Posts in best hindi blog

क्या अब लोग पढ़ते है?

यह किताब की दुकान इतनी बड़ी “आजकल कौन पढ़ता है ” या आजकल भी लोग पढ़ते है क्या? लोगों की सोच को क्या हो गया है यह बात समझ से बारे हो जाती है ब कुछ लोग ऐसे प्रश्न पूछते है की आप पढ़कर करोगे क्या ? कितना कमाओगे ? इतना तो मैं इसी काम से कमा लेता हूँ फिर पढ़कर क्या करना और क्यों पढ़ना फिर इतना

जब इस प्रकार के प्रश्न मन में आने लग जाते है तब पढ़ाई से रुझान हट जाता है यदि आप आजकल की पीढ़ी को सिर्फ यही समझाओ की पढ़ाई करके तुम्हें पैसा कमाना है बस ओर कुछ नहीं करना जिस काम में ज्यादा पैसा मिले वही करना है बस ओर कुछ यदि इसी प्रकार के विचार आप इस पीढ़ी में डालेंगे तो फिर वह उसी प्रकार की सोच को विकसित करेंगे इसके विपरित फिर कुछ कैसे आएगा?

इस जमाने में ज्यादा लोग पढ़ने चाहिए या कम यह बात मुझे समझ नहीं आती कई बार यह प्रश्न बाद विचित्र सा लगता है की लोग पढ़ते है क्या ? क्यू पढ़ते है ? आजकल कौन पढ़ता है , क्या इतनी किताबे बिकती है? यह प्रश्न बड़े अजीब है

लोगों का ध्यान कपड़े ओर जूते की खरीदारी में ज्यादा है लेकिन किताबों में नहीं, लग अलग तरह ए जूते तो खरीदने है लेकिन किताबे नहीं पैर अच्छे दिखने चाहिए लेकिन दिमाग बढ़े या नहीं इस बात से कोई लेना देना नहीं है शरीर अच्छा दिखना चाहिए , बाल अच्छे लगने चाहिए , कही मेरे बाल तो नहीं ऊढ़ रहे है इस बात पर ध्यान है लेकिन बुद्धि में कोई फरक आया इस बात में कोई ध्यान नहीं है,

आजकल तो बहुत अच्छी अच्छी किताबे पढ़ने को मिल जाती है ओर आप उनसे बहुत कुछ सिख सकते है यदि आपका यह प्रश्न उठता है की अब पढ़कर क्या करेंगे ,आजकल कौन पढ़ता है या अब सिख कर क्या करेंगे तो फिर इसका प्रतिउत्तर यही है की अब अच्छे जूते ओर कपड़े पहन कर भी क्या करोगे ? साथ ही दिमाग अच्छा नहीं है तो अपने बच्चों को क्या अच्छी शिक्षा दोगे , क्या संस्कार दोगे क्या अपनी अगली पीढ़ी में ट्रांसफेर करके जा रहे हो?

नाम था उस शहर का

मेरी कविता का शीर्षक है “नाम था उस शहर का”

चल दिए वो जिस शहर की ओर नाम था उस शहर का कुछ और , बस वो अपनी मस्ती में हो रहे थे धुन सवार कही कोई न कह दे , कुछ उनसे के वापस चलो फिर उसी ओर

चल दिए बस ना जाने कही, इस तरह छोड़ कर अकेले मुझे,
जीवन की इस भीड़ में छूट गए आप, मेरे दिल के साथ तुम्हारी याद भी गयी।

आज तक नहीं भूल सकता, वह दिन जब हम साथ थे,
खुशियों से भरी हर पल था, हम दोनों के लिए तय।

पर अब आप चले गए, चले गए मेरी जिंदगी से दूर,
मेरे दिल में आपकी यादें बसी हैं, जो हमेशा मेरे साथ हैं और रहेंगी।

चल दिए बस ना जाने कही, ये बात हमें हमेशा सताती है,
पर मैं जानता हूँ कि कहीं ना कहीं आप भी मेरे साथ हो,
क्योंकि हमारी यादों को कोई दूर नहीं कर सकता।

चल दिए बस ना जाने कही, लेकिन आपकी यादें हमेशा हमसे होंगी,
जब भी तन्हाई के लम्हे होंगे, तो आपकी यादें हमेशा हमारे साथ होंगी।

चल दिए बस ना जाने कही, ये बात हमेशा दर्द देती है,
पर मैं जानता हूँ कि आप हमेशा मेरे साथ होंगे,
क्योंकि हमारी यादों को कोई दूर नहीं कर सकता।

चल दिए वो जिस शहर की ओर नाम था उस शहर का कुछ और , बस वो अपनी मस्ती में हो रहे थे धुन सवार कही कोई न कह दे ,

वक्त के साथ

वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है किसी की अकड़ काम हो जाती है, तो झुक झुक कर चलने लग जाता है, ये वक्त है साहिब इसके आगे कोई नहीं चल पाता है।

वक्त के साथ बदलाव सबमे दिखता है

आशा न बाँधिए

इस जीवन से आशा न बाँधिए, यह एक बहुत ही प्रेरणादायक पंक्ति है। इसका अर्थ है कि हमें आशाओं को बंधने से रोकना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि जीवन आसान होगा। हमें अपने आप को अपने गुरु के रूप में बनना चाहिए, जो हमें सही मार्ग दिखा सकते हैं। दुःख की दुकान जो हमें दुख देती है, उसे हमें स्वीकार करना चाहिए, और ऐसा करने से हमारी दुकान बहुत अच्छी तरह चलेगी और हमें कोई नुकसान नहीं होगा। यह पंक्ति हमें यह बताती है कि सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!आशायें जाल,
दुःख की चलाती वो दुकान!
जो हे जेस हे वो स्वीकार,
खूब चलेगी दुकान नही होगा नुक़सान !!

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

हर दिन चंद्रमा चमके,
सूरज खिले उजियारों से।
आशाओं का विश्वास जगाए,
हर पल नयी उम्मीद भरे।

जीवन की राह में आगे बढ़े,
संकटों का सामना करें।
स्वीकार करें जीवन की चुनौतियों को,
खुद को अद्वितीय बनाएं।

दुःख की दुकान खोले न रहें,
खुशियों के सौगात लें।
सकारात्मकता के संग चलें,
आनंद से जीवन बिताएं।

ज़िन्दगी का नुकसान ना होगा,
जब आत्मविश्वास हो सदा।
बन जाओ आपने आप के गुरु,
जीवन के रंगों में खड़ा।

आशाओं के जाल छिन बांधो,
दुःख की दुकान बंद हो।
स्वीकारो जीवन के हर चुनौती को,
खुशियों से जीवन बना लो।

रुक जाए आशायें न बांधे,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

आशा की किरण से जगमगाए,
प्रेरणा से मन भरे।
कविता की इस पंक्ति से,
आपकी हृदय को छू जाए।

चलो आगे बढ़े, जीवन की राह में,
खुशियों की धूम मचाएं।
स्वीकार करें दुःख और संघर्षों को,
हर दिन उम्मीद से जीना सिखाएं।

रुक जाए आशा न बाँधिए,
स्वीकारना करे शुरू !
जीवन होगा आसान,
बनो आपने आप के गुरु !!

बुने सपने

आप किसी छोटे मस्तिष्क
के घेरे में न आए ….
जो आपके बुने सपने को
बहुत बड़ा वो बताए । आप दिल दिमाग़ से
अपने बुने सपने देखे…
केसे वो धरती पे उतरेंगे
इस बात में बल चले लेके ॥

शब्द बन बैठा हूँ

शब्द तो बन बैठा हूँ

लेकिन शब्दों को कह नहीं पाता हूँ

बस खुद में ही कही नजर आता हूँ

शब्द हूँ शब्दों से कतराता हूँ

कभी छुपक जाता हूँ ,

कभी दुबक जाता हूँ ,

बाहर नहीं आ पाता  हूँ ,

घबरा कर बैठ भीतर ही जाता हूँ ,

यू मुझमे छिपा दर्द बहुत लेकिन कह कुछ नहीं पाता हूँ

बिना मतलब के चिल्लाता हूँ

हर किसी को बताता हूँ

शब्द हूँ मैं

लेकिन कुछ बोल नहीं पाता हूँ

भीतर की गहरी बाते जुबा पर ला नहीं पाता हूँ

जब भी बारी आई मेरी बोलने की सहमा सहमा नजर आता हूँ

शब्द हूँ मैं

लेकिन ज़्यादार मौन ही नजर आता हूँ

शब्द हूँ मैं

ना जाने ये बात भी कैसे जान पाया हूँ

लेकिन किसी को बता नहीं पाया हूँ

बस शब्द बन बैठा हूँ

यह भी पढे: शब्द, शब्द हूँ मैं, शब्दों की माया, शब्दों का संसार,

कौन है ये लोग ?

कहा से आते है ये लोग ? कौन है ये लोग जो रोज उटट पटाँग हरकते करते है लेकिन फिर भी इनको कुछ समझ नहीं आता बस ये तो अपनी फिकर करते है दुनिया को पागल समझते है,

मेट्रो में कुछ लोग सफर करते है खाते है पीते ओर अपना कूड़ा कचरा वही छोड़ जाते है साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते, उन्हे अपनी जिम्मेदारी का कोई एहसास नहीं है क्या वो अपने घरों में भी ऐसा ही करते है नया जाने कौन सी शिक्षा वो ग्रहण कर रहे है अपनी जिम्मेदारियों से दूर भाग रहे है

क्या ये लोग जेन्डर स्पिसिफिक या फिर महिलाये और पुरुष दोनों को कहा जा सकता है ?

आज शुक्रवार दिनांक 16-12-2022 जब में दुकान से आ रहा था तो मेट्रो भारी हुई थी ओर में आज जो मेट्रो वृद्ध वाली सीट रिजर्व होती है उस जगह जाकर खड़ा हो गया तभी मेरे कानों ने कुछ बाते सुनी

आज मैंने दो बुजुर्ग व्यक्तियों को आपस में बाते करते हुए सुन की लड़किया हमारी सीट पर जाती फिर उठने का नाम ही नहीं लेती और यदि हम महिलाओ की सीट की बैठ पर जाते है तो तुरंत ही उठा देती है फिर उम्र का लिहाज भी नहीं करती है नया जाने ये कैसा समय आ गया है बिल्कुल भी शर्म नहीं बची है आजकल के बच्चों में की कोई बुजुर्ग उनके सामने खड़ा हुआ है ओर वो अपनी सीट छोड़कर उठते नहीं साथ ही यदि उनकी सीट पर बैठ जाओ तो वह वह से उठा देती है

कौन है ये लोग ? सवाल पूछिए इन लोगों की ऐसा क्यू करते हो भाई

आज कल लोगों में एक नई परतिस्पर्धा भी देखने को मिलती है हॉर्न बजने की लोग हॉर्न बहुत जोर जोर से बजाते  है और नया जाने कैसे कैसे हॉर्न अपनी गाड़ियों में लगवाते है, बिना सोचे समझे ये लोग सिर्फ हॉर्न बजते है बिना मतलब के जैसे की कोई इनके बस सामने नया आए इनको पूरा रास्ता खाली मिले भाई साहब गाड़ी रोड पर चल रहे हो आसमान में नहीं लेकिन अब ये बात इनको कौन समझाए और कैसे ?

न जाने कौन है ये लोग जो गॅलिओ को हाइवे और हाइवे को गली बना लेते है स्कूटर ओर बाइक वाले लोग गली में ऐसे गाड़ी चलते है जैसे हाइवे पर चल रहे हो और हाइवे या रोड पर पहुचते ही ये साइड में चलाने लग जाते है तब इनकी हक्कड़ी सब खतम हो जाती है फेर भूल जाते है गाड़ी चलाना ?

कौन है वो लोग ?

हम सभी में से है वो कुछ लोग जो ऐसी हरकते है और बिना सोचे समझे ये सारी हरकते करते ही जाते है!

अनुपम खेर

अनुपम खेर की अगली मूवी कौनसी है ?

अनुपम खेर की आने वाली फिल्म जिसका नाम यह है Shiv Shastri Bolboa

इस फिल्म की चर्चा खूब होने लगी है जैसा की आप जानते है अभिनेता अनुपम खेर जिनकी उम्र 67 है इस फिल्म के पोस्टर में दर्शा रहे है की वह एक रेस्लर है ओर जैसा की मैं पिछले काफी समय से उनको फॉलो भी कर रहा हूँ वह अपनी बॉडी पर काफी ध्यान दे रहे थे अब समझ आया की वह इस फिल्म के लिए अपनी बॉडी को बना रहे थे बहुत अच्छे लग रहे है इस उम्र आकार उन्होंने जितनी बॉडी बनाई वो काबिले तारीफ है अनुपम खेर सर ने यह सच कर दिखाया की “उम्र सिर्फ आकडा है

उम्मीद नहीं थी की इतनी अच्छी बॉडी वो बनाएंगे साथ ही कुछ ट्वीट में देखा गया अभिनेता अक्षय कुमार ने भी जवाब दिया बॉडी बनाने को कहा था इतनी नहीं।

बात हुई उनकी बॉडी की और अब फिल्म की बात भी कर लेते है साथ ही दोस्तों यह फिल्म 10 फरवरी को सभी सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है उनकी फिल्म से ज्यादा चर्चा उनकी बॉडी की हो रही है अनुपम खेर के ट्वीट में लिखा है मेरी अगली फिल्म रिलीज होने वाली है का नाम है Shiv Shastri Bolboa ये एक साधारण इंसान के असाधारण व्यक्तित्व की कहानी है ये आपको हसने के साथ साथ आपके दिल में एक खूबसूरत भवन भी जगाएगी आत्मविश्वास की releasing on 10th Fabuary only in theater ! जय हो

उम्मीद करते है यह फिल्म बहुत जबरदस्त होगी अभी हाल ही में इनकी एक ओर फिल्म आई थी जो इनकी अमिताभ बच्चन ओर बोमन ईरानी व नीना गुप्ता के साथ थी ओर यह फिल्म भी हिट हुई यदि आपने अभी तक उचाई फिल्म नहीं देखी तो आपको वो फिल्म भी देखनी चाहिए बहुत अच्छी फिल्म है

नो स्मोकिंग

नो स्मोकिंग ज़ोन को बनाया स्मोकिंग ज़ोन My on go place is coffee home जब भी मन करता है उठकर चला जाता हूँ ओर फ़िल्टर कॉफी पी वापस आ जाता हूँ कुछ समय मैं वहाँ बिता कर आता हूँ, कुछ देर दूसरों को देखने के लिए बैठ जाता हूँ, ओर मेरे सुकून की जगह जो बहुत पुराना वृक्ष है उनकी छाव में बैठने में मुझे बड़ा सुख होता है।

पिछले 20 साल से मैं इस जगह जा रहा हूँ, लेकिन आज रविवार का दिन जब बहुत सारे

कुछ इधर उधर के लोग जो हो सकता है सरकारी कर्मचारी है, उनकी आज मीटिंग थी वह सभी लोग वहाँ पर एकत्रित थे, मैंने  पिछले 20 साल में आज पहली बार कोई इस जगह सिगरेट का धुआ उड़ाता दिखे कुछ लोग जहां लिखा था ‘नो स्मोकिंग ज़ोन’ फिर भी कर रहे थे लोग स्मोकिंग बनाकर स्मोकिंग जॉन   

यूपीएससी क्यों

आप यूपीएससी क्यों करना चाहते है ? मेरी किसी किताब वाले से बात हुई उनकी काफी पुरानी किताबों की दुकान है और बहुत बच्चे है उनके पास ओर काफी देर बाते करते है उनसे बच्चे उनके पास आकार तो उन्होंने बताया की आजकल बच्चों की रुचि किस ओर ज्यादा है ओर किस ओर नहीं तब मैंने उनसे पूछा की आपके पास स्कूल के बाद ज्यादातर कौनसे बच्चे आते है कौनसी किताबे लेने के लिए बच्चे आपके पास आ रहे है आजकल , क्या विषय है जो बहुत ट्रेंड मे है 

तो उन्होंने बताया की कॉलेज के बच्चे तो आते ही है साथ ही उनसे ज्यादा यूपीएससी की तैयारी के बच्चे आते है जो छठी से बरहवी कक्षा तक की एनसीईआरटी खरीदते है , साथ ही उन्होंने बताया की आजकल हर तीसरा बच्चा यूपीएससी की तैयारी कर रहा है हर कोई आईएएस ऑफिसर बनना चाहता है की बच्चे तो इस तरह का जवाब देते है तो मुझे हैरानी होती है की उनके लिए समय की कोई कदर नहीं है वह लोग अपने जीवन में समय को कोई महतव नहीं देते बस समय की हानी करते है जो इस प्रकार से बोलते है की यूपीएससी के सिर्फ मैं एक बार attempt देना चाहता हूँ ओर कुछ भी नहीं निकल गया तो ठीक वरना कोई नहीं जो चल रहा है वो तो है ही

जो लोग सिर्फ एक बार टाइम पास देने के यूपीएससी का इग्ज़ैम देना चाहते है कृपया कर नया करे ऐसा किसी दूसरे विषय में ध्यान दे ओर वही करे