1-
ईमानदारी में हो पारदर्शिता और ईमानदारी में हे भीतर की स्वच्छता…..
जी के देखे यह बात , यह बात हर कोई नहीं समझता ।
बड़े से बड़े कार्य ईमानदारी से होते वो संभव..
ग़लत कार्य भी बिना ईमानदारी के असंभव ।
2-
अकारण सब और फैलाए ख़ुशियाँ….
नाचो नचाओ पकड़ के बहियाँ ।
क्या कारण खोजने खुश रहने के…..
दूसरे रहे खुश , स्नेह दृष्टि से सबको देखे ।
देखिए फिर कितना आता आनंद…..
कल कल बहे जीवन नादिया मन्द मन्द ।
अकारण रहे खुश और ख़ुशियाँ फैलाये…..
जीवन की अच्छी सच्ची बाँतो को अपनाए ।
3-
व्यक्तित्व व्यक्तित्व की बात है …..
कोई काहे मिली चुनौती रोता दिन रात हे ।
प्रार्थना कि चुनौती में ध्यान सही रहे….
कहाँ काम करना हे इस बात का सज्ञान रहे ।
कर्म शक्ति से उस चुनौती को भेदना…..
मौक़ा यह स्वयं के विस्तार का सोचना ।
धन्यवाद चुनौतयों का जो व्यक्ति के भीतर विराजित वैज्ञानिक को उसकाती…..
व्यक्ति स्वायं की ऊर्जा से चुनौती से बड़ी समाधान की लकीर खीच दिखलाता ।
अक्सर सब करते , दुःख जताना आसान….
दुःख से कैसे पार पाना वही सच्चा इंसान ।
चुनौतियों से न घबराये वो मिलती हर मोड़….
काम करना कैसे जाए वो तेरा पिंडा छोड़
4-
अपने आप को सही समझना,
नया नहीं पायेंगे सीख …..
सीखने के लिए मन खुला रखना
पड़ता सुधार की गुंजाइश हमेशा
यह हे जीवन की तारीफ़ ।
जीवन बहुत विस्तृत सही
जैसा कुछ नहीं, कुछ आता
नया पुराना हो जाता फेल …..
व्यक्ति समाज एक विचार से दूसरे
में कूद जाता पहले वाले को
भूलकर नए से करता मेल ।
5-
कुछ पाने और कुछ खोने का नाम ज़िंदगी
उम्र से मिला तजुर्बा यह ज़िंदगी की बंदगी ।
ज़िंदगी में कमाई दौलत काम आए न आए …
रिश्ते कमाए वही सही हे काम कर जाए ।
दौलत और रिश्तों का करे सही इस्तेमाल…..
फिर ज़िंदगी ख़ुशियों की बनेगी मिसाल ।
अधिक मात्रा मे सब चीजें ज़हर…..
सही जीयो नहीं तो अधिक दवाई भी क़हर ।