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जिंदगी बस इसी तरह

जिंदगी बस इसी तरह है, कब मिलना हो ओर कब बिछड़ जाना, इस जिंदगी का कोई पता नहीं, कब उदासी में डूब जाए ओर कब खुशी की लहर आए, इसी को जिंदगी कहते है।

जिंदगी की यात्रा अनिश्चितता की राह,
मिलने और बिछड़ने का संगम, जब हो जाए निकट,
खुशियों की लहर आए, तब हो जाए विस्तार।

जीवन की लहरों में छूटे अनेक रंग,
उदासी की धूमिल घड़ी, जो ले जाए हमको छंग,
पर आगे जब बढ़े हंसी की धारा,
तब भूल जाएं हम सब अपनी परेशानियों का बारा।

जब बिछड़ते हैं कभी अपने प्यारे,
दिल में उत्पन्न होती है तकलीफों की आग,
लेकिन जब आते हैं वो खुशी के बादल,
तब चमक जाती है जीवन की हर रात।

जिंदगी बस इसी तरह है, अनिश्चित और मधुर,
हर मोड़ पर परिवर्तन, हर दिन एक नया सफर।
हमें यह स्वीकार करना होगा, इसकी खुशनुमा चाल,
जिंदगी को गले लगा लेना, बनाना हर मोमेंट स्पेशल।

यह भी पढे: सुकून, सुकून की जिंदगी, जिंदगी क्या है?,

एक जवाब दु

जिंदगी को एक जवाब दु ??
चलो छोड़ो उसे मै क्यों ना एक ख्वाब की तरह छोड़ दू।

जिंदगी को एक जवाब दूंगा,
मैं उसे ख्वाब की तरह छोड़ दूंगा।
जहां खुशियों की बहार होगी,
और गमों का कोई असर न होगा।

चलो छोड़ो उसे, जो दर्द दे रही है,
एक नई पलकों में नया सवेरा छोड़ दूंगा।
ख्वाबों की उड़ान भरी होगी,
मन को रंगीन और स्वप्नों को मैं फिर से पूरा छोड़ दूंगा।

जिंदगी का सफर है ये, जाने अनजाने,
मैं उसे एक आगामी संगीन रचा दूंगा।
हर एक अध्याय में नयी कहानी छोड़ जाऊंगा,
दिल के हर रास्ते पर खुशियों का ठिकाना छोड़ दूंगा।

जिंदगी को एक जवाब दूंगा,
ख्वाबों की उड़ान में उसे छोड़ दूंगा।
आगे की राह पर नए रंग बिखेरूंगा,
और जीवन के साथी खुशियों का त्योहार मनाऊंगा।

एक जवाब दु
एक जवाब दु

प्रेरणा जीवन

प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत, जैसे पीधे को पानी की ज़रूरत…
देते रहे उसकी बढ़ती रहेगी ताक़त ।
ख़ुद को अच्छे विचारों का देते रहे पानी..
किरदार मज़बूत और ज़िंदगी सुहानी ।

हम सब एक दूसरे से होते प्रेरित….
प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत ।
भीतर ख़ुशियों का लगाते रहे पानी …
कहानी ये है ज़िंदगी की ज़ुबानी ।

हम सब एक दूसरे से होते प्रेरित,
प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत।
भीतर ख़ुशियों का लगाते रहे पानी…

जीवन एक आद्यांतर यात्रा है,
जहां हम सब मिलकर अपनी दिशा ढ़ूंढ़ते हैं।
प्रेरणा की किरणों से जीने का आदान,
संगीत की तरह मधुरता से भरे जीवन का वर्णन।

एक दूसरे की संवेदनाओं को समझें,
उनमें भावों की ताकत को पहचानें।
हर क्षण अद्वितीय, अनूठा और महत्वपूर्ण,
जीवन को गहराई से महसूस करें सभी लोग।

प्रेरणा की लहरों से ऊंची उड़ानें भरें,
सपनों की उड़ान को संगीत से सजाएं।
आपसी सहयोग और प्रेम के संग,
ख़ुद को और दूसरों को बनाएं ख़ुशियों का रंग।

जीवन का रंगमंच है ये संसार,
हर अदा, हर रंग से सजा हर प्यार।
हम सब में छुपी है वह अनंत शक्ति,
जो जगाए रौशनी, और देती है सबको साथी।

प्रेरणा के प्रकाश में हम सब रोशन हों,
अपनी कार्य-रणनीति को बनाएं मजबूत।
जीवन के सफ़र में आपसी सहयोग से,
हम सब बनाएं यह दुनिया सुंदर और मनोहार।

हम सब एक दूसरे से होते प्रेरित,
प्रेरणा जीवन की खूबसूरत रीत।
भीतर ख़ुशियों का लगाते रहे पानी…
यही हो हमारी जीवन की सुंदरता की पहचानी।

वक्त बेवक्त

वो वक्त बेवक्त सताते है
कभी दिल में आते है
कभी दिमाग में आते है
कभी आंखो से टप टप बह जाते है
तो कभी धड़कनों धड़क जाते है
कभी आवाज को नरम
तो कभी भारी कर जाते है
कभी नींद तोड़ देते है
तो कभी सोने ही नहीं देते है
कभी इस दिल का डर
तो कभी मन की वेदना को बढ़ाते है
अब थोड़ा
मुश्किल है , नामुमकिन है
क्युकी
वो अब खुश है
लेकिन हम नाखुश
क्युकी वो हर ख्याल में
अब भी हमको सताते है
मेरे ख्यालों की खुशी छीन जाते है
वो वक़्त , बेवक्त हमें सताते है।

वक्त बेवक्त
वक्त बेवक्त

सदा आशावान

सदा आशावान रहे हृदय…..
आस्था का साथ सुखमय ।
सब होगा जीवन में सर्वश्रेष्ठ …
हृदय से दे आस्था की भेंट ।

समस्याओं से जूझता आशावान व्यक्ति….
झूझने से बड़ती हे प्रतिरोध की शक्ति ।
कार्य में लक्ष्य के प्रति रहे समर्पित….
चाहे संसाधन वो चाहे हो सीमित।

सदा आशावान रहे हृदय,
आस्था का साथ सुखमय।
जब तोड़े हों अवसरों के संकट,
आस्था दे दे तुम्हें बलिदान।

जीवन के रास्ते चुन रहा है,
चुन रहा है सर्वश्रेष्ठ।
आस्था की प्रेरणा से जीना,
मन को दे तुम्हें उज्ज्वलता की आप।

विपदा के समय उठती है आवाज़,
तोड़ती है अँधियारे की बंधन।
हृदय से दे आस्था की भेंट,
बन जाए जीवन की पहचान।

रोग, दुःख, और असंख्य विपत्ति,
आते हैं सभी के द्वार।
पर जब हृदय में बसे हों आस्था,
हर मुश्किल को तुम हरा दे प्यार।

सदा आशावान रहे हृदय,
आस्था का साथ सुखमय।
सब होगा जीवन में सर्वश्रेष्ठ,
हृदय से दे आस्था की भेंट।

उलझन

उलझन तुम्हारी थी
मेरा क्या था?

जिद्द तुम्हारी थी
मेरा क्या था?

वहम तुम्हारा था
मेरा क्या था?

मै अधूरा था और अधूरा ही रह गया
सपने जो पूरे करने थे
उनको भी भूलकर तुम्हारे साथ जीने में
मै मसगुल हो गया

इस बात से ये समझ आया
की तुम्हारा क्या गया?
मै जहां था अब तो मै वहां भी नहीं
मेरी मंजिल, मेरा सफर, मेरी दासता

मेरी हर डगर कहीं रुक गई क्युकी
मुझे तो ये भी नहीं पता
कि अब मेरा रास्ता है
किधर? यही कुछ उलझने थी मेरी ओर मेरे सफर की

यह भी पढे: उलझने, उलझन में है दिल, एक अजीब उलझन है, छोटी कविता, ख्वाबों को जोड़ता हूँ

समय का अभाव

क्या तुम कर सकते हो ओर कितना तुम कर सकते हो, ना तुम्हारे पास समय का अभाव है, न किसी ओर चीज का इसलिए जो भी तुम अब करना चाहते हो कर लो पूरा

सोच तू कितना सोच सकता है,

लिख तू

कितना लिख सकता है

सो तू

कितना सो सकता है

नाच तू, कितना नाच सकता

गा तू

कितना गा सकता है

समय का अभाव
समय का अभाव

खा तू , कितना खा सकता है

आराम कर तू कितना कर सकता है

पढ़ तू

कितना पढ़ सकता है

टीवी देख तू कितना देख सकता है

गेम खेल ,

तू कितना खेल सकता है

बात कर , गप्पे मार

तू कितनी गप्पे ओर कितनी बात कर सकता है

तू क्या-क्या कर सकता है? ओर कितना कर सकता है अब करले जो जो तू कर सकता है। नहीं समय की कमी अब तेरे पास, बहुत समय है हर कार्य को पूरा कर ले, हर इच्छा जो अधूरी थी वो पूरी कर ले।

घटना घट रही

आज जुबान पर कुछ शब्द आना चाह रहे है,
जैसे
शब्द अपनी आप बीती सुनाना चाह रहे है, उन शब्दों को बाहर आने दो कुछ तुमसे कह जाने दो, उन शब्दों को भी तुम्हें अपना बना जाने दो, यह घटना घट रही इसे घट जाने दो।

कही से आज फिर शुरुआत होना चाहती है
मानो
आज फिर जिंदगी से बात होना चाहती है।

यु ना तुम रूठ जाओ जिंदगी मनाना चाह रही है,
बात अब
मान जाओ मौन होकर ना बैठो यह जिंदगी आज कुछ तुमसे 
कहना चाह रही है।

बात कुछ है तभी तो जिंदगी तुमसे आज बतियाना 
चाह रही है, दो शब्द बाते आज होना चाह रही, यह घटना घट रही रही है घाट जाने दो, जो होना है उसे हो ही जाने दो

यह मन भी

यह मन भी ना जाने क्या क्या करता है कभी, लिखने का मन
कुछ करने का मन
कुछ हो जाने का मन
कुछ भाग जाने का मन
कुछ दूर जाने का मन, कभी पास होने का मन
कुछ नजर चुराने ओर मिलाने का मन
यूं गम को छिपाने और गम बताने का मन
फिर उसको समझाने का मन, कुछ ना बताने का मन
मालूम नहीं क्या क्या
और किस किस
हद्द से गुजर जाने का मन
बस आज यह मन चाहता है,कुछ करने को, कुछ होने को

जिंदगी से कुछ बात

जिंदगी की जिंदगी से कुछ बात होना चाहती है, आज जुबान पर कुछ शब्द आना चाह रहे है
जैसे
शब्द अपनी आप बीती सुनाना चाह रहे है।

कही से आज फिर शुरुआत होना चाहती है
मानो
आज फिर जिंदगी से कुछ बात होना चाहती है।

यु ना तुम रूठ जाओ जिंदगी मनाना चाह रही है
बात अब
मान जाओ मौन होकर ना बैठो यह कुछ तुमसे 
कहना चाह रही है।

बात कुछ है तभी तो जिंदगी तुमसे आज बतियाना 
चाह रही है।

जरा पास बैठो जिंदगी यह तुमसे आज कुछ कहना चाह रही है