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अपनी मेहनत

अपनी मेहनत का गुणगान करेंगे…
सत्य का हम संग जब साथ लेंगे ।
निश्चित लक्ष्य हो हम साध लेंगे ….
दूसरो को मेहनत का प्रोत्साहन देंगे ।।

मेहनत का कोई विकल्प नहीं….
उसके आगे सब मुश्किलें झुकी ।
मेहनत करके गुणगान कीजिए…..
मेहनत का तुम सदा साथ दीजिए।।

वक्त के साथ

वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है किसी की अकड़ काम हो जाती है, तो झुक झुक कर चलने लग जाता है, ये वक्त है साहिब इसके आगे कोई नहीं चल पाता है।

वक्त के साथ बदलाव सबमे दिखता है

प्रेरणा एक संभावना

प्रेरणा हमारे जीवन में कितना महतव रखती है ओर यही प्रेरनाए कितनी ही संभावनाओ को को जन्म देती है, ये प्रेरणा एक जीवन संभावना है जिसके द्वारा हमारे जीवन का सुधार होता है।
प्रेरणा एक जीवंत संभावना
जीवन में सुधार की कामना ।
प्रेरणा के द्वार अच्छे बुरे दोनों के लिए खुले
दस्तक दे इसके द्वार अच्छाई के फूल खिले ।

ले प्रेरणा नकारात्मक से सकारात्मक की
या फिर ले वो संदेह से विश्वास की
प्रेरणा ले निराशा से आशा की
प्रेरणा ले अंधेरो से उजाले की
सही प्रेरणा जीवन की मास्टर की।

शिक्षा ही जीवन

शिक्षा ही जीवन का आधार है, शिक्षा से ही होता जीवन का विस्तार है।

भूलों अपने दुखो को न भूलो जो मिली शिक्षा
शिक्षा सच्चा मित्र करेगा सुरक्षा और रक्षा ।
शिक्षा आकाश समान नहीं उसकी सीमा
सब सम्भव ख़ुशियों और तरक़्क़ी का बीमा ।

शिक्षा विस्तार
नये मनुष्य का आधार ।
शिक्षा प्रकाश
शिक्षा ही कैलाश ।
शिक्षा महामार्ग
मिटते अज्ञान के दाग ।
शिक्षा हथियार
सदा लगाते रहे धार ।
शिक्षा मनुष्यत्व
शिक्षा परम तत्व ।
शिक्षा पीड़ानाशक
शिक्षा कुशल शासक ।

जय शिक्षा जय जय शिक्षा, शिक्षा जहाँ मिले उसे स्वीकार mode से स्वीकार करे उसका सदा स्वागत करे उसका सदा आवाहन करे उसे बढ़ने फूलने फलने में सहायक बने दीखिये फिर शिक्षा का आकाश कैसे विस्तृत रूप विराट रूप धरता हे जिसकी भूमि अंतहीन अपरमित हे जय शिक्षा जय जय शिक्षा तेरी सदा ही विजय हो तू हे तो समाज में बदलाव हे शिक्षा जीवन को सुखद और खुशहाल करने में उसका सम्पूर्ण योगदान हे तो खूब खूब शिक्षा का विस्तार हो समाज में उसका प्रभाव दिखे ।

अकारण प्रश्नता

अकारण प्रश्नता हो जाए व्यवहार….
यही सच्चा जीवन का शृंगार ।
बॉट दे उसे कर दे यह व्यापार…..
करो सब को जो जैसा हे स्वीकार ।

माँग और पूर्ति का खेला चल रहा….
खेल रहे हे सब सब होके बेपरवाह। ।
समय आधार सब हो गाएगा मिट्टी……
अकारण प्रसन्नता हे तेरी मुट्ठी ।

रुपए पैसे

रुपए पैसे से बड़ी लाइन याद की,
उससे भी बड़ी लाइन याद वाले व्यक्ति से
मुलाक़ात की ।
भीतर यादों को सजोय रखना महत्वपूर्ण….
रुपया पेसा इस कार्य में कभी नहीं सम्पूर्ण ।
यादे दिल का हिस्सा उससे वो होती जुड़ी…..
प्रेम प्यार की दिलकश वो बारीक हथकड़ी ।।

आसरा

जो हो रहा है वो बेहतर है बस यही एक विचार तेरा ही आसरा यह की जो हो रहा है वो सबसे बेहतर सबसे सर्वोत्तम

आसरा यह कि जो हो रहा है वो सबसे बेहतरीन सबसे सर्वश्रेष्ठ………..
बस आसरा एक कि चरित्र में प्राण डाल सकूँ
तो कार्य हो जाए दी बेस्ट ।

मर्जी अपनी तो अक्सर सभी चलाना चाहते……
चाहूँ जो सही हे वही हो चाहे मेरे हो विरुद्ध कार्य जो मुझे नहीं भाते ।

लोग क्या कहेंगे

लोग क्या कहेंगे ये सब से बड़ा जेल…..
निकलना इस जेल से नहीं बच्चों का खेल ।
लोग क्या कहेगे बहुत बड़ी परेशानी…..
सोच सोच के बूढ़ी हो जाती जवानी ।।

लोग क्या कहेंगे जब निकल जाएगा डर….
अंदर से आएगी आवाज़ तू तो निडर ।
लोग क्या कहेंगे लोगो का तो काम है
कुछ न कुछ कहना……
मत पाल डर तू लोग क्या कहेंगे अच्छा बुरा सब ही सब कुछ एक सपना ।।
मत पाल डर तू लोग क्या कहेंगे अच्छा बुरा बस नहीं चाहिए दिल किसी का दुखना ।।

ये जगह बनी एक बड़ी जेल,
लोगों की अकेली परेशानी की खेल।
निकलना इस जेल से, तो अपार समस्या,
मनुष्य बंधन में, यहाँ नहीं है आसरा।

यहाँ सिमट जाती है आज़ादी की ख्वाहिश,
सपनों की उड़ानों से यहाँ बंद हो जाती दिशा।
बच्चों का हंसना-खेलना नहीं यहाँ देखा,
काले बरसात में भी यहाँ तारों की रोशनी नहीं देखा।

रेत की तरह फिसलती है ख्वाहिशों की धूल,
इस जेल में खो जाती है आशा की चिंगारी रूल।
लोगों के मन में जलती है यहाँ उम्मीदों की शमा,
परेशानी के बादल ढेर से छाते हैं आसमा।

यहाँ खो जाती है जिंदगी की हंसी,
बंधन में है रहने की जरूरत की वजह से।
जहाँ बंद खड़े रहते हैं सपने बिखरे,
वहीं खो जाता है इंसान का असली रंग भिखरे।

लोग कहेंगे बहुत बड़ी परेशानी है यहाँ,
बंधन में जीने की वजह से हर कोई मुसीबतों का भरमां।
पर क्या वो जानते हैं इस जेल की दरारों को,
जो इंसान की आज़ादी को छेदती हैं सारे आसमानों को।

निकलना इस जेल से नहीं बच्चों का खेल,
वो खो जाते हैं इस जेल में अपनी मस्ती के मेले।
लेकिन एक दिन आएगा जब उठेगी यह दरारें,
जब तक रहेगी जनसंघर्ष, नहीं होगी दयारें।

इस जेल से निकलेगी एक नई सुबह,
जब तक रहेगी आंधी लोगों की रूबह।
आएगावो दिन जब जेल की दीवारें टूटेंगी,
मनुष्यता की आवाज सबको सुनाई देगी।
बच्चों के खेलों की मिठास फिर लौटेगी,
जीवन की गाथा नई रंगों से सजेगी।

ये सब संघर्ष छोड़ देंगे छवि नई,
विचारों के पंख उड़ा देंगे ऊँचाई।
लोगों की आवाज़ सभी तरफ बजेगी,
और सबका दिल खुशी से भर जाएगी।

जेल से बाहर आएगी स्वतंत्रता की हवा,
खुशहाली और खुशियों की लहरें मचाएगी सबका दिल बहुत खुश हो जाएगी।
ये जेल सिर्फ एक दौर है, एक कठिनाई,
मनुष्यता के पर्वत को छूने की चाहत है यह अपार सख्ताई।

लोगों के हृदय में जगाएगी नई आसा,
इस जेल की दीवारों को तोड़ देगी वह उमंग।
संघर्ष से जीतेगी नयी ये दुनिया,
और सबके होंगे खुशहाल नए दिनों की पहलू।

इतनी सी कविता में छिपा है एक विश्वास,
कि संघर्ष के बाद होगा स्वतंत्रता का उत्सव।
इस जेल से निकलेगा मनुष्य की आज़ादी का समाचार,
और लोग कहेंगे, “हाँ, यही है सबसे बड़ा जेल से बाहर निकलने का खेल!”

यह भी पढे: सुनी बात, एक उम्मीद, जीवन ज्यादा

अत्याचार का बड़ा भाई

हर सुबह, हर दिन अच्छे विचारों से आपका दिन शुभ हो इसके लिए कीजिए विचार प्रतिदिन आज का विचार “अत्याचार का बड़ा भाई”

अत्याचार का बड़ा भाई हे भ्रष्टाचार….
भ्रष्टाचार राक्षसों का सर्वश्रेष्ठ आहार ।
करते व्यभिचार उनका अधिकार….
उनको सब घृणित कृत्यों से प्यार ।

अब आया नए नसल का भ्रष्टाचार….
स्वयं की घोषणा पवित्र होने की हुंकार ।
उनके पाप का धड़ा जल्द ही भर रहा…
उनका नैतिकता का मुखौटा उतर रहा ।

अत्याचार का बड़ा भाई है भ्रष्टाचार,
भ्रष्टाचार राक्षसों का सर्वश्रेष्ठ आहार।
करते व्यभिचार उनका अधिकार,
उनको सब घृणित कृत्यों से प्यार।

धन का लालच, इंसानियत का त्याग,
भ्रष्टाचार के रास्ते पर चलते ये व्याघ्र।
निर्दोषों को बदनाम करते हैं आपात,
आम जनता की जीवनरेखा बन जाते हैं विलापत।

चोरी-छिपे मिलती हैं जब डेली,
सत्ता के बैठे ये लालची जेली।
सारे नेता बन जाते हैं बिकाऊ,
जनता की बातों से जुदा हो जाते हैं दूर।

खाते हैं घूस में बड़े-बड़े रिश्वत,
जनता की मुसीबतों को करते निवारण।
बदलता नहीं इनका रंग नेतृत्व,
वोटों के मोह में फंस जाते हैं गुमराह।

देश की विकास ले जाते हैं इंद्रधनुष,
जनता की आशाओं को बनाते हैं धुंध।
दिखावे के पीछे छिपाते हैं अपराध,
भ्रष्टाचार के दामन से डरते हैं नागरिक।

जब तक न जागे जनता की आँखें,
भ्रष्टाचार की चोट बनी रहेगी गहन।
संघर्ष करें हम इस बुराई के खिलाफ,
दें एक नये भारत को वादा विश्वास का।

इसिके साथ साथ आप कुछ ओर कविताए भी पढे व हमे कमेन्ट में जरूर बताए की हमारी कविटाए आपको कैसी लगती है जिससे हम ओर बेहतर ओर ज्यादा से ज्यादा लिखे आपके द्वारा दिए गए सुझाव ही हमे प्रेरित करते है

कुछ और कविताए : भविष्य निर्माण, विनम्रता में भी नंबर, चलते चलो, कैंची और सुई का संवाद,


समाधान क्या

किसी भी समस्या का समाधान मिलता है , उस समाधान का निकालने में बरते सावधानी , हो चुनाव सही ओर सही निर्णय तुम्हारा न घटे कोई असावधानी समाधान क्या उसमें बरते सावधानी…
चुनाव सही बीज का ,न हो नादानी ।
आपका चुनाव होगा जब उचित ….
पनपेगा बीज होगा विशाल विकसित ।

सही मोके पे सही उचित विचार….
बनेगा वो आने वाली ख़ुशियों का आधार ।
चुनाव अति अति बहुत ही महत्वपूर्ण….
विकास ओर ख़ुशियों का ओढ़े आवरण ॥