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आसरा

जो हो रहा है वो बेहतर है बस यही एक विचार तेरा ही आसरा यह की जो हो रहा है वो सबसे बेहतर सबसे सर्वोत्तम

आसरा यह कि जो हो रहा है वो सबसे बेहतरीन सबसे सर्वश्रेष्ठ………..
बस आसरा एक कि चरित्र में प्राण डाल सकूँ
तो कार्य हो जाए दी बेस्ट ।

मर्जी अपनी तो अक्सर सभी चलाना चाहते……
चाहूँ जो सही हे वही हो चाहे मेरे हो विरुद्ध कार्य जो मुझे नहीं भाते ।

कलाकार का जीवन

कलाकार का जीवन
कलाकार पर्दे पे आपके सुख दुःख भोगता…..
कलाकार किरदार भीतर स्वय के सोखता।
अपनी कला का जलवा मंच पे बखेरता….
किरदार में अपनी कला के प्राण फूकता।

कलाकार अभिनय को देता उत्तम आकर ….
एकलोते जीवन में जीता भिन्न भिन्न किरदार ।
कलाकार की ख़ुशबू चारों और फैलती…
प्रशंसा उसके कार्य में नई ऊर्जा भरती ।।

कलाकार समाज का वो नुमाइंदा…..
भीतर से वो भी शख़्स अच्छा या गंदा ।
कलाकार में हम शख़्सियत नहीं नायक को खोजते …..
उस नायक से क़ायम होता रिश्ता बड़ी शिद्दत से उसे हम पूजते ।।

कलाकार का जीवन, पर्दे पे आपके सुख दुःख भोगता,
किरदार भीतर स्वयं के सोखता।

रंग और अभिनय की दुनिया में खो जाता है सब,
अपने भावों के माध्यम से जगत को भर देता है अर्थ।

प्रेम, विरह, आनंद, विलाप, सबको अदा करता है वह,
जीवन के हर रंग को अपनी कला से सजाता है वह।

कला के सम्राट, कलाकार नाम उनका,
रंगमंच पर जीवन का सच उनका।

संगीत की साज, नृत्य की आवाज,
सभी रसों को जीवंत करता है वह राज।

पढ़ता है वह वाचिक विधान,
साधक के रूप में निभाता है अद्वितीय ध्यान।

नाटकों के पट पर, सिनेमा की दुनिया में,
कलाकार रचता है अपनी कहानी में।

जीवन के रंगों को चित्रित करता है वह,
अपनी कला से जन-जन को भरता है वह।

जीवन-संगीत की लहरों में नाचता है वह,
अपनी अभिनय की कविता सुनाता है वह।

कलाकार का जीवन, रंग और रूपों का संगम,
अपनी कला के साथ जीने का अद्वितीय उपयोग।

धन, यश या स्थान की परवाह नहीं होती उसको,
उसकी प्राथमिकता होती है अपनी कला में खोने की।

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नई संभावनाओ से

नई संभावनाओ से भरा यह दिन…..
रचनात्मक जीये समय आपकी win win ।
अपने व्यक्तिगत को दे shape….
आए चाहे समय की कितनी भी brake ।

जीवन में नई नई संभावनाओं की सुगंध…
महसूस करे सुगंध निरंतर तो होवे उपलब्ध ।
नई सुगंध की चहु ओर हो उसका फेलाव….
सबको सके छू हो ऐसा उसका बहाव ॥


न समय बर्बाद

न समय बर्बाद करना ग़ुस्सा करने में….
ग़ुस्सा भरता दुखो को अपने झोले में ।
न समय बर्बाद करना चिंता करके….
चिंता बंद गली ,दम लेगी वो मर के ।

जीवन हे हवा के ग़ुब्बारे सा ….
चिंता ग़ुस्सा दुःख उसे जाते खा ।
हंसिए मुस्कुराए दुखो को सुई लगाए….
चलो समय का सही सदुपयोग हो जाए ॥

समाधान क्या

किसी भी समस्या का समाधान मिलता है , उस समाधान का निकालने में बरते सावधानी , हो चुनाव सही ओर सही निर्णय तुम्हारा न घटे कोई असावधानी समाधान क्या उसमें बरते सावधानी…
चुनाव सही बीज का ,न हो नादानी ।
आपका चुनाव होगा जब उचित ….
पनपेगा बीज होगा विशाल विकसित ।

सही मोके पे सही उचित विचार….
बनेगा वो आने वाली ख़ुशियों का आधार ।
चुनाव अति अति बहुत ही महत्वपूर्ण….
विकास ओर ख़ुशियों का ओढ़े आवरण ॥

परस्पर सम्मान

परस्पर सम्मान आदर रिश्तों को करता है मजबूत ….
एक सुरक्षित मज़बूत रिश्ते की यही पहचान ।
क्यारी में पनपते सुंदर सुंदर फूल…..
सुंदर रिश्ते पनपते अपनाते यह असूल ।

आदर सम्मान वो होते अनमोल….
यह व्यवहार पहचान, भाषा देती बोल ।
आदर सम्मान एक आदर्श रिश्ता…..
अनमोल दिल ख़रीदते वो भी कितना सस्ता॥

परस्पर सम्मान एक सुरक्षित मज़बूत रिश्ते की मजबूत डोरी आवश्यकता ओर एक अच्छा नेक करम ।
नही तो हज़ारों हज़ार रिश्ते हे बेदम बकवास तो जिस दिशा में चलेंगे उसी दिशा की सूचना आएगी तो फिर नेक दुआओ के रास्ते पर क्यूँ न चला जाए ।

अपने जीवन के लेखक

हम सभी हाथ की लकीरों को देखते है वो अक्सर बदलती है जब हम मेहनत करते है, अपने भविष्य का निर्माण करते है , अपने जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते है, अपने जीवन को बफलने के लिए संभव कार्य करते है हमे अपने जीवन को एक नई दिशा , नई गति देने के लिए अपना जीवन को लिखना होगा जो हम चाहते है वही हम बन जाते है , इसी पर आज का शब्द है “अपने जीवन के लेखक” अपने जीवन के लेखक बने ……
अच्छे से स्वयं के मस्तिष्क पड़े ।
जितना जितना स्वयं को समझेंगे….
दूसरी से कम से कम हम उलझेंग़े ।

भीतर की बांते सतह पर आए…..
भीतर बनी गाँठे वो पिघल जाए ।
फिर ज़रूर बढ़ेगा समझ का दायरा….
मिलेगा अच्छी बांते लोगों का सहारा ॥

समय के अनुसार

समय के अनुसार इस शरीर को मृत्यु आती है कोई भी साधन इस मृत्यु को रोक नहीं पाता है, सब कुछ यही रह जाता है, कौन था राजा कौन रंक ये कौन जाने मृत्यु तो बस अपने रास्ते आती है, इस शरीर को मृत्यु ले जाती है
प्रकृति यह नियम अपनाती।
ये सब प्रकृति का केमिकल
लोचा….
शरीर सब तत्वों में मिल जाता जो नही था सोचा ॥

समय के अनुसार मृत्यु नही लगनी चाहिए वो बुरी……
इसमें एक ख़ुशी समय अनुसार चली जीवन की धुरी ॥

मृत्यु सच्चाई नही वो बुरी वो कड़वा सत्य लेकिन सत्य नही वो बुरी ॥

समय अनुसार प्रकृति अपना चक्र पूरा करती हे यह प्रकृति का चक्रव्यूह हे उसमें वो मतभेद नही करती राजा हो रंक हो अमीर हो गरीब हो ताकतवर हो कमजोर हो सब के साथ समान व्यवहार इसकी पहचान ।
प्रणाम प्रकृति को उसके सत्य को उसकी कार्यशेली को नमन वंदन बस सत्य कि माँ प्रकृति इस सत्य के दर्शन भीतर से हो पाए उसमें सहायक बनना आपका अति आभार।

समय को दोष ना देना सब समय अच्छा ही होता है, जिस क्षण विदा होना होता है उस समय ही प्राण विदा होता है, कार्यों से निवृत होकर जाते है प्राण उनकी चिंता में व्यर्थ ही ना हो परेशान

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तुम हो समुद्र

तुम हो समुद्र तुम्हारा दुख तेज धूप तुम्हारी सहन शक्ति के आगे नतमस्तक हम , तुम्हारा बल अद्भुत तुम्हारी गाथा तुम हो अनेकों विचारों एक दाता तुम हो समुद्र दुःख तेज धूप…
धूप विकट समुद्र विराट स्वरूप ।
तेज से तेज धूप समुद्र का बाल भी
बाँका नही कर सकती …..
समुद्र चुप शांत कभी क्रुद्ध धूप की
तो एक नियत शक्ति ।

तुम हो समुद्र तुम्हारे दुःख तेज धूप….
धूप शक्ति नही बदल सकती समुद्र रूप
कोई कुछ बोले करे मनन रहे सदा शांत….
इस बात में हित लाभ मन भी होगा प्रशांत ॥

सच्चा मित्र

एक अस्त्र ही बहुत है वह अस्त्र आपका मित्र है , जिस मित्र के सदा विजय नहीं चाहिए सहस्त्र मित्र बस एक ही हो वो सच्चा मित्र मित्र आपका अस्त्र…
एक ही बहुत
नही चाहिए वो सहस्त्र ।
मित्र सच्चा सहयोगी….
सुगंध उसकी सर्वत्र उपयोगी ।

मित्रता की सदा विजय हो ,
मित्रता ही नारा ।

एक अस्त्र ही बहुत है, वह अस्त्र मेरा मित्र है,
जो सदा विजय नहीं चाहता, सहस्त्र मित्र बस एक ही है।

वो सच्चा मित्र, जो मेरे साथ सदैव खड़ा है,
जब भी जरूरत पड़ी मेरी, मेरे पास हमेशा आया।

उसकी आँखों में छिपी है विश्वास की ज्वाला,
वो मेरी हर बात को समझता, मेरे दुखों को महसूस करता।

जब समय था मुझे पीछे खींचते अंधकार के घेरे,
वह मेरे साथ चला, मेरे साथ हैरानी और डरे।

जब भी जीवन की लहरें मेरे सामने उठाएं,
वो सहारा बनकर मेरे पास खड़ा रहे आए।

उसने मुझे शक्ति दी, सामर्थ्य की प्रेरणा दी,
जिससे जीता मैं हर युद्ध, हर मुश्किल से लड़ा हूँ।

उसका आभास हर सांस में है, हर धड़कन में बसा,
वो सच्चा मित्र, जो मेरे जीवन का अद्वितीय रंग बना।

जब भी मैं उदासी से भरा, अशांति से घिरा हूँ,
वो मेरे पास आकर मुझे हंसाता, खुशियों से भर देता है।

सदा मेरे पक्ष में स्थिर रहकर, मेरे साथ चलने वाला,
हर संकट और समस्या से मुझे बचाने वाला।

वो जिसका नाम प्यार से जुड़ा है,
जो सदैव मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान धरा है।

इस अस्त्र की शक्ति सदैव मेरी आस्था बनी रहे,
सहस्त्र मित्र, तू मेरा सच्चा मित्र है और रहेगा सदैव ही।

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