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दूर करे अंधकार

वो कौनसे वार है जो दूर करे अंधकार , हर एक शब्द हर एक विचार हमारे जीवन को उच्च बनाता है , इन अनमोल वचनों को हमे जीवन में उतारते रहना चाहिए।

ऐसे कौन से “वार” प्रतिदिन दूर करे अंधकार ।
ऐसा कौनसी “ गार” जिससे चलता पूरा महीने का पहिया मज़ेदार ।
ऐसा कौन का “हार” जो स्वादिष्ट खाने का आधार ।
ऐसा कौन सा “चार” जिसका खट्टा मीठा संसार ।

जवाब दीजिए ,
हर सुबह आपकी अच्छी शुरुआत हो बहुत शुभ और लाभकारी हो।


वर्तमान राजा

आज यानी वर्तमान राजा …
इसी में हे ख़ुशियों का दरवाज़ा ।
सुने वर्तमान को रख के सही तापमान…
बहुत उपयोगी वर्तमान का विमान ।

वक्त के साथ

वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है किसी की अकड़ काम हो जाती है, तो झुक झुक कर चलने लग जाता है, ये वक्त है साहिब इसके आगे कोई नहीं चल पाता है।

वक्त के साथ बदलाव सबमे दिखता है

रुपए पैसे

रुपए पैसे से बड़ी लाइन याद की,
उससे भी बड़ी लाइन याद वाले व्यक्ति से
मुलाक़ात की ।
भीतर यादों को सजोय रखना महत्वपूर्ण….
रुपया पेसा इस कार्य में कभी नहीं सम्पूर्ण ।
यादे दिल का हिस्सा उससे वो होती जुड़ी…..
प्रेम प्यार की दिलकश वो बारीक हथकड़ी ।।

आसरा

जो हो रहा है वो बेहतर है बस यही एक विचार तेरा ही आसरा यह की जो हो रहा है वो सबसे बेहतर सबसे सर्वोत्तम

आसरा यह कि जो हो रहा है वो सबसे बेहतरीन सबसे सर्वश्रेष्ठ………..
बस आसरा एक कि चरित्र में प्राण डाल सकूँ
तो कार्य हो जाए दी बेस्ट ।

मर्जी अपनी तो अक्सर सभी चलाना चाहते……
चाहूँ जो सही हे वही हो चाहे मेरे हो विरुद्ध कार्य जो मुझे नहीं भाते ।

लोग क्या कहेंगे

लोग क्या कहेंगे ये सब से बड़ा जेल…..
निकलना इस जेल से नहीं बच्चों का खेल ।
लोग क्या कहेगे बहुत बड़ी परेशानी…..
सोच सोच के बूढ़ी हो जाती जवानी ।।

लोग क्या कहेंगे जब निकल जाएगा डर….
अंदर से आएगी आवाज़ तू तो निडर ।
लोग क्या कहेंगे लोगो का तो काम है
कुछ न कुछ कहना……
मत पाल डर तू लोग क्या कहेंगे अच्छा बुरा सब ही सब कुछ एक सपना ।।
मत पाल डर तू लोग क्या कहेंगे अच्छा बुरा बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना ।।

ये जगह बनी एक बड़ी जेल,
लोगों की अकेली परेशानी की खेल।
निकलना इस जेल से, तो अपार समस्या,
मनुष्य बंधन में, यहाँ नहीं है आसरा।

यहाँ सिमट जाती है आज़ादी की ख्वाहिश,
सपनों की उड़ानों से यहाँ बंद हो जाती दिशा।
बच्चों का हंसना-खेलना नहीं यहाँ देखा,
काले बरसात में भी यहाँ तारों की रोशनी नहीं देखा।

रेत की तरह फिसलती है ख्वाहिशों की धूल,
इस जेल में खो जाती है आशा की चिंगारी रूल।
लोगों के मन में जलती है यहाँ उम्मीदों की शमा,
परेशानी के बादल ढेर से छाते हैं आसमा।

यहाँ खो जाती है जिंदगी की हंसी,
बंधन में है रहने की जरूरत की वजह से।
जहाँ बंद खड़े रहते हैं सपने बिखरे,
वहीं खो जाता है इंसान का असली रंग भिखरे।

लोग कहेंगे बहुत बड़ी परेशानी है यहाँ,
बंधन में जीने की वजह से हर कोई मुसीबतों का भरमां।
पर क्या वो जानते हैं इस जेल की दरारों को,
जो इंसान की आज़ादी को छेदती हैं सारे आसमानों को।

निकलना इस जेल से नहीं बच्चों का खेल,
वो खो जाते हैं इस जेल में अपनी मस्ती के मेले।
लेकिन एक दिन आएगा जब उठेगी यह दरारें,
जब तक रहेगी जनसंघर्ष, नहीं होगी दयारें।

इस जेल से निकलेगी एक नई सुबह,
जब तक रहेगी आंधी लोगों की रूबह।
आएगावो दिन जब जेल की दीवारें टूटेंगी,
मनुष्यता की आवाज सबको सुनाई देगी।
बच्चों के खेलों की मिठास फिर लौटेगी,
जीवन की गाथा नई रंगों से सजेगी।

ये सब संघर्ष छोड़ देंगे छवि नई,
विचारों के पंख उड़ा देंगे ऊँचाई।
लोगों की आवाज़ सभी तरफ बजेगी,
और सबका दिल खुशी से भर जाएगी।

जेल से बाहर आएगी स्वतंत्रता की हवा,
खुशहाली और खुशियों की लहरें मचाएगी सबका दिल बहुत खुश हो जाएगी।
ये जेल सिर्फ एक दौर है, एक कठिनाई,
मनुष्यता के पर्वत को छूने की चाहत है यह अपार सख्ताई।

लोगों के हृदय में जगाएगी नई आसा,
इस जेल की दीवारों को तोड़ देगी वह उमंग।
संघर्ष से जीतेगी नयी ये दुनिया,
और सबके होंगे खुशहाल नए दिनों की पहलू।

इतनी सी कविता में छिपा है एक विश्वास,
कि संघर्ष के बाद होगा स्वतंत्रता का उत्सव।
इस जेल से निकलेगा मनुष्य की आज़ादी का समाचार,
और लोग कहेंगे, “हाँ, यही है सबसे बड़ा जेल से बाहर निकलने का खेल!”

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कलाकार का जीवन

कलाकार का जीवन
कलाकार पर्दे पे आपके सुख दुःख भोगता…..
कलाकार किरदार भीतर स्वय के सोखता।
अपनी कला का जलवा मंच पे बखेरता….
किरदार में अपनी कला के प्राण फूकता।

कलाकार अभिनय को देता उत्तम आकर ….
एकलोते जीवन में जीता भिन्न भिन्न किरदार ।
कलाकार की ख़ुशबू चारों और फैलती…
प्रशंसा उसके कार्य में नई ऊर्जा भरती ।।

कलाकार समाज का वो नुमाइंदा…..
भीतर से वो भी शख़्स अच्छा या गंदा ।
कलाकार में हम शख़्सियत नहीं नायक को खोजते …..
उस नायक से क़ायम होता रिश्ता बड़ी शिद्दत से उसे हम पूजते ।।

कलाकार का जीवन, पर्दे पे आपके सुख दुःख भोगता,
किरदार भीतर स्वयं के सोखता।

रंग और अभिनय की दुनिया में खो जाता है सब,
अपने भावों के माध्यम से जगत को भर देता है अर्थ।

प्रेम, विरह, आनंद, विलाप, सबको अदा करता है वह,
जीवन के हर रंग को अपनी कला से सजाता है वह।

कला के सम्राट, कलाकार नाम उनका,
रंगमंच पर जीवन का सच उनका।

संगीत की साज, नृत्य की आवाज,
सभी रसों को जीवंत करता है वह राज।

पढ़ता है वह वाचिक विधान,
साधक के रूप में निभाता है अद्वितीय ध्यान।

नाटकों के पट पर, सिनेमा की दुनिया में,
कलाकार रचता है अपनी कहानी में।

जीवन के रंगों को चित्रित करता है वह,
अपनी कला से जन-जन को भरता है वह।

जीवन-संगीत की लहरों में नाचता है वह,
अपनी अभिनय की कविता सुनाता है वह।

कलाकार का जीवन, रंग और रूपों का संगम,
अपनी कला के साथ जीने का अद्वितीय उपयोग।

धन, यश या स्थान की परवाह नहीं होती उसको,
उसकी प्राथमिकता होती है अपनी कला में खोने की।

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नई संभावनाओ से

नई संभावनाओ से भरा यह दिन…..
रचनात्मक जीये समय आपकी win win ।
अपने व्यक्तिगत को दे shape….
आए चाहे समय की कितनी भी brake ।

जीवन में नई नई संभावनाओं की सुगंध…
महसूस करे सुगंध निरंतर तो होवे उपलब्ध ।
नई सुगंध की चहु ओर हो उसका फेलाव….
सबको सके छू हो ऐसा उसका बहाव ॥


न समय बर्बाद

न समय बर्बाद करना ग़ुस्सा करने में….
ग़ुस्सा भरता दुखो को अपने झोले में ।
न समय बर्बाद करना चिंता करके….
चिंता बंद गली ,दम लेगी वो मर के ।

जीवन हे हवा के ग़ुब्बारे सा ….
चिंता ग़ुस्सा दुःख उसे जाते खा ।
हंसिए मुस्कुराए दुखो को सुई लगाए….
चलो समय का सही सदुपयोग हो जाए ॥

समाधान क्या

किसी भी समस्या का समाधान मिलता है , उस समाधान का निकालने में बरते सावधानी , हो चुनाव सही ओर सही निर्णय तुम्हारा न घटे कोई असावधानी समाधान क्या उसमें बरते सावधानी…
चुनाव सही बीज का ,न हो नादानी ।
आपका चुनाव होगा जब उचित ….
पनपेगा बीज होगा विशाल विकसित ।

सही मोके पे सही उचित विचार….
बनेगा वो आने वाली ख़ुशियों का आधार ।
चुनाव अति अति बहुत ही महत्वपूर्ण….
विकास ओर ख़ुशियों का ओढ़े आवरण ॥