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तेरे होने से

तेरे होने से बस तुम्हारे होने का एहसास है जिंदगी अगर तुम नही तो बकवास है ये जिंदगी

तेरे बिना, ये जिंदगी बेकार है,
बस तू ही है मेरे हर ख्वाब की आस है।

तुम्हारे होने से है मेरी जिंदगी की खुशियां,
तेरी मुस्कान से है मेरे चेहरे की रौशनी विश्वास है।

तू है मेरी पहली चाहत, एक अनमोल खजाना,
तेरे बगैर है ये दुनिया सुनी, सनसनी और रंजना।

तेरा साथ है मेरी हर सुबह, हर रात,
तेरी आवाज में है मेरे जीवन का सारा स्वाद।

तू है मेरी मुसीबतों का समाधान,
तेरे बिना है ये जिंदगी बस एक आधार बिना आसारन।

तेरे प्यार की रोशनी में जगमगाता हूँ,
तेरे साथ है जीने का ऐसा ख्वाब सजाता हूँ।

तेरी हर मुस्कान पर दिल लुटाता हूँ,
तेरे बिना है ये जिंदगी बस एक ख्वाब जगाता हूँ।

तू है मेरा सच्चा साथी, दोस्त और रखवाला,
तेरे बिना है ये जिंदगी बस एक बेसब्री का खेलखेला।

तेरे होने से है मेरी जिंदगी का अर्थ,
तेरे बगैर है ये जिंदगी बस व्यर्थ है

हिन्दू धर्म

हम सभी को अभी या बाद में हिन्दू धर्म स्वीकार करना ही होगा, यही असली धर्म है, मुझे कोई हिन्दू तो मुझे बुरा नहीं लगेगा, मैं इस बात बात को स्ववेकर करती हूँ क्युकी यही सच बात है ओर सही भी, इस बात को अस्वीकार करने जैसे कुछ नहीं है।

तालिया

मुझे तालियों की गड़गड़ाहट का शोर नही चाहिए
इसमे भी मुझे हिंसा दिखती है
दो हाथो के बीच जो आवाज होती है उसे शब्दो की
की गूंज को दबाना कहते है, इसलिए तालिया ना बजाओ

तालिया बजाकर मेरी तौहीन ना करो
ये दो हाथो के बीच का शोर बस इसे थोड़ा कम ही करो,अच्छा तो यही होगा की तुम इसे बंद करो

ये जो तुम्हारी तालियो की गड़गड़ाहट है न मुझे अच्छी नही लगती
आजकल तो ये तालिया हर गली चौराहे पर 10-10rs में बिकती है,

तुम्हारे जो इन हाथो के बीच का शोर है ना
किसी ने इसे भी हिंसा कहाँ है, इस हिंसा को बंद करो

जीवन में सफलता

दोस्त हंसते मुस्कुराते सदा रहे,
ख़ुशियों की सदा हवा बहे,
समस्याओं का सदा हल मिले,
जीवन में सफलता के फूल खिले ।

दोस्ती का रंग चढ़ाए रंग जीवन के,
हर गम को दूर कर दे आपकी हंसी-मुस्कान के।
मिलकर बनाएं खुशियों का गुलिस्तान,
जीवन के हर पल में बढ़ती रहे आपकी मित्रता की पहचान।

चाहे रुक जाए जीवन की धुप कभी,
दोस्त रहे साथ, बने रहें सबसे कभी।
अपनी आँखों में ख़ुशी छलकाएंगे हमेशा,
दिल से निकलेगा हंसी का गीत सदा।

हर कठिनाई को मिटा देगी ये दोस्ती,
सब परेशानियों को भुला देगी ये मित्रता।
सदा बनी रहे आपके होंठों पर मुस्कान,
जीवन की हर उड़ान पे बने जीवन में सफलता का निशान।

ये कविता याद रखेगी दोस्ती की मिठास,
सदा रहेगी हमारी यारी की आस्था।
चलो मिलकर बनाएं एक ख़ूबसूरत दुनिया,
जहां दोस्ती का रंग बने हर पल की पहचान।

उपलब्धियाँ

उपलब्धियाँ नहीं इतनी आवश्यक ।
अच्छे सम्बंध ही जीवन में सहायक ॥
जीवन के अंतिम पड़ाव का ये ज्ञान ।
जियें ओर जाने इस नियम का विज्ञान ॥

उपलब्धियाँ नहीं इतनी आवश्यक,
अच्छे सम्बंध ही जीवन में सहायक॥

जीवन के अंतिम पड़ाव का ये ज्ञान।
समय की चाहत में जब बदल जाए आधार,
थके अरमानों के ये आश्रय के मायने,
मिटें भरोसे के ये भीखारी दिल के।

जीवन की पथचारिनी में चलते चलते,
खो गए बहुत से सपने और कायरतें,
अस्थिरता की लहरों में भटकते भटकते,
ख्वाहिशों के रंगों से रंगते रंगते।

पर जब आया वह दिन जब शोध लिया हाथ,
शुद्धता की लालसा के गहरे सागर में,
बिखरे एहसासों को जोड़कर वहां,
पाया असली सुख का वह अद्वितीय रंग।

उपलब्धियाँ की तो सबने खोजी थी राह,
पर सम्बंधों का बलिदान था वह सच्चा कारण।
जीवन के अंतिम पड़ाव की यही ज्ञान,
बनाता है संगीत सुखी इस मन का वास्तविक आधार॥

जीवन के धागे टूटे

जब कभी जीवन के धागे टूटे तो जाना मित्रों के सानिध्य….
वो योग्य दर्ज़ी निशुल्क टूटे धागों को रफू करना उनका लक्ष्य ।
मित्रता एक रिक्त पृष्ठ पर उकेरी सुंदर कलात्मक कलाकृति….
सम्भालिये मित्रता को वो आपकी निधि एक अमूल्य सम्पति ॥

जब कभी जीवन के धागे टूटे तो जाना मित्रों के सानिध्य…
वो योग्य दर्ज़ी निशुल्क टूटे धागों को रफू करना उनका लक्ष्य।
मित्रता एक रिक्त पृष्ठ पर उकेरी सुंदर कलात्मक कलाकृति…

दोस्तों के साथ जब जीवन के धागे टूट जाएं,
उनके साथी के पास जाना, जहां शांति बनी रहे।
अहम्यता समझ कर, धागों को जोड़ने का काम करो,
मित्रता के लक्ष्य की ओर, आगे बढ़ते रहो।

मित्रता एक रिक्त पृष्ठ पर उकेरी सुंदर कलात्मक कलाकृति,
हर रंग, हर सूरत में उसकी मधुरता व्यक्त होती है।
साथ चलने की ताकत, अनदेखी के दरवाज़े को खोलती है,
धागों को मजबूती से बाँधती है और कठिनाइयों को हरती है।

जब तुम्हारे जीवन के धागे टूट जाएं,
तो याद रखो कि दोस्तों का साथ हमेशा मिलेगा।
वे तुम्हारे लिए वह समर्पण होंगे,
जो तुम्हें जीवन के संघर्षों से निकालेगा।

तो जब भी धागे टूटें, मित्रों के आसपास जाना,
उनकी सहायता से धागों को मजबूती देना।
मित्रता की सुंदर कला को आदर्श बनाना,
और एक दूसरे के साथ हमेशा जुड़े रहना।

स्वयं की झोपड़ी

स्वयं की झोपड़ी अच्छी दूसरों के महल से…
झोपड़ी में राज ओर महल ग़ुलामी परोसे ।
स्वाभिमान का प्रतीक स्वयं की झोपड़ी….
महल प्रतीक हाथ पेरो पे लगी हथकड़ी ॥

मौज में रहना हे छोड़नी पड़ेगी ग़ुलामी…
ग़ुलामी का जीवन एक मानसिक ख़ामी ।
जो भी मिला ओर कोशिश करते रहे सुधार ..
स्वयं की मेहनत से उपजे वही सही आधार ॥

स्वयं की झोपड़ी अच्छी दूसरों के महल से…
झोपड़ी में राज और महल गुलामी परोसे।
स्वाभिमान का प्रतीक स्वयं की झोपड़ी…
महल प्रतीक हाथ पे रो पे लगी हथकड़ी।

ये झोपड़ी छोटी, दीन-हीन, अपनी सी,
इसमें रहती है गरीबी, अधीनता की भी।
पर इसकी दीवारों में है आत्म-सम्मान,
जो कभी नहीं झुकता, न ये हार मान।

महलों की चमक, क्रीड़ाभूमि की खुशियां,
सब यहां हैं पर भाग्य की कर्मभूमि यहां।
ये झोपड़ी सदा देती है हमें शक्ति,
क्योंकि जीवन में इसकी है अद्वितीय महत्त्विता।

महलों की उच्चाई, झोपड़ी की सरलता,
होती है अंतरंग और व्यापारिकता।
पर अच्छाई, सादगी, स्नेह और सौहार्द,
सब यहां हैं, जो नहीं मिलता महलों में बार-बार।

झोपड़ी है स्वर्ग, उसका अभिमान है शान्ति,
महल तो बस भटकने वालों की हैं मंत्रिति।
हमारी झोपड़ी, हमारी पहचान है ये,
महलों के सामर्थ को हम करें नहीं मान।

तो चाहे अन्याय हो, या गरीबी की लाचारी,
झोपड़ी हमेशा रहेगी निर्मलता की भूमि।
यहां प्यार है, सम्मान है, जीने का हौसला,
झोपड़ी है अपनी, ऐसी है हमारी आशा।

वक्त का तराजू

कुछ प्रेमी हो गए वो वक्त का तराजू से बाहर…..
न बता पाएगी वक्त मशीन अब उनका कितना होता उनका भार ।
अब उनको यादों के तराज़ू में उनका भार तोलता हूँ……
जहाँ भी रहे खुश रहे ,पलड़ा सुख का भारी रहे प्रभु से यही माँगता हूँ ॥

कुछ प्रेमी हो गए वो वक्त का तराजू से बाहर,
न बता पाएगी वक्त मशीन अब उनका कितना होता उनका भार।
अब उनको यादों के तराज़ू में,
जब तकरीरें और हंसी की चिराग जलते हैं।

वक्त की पटरी पर उनकी मुस्कान चमकती है,
जैसे वो अभी भी यहाँ हों, नए दिन मनाते हैं।
पर सच्चाई ये है, कि वक्त की लम्बाई नहीं होती,
जब ये अनमोल पल भी धीरे-धीरे बितते हैं।

यादों के तराज़ू में उनकी मुहब्बत का भार होता है,
हर बार जब यादें उनका ध्यान दिलाती हैं।
चाहे वो दिल तोड़े या अपने साथ ले जाएं,
पर यादें हमेशा उनके होंगी, जब भी याद आती हैं।

वक्त की मशीन ज्ञात नहीं कर सकती,
कि कितना भारी होता है प्रेम का उनका भार।
पर ये यकीनन है, कि जब वो हमारे साथ होते हैं,
दुनिया की सारी खुशियाँ अपने साथ लाते हैं।

यादों के तराज़ू में हमेशा सच्चाई होती है,
प्रेम का महत्व और उसका भार समझाती है।
जब भी मन हो उनको याद करने का,
यादों के तराज़ू में प्रेम बहुमूल्य बन जाती है।

अनमोल विचार

कुछ ऐसे अनमोल विचार जो हमारी जिंदगी को बदलने में सहायक होते है, हर सुबह इन विचारों पर चिंतन, मनन करना चाहिए हमारा जीवन ओर सरल हो जाता है, ऐसे ही 10 अनमोल विचार है 1. श्रेष्ठ प्रयाणाम भविष्य
रूपी साँस लीजिए बिना
किसी अपेक्षा ….
वर्तमान रूपी साँस को
पकड़ के रोकिए वर्तमान में
जीना नेक शिक्षा …..
भूतकाल रूपी साँस बाहर
निकाले पाये मुक्ति
ये सच्ची परीक्षा ॥

2) काला घोड़ा सफ़ेद स्वारी एक के बाद एक की बारी…..
तवा वो काला घोड़ा रोटी होती गोरी सफ़ेद स्वारी ।
खड़ा द्वार पर ऐसा घोड़ा जिसने चाहा पेट मरोड़ा……
इसका उत्तर हे ताला , चाभी से मरोड़ते पेट नहीं मारना पड़ता हथौड़ा ।

3) जो समय बीता सो बीता वो नहीं आएगा दोबारा ……
अब समय दूसरा, झांकिये भविष्य वही अब उसका ही सहारा ।
समय सदा गतिमान अपने कार्य के प्रति कर्मनिष्ठ …..
समय के पास भूतकाल वर्तमान और भविष्य के अनगिनत असंख्य पृष्ठ ।

4) शिक्षक बच्चे से किया प्रश्न
शिक्षक तुमरे पास चार भटूरा हे
ओर वो भटूरा हम ने ले लिया
तो तुमरे पास क्या बचा ?
बच्चा बोला बचा हमारे पास “छोला “.

इस बात से पता चलता हे की भटूरा बिना छोले के अधूरा हे उसका जीवन ,
छोला भटूरे का परम मित्र और सखा है ।
दोनों जब एक दूसरे से मिलकर किसी तीसरे की आत्मिक संतुष्टि का कारण बनते हे अपना स्वयं का बलिदान देकर ।

5) सुख ही शांति….
ये शुद्ध भ्रांति ।
शांति ही सुख….
यह बात सत्य प्रमुख ।

भीतर शांति बाहर निरंतर प्रयास ….
फिर सब क्षेत्त्रो में होगा विकास ।
भीतरी शांति ही सच्चा सुख….
सब का हो भला कहे यह मुख ।

6) मेहनत का धन…..
ख़ुशियों से संपन्न ।
धेर्य हों धारण….
जीवन बने उदाहरण ।

मीठे बोल बने पहचान….
करे सबका सम्मान ।
मान सम्मान का व्यवहार….
जीवन का वो आधार ।

7) अच्छी पुस्तकें और अच्छे व्यक्ति ….
तुरंत नहीं समझ आते , कथन में नही कोई अतिशयोक्ति ।
पुस्तक की तरह व्यक्ति के भी भिन्न भिन्न अध्याय…
पढ़कर सीखना पड़ेगा कैसे अध्याय से स्वयं को समझ आए ।

पढ़े पुस्तक रुचि से स्वयं का प्रिय विषय…
सिद्ध हो सार्थक हो पूरा हो आपका ध्यय ।
स्वयं के जीवन के भी लिखने हे अध्याय…..
जो पढ़े समझे आपको बात समझ वो जाए ।

8) कभी बचपन में घुमाते थे साइकिल या स्कूटर का पहिया …..
वाह वो भी क्या दिन थे जो बस गये यादों में ,
मन बसिया ।
मैं और मेरा टायर संग लोहे की छड़ी आगे से गोल टायर में घूमती फसी…..
सोचते अब तो यादो के फ़व्वारे से चेहरे पे झांकती हँसी ।
मैं और मेरा टायर
अब आगे कुछ साल बचे होने को रिटायर ।
शुरुआत बचपन में टायर….
अब बुढ़ापा हो जाएँगे रिटायर ।
रिटायर में छिपा है टायर ….
इसी में पूरा जीवन चक्र हे दायर ।

9) क्रोध का कारण नहीं होता नक़द ….
क्रोध का परिणाम होता दर्दनाक दुखद ।
क्रोध एक ज्वाला करती सब भस्म….
जानती वो जलाना उसकी एक ही रस्म ।
क्रोध क्रोध
खोता बोध ।
करे क्रोध पे शोध….
यह दुख का बालकअबोध ।
यह जन्मता प्रतिशोध ….
जगाये भीतर यह बोध ।

10) काहे करे शिकायत….
उसमें दुःख चला आवत ।
शिकायत को समझेंगे….
बनायेंगे दोस्त नहीं उसमें उलझेंगे ।

जीवन जीवंत
शिकायतों का करे अंत ।
रहे हम शांत
अच्छा ही अच्छा होगा उसके उपरांत ।

आजकल पता नहीं क्या हुआ है,
पूछो कुछ जवाब कुछ और……
न करे शिकायत रहे मस्त समय
का अजीब यह चल रहा दोर ।

जीवन के अनमोल विचार जिनका करे हर सुबह चिंतन मनन

चुनौती

1-

ईमानदारी में हो पारदर्शिता और ईमानदारी में हे भीतर की स्वच्छता…..
जी के देखे यह बात , यह बात हर कोई नहीं समझता ।
बड़े से बड़े कार्य ईमानदारी से होते वो संभव..
ग़लत कार्य भी बिना ईमानदारी के असंभव ।

2-

अकारण सब और फैलाए ख़ुशियाँ….
नाचो नचाओ पकड़ के बहियाँ ।
क्या कारण खोजने खुश रहने के…..
दूसरे रहे खुश , स्नेह दृष्टि से सबको देखे ।

देखिए फिर कितना आता आनंद…..
कल कल बहे जीवन नादिया मन्द मन्द ।
अकारण रहे खुश और ख़ुशियाँ फैलाये…..
जीवन की अच्छी सच्ची बाँतो को अपनाए ।

3-

व्यक्तित्व व्यक्तित्व की बात है …..
कोई काहे मिली चुनौती रोता दिन रात हे ।
प्रार्थना कि चुनौती में ध्यान सही रहे….
कहाँ काम करना हे इस बात का सज्ञान रहे ।

कर्म शक्ति से उस चुनौती को भेदना…..
मौक़ा यह स्वयं के विस्तार का सोचना ।
धन्यवाद चुनौतयों का जो व्यक्ति के भीतर विराजित वैज्ञानिक को उसकाती…..
व्यक्ति स्वायं की ऊर्जा से चुनौती से बड़ी समाधान की लकीर खीच दिखलाता ।

अक्सर सब करते , दुःख जताना आसान….
दुःख से कैसे पार पाना वही सच्चा इंसान ।
चुनौतियों से न घबराये वो मिलती हर मोड़….
काम करना कैसे जाए वो तेरा पिंडा छोड़

4-

अपने आप को सही समझना,
नया नहीं पायेंगे सीख …..
सीखने के लिए मन खुला रखना
पड़ता सुधार की गुंजाइश हमेशा
यह हे जीवन की तारीफ़ ।

जीवन बहुत विस्तृत सही
जैसा कुछ नहीं, कुछ आता
नया पुराना हो जाता फेल …..
व्यक्ति समाज एक विचार से दूसरे
में कूद जाता पहले वाले को
भूलकर नए से करता मेल ।

5-

कुछ पाने और कुछ खोने का नाम ज़िंदगी
उम्र से मिला तजुर्बा यह ज़िंदगी की बंदगी ।
ज़िंदगी में कमाई दौलत काम आए न आए …
रिश्ते कमाए वही सही हे काम कर जाए ।

दौलत और रिश्तों का करे सही इस्तेमाल…..
फिर ज़िंदगी ख़ुशियों की बनेगी मिसाल ।
अधिक मात्रा मे सब चीजें ज़हर…..
सही जीयो नहीं तो अधिक दवाई भी क़हर ।