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व्यस्त अपनी जिंदगी में

व्यस्त अपनी जिंदगी में सब है यहाँ, किसी को किसी की कोई परवाह नहीं है बस बेफिक्री है , किसको किसकी फिक्र है यहाँ , शहर तो अनजान नहीं था बस मतलब ने इस शहर को भी अनजान बना दिया है , देख कर भी लोग आंखे चुराते है उन्हे लगता है चोर है चोरी करकर खाते है।

सब व्यस्त है अपनी जिंदगी में

बेखबरी का जमाना है

खबर किसकी किसको यहाँ

जमाने भर की बात होती है लेकिन

जरूरत किसकी किसको यहाँ

सब अपना अपना मतलब सोचते है,

मतलब की दुनिया है मतलब से लोग खोजते है

किसी को किसीसे मतलब नहीं है यहाँ

किसी से किसी की मुलाकात हो बस इतनी सी बात है

उम्र

दिन आता है, दिन चला जाता है इस दिन की उम्र 24 घंटे ही है लेकिन ये सम्पूर्ण संसार को कार्यरत होने के लिए बढ़ी कर देते है कुछ ना कुछ करने के लिए।

उम्र से नहीं कार्य से आँको , उम्र कितनी भी हो परंतु कार्य बड़ा होना चाहिए
उम्र या कार्य

क्या आपके जीवन में भी स्वयं को बाध्य करने के लिए कोई नियम है? उम्र कितनी भी हो परंतु कार्य का बड़ा होना चाहिए।

इंसान

इंसान जब दुःखी होते हैं तो साधु-सन्तों, मन्दिर-मस्जिद, गुरुद्वारे में जाकर भक्ति-भजन में लग जाते हैं और जब जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है तो यही सब उसे ढोंग-पाखण्ड, आडम्बर लगने लगता है। ऐसा क्यों?

इंसान मतलबी है ओर रिश्ते भी मतलबी ढूँढता है , उसका भगवान से भी कुछ इस तरह का ही रिश्ता है, उसे भगवान से कुछ मिलने की चाहा दिखती है इसलिए वो जाता है, सुख में उसे लगता है की अभी है जब नहीं होगा तब जाऊंगा , उस समय उसकी मानसिकता बदल जाती है।

उसका समय उसे अब कीमती लगने लग जाता है , इसलिए न मंदिर , मस्जिद कुछ याद नहीं आता बस अपने स्वार्थ की पूर्ति करता हुआ नजर आता है , जैसे ही शारीरिक ओर मानसिक कष्ट हल्का सा दिखता है तो वह घबरा कर फिर भगवान के पास आ जाता है,

इंसान  मतलबी है ओर रिश्ते भी मतलबी ढूँढता है , उसका भगवान से भी कुछ इस तरह का ही रिश्ता है,
इंसान

सबकुछ ठीक है तभी तो आडंबर , पाखंड लगता है जब कुछ भी ठीक नही होता तो वह इंसान ठीक करने के लिए दौड़ पड़ता है, बस जैसे ही ठीक होता है वही भूल जाता है फिर उसी चक्र के चक्रव्यूह में फंस जाता है।

अब इंसान को आडंबर क्या लगने लगता है यह सिर्फ एक इंसान का सवाल नहीं है यह हम देख रहे है, हम बहुत तेजी के साथ आगे की ओर बढ़ रहे है, बहुत सारी नई बाते सुन रहे है।

हमारा व्यवहार बदल रहा है , हमारा समाज बदल रहा है , नए विचार आ रहे है , कुछ गलतिया जो बीते दिनों में हुए उन हम नहीं भूले , कुछ नहीं खोज का पता लगना , कुछ विचारों का बढ़ना , एक बहुत बड़ी जनसंख्या का अलग तरीके से सोचना यह सभी कारण होते है हमारी सोच के बदलने में

यदि लाखों किसी को गलत बोलना शुरू कर देते है, तो हम उसको गलत मानना शुरू कर देते है चाहे वो गलत हो या नहीं , हम उसकी पुष्टि नहीं कर पाते। तो हमारे विचार बदल जाते है, जिसकी वजह से पिछले 10-15 साल में बाबाओ के प्रति विचार बदल गए है।

अब वो आडंबर, ढोंग लगने लगा यही लगता है की वह हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है , सिर्फ लूटने का काम ही है अब हमे यही लगने लगा है।

दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है , जिस तरह की घटनाए बीते कुछ सालों में हुई है उसकी वजह से हमारे विचार में बदलाव आया है।

हममे से कुछ लोग मूर्ति पूजा करते है।

कुछ लोग निर्गुण निराकार की

कुछ दोनों को नहीं मानते वह बोलते है, प्रकृति ही सबकुछ है, जो जैसे चलना चाह रहा है उसे उसी तरह से चलने दीजिए मंजिल सबकी एक ही है इसलिए इन सभी चिंताओ में न पड़े भीतर की खोज को

जिंदगी कैसी है

जिंदगी कैसी होनी चाहिए ?

जिंदगी कैसी है ? जैसा आप पसंद करते है, जिंदगी बिल्कुल वैसी ही है, इसके विपरीत कभी नहीं होती बेशक हम हर समय कोसते है। अपनी जिंदगी को लेकिन यह हमारी नासमझी है, ओर कुछ नहीं क्युकी जैसी आप इच्छा कर रहे है, जिंदगी बिल्कुल वैसी ही बनती है।

जिंदगी ठीक वैसी ही है जैसा तुमने जिंदगी के बारे में सोचा  है
ज़िंदगी वैसी है जैसी तुम चाहते हो

हमारी जिंदगी बस ज़िंदगी बचपन में बिना चाहे मोड ले लेती थी, क्युकी उस जिंदगी की जिम्मेदारी कुछ समाज , परिवार , माता-पिता , रिश्तेदार , दोस्त, विधालय उठा रहा होता है।

और जैसा वो सभी चाहते है, उसी तरह से हमारी जिंदगी मुड़ती, तुड़ती जाती है, जिनकी वजह से अनचाहे मोड जिंदगी को मिल जाते है, फिर वो मोड कैसे भी हो हम भी उसी ओर दौड़ने लग जाते है, उस दौरान हमे कुछ नहीं पता होता की हमे क्या बनना है , कहाँ जाना है? क्या करना है? क्यों करना है बस कुछ होना , पहुचना ओर जाना होता है।

इसी अनजान दौड़ में हम कहाँ से कहाँ निकल जाते है हमे खुद ही नहीं पता होता उसमे कुछ गलतिया , नादानिया हो जाती है जिनका हरजाना बस जिंदगी भर चलता है।

ओर वो भी कही न कही भीतर गहरे मन में तुमने चाहे होंगे, तभी वो सारे विचार ऊपरी सतह पर आ जाते है, ओर जिंदगी को नए नए मोड देकर चले जाते है।

लेकिन यह सब आपके हाथ में ही है, की आप उस जाल से बाहर आ पाते हो या फिर उसीमे गोल गोल घूमते रह जाते हो।

इसलिए जिंदगी गणित सवाल भी है तो उसका जवाब भी है जिंदगी।

जिंदगी कैसी है ? बहुत अटकती भटकती सी है जिंदगी तो फिर उसी मोड पर वापस भी ले आती है, जैसा तुम चाहे हो ज़िंदगी तो साहब वैसी ही हो जाती है।

ज़िंदगी को प्रेम भरी नजरों से देखो प्रेममय ही नजर आएगी जिंदगी , उमंगों से सजती हुई , फूलों सी खुलती हुई , खुसबू सी महकती हुई सी है ज़िंदगी।

ध्यान

क्या ध्यान से विचार बलवान और फलित होता है ?
जी हाँ , ध्यान से आपके विचार बहुत बलवान होने लग जाते है, शब्द आकाश का विकार होते है, जब हम ध्यान करते है तो मन ओर बुद्धि शुद्ध विचारों से भर जाती है, ओर इस प्रकृति का मूल ही शुद्ध होना है, जब हमारे विचार शुद्ध होते है ओर प्रकृति का संपर्क ओर गहरा हो जाता है जिससे हमारे विचारों बलवान होते है, तथा यह फलित भी होते है, सम्पूर्ण ब्रह्मांड का आधार ही शब्द है, आपके शब्द ही फलित होते है, जैसे ही विचारों के माध्यम से आप किसी भी चीज का संकल्प करते है, वो फलित होना शुरू जाते है, ब्रह्मांड में जैसे ही आप कोई भी शब्द छोड़ते हो उस पर कार्य होना शुरू हो जाता है, यह आपकी भावनाए, आप कितने सकारात्मक है , इन पर भी निर्भर करता है , जैसे जैसे आप ध्यान की गहराई में भीतर उतरेंगे आप अपने विचारों के प्रति सजग होना शुरू कर देते है ओर उसी तरह से आपका जीवन हो जाता है , यदि आप की इच्छा दृढ़ है ओर विश्वास आपके भीतर बहुत भरा हुआ है, तो आप जो चाहते है वह अवश्य पा लेंगे।

law of attraction

secret

सहायता के तौर पर इन दोनों किताबों को पढ़ जा सकता है।

क्या सलाह है

20-28 वाले उम्र के व्यक्ति के किस प्रकार की सलाह है? क्या सलाह है ?

क्या सलाह है इस बारे में बताते है , अपना दिन व्यर्थ न करें, एक टूडे सूची बनाएं और उसका पालन करें, प्रवाह के साथ मत जाओ, कुछ प्राथमिकता रखें और अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करें, अपने दिन का उपयोग बुद्धिमानी से करें, “इस उम्र में 25 हजार, 30 हजार रुपये की नौकरी के लिए समझौता न करें। हर जगह से, हर नौकरी से जितना हो सके सीखें, यात्रा करें, अनुभव हासिल करें, जोखिम उठाएं और एक साम्राज्य का निर्माण करें।”

आप हमेशा ऐसे लोगों के साथ घूमें जो आपसे ज्यादा सफल और होशियार हैं क्योंकि स्मार्ट लोग आपको ज्यादा स्मार्ट बनाएंगे, आप स्वतः ही उनकी दिशा में चलने लगेंगे।

शुरुआती 20 के दशक तक ही नहीं बल्कि ताह उम्र आपको ज्यादा से ज्यादा बुक्स पढ़नी  चाहिए, अच्छे videos देखे, और अपने दिमाग में ज्ञानवर्धक कंटेंट को feed करे,  जिससे आप हमेशा अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा को बहते हुए देखेंगे और किसी भी परेशानी, समस्या का हल आप आसानी से खोज लेंगे, और एक बात ध्यान रखे कि जो कुछ भी आप देखते, पढ़ते और सुनते हो, वहीं आप बन जाते हो।

जानें कि पैसा कैसे काम करता है” जितनी जल्दी हो सके संपत्ति, देनदारियों, टैक्स, निवेश, शेयर बाजार आदि के बारे में जानें। कोई आपको यह नहीं सिखाएगा। खुद को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करें, जब आप 35 वर्ष के हो जाएंगे तो आप स्वयं को धन्यवाद देंगे।”

अगर आप अभिनेता या मॉडल बनना चाहते हैं तब ही इंस्टाग्राम पर दिशा पाटनी या सलमान खान को फॉलो करें लेकिन अगर आप अलग-अलग क्षेत्रों में अमीर और सफल बनना चाहते हैं तो उन लोगों को फॉलो करें जो उस क्षेत्र में सफल हैं या जिनसे आपको कुछ सीखने को मिले, जैसे रतन टाटा, रॉबर्ट कियोसाकी, विवेक बिंद्रा और संदीप माहेश्वरी आदि।”

“जानें कि मैं आय के कई स्रोत (निष्क्रिय आय) कैसे बना सकता हूँ, क्योंकि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा नहीं है तो आपका सच्चा प्यार आपको एक दिन किसी ऐसे व्यक्ति के लिए छोड़ देगा जिसके पास पैसा है। हमेशा अपने कैरियर, लक्ष्य को पहली प्राथमिकता दे।”

आपदा को अवसर में बदलना सीखे।

जो हो चुका है उसके लिये पछतावा मत करो, सीखो और आगे बढ़ो। क्योंकि यह 18-28  के बीच की अवधि आपके जीवन की बहुत महत्वपूर्ण अवधि है। आपके कार्य और फैसले आपके भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे, इसलिए किसी भी कार्य को हवाबाज़ी में करने की कोशिश नहीं करे उसे ध्यान पूर्वक समझ करे।

आप किसी भी एक काम मे माहिर बनो

जो भी आप अपने जीवन में करना चाहते हो या आपका लक्ष्य है, उसमें माहिर या विशेषज्ञ बनने की कोशिश करो। क्योंकि अगर आप जो करते हैं उसमें आप अच्छे नहीं हैं तो आपकी जगह कभी भी कोई भी ले सकता है, साथ आपको हमेशा अपने कार्यों में अपडेट होना बहुत जरूरी है नहीं कोई नया व्यक्ति आकार आपको आउट डेट कर देगा।

माता-पिता के साथ समय बिताएं

उन्हें महत्व दें, उनसे बात करें, उनके चेहरे पर मुस्कान लाये। आप बड़े हो रहे हैं लेकिन आपके माता-पिता भी बूढ़े हो रहे हैं, यही वो समय होता है जब आपके मत पिता को आपकी अधिक आवश्यकता होती है इसलिए उनके जितना अधिक समय बीता सके उतना ही बेहतर है।

फाइनैन्शल प्लैनिंग करना शुरू करे, निवेश करने के लिए पैसे बचाएं, सिर्फ बचाने के लिए पैसे न बचाएं। 

“दुनिया में 100 से भी ज्यादा खूबसूरत देश हैं। केवल एक ही क्यों देखें? ज्यादा से ज्यादा यात्रा करो, आप कुछ ऐसा सीखेंगे जो कोई किताब या कोई व्लॉग आपको नहीं सिखा सकता।”

“विनम्र, दयालु और उदार बने। एक अहंकारी या संकीर्ण दिमाग वाले मत बनो। अहंकारी लोगों को कोई पसंद नहीं करता।”

“असफलता से डरो मत, एक असफल व्यक्ति उस व्यक्ति से बेहतर है जो अभी भी सोच रहा है। हर सफल व्यक्ति एक समय में संघर्षशील अवश्य रहा है। “मैं असफल हो गया” अच्छा है बजाए की “क्या हुआ अगर …” से।”

50 ऐसे विषय

50 ऐसे विषय जिन पर किताब लिख सके

अपने आप से प्रश्न पूछे
आपका रोजमर्रा का जीवन आपके रचनात्मक कार्य के लिए सामग्री की सोने की खान है। अपनी अगली पुस्तक का विचार जानने के लिए स्वयं से ये प्रश्न पूछें।

1. आप किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं?
आप कहां संघर्ष करते हैं, इसके बारे में अपनी कहानी बताने से अन्य लोगों को कम अकेलापन महसूस करने में मदद मिल सकती है। अपने व्यक्तिगत, पेशेवर या रचनात्मक जीवन में लक्ष्यों और बाधाओं के बारे में सोचें और आपने उनसे कैसे संपर्क किया।

2. आप अभी क्या सीख रहे हैं?
आप जिस भी चीज़ पर काम कर रहे हैं और जिस तरह से आप इसे सीख रहे हैं उसे साझा करें – चाहे वह रिश्तों, स्वास्थ्य प्रथाओं, कार्य कुशलताओं या एथलेटिक प्रतियोगिता के बारे में हो, अन्य लोगों को लाभ हो सकता है।

3. आपके दैनिक जीवन में क्या हो रहा है?
क्या आप एक बड़े परिवर्तन से गुज़र रहे हैं? क्या कोई साप्ताहिक दिनचर्या या वार्षिक उत्सव है जो आपके लिए कुछ मायने रखता है? इन बातों को नजरअंदाज न करें. कभी-कभी जिसका सबसे सार्वभौमिक अर्थ होता है वह वास्तव में सबसे विशिष्ट और व्यक्तिगत होता है।

अपने आसपास देखो
अपनी दुनिया और उसमें मौजूद लोगों के अन्वेषक बनें। प्रश्न पूछें। अवलोकन करें. यह जानने के लिए कि आपके सर्वोत्तम पुस्तक विचार कहाँ छिपे हैं, इन रास्तों पर जाएँ:

4. अपना पारिवारिक इतिहास संकलित करें
आपके परिवार में किसकी कहानी है जिसे बताने की ज़रूरत है? आपका परिवार (और आप!) कैसे ऐसे बने जैसे आप हैं? पारिवारिक इतिहास की किताब अपनी कहानी बताने का सबसे अच्छा तरीका है।

5. अपने गृहनगर के इतिहास का अन्वेषण करें
आपका शहर कैसे बना इसकी क्या कहानियाँ हैं? उन प्रसिद्ध लोगों को हाइलाइट करें जो आपके शहर को मानचित्र पर रखते हैं, या स्थानीय स्थलों के बारे में मज़ेदार तथ्य और आपके पसंदीदा स्थानों के लिए अंदरूनी युक्तियाँ शामिल करें।

6. अपना व्यक्तिगत इतिहास साझा करें
आपकी व्यक्तिगत मूल कहानी में प्रमुख कारक क्या थे? उन घटनाओं और रिश्तों पर विचार करें जिन्होंने आपको वह बनाया जो आप आज हैं।

7. किसी सार्थक कारण की ओर ध्यान आकर्षित करें
क्या आपने कोई स्वयंसेवी कार्य किया है जिससे आपकी समझ या परिप्रेक्ष्य गहरा हुआ हो? क्या आपके पास ऐसी कहानियाँ हैं कि कैसे आपके संगठन ने जीवन बदला और बदलाव लाया? शब्द को बाहर निकालो!

8. विशेष आयोजनों के बारे में बात करें
हो सकता है कि आप 30 से अधिक पर्ल जैम संगीत समारोहों में गए हों, और आपके पास उनमें से प्रत्येक के लिए निर्धारित सूची और स्मृति हो। हो सकता है कि आपने अपने विद्यालय में वक्ताओं की एक श्रृंखला की मेजबानी की हो। हो सकता है कि आपने किसी रैली में भाग लिया हो और बातचीत ने आपको प्रेरित किया हो।

9. अपनी यात्रा कहानियाँ साझा करें
अपने लेखन और सुदूर देशों की यात्रा के दौरान की गई खोजों से भरी एक यात्रा पुस्तिका तैयार करें, फिर उन्हें अपनी तस्वीरों के साथ संयोजित करें।

50 ऐसे विषय जिनमे आप अपने स्वयं के कहानीकार बनें
10. एक प्रयोग करके देखो
30, 60, या 90 दिनों के लिए कुछ करें और अपने अनुभव का दस्तावेजीकरण करें।

11. अपने पसंदीदा विषयों के पीछे की कहानी लिखें
आपकी पसंदीदा किताबें, एल्बम, गाने, फ़िल्में या पेंटिंग कौन सी हैं? एक रचनात्मक और प्रासंगिक पुस्तक तैयार करने के लिए इनमें से प्रत्येक का उपयोग कहानी आरंभक विचारों के रूप में करें।

12. अपनी सबसे बड़ी सफलता को उजागर करें
आपने यह लक्ष्य कैसे निर्धारित किया? आपकी उपलब्धियों के पीछे क्या कारण रहा और इस राह में किसने आपकी मदद की?

13. अपनी सबसे बड़ी विफलता को उजागर करें
आपने क्या सीखा? आप अन्य लोगों को भय, विफलता, या पुनर्प्राप्ति से निपटने और लचीला बनने में कैसे मदद कर सकते हैं?

14. कुछ महाकाव्य करें, फिर उसके बारे में लिखें
कैंसर अनुसंधान के लिए 2,00,000 रुपये जुटाना, एक बड़ी जीवन बाधा से निपटना, एक शिखर पर चढ़ना, भारत के सभी राज्यों का दौरा करना – यदि आपकी नजर एक किताब लिखने पर है, तो आप इन चीजों को अलग तरीके से करेंगे और सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड रखेंगे। बताने के लिए एक कहानी की चाहत भी कुछ अविश्वसनीय रोमांचों को प्रेरित कर सकती है।

आरंभ करने के लिए एक गैर-काल्पनिक शैली चुनें
15. एक बड़े विचार वाली किताब लिखें
इस प्रकार की कहानियाँ एक नई अवधारणा, उपकरण या सीख पर ध्यान केंद्रित करती हैं जो लोगों के प्यार करने, काम करने और जीने के तरीके को बदल देगी। अन्य लोगों को एक बड़ी बात सिखाएं जो आप जानते हैं।

16. एक सूची पुस्तिका बनाओ
जो सूचियाँ आप अपने लिए रखते हैं—जैसे आभार सूची या स्थानीय रेस्तरां की सूची—किसी और को प्रेरित और सूचित कर सकती हैं। अपनी एक सूची लें और इसे एक रचनात्मक पुस्तक बनाएं!

17. एक शैक्षिक फोटो बुक प्रकाशित करें
अपनी सबसे प्रभावशाली तस्वीरों को दिलचस्प कैप्शन या स्थानीय भूगोल, इतिहास, वनस्पतियों और जीवों की कहानियों के साथ जोड़ें।

18. पत्रों की एक शृंखला संकलित करें
यदि आप किसी ज्ञानवर्धक पत्राचार का हिस्सा रहे हैं (और इसमें शामिल दूसरा पक्ष भी अपनी कहानी साझा करने को इच्छुक है), तो अपने संवाद को एक पुस्तक में दर्ज करें।

19. एक साक्षात्कार पुस्तिका बनाएँ
अपने जीवन, समुदाय या पेशेवर क्षेत्र में प्रेरक व्यक्तियों के साक्षात्कार संकलित करें। पुस्तक को किसी विशेष विषय पर व्यवस्थित करें, या वार्तालापों को निबंधों की एक श्रृंखला में बदल दें जो लोगों के सोचने के तरीके को बदल दें।

आपके द्वारा पहले ही लिखी गई सामग्री पर विचार करें
हो सकता है कि आपने पहले ही कार्य का एक समूह बना लिया हो जो किसी पुस्तक के पन्ने भर सके, बस इसे संकलित, व्यवस्थित और स्वरूपित करने की आवश्यकता है। इन विचारों को एक साथ खींचने की प्रक्रिया नई सामग्री की एक और परियोजना को भी प्रेरित कर सकती है।

20. ब्लॉग पोस्ट की एक श्रृंखला प्रिंट करें
यदि आपने पहले ही दैनिक या साप्ताहिक लेख लिखने के लिए समय निकाल लिया है, तो आप अपने रास्ते पर हैं! हर जगह चल रहे एक सामान्य सूत्र या विषय की तलाश करें, अपनी पोस्ट को अध्यायों या अनुभागों में व्यवस्थित करें, और अपनी कहानियों को अगले स्तर पर ले जाएं – प्रिंट में।

21. पोस्टकार्ड की एक किताब बनाओ
घोंघा मेल की कला को हमेशा के लिए खोना नहीं है। आपको जो पोस्टकार्ड मिले हैं या जो आपके पास हैं, उनकी एक मजेदार, विचित्र या ज्ञानवर्धक कॉफी टेबल बुक बनाएं22. प्रेम पत्र प्रकाशित करें

22. प्रेम पत्रों को सार्वजनिक करना हर किसी के लिए नहीं है – लेकिन यदि आप और आपका प्रिय इस परियोजना के लिए सहमत हैं, तो आप कविताओं, कहानियों और प्रतिबिंबों की विशेषता वाले एक अद्वितीय सहयोग के साथ खुद को पा सकते हैं। आप रचनात्मक भी हो सकते हैं और उन लोगों, स्थानों, वस्तुओं या घटनाओं के लिए काल्पनिक प्रेम पत्रों की एक श्रृंखला लिख सकते हैं जिन्हें आप पसंद करते हैं।

23. अपनी जर्नल प्रविष्टियों को एक पुस्तक में बदलें
कलाकारों, लेखकों, फ़ोटोग्राफ़रों, यात्रियों और आत्मनिरीक्षण करने वाले व्यक्तियों के अनूठे जर्नल पेज अपने आप में एक आकर्षक शैली हैं। अपने व्यक्तिगत विचार साझा करने से सभी प्रकार के पाठकों को प्रेरणा मिल सकती है।

24. अपनी खुद की कुकबुक प्रकाशित करें
क्या आपके मित्र और परिवार आपकी पाक कृतियों का स्वाद लेने के लिए आपकी मेज के आसपास इकट्ठा होना पसंद करते हैं? क्या आप कुछ सामग्रियों, आहार संबंधी रुझानों, पारिवारिक परंपराओं, स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों से प्रेरित होकर खाने के शौकीन हैं? अपने पसंदीदा व्यंजन साझा करें.

अमेज़ॅन से नॉन-फिक्शन बेस्टसेलर श्रेणियां देखें
यहां कुछ संभावित पुस्तक-लेखन विचार दिए गए हैं जो उन श्रेणियों में आते हैं जो अमेज़ॅन की बेस्टसेलिंग नॉन-फिक्शन का प्रतिनिधित्व करते हैं। आकार के लिए इन्हें आज़माएँ:

50 ऐसे विषय में कुछ जीवनी और संस्मरण पुस्तक विचार


25. एक नया शहर घर बनाने का प्रयास करें
अधिकांश लोग किसी नई जगह पर स्थानांतरित होने की चुनौतियों को पहचान सकते हैं – चाहे वह कोई अलग शहर, राज्य या देश हो। अपने पाठकों को उस परिवर्तन के उतार-चढ़ाव से परिचित कराएं।

26. अपनी 25 सर्वश्रेष्ठ या सबसे खराब डेट कहानियां साझा करें
क्या आपके पास सभी सही (या गलत) जगहों पर प्यार ढूंढने का इतिहास है? बताना ज़रूर।

27. परिवार के किसी सदस्य की जीवनी लिखें
संभावना है, आपके परिवार में कम से कम एक व्यक्ति ऐसा होगा जिसके पास साझा करने के लिए अनोखी, प्रेरक या शक्तिशाली जीवन कहानी होगी। हो सकता है कि आपका कोई दूर का पूर्वज या जीवित रिश्तेदार हो जिसने एक आश्चर्यजनक यात्रा करने, कठिनाइयों को दूर करने, व्यक्तिगत सफलता पाने या दूसरों के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए सभी बाधाओं को पार कर लिया हो।

50 ऐसे विषय में कुछ स्व-सहायता पुस्तक विचार


28. सहज भोजन के अनुभव का वर्णन करें
क्या आपने स्वस्थ भोजन और भोजन के प्रति अपने दृष्टिकोण में व्यक्तिगत प्रगति की है? सशक्तिकरण की अपनी कहानी शुरू से अंत तक साझा करें।

29. डेटिंग के लिए नए नियम खोजें
किसी लोकप्रिय विषय पर हल्का-फुल्का, दयालु या गंभीर दृष्टिकोण अपनाएँ। आपकी विशेषज्ञता के क्षेत्र के आधार पर, आप अनुसंधान, व्यक्तिगत उपाख्यान, अवलोकन या साक्षात्कार शामिल कर सकते हैं।

50 ऐसे विषय में कुछ धर्म और अध्यात्म पुस्तक विचार


30. एक प्रेरणादायक उपहार पुस्तक डिज़ाइन करें
एक प्रेरक पुस्तक बनाने के लिए अपने सभी पसंदीदा उद्धरण एकत्र करें और उन्हें फोटोग्राफी, चित्र या डिज़ाइन के साथ जोड़ें।

31. एक धार्मिक अध्ययन या भक्ति कार्यपुस्तिका प्रकाशित करें
उन दिव्य ज्ञान और परंपराओं को साझा करें जिन्हें आप सबसे अच्छी तरह जानते हैं, जिसमें व्यक्तिगत विकास के लिए क्लासिक शिक्षाएं और पाठ शामिल हैं।

32. एक धार्मिक संस्मरण लिखें
व्यक्तिगत घटनाओं, सीखों या परिवर्तनों के आधार पर एक संस्मरण बनाएँ जो आपको आपकी वर्तमान धार्मिक मान्यताओं तक ले गया।

50 ऐसे विषय में कुछ स्वास्थ्य, फिटनेस और पोषण पुस्तक विचार


33. भोजन में जीवन के 10 सबक देकर किसी को प्रेरित करें
हो सकता है कि आपने सीखा हो कि स्वस्थ वजन कैसे बनाए रखा जाए, या आपको पता चला कि आपकी थाली में खाना आपके मूड, नींद या समग्र स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है। अपनी सफलता को गुप्त न रखें!

34. किसी विशिष्ट आहार पर अपने 30 दिनों के अनुभव का सारांश प्रस्तुत करें
केटोजेनिक। रुक – रुक कर उपवास। कम चीनी। भूमध्यसागरीय। ग्लूटेन मुक्त। यदि आपने इसे आज़माया है, तो अब सब कुछ बताने का समय आ गया है।

35. व्यायाम कैसे करें इसका एक शोध सारांश संकलित करें
प्रशिक्षण युक्तियों, स्वास्थ्य तथ्यों और व्यायाम प्रेरणा के साथ एक गाइडबुक बनाने के लिए अपने वैज्ञानिक-मुलाकात-फिटनेस कौशल का उपयोग करें।

50 ऐसे विषय में से कुछ राजनीति और सामाजिक विज्ञान पुस्तक विचार


36. सार्वजनिक नीति, विचारधारा या राजनीति का अन्वेषण करें
आपके अंदर के वाद-विवाद प्रेमी के पास पहले से ही इन बड़े विषयों पर कहने के लिए बहुत कुछ है, इसलिए आप डेटा और अंतर्दृष्टि के साथ अपनी प्रेरक पुस्तक को जीवंत बनाते हैं।

37. राजनीतिक और सांस्कृतिक रुझानों का पूर्वानुमान लगाएं
इस प्रकार की पुस्तक के लिए शोध की आवश्यकता होती है – इसलिए इसे बताने के लिए एक सिद्ध विशेषज्ञ या भावुक पेशेवर के रूप में अपने अधिकार का उपयोग करें (या जैसा कि यह जल्द ही होगा)।

50 ऐसे विषय में कुछ कुकबुक, भोजन, और वाइन बुक विचार


38. पारिवारिक रेस्तरां से व्यंजन एकत्रित करें
खाना पकाने के प्रति प्रेम पैदा करें और अपनी विशेष रसोई परंपराओं, व्यंजनों और खाद्य फोटोग्राफी को उन दर्शकों के साथ साझा करें जो अधिक खाना चाहते हैं। (बस मूल शेफ से ‘ओके’ प्राप्त करना सुनिश्चित करें!)

39. फ़ोटो और समीक्षाओं के साथ स्थानीय वाइनरी के लिए एक गाइड प्रिंट करें
मालबेक या शिराज? मोसेटो या चेनिन ब्लैंक? बेहतरीन वाइन के प्रति अपने प्यार और ज्ञान को साझा करने के लिए आपको एक परिचारक बनने की ज़रूरत नहीं है।

40. खाना पकाने के बारे में आपने जो 10 बातें सीखीं, उन्हें समझाइए
आप उत्तम केक पकाने के बारे में क्या जानते हैं? दक्षिणी बारबेक्यू के लिए युक्तियाँ और तरकीबें मिलीं? जो आप जानते हैं उसे लिखें.

50 ऐसे विषय में कुछ बिजनेस और मनी बुक विचार
41. कर्ज से बाहर निकलने की अपनी कहानी बताएं
क्या आपने वित्तीय सबक कठिन तरीके से सीखा? सभी उम्र के लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आपने यह कैसे किया।

42. किसी परियोजना के लिए निवेश सुरक्षित करने के बारे में लिखें
आपने अपनी तरह का पहला धन संचयन आयोजित किया या एक अनुदान लिखा जिससे दिन बच गया। हर जगह प्रोजेक्ट लीडरों को अपनी सर्वोत्तम धन सलाह प्रदान करें।

43. रचनात्मक कार्यों से जीविकोपार्जन कैसे करें, इस पर सुझाव दें
इसे अगली पीढ़ी के कलाकारों, लेखकों, फिल्म निर्माताओं और फोटोग्राफरों के लिए अपना उपहार समझें।

44. बड़ा व्यवसाय चलाने पर सलाह साझा करें
पैसा दुनिया को गोल बनाता है। एक सफल कंपनी के प्रबंधन का आपका रहस्य क्या है?

45. दिखाएँ कि आपने किसी स्टार्टअप की विफलता से क्या सीखा
बड़े सपने, कड़वी हकीकत. यदि आपको यह सब दोबारा करना पड़े, तो आप क्या जानना चाहेंगे?

50 ऐसे विषय में शिक्षा और शिक्षण पुस्तक विचार
46. आपके द्वारा डिज़ाइन किया गया कक्षा पाठ्यक्रम प्रकाशित करें
क्या आपने ऐसी पाठ इकाइयाँ बनाईं जो आपके विद्यार्थियों को बेहद पसंद आईं? किस प्रकार की परियोजना सामग्री सफल रही, और अन्य लोग उनका उपयोग कैसे कर सकते थे? एक कार्यपुस्तिका, ईबुक, या यहां तक कि एक पत्रिका बनाएं जो आपकी प्रक्रिया का विवरण दे।

50 ऐसे विषय में से कुछ शिल्प, शौक और घरेलू किताब के विचार


47. सार्थक फोटोग्राफी के लिए एक मार्गदर्शिका विकसित करें
आजकल हर कोई खुद को एक फोटोग्राफर मानता है, लेकिन शानदार तस्वीरें बनाने के लिए फिल्टर से कहीं ज्यादा कुछ है। उन्हें बताएं कि उन्हें क्या लक्ष्य रखना है.

48. एक निर्देशात्मक बुनाई या सिलाई गाइड बनाएं
यदि आप एक पेशेवर की तरह सिलाई कर सकते हैं, तो एक व्यावहारिक शिल्प पुस्तक में अपने प्रोजेक्ट टिप्स और विशेषज्ञता साझा करें।

49. एक इंटीरियर डिज़ाइन गाइड बुक बनाएं
अपने भारत देश के अलग अलग राज्यों के पहनावे ओर उनकी कलाओ के बारे में , अपनी स्टाइल सलाह और पसंदीदा रुझान साझा करके अपनी रचनात्मक प्रवृत्ति को प्रिंट करें।

50. लोगों को नया शौक सीखने के लिए प्रोत्साहित करें
वुडवर्किंग में शुरुआती परियोजनाएं। एक कमरा, बारह रास्ते, आभूषण निर्माण का परिचय, आपके रचनात्मक कौशल और प्रतिभाएँ उन लोगों के लिए अमूल्य हैं जो अभी शुरुआत कर रहे हैं, इसलिए आगे बढ़ें!

यहाँ हमने आपको 50 ऐसे विषय बताए जिन पर आप अपनी पुस्तक लिख सकते है, यदि आपको ब्लॉग अच्छा लगा तो कृपया कमेन्ट कर हमे प्रोत्साहित करे जिससे की हम आगे भी आपके लिए ओर बेहतर लिखने का प्रयास करते रहे।

यह भी पढे: लिखता हूँ, सबकी अपनी रुचि, मानव का मनोविज्ञान, किताबे,

जब कोई आपसे पूछे

जब कोई आपसे पूछे क्या हाल चाल है आपके ? तो आपका जवाब क्या होता है? कुछ नहीं बस बीमार था, तबीयत ठीक नहीं , खासी, झुकाम, बुखार है आदि इत्यादि है यह छोटी छोटी बीमारी भी आज कल हमे पहाड़ की तरह लगती है, जैसे पता नहीं क्या हो गया है यह सब बीमारी कोई न है, यह तो आपके शरीर को ओर बेहतर तरीके से काम कर सको बस इसलिए हो जाती है।

मुझे याद है बचपन में जब मैं बीमार हो जाता था तो मुझे बड़ी खुशी होती थी इसलिए नहीं की मैं घर पर आराम करूंगा बल्कि इसलिए की हाँ अब मैं आराम से कुछ सोच सकूँगा, कुछ अलग किताबे पढ़ सकूँगा मुझे एक्स्ट्रा टाइम मिल गया है कुछ अलग करने का , मैं बीमार हूँ, मैं बीमार हूँ। मैं इस बारे में नहीं सोच करता था बल्कि वो जो टाइम अब मुझे मिला है, उसको कैसे इस्तेमाल करू? ये सोचता था, लेकिन आज हम उस समय का प्रयोग कैसे करते है बीमार होने पर

आप क्या कहते है? आपसे क्या हाल चाल है

जब कोई आपसे पूछे की कैसे कैसे तो बस यही जवाब आता है की बस ठीक हूँ, चल रहा है, बस ओके ओके हूँ, या कट रही है बस, कुछ खास नहीं तुम बताओ आदि इत्यादि इसी प्रकार के साधारण से शब्द जिनका प्रभाव सकारात्मक न होकर नकरात्मक विचारों को जन्म दे रहा है, शरीर में आलस, हतास , निराशावादी विचारों की ओर ले जा रहा है

इन उत्तरों से ऐसा लगता है की आप अपने जीवन में खुश नहीं है या फिर आप आपके भीतर नेगटिव थॉट भारी हुई है जीवन के प्रति ओर यह भी हो सकता है की आप जीवन के प्रति अब उतनी खुशी प्रकट नहीं करते जैसा आप बचपन मे करते थे,

ऐसा क्या हुआ है? जिसकी वजह से आप ऐसा महसूस करते है, आइए इसका जवाब खोजने की कोशिश करते है और जानते है एस क्यू हो रहा है हमारे साथ , हमारे आसपास ऐसे कौनसे शब्द है जिनकी वजह से हम प्रभावित हो रहे है, या लगातार वो शब्द हमे आहात कर रहे है?

सकारात्मक शब्द ओर नकारात्मक शब्द

क्या आपके आसपास जो शब्द बोले जा रहे है या आप उन्हे दूसरे माध्यम से सुन ओर देख रहे हो वो सभी चीज़े सकारात्मक है या फिर फिर नकारात्मक ऊर्जा को फैला रही है जिसकी वजह से आपके शरीर ओर मस्तिष्क पर उन शब्दों का प्रभाव हो रहा है।

ओर आपका जीवन भी उन्ही शब्दों की भांति होता जा रहा है। आपके आसपास लगातार गाली गलोच, बुरे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग होता है ? या फिर आप ऐसे घरेलू नाटक देखते है, वीडियोज़ देखते है जिनमे सिर्फ ऐसे नकार शब्दों का प्रयोग होता है ऐसे शब्द हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते है।

यह शब्द धीरे धीरे हमारे जीवन को भी उसी तरह से बना देते है जैसे वह शब्द है, यह बेशक मजाक में ही क्यू न प्रयोग हो रहे हो परंतु आपका मस्तिष्क उन शब्दों पर कार्य करता ही रहता है जिसकी वजह से आप उन शब्दों की भांति हो जाते हो इसलिए इस प्रकार के शब्दों से उचित दूरी बनाए।

शब्दों की गठरी

शब्दों में गाठ जो लगी है उन्हे खुल जाने दो इनको शब्दों की गठरी ना बनाओ तुम, इनका खुलना ही बेहतर होगा यदि ये गाठे नहीं खुली तो भीतर तकलीफ होगी, तुम्हारा शरीर , तुम्हारा मन , तुम्हारी बुद्धि रोग से ग्रसित हो जाएगी।

इन शब्दों को ध्यान, योग आदि क्रिया से हल्का करो तभी तुम अच्छा महसूस करोगे, यदि तुम्हारे मन, मस्तिष्क में प्रश्न घूम रहे है तो उन्हे पूछ डालो निसंकोच होकर यही हल है भीतर से शांत होने का कब तक, तुम इन अपाच्य शब्दों को भीतर ही रखोगे।

जानने की शुरुआत

जानने की शुरुआत कहाँ से हुई यह सवाल जीवन में एक बार तो सबके मन में उठता ही है, की मैं कौन हूँ ? और इस जीवन का क्या अर्थ है? फिर चाहे वो इन प्रश्नों पर गौर करे या नहीं बहुत सारे सवालों की भांति इन सवालों को छोड़ देता है ओर जीवन की व्यस्तता में खुद को खो देता है।

लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ यह वो प्रश्न था जिस पर मैं अटक गया मैं इस प्रश्न से हटने को तैयार नहीं था, इस प्रश्न का जवाब नहीं मिल रहा था उससे पहले मैं आपको बताता हूँ यह प्रश्न मेरे मन में कब ओर कैसे आया? स्वयं को जानने की शुरुआत होती है।

कौन हूँ मैं यह प्रश्न कब ओर कैसे उठा मेरे मन में

मेरी उम्र 13 साल थी जब मैं कक्षा 8 के फाइनल पेपर देकर रिजल्ट का इंतजार कर रहा था, हम एक सयुक्त परिवार में रहते थे अभी सब अलग अलग रहते है जैसे जैसे परिवार बड़े होते गए जगह छोटी पड़ती गई ओर हम इधर उधर बस गए, तो उस दिन घर पर सभी लोग नहीं थे क्युकी बड़े बड़े भाई माँ वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे शाम को उसी शाम अचानक मेरी दादी जी की तबीयत खराब हो गई ओर तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी, घर वालों को लगा की अब इनका अंतिम समय आ गया है तो अब गीता का पाठ कर लेना चाहिए ताकि अच्छे शब्द कानों में जाए।

तो मैं श्रीमद भागवत गीता अपने कमरे से ले आया ओर मैंने पढ़ना शुरू कर दिया कुछ देर पढ़ने के उपरांत ही दादी जी का देहांत हो गया।

सुबह होते ही उन्हे किरयाकर्म के लिए यमुना घाट ले जय गया जैसे जैसे यह सभी किरयाए चालू हुई मेरे मन में प्रश्न उठने शुरू हो गए की मैं भी एक दिन मरूँगा , मुझे भी इसी तरह से जाना होगा ? जब शरीर अग्नि में दाह हो रहा था तब सिर्फ वह शरीर राख का ढेर हो रहा था तभी मेरे मन से विचार उत्पन्न हुआ यह मिट्टी का शरीर एक दिन यू ही राख ढेर बन जाएगा फिर इस जीवन का क्या फायदा जब यह तन यू ही राख में मिल जाएगा। उस समय प्रश्न यह नहीं उठा की मैं कौन हूँ लेकिन वो शुरुआत हुई जब पूरा शरीर राख ही होना है तो इस शरीर का होना ही क्यू है? इसका क्या करू मैं?

मुझे घर आने के बाद बहुत अजीब से ख्याल आने लगे ओर मेरी तबीयत ठीक न थी मुझे यह सोच घबराहट होने लागि बस उलटी हो रही हो बार ऐसे जी कर रहा था तब मेरी ममी ने मुझे मामी जी के साथ उनके घर भेज दिया था की मैं 2-4 दिन वही रह आऊ बस फिर मैं 2-3 दिन वापस आया घर तब तक सब ठीक लग रहा दुबारा उस समय तो विचार शांत हुए लेकिन मेरे मन में प्रश्न उठने लगे कुछ समय बाद फिर

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