल सभी को बहुत पसंद है, हर किसी की जुबान पर गाने ही होते है, लोग सफर में भी गाने सुनकर मनोरंजन करते है कुछ लोग गुनगुनाकर उनको म्यूजिक बहुत पसंद है, लेकिन ये गाने आपके दिमाग में लगातार चलते ही रहते है, जिसकी वजह से दिमाग में शोर बना ही रहता है। कभी भी हमारा दिमाग शांत नहीं होता, इसी वजह से हम ध्यान ओर पूजा में अपना मन नहीं लगा पाते, ओर मन अशांत सा बना ही रहता है, इस मन में फिर शांति आना मुश्किल सा लगता है जब संगीत किसी ना किसी प्रकार की ध्वनि दिमाग में बनी रहती है।  

कोई मेट्रो में गाना सुनता हुआ जा रहा है, तो कोई गाड़ी में तेज आवाज में गाना सुनता हुआ लेकिन हर जगह म्यूजिक चल रहा है, इतना शोर हो रहा है, जिससे हमारा दिमाग शांत नहीं बैठ पा रहा है। इतना शोर जब चलेगा हर जगह तो कैसे ही मन शांत हो पाएगा, इस शोर में कैसे इंसान अपने मन की बात सुन पाएगा।

अब बच्चे यदि पढ़ते है तो उनको किसी विषय को ज्यादा समय तक याद रखना मुश्किल हो जाता है, यदि बच्चे अधिक गाने सुनते है, इस तरह से उनकी यादस्त कमजोर होने लगती है, उनको किसी विषय को लंबे समय तक याद रखने में कठिनाई भी होती है। जिसका कारण म्यूजिक है, हम आज शास्त्रीय संगीत नहीं सुनते जो संगीत उनकी बुद्धि का विकास करते है, हम उन शोर गुल वाले गानों को सुनते है जिनकी वजह से दिमाग शांत नहीं बल्कि अशांत होता है।

इसलिए बचहो व बड़ों हम सभी को उसी तरह का संगीत सुनना चाहिए जो हमारे मन को शांत करता हो, नाकी उस संगीत को जो हमारे मन मस्तिष्क में शोर गुल पैदा करे, उस शोरगुल से हमारे सोचने ओर समझने की शक्ति पर बहुत असर पड़ता है इसके साथ ही हमारी भावनाए भी बदल भी जाती है, हमारे भीतर उन शब्दों का प्रवाह किया जाता है आजकल के संगीत से जिसकी आवश्यकता नहीं है। जिसमे जीवन के प्रति सजगता नहीं है उस प्रकार के संगीत को सुनने का कोई लाभ नहीं है।

ख्वाबो की डोर

कुछ ख्वाबो की डोर किसी और के हाथ में होती है जब वो साथ होता है तो जिंदगी ऊची उडान भर्ती है और जब उसका साथ छूट जाता तो ना जाने कहाँ जाकर ये जिंदगी गिरती है।

कुछ ख्वाबों की डोर
ख्वाबों की डोर

कुछ ख्वाबो की डोर किसी और के हाथ में होती है,
जब वो साथ होता है, तो जिंदगी ऊची उड़ान भरती है।

वो हर ख्वाब को सपना बना देता है,
जीने की आशा को लहरों में बहा देता है।

उठती है रौशनी उसके साथ जब,
हर तंदरुस्त दिल को मुस्कान दिखा देता है।

वो साथ चलता है जब रास्तों में,
हर गम की गहराई को छूने से रोक देता है।

जहां ख्वाबों की डोर किसी के हाथ में होती है,
वहां जिंदगी की रौशनी हर पल सजा देती है।

चाहे हो जो भी मुश्किल, चाहे हो जो भी रास्ता,
साथी है ख्वाबों का वो जो सबको संग ले जाता।

क्योंकि ख्वाबों की डोर किसी और के हाथ में होती है,
जब वो साथ होता है, तो जिंदगी ऊची उड़ान भरती है।

सुख की अनुभूति है

जीवन की राहों में सुख की अनुभूति है ,
मन का परम आनंद, जीने की विशूद्धता।
चाहे कितनी भी हो मुश्किलें आगे,
खुशियों की बौछारों से होता है सामर्थ्य।

जीवन की हर चुनौती को गले लगाओ,
मुस्कान की चमक से आंखों को जगाओ।
गीतों का संगीत सुनो, खुद को भर दो सुर में,
जीवन की खुशियों को रचो अपनी कविता में।

खेलो, नाचो, गाओ, मुस्कराओ दिल से,
जीवन एक उमंग है, खुद को भरो दिल से।
सपनों की उड़ान भरो, आशाओं के पंखों से,
खुद को उड़ान दो, खुद को विश्राम दो।

जीवन एक सुखमय आनंद का खजाना,
हर पल बिताओ खुशियों की गहराई में।
मित्रों के साथ बिताओ ये अनमोल वक्त,
जीवन की शान्ति और प्रेम का लिए रक्त।

चिड़ियों के गाने सुनो, प्रकृति के संग रहो,
जीवन की रंगीनी में खुद को ढल रहो।
प्यार की ग़रदिश को छूने को जीवन है,
सुख और आनंद से सराबोर जीने को जीवन है।

इस आनंद को अनुभूत करो आज तुम,
जीवन की मधुरता को महसूस करो तुम।
बिना किसी चिंता के जीने की ख्वाहिश,
सुख की अनुभूति है, ये है जीवन की महिमा।

सुख की अनुभूति है
सुख की अनुभूति हैs

जिंदगी एक सुखमय आनंद है , इसको अनुभूत करना ही जीवन है।

इसीका नाम जिंदगी

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी, बिछड़ने का नाम है जिंदगी, फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी, इसीका नाम जिंदगी

इसीका नाम जिंदगी
इसीका नाम जिंदगी

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी,
बिछड़ने का नाम है जिंदगी,
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी।

यह एक खेल समझो, इसका नाम है जिंदगी,
जो चलती रहती है, बदलती रहती है।
कभी हंसती है, कभी रुलाती है,
खुशियों का त्योहार मनाती है।

यह एक सफर है, इसका नाम है जिंदगी,
हर कोई इसे अपनी अपनी दशा में जीता है।
किसी के लिए यह मुसीबतों का सामरिक,
किसी के लिए यह खुशियों का उत्सव है।

यह एक संघर्ष है, इसका नाम है जिंदगी,
हमेशा आगे बढ़ने का इरादा रखो।
हारना नहीं, हिम्मत कभी न टूटे,
सपनों के पीछे दौड़ते रहो।

मिलकर जीने का नाम है जिंदगी,
बिछड़ने का नाम है जिंदगी,
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी।
जीने का हर पल करो खुशहाली के साथ,
क्योंकि यही है असली जिंदगी की बात।

लिखता हूँ

लिखता हूँ लेकिन कभी कभी तो लिखने का मन नहीं होता ओर कभी कभी तो यह सोचने में समय निकल जाता है, की क्या लिखू किसके बारे में लिखू जब लिखने बैठता हूँ तो फिर कई बार तो मैं लिख भी नहीं पाता या दो चार लाइन लिख कर बस वही रुक जाता हूँ, उस लिखे हुए को बीच में अधूरा छोड़ फिर किसी ओर विषय पर लिखने बैठ जाता हूँ, एस बहुत बार होता है मेरे साथ जब मैं लैपटॉप पर लिखता हूँ इसलिए पेन ओर कॉपी उठाकर ही लिखता हूँ जिससे मुझे एक ही विषय पर लिखने का जोर रहे।

मन में अब कोई दर्द भी नहीं है जिसको लिखू, जिसको कुरेद कर लिख दू अपने शब्दों में, कोई जिले, शिकवा व शिकायत नहीं किसी से जो मैं दुखी होकर लिखू , सुन है दुख में इंसान ज्यादा लिख लेता है, खुश होता है तो उसके पास शब्द नहीं होते या शब्दों में अपनी भावनए व्यक्त नहीं कर पाता।

मेरे साथ भी कुछ इसी तरह का लगता है, मेरा जीवन एक सीधी रेखा की तरह सीधा ही है जिसमे कोई हलचल नहीं है, ना शोर शराबा है, बस चुप शांत लहर है भीतर गहरी शांति ओर सन्नटा है, ना बहुत सारी इच्छाए जितना है उसमे संतुष्ट हूँ, ओर जीवन में यही उम्मीद भी करता हूँ सब अच्छा ओर शांति से ही चलता रहे सब खुश रहे सदेव शांति बनी रहे।

लेकिन जब हृदय टूट हुआ होता है, छिन्न भिन्न होता है, कुछ गीले शिकवे, शिकायते बहुत होती है किसी से तो हमारे मस्तिष्क में विचारों जमावड़ा सा लग जाता है, भीतर क्रोध भी भर जाता है, बुद्धि खुद में ही बड़बड़ाने लगती है, विचार अपनी कहानिया बना लेते है, ओर बहुत सारे ऐसे विचारों को जोड़ लेते है जो पहले से थे नहीं उनको आमंत्रण दे देते है, वही समय होता है जब व्यक्ति बहुत अधिक लिखने लगता है।

उस समय सबकुछ शब्दों के माध्यम से बाहर आने लगता है, इसके विपरीत जब मन ओर मस्तिष्क, हृदय शांत होता है तब कोई राग द्वेष नहीं होता भीतर ना इच्छाए बहुत उच्चल मार रही होती तब विचार भी शांत मुद्रा में बैठ जाते है फिर वो भी बाहर नहीं आना चाहते विचार भी गहरी शांति का अनुभव लेना चाहते है, ओर शांत जीवन के साथ बस ज्यों के त्यो ही चलते है, फिर कुछ लिखना या नहीं लिखना बहुत जरूरी नहीं लगता, भीतर ही ठहराव बना रहे यह ज्यादा जरूरी सा लगता है।

लिखने का मन है तो कभी लिखना नहीं छोड़ना जो राग द्वेष के बुलबुले उठते है उनको शब्दों के द्वारा बाहर निकालते रहो, उन्हे लिखो ओर अपने शब्दों को जन जन तक पहुचाओ, जिसने सुधार हो , जीवन बेहतर हो ओर अच्छे रास्ते पर अग्रसर रहे, यही आशा करता हूँ

सुकून मिलता है

सुकून मिलता है तुम्हारे आने से मेरे दिल की धड़कनो को, तेरे आने से मन को शांति मिलती है,
हर धड़कन में सुकून बसा जाता है।
तू हो नयी उम्मीद, नया सवेरा,
आँखों में ख्वाब, दिल में खुशियों का आयेरा।

तेरे आने से जीवन में रंग भर जाते हैं,
खुशियों के तारे हमेशा चमकते हैं।
तेरी मुस्कान से दिन रौशनी से भर जाते हैं,
दिल की गहराइयों में ख्वाबों की बारिश होती हैं।

तू है मेरी आधारशिला, मेरी पहचान,
हर आँधी में तू है शांति का मार्गदर्शन।
तेरे साथ हर संघर्ष में विजय का अनुभव होता है,
जब भी तू पास होता है, दुनिया अच्छी लगती है।

तेरे आने से मेरी रौशनी बढ़ जाती है,
जीवन की हर मुश्किल में तू साथ बन जाती है।
तू है मेरा सुकून, मेरी ख़ुशियों का संगी,
तेरे बिना जीना अधूरा सा लगता हैं मुझको यहीं।

तेरे आने से सुकून मिलता है, तुम आते रहा करो मेरे ख्यालों में मेरे दिल की धड़कने धड़कती रहती है और मेरी जिंदगी भी सुकून और छैन से रहती है।

सुकून मिलता है
सुकून मिलता है

पेन ओर पेपर

पेन ओर पेपर का इस्तेमाल करना बेहद खास होता है, यह एक बेहतर अनुभव है, पन्नों पर लिखना भी खास है, इन पर लिखने का अपना ही मजा है।

विचार कही रुके रुके से है, जो कहना जो कहना तो बहुत कुछ चाहते है, लेकिन कह नहीं पाते, ना जाने क्यू ये विचार खुद में ही काही अटके से है, लगता है कही भटके से है, मैं इंतजार करता हूँ इन विचारों का की मैं इन विचारों को लिख लुँगा, इनकी बात कुछ कह दूंगा लेकिन यह तो मौन हो जाते है, अपनी ही बाते अपने भीतर ही दबा कर बैठ जाते है।

मेरे भीतर ही कही रुक जाते है, कोशिश करता हूँ इनको बाहर निकालने की लेकिन यह विचार तो बाहर ही नहीं आते, जब जब मैं पेन ओर पेपर लेकर बैठता हूँ तो मेरे विचार भी धीमे हो जाते है, लेकिन लैपटॉप पर यही विचार बहुत तेजी दौड़ने लगते है, भागते है तो फिर इन्ही विचारों में भटकाव भी आता है, लेकिन कागज पर लिखने से विचारों में स्थिरता, नियंत्रण रहती है, जो लिखना चाहते है उसे अच्छे से सोच समझकर बहाली भांति हम लिख पाते है, लिखने के लिए ठहराव की आवश्यकता होती है, अक्सर तुम लिखने बैठते हो, लेकिन लिख नहीं पाते हो, कभी तुम्हारे विचार कही दूर तुमसे चले जाते है, तो कभी ही अपने विचारों से भटक जाते हो।

उन विचारों को पकड़ पाना भी मुश्किल सा हो जाता है, क्युकी यह विचार ही है, जो तुम्हें अपने इशारों पर नचा रहे है, कभी कुछ विचार आ रहे है, तो कभी कुछ तुम्हारे विचार एक स्थान पर स्थिर नहीं हो पा रहे है, जिसकी वजह से तुम बेहतर नहीं लिख पाते हो, हो सकता है की अब तुम लिखना भी नहीं चाहते हो, सिर्फ कॉपी ओर पेस्ट करना ही तुम चाह रहे हो, यह भी हो सकता है की आलस तुम्हें पकड़ रहा हो, तुम्हारा मन अब लिखने का भी नहीं कर रहा हो, यह सब तुम्हारे विचारों का ही खेल है जिसे तुम समझ नहीं पा रहे हो, ओर यदि समझ रहे हो तो भी इसी विचार जाल में फँसते ही जा रहे हो।

इससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए सहूलियत मत ढूंढो पेन ओर पेपर उठाकर लिखना शुरू करो, ओर बेहतर लिखते चले जाओ।

ख्वाब इतने

ख्वाब इतने सजाये कुछ मजाक बन गए, तो कुछ खाक हो गए, उन सभी ख्वाबो को, सवारने की कोशिश में, आज हम राख बन गए।

ज़िंदगी के रंगीन पल, ख्वाब थे हमारे संग,
चंद सपने बहुत हसीन, चंद उड़ गए हंसते-हंसते।
पर कुछ ख्वाब अज़ीब से, मजाक बन गए हैं,
खुद को खो देने का, ऐसा था तूफ़ान ज़ख्मी बन गए।

उन ख्वाबों का हारा, जो हम ने चाहते थे पाना,
ज़िन्दगी ने दिखाए राह, कठिन थी और अनजाना।
पर आशा की किरणों से, सवारे थे हम रातें,
जीने का आदान-प्रदान, करते थे सपनों के साथ।

ख्वाबों की उड़ान के लिए, ज़मीनों पर मिला कर,
हम बने राख और जले, जैसे मोम की मशालें संग।
आकाश की ऊँचाइयों में, थे हमारे सपने छाए,
पर रास्ते थे अज़ीब से, जो छूट गए अधूरे।

कुछ ख्वाब इतने अब रह गए, ज़मीनों की गोद में दबे,
उन्हें बनाने की कोशिश में, हम रह गए राख बने।
पर ये राख एक आग है, जो जलती रहेगी जीवन भर,
ख्वाबों की आग को, हम जीने का आदान देंगे।