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संतोष ही परम धर्म है

संतोष ही परम धर्म है लेकिन कुछ लोग मानो खुश रह ही नही सकते ऐसा लगता है उनका खुशी से दूर दूर तक कोई नाता नही है बेचारे सुबह उठते है तो भी चिड़चिड़े उठते है सोते है तो भी लगता है किसी पर एहसान कर रहे हो।

जिंदगी तो सुबह भी आपका स्वागत करती है और शाम भी लेकिन आप खुद ही अपने आपको समेटे हुए है, जिंदगी का स्वागत करने में हिचकिचाहट क्यू है

क्या आपको मुस्कुराना अच्छा नही लगता ?

क्या आपको सिर्फ गुस्से में रहना अच्छा लगता है ? क्या आपकी जिंदगी में प्रेम नही है ? या आप अपनी जिंदगी से संतुष्ट नही है ? यदि यह सब है तो क्यों ऐसा है ?

जरा सोचिए क्योंकि यह तो बहुत खतरनाक बीमारी है क्योंकि यह बीमारी आपको आपके जीवन में कभी भी सफल व्यक्ति के रूप में निखारने नही देगी जितना आप क्रोधित होंगे उतने ही आप कमजोर होते चले जायेंगे अपने लक्ष्य से भी भटक जाएंगे , यदि आप खुद खुश नही रह सकते तो दूसरों कप कैसे रह पाएंगे जरा सोचिए?

इसलिए खुद को खुश रखना बेहद जरूरी है , क्या आप अपने किये हुए कार्यो से संतुष्ट नही है? या ऐसा है तो आप जो भी है जहाँ भी है जैसे भी है जिस भी कार्य को करते है पहले उस से आप संतुस्ट होना और खुश रहना सिख लीजिये फिर उस कार्य के स्थान को अपना मंदिर,मस्जिद,चर्च,गुरुद्वारा जो आपको समझना हो वो समझ लीजिए क्योंकि वही आपका कर्म धर्म है।

“संतोष ही परम धर्म है”
जिंदगी की हर एक छोटी छोटी चीज़ों मैं खुश रहने की आदत डाल लें वही छोटी छोटी चीज़े कब बड़ी हो जाएगी आपको पता भी नही चलेगा और जो छोटी छोटी मुशीबत आएगी वो रास्ते मे हस्ते हुए ही टल जाएगी जिसकी वजह से आप अपनी जिंदगी बड़ी मुशीबतों का सामना आसानी से कर पाएंगे और यदि छोटी छोटी परेशानियो से घबरा कर रुक जाओगे तो कैसे बड़ी परेशानियो का हल ढूंढ पाओगे?

इसलिए रुको नही हारो नही घबराओ नही बस बढ़ते चलो जिंदगी है यह इस जिंदगी के साथ युही बढ़ते चलो मुस्कराओ और मुस्कुराना भी सिखाओ यही बात दुनिया को भी सिखाओ।

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आपका दिमाग

आपका दिमाग क्या कहता है? आप को किस कार्य और किस दिशा की ओर प्रेरित कर रहा है आपको ?  किस दिशा में ले जाना चाहता है आपका दिमाग आपको ? क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है।

जब आप बहुत सारे लोगो के बीच में होते हो यो बहुत शोर आता है अलग अलग लोगो के विचार आपके मस्तिष्क से टकराते है, जिनकी वजह से आपके सोचने में  परिवर्तन आ जाता है ओर आप जो सोचना चाहते हो वो सब सोच भी नही पाते हो, जिस वजह से आप भी उन लोगो में घुल मिल जाते हो ओर देखने लगते हो लोगो को जो आस पास से गुजर रहे है जो आपके सामने से जा रहे है।

जो उनकी आंखे उसी दिशा में बह जाती है जहाँ से लोग आ ओर जा रहे है, लेकिन आपको अपने विचारो को देखना है समझना है क्यों वो बह रहे है? उन लोगो के साथ क्या आपका दिमाग ऐसे ही किर्या कलापो में लगना चाहता है आप यदि करना भी चाहते हो कुछ तो  कर नही पाते बस बह जाते हो दूसरे के साथ…..

आपका मस्तिष्क आपसे कुछ कहता है या कुछ कह रहा है? लेकिन आप अपने मस्तिष्क और उसके विचारो की बात सुन नही पा रहे है या सुनकर अनसुनी कर रहे है हमारा मस्तिष्क ना जाने कितने ही, विचारों को प्रकट कर रहा है कभी हम अकेले बैठना चाहते है तो कभी भीड़ का हिस्सा होना चाहते है, इधर उधर टहलने लग जाते है यदि हमारे पास कुछ और काम नही तो अपने आपको किसी ना किसी काम में व्यस्त रखना चाहते है।

हम हमसे  अपने आपको किसी न किसी प्रकार के कार्य में व्यस्त रखते है, जिसके कारण हम अपने विचारों को सही तरह से ढंग से देख नहीं पाते है हमारा मस्तिष्क हमेशा विचारों में भरा हुआ रहता है हम कभी अपने विचारों के साथ अकेले नहीं होते, ये दिमाग कभी बिना विचारों के नहीं होता ये बात हम कभी नहीं सोचते की ये जो विचार है हमे  किस दिशा में ले जा रहे है।

हमारा मस्तिष्क भी कितने प्रकार के विचारों को प्रकट करता है, कभी किसी प्रकार की सोच में व्यस्त करता है तो कभी काही कुछ और स्तिथि और परिसतिथियों के कारण हमारा मस्तिष्क अलग अलग प्रकार की सोच को विचारों को जनम देता है, या हम यू कह सकते की हमारा मस्तिष्क की प्रकार से कार्य करता है, हमारा मस्तिष्क तो अनंत तरीकों से काम कर सकता है और इतनी किरयायाओ में व्यस्त हो सकता है शायद उसको इमैजिन करना भी मुश्किल है।

Mind work on different different level it vary accrdng to your thought how u give design to ur thought it can goes nd go beyond the limits of univers your brain is complete universe as your brain think it happen in our real life.

हमारा दिमाग भी हर समय हर पल घिरा हुआ रहता है जिसके कारण हमारा मस्तिष्क आने जाने वाले विचारों में विचार विमर्श की क्रिया और प्रतिक्रिया में लगातार उलझा रहता है, इन विचारो के दृश्य और इनकी कल्पनाएं हमारे मस्तिष्क में लगातार चलने वाली किरायायो के एक सहायक होती है, हमारी छोटी छोटी विचार का अपना एक दृश्य होता है और दृश्य की अपनी एक उसकी उचाईं और गहराई उस एक विचार के साथ होती है।

कभी कभी लगता है कि आसक्ति अब भी बाकी है मेरी बहुत सारी जगह जिसके बुलबुले फूटते है,  अंदर ही अंदर और में उनको देखता हूं रोक भी लेता हूं लेकिन फिर भी  ऐसा लगता है कि यदि मैं इन विषयों को हमेसा रोकता रहा तो इनका विस्फोट भी होगा एक दिन जो सही नही है फिर मुझमे अंतर ही कहाँ रह गया यदि मैं भी एक दिशा से दूसरी दिशा में भटकता रहूंगा तो।

इससे तात्पर्य यह है कि मुझे अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते रहना चाहिए चाहे वो छोटी सी इच्छा क्यों न हो उस इच्छा को मारना नही चाहिए उसे समझना चाहिए मेरा लगाव जीवन के प्रति अब भी बाकी है वो लगाव कम हो में इसके लिए अभ्यासरत हूं।

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जिंदगी के साथ चलना

जिंदगी के साथ चलना और जिंदगी एक लगातार चलने वाला सिलसिला है, जो रुकेगा नहीं बस बदल जाएगा, जो जिंदगी का नई जिंदगी के साथ परिवर्तन कहलाएगा

जिंदगी क्या है, ये तो हम सभी जानते हैं,
पर जिसे जीने का तरीका नहीं पता, उसे ये समझाना हमारा काम है।

जिंदगी एक अनमोल उपहार है,
जिसे सदा संतोष से सम्मान करना चाहिए।
हर पल खुश रहने का तरीका सीखना होता है,
जिंदगी के साथ सामंजस्य बनाना होता है।

जिंदगी के साथ बदलना होता है,
कभी हंसते हुए, कभी रोते हुए।
जिंदगी के साथ जीना होता है,
कभी जीते हुए, कभी हारते हुए।

जिंदगी के साथ चलना आगे बढ़ते जाना होता है,
जब तक जीवन हमारे साथ होता है।
जिंदगी के साथ संघर्ष करना होता है,
जब तक मंजिल हमारी नजदीक नहीं होती है।

जिंदगी क्या है, ये तो हम सभी जानते हैं,
पर जिसे समझना होता है, उसे उसका मूल्य समझना होता है।
जिंदगी के साथ चलते जाना होता है,
जब तक जीवन हमारे साथ होता है।

सफलता का सफर

लगातार प्रयास जीवन में सफलता का सूचक है। सफलता का सफर किसी भी व्यक्ति के जीवन में सीधे नहीं होता है। लगातार प्रयास करने से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हैं और अपने लक्ष्य की ओर अधिक निरंतरता से बढ़ते हैं, तभी मंजिल पर पहुचते है, अपने लक्ष्य की जितना केंद्रित होते है, उतनी ही सफलता हमारे नजदीक होती है।

हम लगातार कार्य करते रहे बस हमारा यही एक विचार होना चाहिए, हम सफल होंगे या नहीं ये हमारे प्रयासों पर ही निर्भर करता है, इसलिए अपने कार्यों से पीछे नहीं हटे बस उन्हे लगातार करे, ओर नए नए विचारों का समावेश उन्मे कीजिए ताकि आप खुद अपने कार्यों के साथ बेहतर होता हुए देख सके, आप जीतने बेहतर होते है उतने ही अच्छे परिणाम आपको मिलते है।

लगातार प्रयास करने से न केवल हमारी क्षमताएं बढ़ती हैं, बल्कि हमारे इरादों को प्राप्त करने की प्रतिक्षा भी कम होती है। सीधे शब्दों में, सफलता का सफर लगातार प्रयास न होने से बहुत दूर रह जाता है, जिसकी वजह से हम अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल नहीं कर पाते, कई बार हम मंजिल के बहुत करीब होते है जहां हमे सिर्फ थोड़ा स प्रयास देना होता है लेकिन वही हम रुक जाते है, जिसका कारण हम अपनी असफलता के रूप में देखते है।

जीवन में सफलता पाने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निरंतरता से काम करना होगा। लगातार प्रयास करने के साथ हमें अपनी गलतियों से सीखना और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इन्हें दुरुस्त करना भी अति आवश्यक होता है, गलतिया तो सभी से होती है लेकिन उन गलतियों से सिख कर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है, उन गलतियों के होने हमे वही नहीं रुक जाना, हमे अपनी हिम्मत नहीं हारनी, बस हमे आगे बढ़ते रहना है।

इसलिए, लगातार प्रयास करना जीवन में सफलता प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। अगर हम निरंतरता से काम करेंगे तो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का संभावना बढ़ जाएगा और जीवन में सफलता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना संभव होगा।

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क्या बनना है

हम सभी अपनी जिंदगी में कुछ बनना तो चाहते है लेकिन क्या बनना है यह बात बहुत कम लोग ही जानते है, जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वह जो बनना चाहते थे उस रास्ते से भी भटक जाते है, जाना तो कही ओर था लेकिन चले कही ओर जाते है बस इसी दुविधा में अपनी जिंदगी पीछे छोड़ कही दूसरे रास्ते में भटक जाते है ओर उस भटके हुए रास्ते से वापस लौट नहीं पाते क्युकी अब सफर सफर बहुत पीछे छूट गया है बस यही कहते हुए वो लोग नजर आते है……

आपको जिंदगी में क्या बनना है ? और क्यों? यह एक सवाल आपको लगातार चुभना चाहिए , खुद से पूछना चाहिए ताकि आप इस सवाल को हल कर सको, ओर समझ सको अपनी जिंदगी का असल उद्देशय क्या है?

जिंदगी में बहुत सारे भटकाव आते है, उन्मे से ये भी एक बहुत बड़ा भटकाव है लेकिन हमे इसका हल ढूँढना है, हमे जाना तो कही ओर होता है लेकिन हम चल दिए कही ओर ही होते है इसलिए हमे अपनी मंजिल, अपना रास्ता पता होना चाहिए यदि हमे नहीं पता तो उसे खोजना बहुत जरूरी है।

हमारी मनपसंद चीज क्या है? जो हमे करनी है, बस उसको जानना है, यदि नहीं पता तो ढूंढो उसे, उसकी तलाश शुरू करदों, कही वो तलाश अधूरी ना रह जाए ये जीवन की जो प्यास है वो प्यास फिर प्यास ही ना रह जाए

फिर कही देर न हो जाए इसलिए आज से शुरू करो

धन्यवाद

आपका मित्र : रोहित शब्द

कभी पुराना नहीं होता

लिखना कभी भी पुराना नहीं होता यदि आपको भी लगता है की जो मैंने कई साल पहले लिखा था आज वो कुछ हल्का हो गया है या काफी पुराना हो गया, या यह बचपन में लिख दिया था अब इसका कोई मूल्य नहीं है तो यह बात सही नहीं है क्युकी यदि आप कल बच्चे थे तो आज कोई ओर बच्चा है, जो इस बात को पढ़ेगा ओर अपनी जिंदगी से मेल करेगा अब यह शब्द उनके लिए है।

बहुत काम आएगी क्युकी अब आपकी सोच विकसित हो गई है, लेकिन जब आप लिख रहे थे तब वह सोच उस लेवल पर थी इसलिए उन शब्दों को हमेशा पढ़ते रहे, और कुछ ना कुछ लिखते रहे सीखते रहे अपने ही शब्दों से बहुत कुछ मिल जाता है, क्युकी लिखा हुआ कभी पुराना नहीं होता वह एक खजाने के रूप में है उसका प्रयोग करे।

हम जो भी लिखते है वह उस समय के अनुसार का अनुभव होता है अब वह अनुभव किसी ओर काम आता है।

जिंदगी के मुसाफिर

कभी मकान बदल रहे है तो कभी दुकान बस यू ही जिंदगी के मुसाफिर हो गए है, कुछ को लगता है की यह ठीक किया ओर कुछ को गलत बस जो हो रहा है उस पर किसी का जोर नहीं होता यह सब होता ही चला जाता है

यह जिंदगी है साहब यहाँ हर किसी का वक्त बदल जाता है, समय की चाल के साथ जीवन भी नए नए रंग दिखाता है कभी सपना सजाता है तो कभी सपनों को तोड़ता चला जाता है

यह वक्त हर मोड पर करवटे बदल नजर आता है , कभी नई उम्मीद की किरण दिखाता है तो कभी अंधेरे में छोड़ उजाले का इंतजार कराता है, जिंदगी के मुसाफिर है कभी यहाँ तो कभी कही ओर चले जाते है।

मोह से दूर

मैंने कुछ छोड़ा नहीं है ये तो खुद ही छूट गया है क्युकी जो पीछे छूटा है वो मेरा नही था आगे मिलेगा वो भी मेरा नही होगा क्युकी जब और आगे बढूंगा तो वो भी पीछे ही छूट जायेगा , इसलिए किसी भी चीज से बांधना क्यों खुद को जब वो आपकी नही है
“मोह से दूर”

फैसला

कई बार हम जो फैसला सोच कर करते है उस पर अडिग नहीं हो पाते ओर उस फैसले से हट जाते है हमे लगता है की यह फैसला हमने गलत ले लिया है ओर उस पर पछताते है, किसी भी निर्णय पर आने के लिए हमे काम से काम 2-3 बार सोचना चाहिए की हम सही है या गलत

इसलिए अपने किसी भी निर्णय को लेने के लिए उसके बारे में कई बार सोचना चाहिए की यह निर्णय सही है या नहीं बिना सोचे समझे हमे कुछ नहीं करना चाहिए क्युकी आगे जो चुनोती आती है, ओर भी बड़ी हो सकती है इसलिए फैसले जल्दबाजी में नहीं हो वह शांत दिमाग से लिए जाए तो बेहतर है!

फैसला सोच समझकर कर लिया जाए, फैसला लेने से पहले हमे यह सोचना चाहिए की हमारे पीछे कई ओर जिंदगी भी है। सिर्फ हम ही नहीं है उस निर्णय के पीछे, उसके पीछे बहुत सारे लोग होते है जिनका आपसे कोई संबंध है।

यादों का सिलसिला

कुछ इश्क भी था, कुछ इश्क की बाते, कुछ बेसब्र थी जिंदगी, तो कुछ बेसब्र उनसे मुलाकाते, बस सफर यू ही कटने को था, रह गई मेरी अधूरी यादे, और उनकी यादों का सिलसिला, कुछ दूर तक ओर चला, जिंदगी का दौर खत्म हुआ, अब मौत के साथ मेरी गुफ्तगू हो गई।

कुछ इश्क़ भी था पर अब वो नहीं है,
जब चाहत थी तब हम थे वो नहीं है।

रात भर जागते थे हम उसके इंतज़ार में,
पर अब वो नहीं है जिसकी तलाश में।

हमने चाहा था उसे सबसे ज़्यादा,
पर वो तो बस एक ख्वाब बन कर रह गया।

जिस दिन उससे मिलने की ख़ुशी थी हमें,
वो दिन भी गुज़र गया, वो वक़्त नहीं है।

कुछ इश्क़ भी था पर अब वो नहीं है,
जब चाहत थी तब हम थे वो नहीं है।

उनकी यादों का सिलसिला कुछ इस तरह
क्या उन्हे मिलने की वो चाहत नहीं थी जो हमारे दिल में थी।

पर अब उससे मिलने की कोई आस नहीं है,
कुछ इश्क़ भी था पर अब वो नहीं है।

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