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जैसे पैसों को संभालते

जैसे पैसों को संभालते वैसे ही सम्भाले रिश्ते…..
रिश्तों की मुद्रा शक्तिशाली पेसो से वो बड़ के
रिश्ता मतलब एक दूसरे के विचारों उपेक्षाओं का सम्मान….
रिश्ते में हो सच्चाई जो उसकी आत्मा उसकी पहचान ।

रिश्ते पारिवारिक सामाजिक मित्रता या दो व्यक्तियों के बीच….
हो उसमें सामंजस्य नहीं हो एक दूसरे को रहे हो खींच ।
रिश्तों में कीजिए विश्वास….
रिश्तों को स्वस्थ रखने का सतत प्रयास ।

जैसे पैसों को संभालते वैसे ही सम्भाले रिश्ते,
रिश्तों की मुद्रा शक्तिशाली पेसो से वो बड़ के।

जब पैसों की एकता संग चलते हैं अनुक्रमणिका में,
रिश्ता भी बनता है स्थिर और निर्मल, बेखतरीं रूप में।

पेसों की जो भूमिका होती है समर्पित और संयोजित,
रिश्तों के लिए वही आदर्श होती है प्रमुख गुणवत्ता।

पेसों की चाल होती है गतिशील और सदैव सामर्थ्यशाली,
रिश्तों में सुव्यवस्थितता बनाए रखने की यही आवश्यकता है कार्यक्षमता की।

पेसों की आपसी समरसता से बनता है सम्पूर्ण मेल,
रिश्तों में एक-दूसरे के विचारों का सम्मान, विश्वास और सौहार्द होता है सबसे महत्वपूर्ण।

जैसे पेसो को सम्भालते वैसे ही सम्भाले रिश्ते,
प्रेम, सम्मान, विश्वास से युक्त हों वे सदैव खिलते।

अच्छे रिश्ते

अच्छे रिश्तों में कोई शर्त नहीं होती वह अच्छे रिश्ते ओर बेहतर हो जाते है जिनमे विश्वास की अटूट डोर है, हर मुश्किल की घड़ी को विस्वास की नीव पर ओर मजबूत होते है रिश्ते

अच्छे रिश्तों में नहीं कोई शर्त.
विश्वास ही गहना उसका अर्थ
दो खूबसूरत दिलो की जोड़ी
बढ़ जाती ख़ुशियाँ चाहे होती थोड़ी ।

रिश्ता एकम रिश्ता
रिश्ता दूए साथ
रिश्ता तिये सोच
रिश्ता चोके सच्चाई
रिश्ता पंजे सम्मान
रिश्ता छक्के संकल्प
रिश्ता सत्ते समझ
रिश्ता अठ्ठे सुंदरता
रिश्ता निम्मे संतुलन
रिश्ता दस्से स्वर्ग ।