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दशमेश गुरु जी

आज का विषय बहुत ही सुंदर
दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मदिवस के विषय में

उनका आकाशीय कथन से शुरुआत करेंगे
जो हे
चिड़ियों को में बाज से लड़ाऊ , गीदड़ों को में शेर बनाऊ !
सवा लाख से एक लड़ाऊ तभी गोविंद सिंह नाम कहाऊ !!
दशमेश गुरु जी जिन्होंने खालसा की नीव रखी सिक्खों को सिखी को जोड़ा ओर एक जीवन की अमिट निष्कलंक विधि दी अमृत पान करवा के पाँच प्यारे दिए ओर पाँच कक्के दिए जो थे कंघा ,केश, कढ़ा ,कच्छेरा ओर कृपाण
आप जी का जन्म पटना साहिब में हुआ था आपने मुग़लों से 14 बार युद्ध हुआ ओर ओर आपकी सदा जीत हुई ।

आपजी हृदय से कवि ओर मस्तिष्क से एक अपराजित योद्धा थे ओर परम ज्ञानी कई भाषाओं के जानकार जिसने संस्कृत ,गुरमुखी अरबी , फ़ारसी ओर न जाने ओर कौन कौन सी भाषाओं में वो पारंगत थे ओर 9 वर्ष से भी एक महीना क़रीब कम में वो दसवे गुरु की पदवी मिली।

हम नमन करते हे उनके किए बलिदान के लिए , पूरा परिवार पिता जी श्री तेग़ बहादुर जीं ने शीश को काटा गया गुरुद्वारा श्री शीश गंज उसका बलिदान की गवाह हे उनको खुद 42 वे वर्ष में धोखे से मुग़लों ने सीने में घाव देकर हुई उससे पहले उनके दो पुत्र चमकौर के युद्ध में शहीद हो गए ओर दो पुत्रों को मुग़लों ने ज़िन्दा दिवार में चुनवा दिया।

चमकौर का युद्ध क्या कमाल का था एक तरफ़ 40-43 सिख थे ओर दूसरी तरफ़ 10 लाख की विशाल मुग़ल सेना ओर क़ाबिले तारीफ़ बात ये थी गुरु गोविंद सिंह जी ने जो मेने शुरुआत में उनके वचन को लिखा था कि चिड़ियों से में बाज़ लड़ाऊ , गीदड़ को मैं शेर बनाऊ ! सवा लाख से एक लड़ाऊ तभी गोविंद सिंह नाम कहाऊ !! को सिद्ध कर दिखाया ये थे महान महान श्री श्री गोविंद सिंह जी ।

मेने अपनी जीवा से उनका नाम लिया हे मेरी लेखनी मेरी जीवा भी शुद्ध हो गई ऐसा प्यारा प्यारा नाम श्री गुरु गोविंद सिंह ।
वाणी नहीं कर सकती उनका बखान ये वाणी की कमी जो कभी पूरी नहीं की जा सकती आज के दिन ऐसी पुण्यात्मा महान विभूति संत श्री गोविंद सिंह जी को क्षत क्षत नमन वंदन ।
जो बोले सो निहाल ससरियाकाल।

सोशल मीडिया

सोशल मीडिया पर लगातार शब्दो का चलन होता है , हर रोज कुछ ऐसे शब्द प्रचलित होते है जिनको ज्यादा बार सांझा, पसंद किया जाता है और साथ उस पर कमेंट तथा लिखते है उसके बारे में ,
था प्रकार को सूचना और खबर होती है जिसको सभी देश विदेश में फैलाना चाहते है जिससे उनको प्रसिद्धि मिले या फिर उनके मन को अच्छा लगता हो इसका कारण कुछ भी हो सकता है।
जैसे की आज का शब्द है।

मोदीजी
महेश_बाबू
Allu Arjun movie pushpa

अब ज्यादातर लोग इस बात को खोज रहे है तथा लिख भी रहे है साथ उस पर अपनी टिप्पणी भी देते है , पसंद और नापसंद की

# हैश टैग को इसीलिए प्रयोग में लाया जाता है ताकि एक जैसे शब्दो को आसानी से खोजा जा सके इंटरनेट पर

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दृष्टि

अपनी दृष्टि को फैलाकर देखिए हर तरफ हर कारण का पता चल जाएगा सभी दुखों का निवारण भी मिल जाएगा लीजिए लाभ अपनी दृष्टि का इस सृष्टि में

हर व्यक्ति शिक्षक ओर सब ओर फ़ेले इस बात के उदाहरण ।
आँखे खोलिए ये हुआ क्यूँ ? क्यूँकि उसका दृष्टिकोण था कारण ॥

उसके दिए उदाहरणों का अपने जीवन में लाभ लीजिए ।
क्या करना क्या नहीं स्वयं के दृष्टि से पहचान कीजिए ॥