ज्यादातर मैं यूट्यूब पर जाता हूं वहा पर बुक समरी और काफी कुछ नया सीखने के लिए वीडियो देखता हूं लेकिन आज मैं कुछ ऐसे ही टहलने निकल गया फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम पर जाने पर अच्छा अच्छा लग रहा था क्युकी गया काफी दिनों बाद था।
बस फिर क्या था मैं टहलता ही रहा शाम हो गई और पता चला की मैं अपना दिन यूं ही व्यर्थ कर बैठा बिन मतलब की कुछ बाते पढ़ी और कुछ वीडियो को देखता रहा जिनका ना कुछ ज्यादा सर पैर था। लेकिन इन सभी विडिओ में आज कुछ सीखने को नहीं मिला इसलिए कम अच्छा लगा
पूरा दिन व्यस्त भी खुद में दिखने लगा अंत में जब सोने के बारे में ख्याल आया तो एक विचार आया कि आज किया क्या ?
फिर पूरे दिन को टटोला और समझ आया कि मैं तू आज खाली झोला जिसमे सुबह से लेकर शाम होने तक कुछ भरकर ना लाया।
तो मुझे बताए आपने कुछ भरा अपने झोले में या यूं मेरी तरह खाली झोला करते हुए वापस चले आए।
फिर मिलेंगे शुभ रात्रि