Posts tagged aaj ka shabd

मन भीतर

मन भीतर हो रही है उछल कूद

इस मन को कैसे रोके

इस मन के आवेश में कितने है झोंके

इस मन को कैसे रोके

यह मन यह मन

इधर उधर ले जाए

जीवन संग सतरंगी सपने सजाए

जीवन की उधेड़ बुन में लगाए

नए नए रंग जीवन संग जोड़े  

इन रंगों में इंसान खुद ही गुम हो जाए

इस मन भीतर अनेक कल्पना सज रही है

जो ये मन सजाए

इस मन को कैसे कैसे

हम समझाए

नित नए कार्यों में यह मन लग जाए

खुद को संभालो

तुम ये जो- इश्क भर की- बातों में

तुम ये जो- इश्क भर की- बातों में

मिश्री के जैसे घुल जाओ

कही तुम गुम न हो जाओ

कही तुम न खो जाओ

बस जो तुम हो

वही होने को हो जाओ

खुद को संभालो

बस संभालो

खुद को

खुद को संभालो

कही तुम खुद से दूर ना जाओ 

कही तुम गुम ना जाओ

कही तुम ना खो जाओ

इस जिंदगी को संभालो

कही जिंदगी को भी ना खो डालो

खुद से इतना इश्क तुम कर डालो

हर एक गम जिंदगी का तुम भुलादों

तुम ये जो इश्क भर की बातों में

इश्क भर जिंदगी हो जाओ

तुम ये जो इश्क भर की बातों में

निकला हूँ

निकला हूँ उस ठिकाने को ढूँढने , जिसका पता भी नहीं मालूम मुझे

बस निकल चला हूँ, अपनी उन राहों की ओर जहां

मैं घूमता हूँ दिन भर , दिन भर ढूँढता भी हूँ मैं

खुद को ही ना जाने कहाँ कहाँ ढूँढता हूँ मैं

कहाँ मिलूँगा-कहाँ मिलूँगा यही एक सवाल है जो

मैं खुद से बार बार पूछता हूँ

क्या मैं खुद को ढूंढ पाऊँगा , निकला हूँ मैं

खुद के सवालों से ही मैं जूझ रहा हूँ ,

खुद से ही बस यही एक सवाल पूछ रहा हूँ मैं

ढूँडु खुद को कैसे यह एक सवाल कर रहा हूँ

कहाँ कहाँ ढूढू खुद को बस यही एक सवाल है

जवाब तो नहीं पता मुझे इसका कब मिलेगा

ये मुझको नहीं खबर है बस लापता हूं

निकला हूँ मैं उस ठिकाने को ढूँढने जिसका पता नहीं मालूम मुझे

मन यू हलचल

कभी कभी मन यू हलचल सी मचाए , कभी जिंदगी यह घबराए ,कभी ख्वाब खूब सजाए ,कभी गम भुलाये ,नज़रों की तारीफ़ों से मैं खुद को भगाऊ ,न उसकी सहमतों से ओर न मेरी अड़हतों , यह पंछी अब पिंजरों से न ठगे, इतनी शरारत करे ये मन

इन सदृश पन्नों पर

मन के इन सदृश पन्नों पर

मैं कुछ लिखना चाहू

मन भीतर की कल्पनाओ से

इस जीवन को जैसा चाहू वैसा मैं बनाऊ

इस मन को

इस मन को

जीवन की

उधेड़ बुन में

मैं ना उलझाऊ – मैं ना उलझाउ

मन अलग अलग राहों में उलझे

कैसे मैं इसको सुलझाऊ

मन भीतर

मन भीतर

मन भीतर करे राग द्वेष

तन बैरी हो जाए

इच्छाओ का लगाके मेला

इस तन को खूब नाच नचाए

जगत के इन दृश्यों में

यह मन अटक बार बार जाए

जगत जाल में यह तन फँसता जाए

अरे मेरा तन बैरी हो जाए

यह तन बैरी हो जाए

मन के इन सदृश पन्नों पर, मैं कुछ लिखना चाहू

यह भी पढे बहुत ही सुंदर कविताओ का संकलन है : लिखने का मन, यह मन भी , मन,

दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ

मैं घोषणा करता हूँ मुझे हुआ हे वो दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ
शर्मा जी वर्मा जी ने पूछा है क्या ज्ञान हुआ आपको श्रीमान ?
मैं बताऊँ मुझे हुआ हे दिव्य सत्य ज्ञान पत्नी देवी ही शुद्ध भगवान।
घर में बैठा हे भगवान….
ऐ शेतान् इस परम ज्ञान को नहीं रहा जान ।
क्या बुद्धि तेरी जल गई बुझ गई ओ अहंकारी ओ बुद्धि नुक़सान।
मेरा ज्ञान व्यावहारिक टन टनाटन….
यह समझ का गेम मुझे हुआ परम ज्ञान।

इस ज्ञान हम 24×7 करते प्रचार….
खाओ गोलगप्पे और खट मीठिया आचार।

जय श्री पत्नी सर्व देवाये नमों नमः
संकट कटे कटे सब पीड़ा ओम फट।

दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ

यह भी पढे: चुनौती, क्या सलाह है, शिक्षा ही जीवन, क्यों के बादल जब,

सफलता का सफर

लगातार प्रयास जीवन में सफलता का सूचक है। सफलता का सफर किसी भी व्यक्ति के जीवन में सीधे नहीं होता है। लगातार प्रयास करने से हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हैं और अपने लक्ष्य की ओर अधिक निरंतरता से बढ़ते हैं, तभी मंजिल पर पहुचते है, अपने लक्ष्य की जितना केंद्रित होते है, उतनी ही सफलता हमारे नजदीक होती है।

हम लगातार कार्य करते रहे बस हमारा यही एक विचार होना चाहिए, हम सफल होंगे या नहीं ये हमारे प्रयासों पर ही निर्भर करता है, इसलिए अपने कार्यों से पीछे नहीं हटे बस उन्हे लगातार करे, ओर नए नए विचारों का समावेश उन्मे कीजिए ताकि आप खुद अपने कार्यों के साथ बेहतर होता हुए देख सके, आप जीतने बेहतर होते है उतने ही अच्छे परिणाम आपको मिलते है।

लगातार प्रयास करने से न केवल हमारी क्षमताएं बढ़ती हैं, बल्कि हमारे इरादों को प्राप्त करने की प्रतिक्षा भी कम होती है। सीधे शब्दों में, सफलता का सफर लगातार प्रयास न होने से बहुत दूर रह जाता है, जिसकी वजह से हम अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल नहीं कर पाते, कई बार हम मंजिल के बहुत करीब होते है जहां हमे सिर्फ थोड़ा स प्रयास देना होता है लेकिन वही हम रुक जाते है, जिसका कारण हम अपनी असफलता के रूप में देखते है।

जीवन में सफलता पाने के लिए, हमें अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निरंतरता से काम करना होगा। लगातार प्रयास करने के साथ हमें अपनी गलतियों से सीखना और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इन्हें दुरुस्त करना भी अति आवश्यक होता है, गलतिया तो सभी से होती है लेकिन उन गलतियों से सिख कर आगे बढ़ना बहुत जरूरी है, उन गलतियों के होने हमे वही नहीं रुक जाना, हमे अपनी हिम्मत नहीं हारनी, बस हमे आगे बढ़ते रहना है।

इसलिए, लगातार प्रयास करना जीवन में सफलता प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। अगर हम निरंतरता से काम करेंगे तो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का संभावना बढ़ जाएगा और जीवन में सफलता हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ना संभव होगा।

यह भी पढे: ज्यादा योग्य, लगन की चमक, धन से योग्यता, समाधान एक सूत्र,

जिंदगी की नई बाते

कभी कबार ठहाके मार हसाती है जिंदगी कभी अपनी सुनाती है, तो कभी रुलाती भी है जिंदगी, बस यू ही हँसते-रोते गुजर जाती है यह जिंदगी

जिंदगी की नई बाते हैं,
हर दिन लाती हैं कुछ नयी रातें।
नए संगीत, नए सपने,
नए अरमान, नए जज़्बातें।

जिंदगी की नई नई बाते हैं,
हर पल लाती हैं कुछ नयी ज़िन्दगियां।
नए रिश्ते, नए मुकाम,
नए सपनों से भरी ये जिंदगी हैं।

जिंदगी की नई बातें हैं,
हमें नए उड़ानों में उड़ने की तैयार करती हैं।
नए संघर्ष, नई चुनौतियाँ,
नए सफ़रों में हमें रोमांचित करती हैं।

जिंदगी की नई नई बातें हैं,
हमें नए सफ़रों में ले जाती हैं।
नए दोस्त, नए रास्ते,
नए सपनों से भरी ये जिंदगी हैं।

जिंदगी की नई नई बातें हैं,
हमेशा बदलती रहती हैं ये दुनिया।
पर हमें हमेशा आगे बढ़ना हैं,
नयी ऊंचाइयों को हमेशा हासिल करना हैं।

यह भी पढे: इसीका नाम जिंदगी, जिंदगी बस इसी तरह, सुकून की जिंदगी, जिंदगी से कुछ बात,

समझ अपनी अपनी

समझ अपनी अपनी
कई बार ठोकरें पड़ने के बावजूद
यात्री न संभले यह उसकी क़िस्मत ….
पत्थरों ने तो नहीं कमी उन्होंने तो अपना कार्य किया पूरा रहकर तटस्थ ।

खूबसूरत चेहरा बूढ़ा

खूबसूरत चेहरा बुढ़ा जाता हे….
मज़बूत शरीर समय अनुसार पड़ता कमजोर
पद भी एक दिन वो होता समाप्त
लेकिन एक अच्छा व्यक्ति हमेशा अच्छा व्यक्ति रहता हे ।
अच्छे बने अच्छाई की आयु हमेशा होती
बड़ी ….
पद चेहरा हो शरीर समय रहते हो जाते जैसे दीमक लगी लकड़ी ।
अच्छाई अंदर स्वय को होती वो ढके ….
जैसे प्याज़ या बंद गोभी की भीतरी परते ।