दिल वालो की दिल्ली
बंदे सब मस्ती में टल्ली ।
दिल्ली में हम हुए पेदा…..
यही की चड़ी चर्बी और मैदा ।
दिल्ली का इतिहास पुराना…
हर जगह के लोगो का यहाँ ठिकाना ।
चाँदनी चौक कृष्ण नगर कमला नगर..
सरोजिनी नगर रोहिणी हजारो डगर ।
दिल्ली में पड़ती कड़क ठंड और भड़की गर्मी …
अपना नहीं यह मौसम की समीकरण उसकी हठधर्मी ।
दिल्ली राजधानी है राजनैतिकअखाड़ा…
हमेशा पड़ा रहता यहाँ राजनैतिक जाड़ा ।
राष्ट्रपति भवन इंडिया गेट या देखो लालक़िला….
बड़े बड़े फ़्लाइओवर पे लगता गाड़ियो का क़ाफ़िला ।
मेरी दिल्ली आने वाले का करती स्वागत करती बाँहें खोल के…
इसका दिल बड़ा है सब को सम्भाल लेती समानता से मीठा मीठा बोल के ।
दिल वालो की दिल्ली
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