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उम्मीद एक भावना है

उम्मीद किसे कहते है ?उम्मीद एक भावना है, जो किसी व्यक्ति या समूह को अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की आशा देती है, यह आशा व्यक्ति के मन में उत्पन्न होती है, कि वह एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकता है या कुछ सकारात्मक हालात से निकल सकता है।

उम्मीद के कारण कई हो सकते हैं, जब तक हम जीवित हैं, तब तक उम्मीद हमारे साथ होती है। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

समर्थन: जब व्यक्ति किसी और की समर्था और सहयोग प्राप्त करता है, तो वह उम्मीदवादी बनता है।

सफलता का इतिहास: जब व्यक्ति के पास एक सकारात्मक सफलता का इतिहास होता है, तो वह उम्मीदवादी बनता है और उसे विभिन्न स्थानों पर सफलता की उम्मीद होती है।

आशावादी भावना: जब व्यक्ति आशावादी होता है, तब वह उम्मीदवादी बनता है।

मनोवृत्ति: जब व्यक्ति उदार मनोवृत्ति वाला होता है तो वह उम्मीदवादी होता है।

आशा की अभिवृद्धि: जब व्यक्ति के अंदर आशा की भावना बढ़ती है, तो वह उम्मीदवादी बनता है।

इन सभी कारणों से उम्मीद उत्पन्न होती है, और व्यक्ति को अगले कदम उठाने के लिए प्रेरित करती है।

क्या उम्मीद के बिना जीवन संभव है? उम्मीद के बिना जीवन संभव है, लेकिन उम्मीद जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, उम्मीद एक भावना है, जो हमें अपने ज़िंदगी के बदलाव और सकारात्मक नतीजों की उम्मीद देती है, उम्मीद की मदद से हम अपने जीवन की समस्याओं का सामना करते हैं, और उन्हें हल करने का तरीका ढूंढते हैं।

जीवन में अनेक बार ऐसी स्थितियां आती हैं, जब हमारी सारी उम्मीद खत्म हो जाती है, और लगता है, कि हम अपनी समस्याओं का कुछ नहीं कर सकते, लेकिन इस समय भी हमें उम्मीद रखना चाहिए क्योंकि उम्मीद ही हमें आगे बढ़ने की शक्ति देती है, उम्मीद रखने से हमारी मनोदशा भी सकारात्मक होती है जो हमें अपनी समस्याओं का समाधान निकालने में मदद करती है।

इसलिए, उम्मीद के बिना जीवन संभव हो सकता है, लेकिन उम्मीद के अभाव में जीवन थोड़ा अधिक असंभव और अधिक दुखद हो सकता है, हमे अपनी उम्मीद को बनाए रखना है ओर किसी भी स्थिति में हिम्मत से काम लेना है।

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गलतफहमी से बचे

गलतफहमी क्या है? गलतफहमी से बचे गलतफहमी एक ऐसी स्थिति होती है जब व्यक्ति अधिकांश समय अपने विचारों, धारणाओं या ज्ञान में गलत तथ्यों को स्वीकार करता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जब व्यक्ति अपने आसपास के लोगों, वस्तुओं या घटनाओं के बारे में गलत धारणाएं बनाता है और इनके आधार पर निर्णय लेता है।

गलतफहमी क्यू होती है ? गलतफहमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अपनी सोच और मूल्यों की असंगति, अपने इतिहास, अनुभव या शिक्षा की सीमाओं से मुक्त न होना, अपने भावों या विचारों के पीछे छिपे हुए संदर्भों की अनदेखी करना और अन्य लोगों से बातचीत न करना।

गलतफहमी को कैसे दूर किया जाए ? गलतफहमी से बचने के लिए, व्यक्ति को सकारात्मक रूप से सोचना चाहिए, अपने विचारों और मूल्यों को समीक्षित करना चाहिए, और अपने सभी विचारों और धारणाओं को अवलोकन करना चाहिए। व्यक्ति को समय समय पर अपनी सोच और धारणाओं को आधार बनाने वाले संदर्भों की जांच करनी चाहिए, इससे उन्हें गलतफहमी से बचाया जा सकता है, और छोटी छोटी गलतफहमी से बचे

गलफहमी का मुख्य कारण क्या हो सकता है? गलतफहमी का मुख्य कारण व्यक्ति की असमझ, धारणा और समझोते की कमी हो सकती है। इस तरह की स्थिति अक्सर अलग-अलग परिस्थितियों में हो सकती है, जैसे कि भ्रम, घमासान या संदेह के समय। इसलिए, व्यक्ति को अपने विचारों को समीक्षित करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और उन्हें स्पष्ट करने के लिए अपने आसपास के लोगों से बातचीत करनी चाहिए और गलतफहमी से बचे।

किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचना चाहिए, और हमे अपनी सूझ बुझ के साथ ही कार्य को करना चाहिए, बहुत सारे रिश्ते सिर्फ गलतफहमी के कारण ही टूट जाते है ऐसी स्थिति बन ही ना पाए हमे उस तरह से अपने आपको तैयार करना चाहिए, जिससे की गलतफहमी पैदा ही न हो।

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दिमाग का उपयोग

क्या लगता है ? क्या दिमाग का उपयोग करने की कोई सीमा होती है?

दिमाग की सीमा नहीं होती है यह असीमित होता है। इसे सबसे शक्तिशाली तंत्र में से एक माना जाता है जो मानव ने विकसित किया है। इसे संवेदनशील, ज्ञानात्मक, रचनात्मक और क्रियाशील बनाने के लिए तरह-तरह के उपाय उपलब्ध हैं।

इसके अलावा, दिमाग का उपयोग करने के लिए कोई सीमा नहीं है, लेकिन उसका उपयोग उतना ही अधिक प्रभावी होगा जितना आप उसे अच्छी तरह से विकसित करेंगे।

आप अपने दिमाग के पोतेंशियल को बढ़ा सकते हैं जब आप नए चुनौतियों से निपटने का सामना करते हैं, नए कौशल विकसित करते हैं और नई जानकारी प्राप्त करते हैं।

लेकिन एक बात याद रखनी चाहिए कि जैसे ही आप अपने दिमाग का उपयोग करने के लिए अधिक जोखिम लेते हैं, आपके दिमाग को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे वह थक जाता है।

इसलिए, जब आप अपने दिमाग को विकसित करने के लिए उत्साहित होते हैं, तो आपको इसके लिए पूर्ण आराम और उपयुक्त खान-पान की जरूरत होती है।

दिमाग की सीमा नहीं होती है, इसमें असीमित क्षमता होती है। दिमाग को उत्प्रेरण देने वाले उपायों की मदद से आप अपने दिमाग को विकसित कर सकते हैं। कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

नए कौशल विकसित करें: नए कौशल विकसित करना दिमाग को विकसित करने का एक अच्छा तरीका है। नए कौशल विकसित करने के लिए आप उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि अनलाइन ट्यूटोरियल, बुक्स, जानकारी वेबसाइट आदि।

व्यायाम करें: व्यायाम दिमाग को ताकतवर बनाने में मदद कर सकता है। व्यायाम से आपके दिमाग में ऑक्सीजन का संचार मजबूत होता है और आपकी मानसिक तनाव कम होता है।

नई गतिविधियों का सामना करें: नई गतिविधियों का सामना करना दिमाग को विकसित करने के लिए एक अच्छा तरीका होता है। यह आपके दिमाग को नयी जानकारी और अनुभवों से भर देता है जो आपके दिमाग को बाकी सामान्य गतिविधियों से अलग बनाते हैं।

अध्ययन करें: अध्ययन दिमाग को विकसित करने का एक अच्छा तरीका है। यह आपके दिमाग को नई जानकारी के साथ भर देता है और आपकी समझ में नई बातें आती हैं।

मनोविज्ञान प्रशिक्षण: मनोविज्ञान प्रशिक्षण एक अच्छा तरीका हो सकता है दिमाग को विकसित करने के लिए। यह आपको अपने व्यक्तित्व को समझने में मददद कर सकता है और आपके सामाजिक और संबंधों को समझने में मदद कर सकता है।

अधिक ध्यान केंद्रित करें: ध्यान केंद्रित करना दिमाग को विकसित करने का एक अच्छा तरीका है। यह आपके दिमाग को शांत करता है और आपकी संवेदनशीलता और संचार कौशल को बढ़ाता है।

स्वस्थ खान-पान: दिमाग को स्वस्थ खान-पान की आवश्यकता होती है। स्वस्थ खाने से आपके दिमाग की क्षमता बढ़ती है और आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारती है।

इन उपायों के अलावा, आप अपने दिमाग को विकसित करने के लिए अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने, नियमित रूप से अभ्यास करने और अपने दिमाग को असाधारण काम करने के लिए उत्साहित करने के लिए भी सक्षम हैं।

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ट्रेंडिंग कीवर्ड

ट्रेंडिंग कीवर्ड व अच्छे कीवर्ड कुछ जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित होंगे और आपके ब्लॉग को अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद करेंगे।

ट्रेंडिंग कीवर्ड: ट्रेंडिंग कीवर्ड भी आपके ब्लॉग को अधिक ट्रैफिक प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए आप Google Trends या Twitter Trends जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं। ये कीवर्ड आपके ब्लॉग को समय से पहले विशेष तरह से खोजने में मदद करते हैं जो आपको ट्रेंडिंग विषयों में शामिल करते हैं।

विषय संबंधित शब्द: आपके ब्लॉग में शामिल विषय से संबंधित शब्द ब्लॉग पोस्ट का टाइटल और मेटा टैग में शामिल करने से आपके ब्लॉग को संबंधित खोज के लोगों तक पहुंचाने में मदद मिल सकती है।

लंबी पूंजीवादी कीवर्ड: ये वे कीवर्ड होते हैं जिनका उपयोग उन संबंधित खोजों में किया जाता है जिनमें अधिक प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन वे आपके ब्लॉग को अधिक ट्रैफिक प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए आप Google की Keyword Planner या SEMrush जैसे टूल का उपयोग कर सकते हैं।

उपयोगकर्ता की भावनाओं के आधार पर कीवर्ड: आप उपयोगकर्ताओं के भावनाओं के आधार पर भी कीवर्ड चुन सकते हैं। इससे आप उन खोजों की गहराई को समझ सकते हैं जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित होते हैं और जो उपयोगकर्ताओं को उनकी जरूरतों के अनुसार संबंधित मिलते हैं।

स्थान के आधार पर कीवर्ड: यदि आपका ब्लॉग स्थानिक है तो आप स्थान के आधार पर कीवर्ड चुन सकते हैं। इससे आप उन खोजों को संबोधित कर सकते हैं जो उन लोगों के लिए संबंधित होते हैं जो आपके स्थान से संबंधित होते हैं।

नए ब्लॉग

यदि आप एक नए ब्लॉगर हैं, तो निम्नलिखित टिप्स आपको अपने नया ब्लॉग को शुरू करने में मदद कर सकते हैं

अपने नए ब्लॉग का विषय चुनें: आपको एक थीम चुननी होगी जो आपके ब्लॉग के सभी पोस्ट के लिए उपयुक्त हो। आप अपने ब्लॉग के विषय के बारे में विचार करें जो आपकी रुचि के अनुसार हो।

एक नाम चुनें: एक उपयोगी नए ब्लॉग नाम चुनें जो आपके उद्देश्यों और विषय से संबंधित हो। ब्लॉग नाम को सरल और यादगार बनाने के लिए एक छोटा और स्पष्ट नाम चुनें।

एक ब्लॉग होस्ट का चयन करें: एक अच्छे ब्लॉग होस्टिंग सेवा का चयन करें, जो आपके वेबसाइट को चलाने के लिए आवश्यक हो। आपको एक बेहतरीन होस्टिंग सेवा चुननी चाहिए जो आपके ब्लॉग के लिए उचित समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती हो।

एक शीर्षक और लोगो बनाएं: एक शीर्षक और लोगो (LOGO) बनाना आपके ब्लॉग के लिए एक अलग और पहचानी चीज होगी। एक जीवंत और उपयोगी लोगो बनाएं जो आपके ब्लॉग के विषय को ठीक से दर्शाता हो।

अपने ब्लॉग के लिए सामग्री लिखें: अपने ब्लॉग के लिए उचित सामग्री (CONTENT ) लिखें जो आपके विषय से संबंधित हो। सामग्री को आकर्षक, सरल और उपयोगी बनाएं जो आपके पाठकों को समझने में मदद करेगी।

एक सोशल मीडियाप्रवेश करें: एक सोशल मीडिया साइट पर अपने ब्लॉग का प्रचार करना आपके ब्लॉग के लिए उचित ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप एक या दो सोशल मीडिया प्लेटफार्म चुन सकते हैं, जैसे फेस्बूक, ट्विटर , पिनटेरेस्ट, जो आपके लक्ष्यों और विषय से संबंधित हों।

अपने ब्लॉग को विज्ञापित करें: अपने ब्लॉग को विज्ञापित ( Advertise ) करना आपके ब्लॉग के लिए ज्यादा ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप इंटरनेट पर अपने ब्लॉग के बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं और अपने ब्लॉग को लोगों के बीच फैलाने के लिए विभिन्न दलों और समुदायों को जोड़ सकते हैं।

नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें: एक अपडेट किया गया ब्लॉग लोगों को अपने ब्लॉग के लिए वापस आने के लिए प्रोत्साहित करता है। नियमित रूप से नई सामग्री अपडेट करें और अपने पाठकों से संबंधित टिप्स और लेखों के बारे में संपर्क में रहें, लोगों से फीडबैक जरूर ले ये आपके ब्लॉग को सुधार करने में मदद करता है।

अपने पाठकों से संपर्क में रहें: अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना आपके लिए उचित होगा। अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब दें और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करें।

धैर्य रखें: अपने ब्लॉग को सफल बनाने में समय लगता है। धैर्य रखें और हर रोज नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें ताकि पाठकों की संख्या बढ़ती रहे।

पाठक आपके ब्लॉग के लिए वापस आते रहें। अपने ब्लॉग को बढ़ाने के लिए आपको अपने लक्ष्यों के लिए एक समय सीमा तय करनी चाहिए और अपने ब्लॉग में नियमित रूप से समय निकालना चाहिए। यदि आप परत टाइम कर आढ़े रहे है तो भी आप इस कार्य को कम से कम 1-2 घंटे जरूर दे।

आप अपने नए ब्लॉग के लिए एक समुदाय (Group) भी बना सकते हैं, जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित हो। इससे आप अपने पाठकों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, अपनी सामग्री को साझा कर सकते हैं और अधिक बढ़ने के लिए एक सामान्य नेटवर्क बना सकते हैं।

एक अच्छे नए ब्लॉग को संचालित रखने के लिए, आपको अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना चाहिए। आपको अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब देना चाहिए जिसके लिए आप Quora को चुन सकते है, और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आप अपने पाठकों के बीच एक विशेष रिश्ता बना सकते हैं जो आपके ब्लॉग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

अंत में, आपको धैर्य रखना चाहिए। ब्लॉगिंग में सफल होने में समय लगता है इसलिए आपको धैर्य रखना चाहिए और नियमित रूप से सामग्री अपडेट करना चाहिए। अपने ब्लॉग के लिए उचित समय निकालें, उचित सम्पादन और शोध करें, और अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहें। यदि आप इन टिप्स का पालन करते हैं, तो आप अपने ब्लॉग को सफल बनाने में सक्षम होंगे।

इंसान

इंसान जब दुःखी होते हैं तो साधु-सन्तों, मन्दिर-मस्जिद, गुरुद्वारे में जाकर भक्ति-भजन में लग जाते हैं और जब जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है तो यही सब उसे ढोंग-पाखण्ड, आडम्बर लगने लगता है। ऐसा क्यों?

इंसान मतलबी है ओर रिश्ते भी मतलबी ढूँढता है , उसका भगवान से भी कुछ इस तरह का ही रिश्ता है, उसे भगवान से कुछ मिलने की चाहा दिखती है इसलिए वो जाता है, सुख में उसे लगता है की अभी है जब नहीं होगा तब जाऊंगा , उस समय उसकी मानसिकता बदल जाती है।

उसका समय उसे अब कीमती लगने लग जाता है , इसलिए न मंदिर , मस्जिद कुछ याद नहीं आता बस अपने स्वार्थ की पूर्ति करता हुआ नजर आता है , जैसे ही शारीरिक ओर मानसिक कष्ट हल्का सा दिखता है तो वह घबरा कर फिर भगवान के पास आ जाता है,

इंसान  मतलबी है ओर रिश्ते भी मतलबी ढूँढता है , उसका भगवान से भी कुछ इस तरह का ही रिश्ता है,
इंसान

सबकुछ ठीक है तभी तो आडंबर , पाखंड लगता है जब कुछ भी ठीक नही होता तो वह इंसान ठीक करने के लिए दौड़ पड़ता है, बस जैसे ही ठीक होता है वही भूल जाता है फिर उसी चक्र के चक्रव्यूह में फंस जाता है।

अब इंसान को आडंबर क्या लगने लगता है यह सिर्फ एक इंसान का सवाल नहीं है यह हम देख रहे है, हम बहुत तेजी के साथ आगे की ओर बढ़ रहे है, बहुत सारी नई बाते सुन रहे है।

हमारा व्यवहार बदल रहा है , हमारा समाज बदल रहा है , नए विचार आ रहे है , कुछ गलतिया जो बीते दिनों में हुए उन हम नहीं भूले , कुछ नहीं खोज का पता लगना , कुछ विचारों का बढ़ना , एक बहुत बड़ी जनसंख्या का अलग तरीके से सोचना यह सभी कारण होते है हमारी सोच के बदलने में

यदि लाखों किसी को गलत बोलना शुरू कर देते है, तो हम उसको गलत मानना शुरू कर देते है चाहे वो गलत हो या नहीं , हम उसकी पुष्टि नहीं कर पाते। तो हमारे विचार बदल जाते है, जिसकी वजह से पिछले 10-15 साल में बाबाओ के प्रति विचार बदल गए है।

अब वो आडंबर, ढोंग लगने लगा यही लगता है की वह हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है , सिर्फ लूटने का काम ही है अब हमे यही लगने लगा है।

दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है , जिस तरह की घटनाए बीते कुछ सालों में हुई है उसकी वजह से हमारे विचार में बदलाव आया है।

हममे से कुछ लोग मूर्ति पूजा करते है।

कुछ लोग निर्गुण निराकार की

कुछ दोनों को नहीं मानते वह बोलते है, प्रकृति ही सबकुछ है, जो जैसे चलना चाह रहा है उसे उसी तरह से चलने दीजिए मंजिल सबकी एक ही है इसलिए इन सभी चिंताओ में न पड़े भीतर की खोज को

रविवार का दिन

रविवार का दिन खास क्यों है ? आज इतवार है, वही सुबह उठना ओर चल देना काम पर उस दिनचर्या से मैं अब बाहर हूँ ,जब मन करता है काम करता हूँ जितनी देर मन करता है उतनी देर काम करता हूँ, अब मैं उस समय सारणी को फॉलो नहीं करता जिसमे मैं बंध जाऊ कुछ लोगों को बंधन अच्छा लगता है।

लेकिन मुझे नहीं, जैसे मैंने पहली नौकरी भी इसी वजह से छोड़ी थी की मुझे बंधकर काम नहीं करना बस मैं खुद के समय के अनुसार काम करूंगा जितना मन करेगा उतना काम करूंगा ओर एसा बिल्कुल नहीं है की मैं काम कम करता था, मेरी काम करने की क्षमता शुरुआत से काफी अधिक ही थी ओर आज भी मैं लंबे समय तक काम करता हूँ, बस फरक इतना है की वो मेरी मनपसंद का काम नहीं था यह मेरी पसंद का काम है जिसको मैं पूरे मन से करता हूँ।

एक खास दिन जो कोई भी दिन हो सकता है सप्ताह का मेरे लिए रविवार था, अपने दिन को ढूँढना, अपने समय को ढूँढना को व निकालना क्युकी समय की उस डोर से तुम्हें अलग होना है खुद के लिए हम सभी के पास 24 घंटे है लेकिन वो 24 घंटे किस कार्य में लगाते हो बस वही उपयोगी है, आप गेम खेलतों, बाहर दोस्तों के संग जाते हो, यू ही बैठ समय को बिताते हो, या फिर किसी के साथ बहस करने लग जाते हो उस समय की डोर को पकड़ो वो तुम्हारे ही हाथों में है।

हममे से बहुत से लोग रविवार को घूमने के लिए रखते है, कुछ काही जाने के लिए कुछ अपनी जिंदगी में जो करना चाहते है उसके लिए कुछ अपनी skill को Develop करने में या किसी क्लास में, कुछ सीखने में या दोस्तों से मिलने में लेकिन आप रविवार को क्या करते है? क्यूकी यह रविवार वाला दिन है, जब आप कुछ नया करते है तो बताए हमे की आप क्या करते है?

मेरे एक मित्र है विनीत अरोरा जी को पक्षियों से बड़ा लगाव है, और उनकी फोटो खिचने का भी बहुत शोक है वह हर रविवार को निकल जाते है घर से दूर पक्षियों की फोटो खिचने के लिए अलग अलग जगह जाते है।

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मैं पुरुष हूँ

मैं पुरुष हूँ, पुरुष जिसे जल्दी समझदार बनना है और पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ भी उठाना है , चाहे उसे जिम्मेदारी समझे या जिम्मेदारियों का बोझ लेकिन उठाना पुरुष को ही है, शादी करनी है, ताकि माँ बाप की इच्छाये पूरी हो, लेकिन खुद की इच्छा का दम घोट दो, तुम अकेले रहना चाहते हो लेकिन समाज आपको बंधनो में बाँधना चाहता है, वो चाहता है की हम उनके अनुसार चले, जो समाज चाहता है वही हम करे।

क्योंकि आप  पुरुष हो आपको बहुत सारी जिम्मेदारियां उठानी है , परिवार की खुशी के लिए अपनी खुशियो का गला घोट देना है, आप क्या बनना चाहते हो ओर क्या होना चाहते हो ये बाद में है पहले आपके परिवार की इच्छा महत्व रखती है। वो आपसे क्या चाहते है।

आपको एक अनुशासित पुरुष होना है आपको अपने माता पिता , भाई बहन , बीवी बच्चों सबके लिए ideal बनना है।

क्योंकि आप पुरुष हो,

एक दिल जो टूटा भी है ओर जुड़ भी गया है, रहने की चाहत अकेले की है फिर भी कही खालीपन सा भी महसूस होता है लेकिन ये सिर्फ कभी कभी होता है जो कभी कभी वाला रिक्त स्थान है वो भर लेना चाहता हूं।

एक डर है जो बयान नही कर पाता हूं, खुल कर रो नही पाता क्योंकि मैं एक आदमी हूं, सिर्फ इसलिए मैं अपने आसुओ को भीतर ही रोक नजर आता हूँ, कुछ चाहकर भी नहीं किसी को इस दिल का हाल नहीं बता पाता हूँ, बताना चाहू भी अगर तो लोग क्या कहेंगे तू एक पुरुष है ओर पुरुष होते हुए रोता है, शायद इसलिए भीतर ही सब दुख दर्द रोक रह जाता हूँ मन का हाल किसी को नहीं बताता हूँ इसलिए भी मैं पुरुष, कहलाता हूँ।

कितना ही भीतर मचा रहे कोहराम लेकिन उसको बाहर नहीं छलकाता हूँ अपने भीतर ही अपनी भावनाओ को मैं छिपाता हूँ।

क्योंकि मैं एक पुरुष हूं।

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आपका दिमाग

आपका दिमाग क्या कहता है? आप को किस कार्य और किस दिशा की ओर प्रेरित कर रहा है आपको ?  किस दिशा में ले जाना चाहता है आपका दिमाग आपको ? क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है।

जब आप बहुत सारे लोगो के बीच में होते हो यो बहुत शोर आता है अलग अलग लोगो के विचार आपके मस्तिष्क से टकराते है, जिनकी वजह से आपके सोचने में  परिवर्तन आ जाता है ओर आप जो सोचना चाहते हो वो सब सोच भी नही पाते हो, जिस वजह से आप भी उन लोगो में घुल मिल जाते हो ओर देखने लगते हो लोगो को जो आस पास से गुजर रहे है जो आपके सामने से जा रहे है।

जो उनकी आंखे उसी दिशा में बह जाती है जहाँ से लोग आ ओर जा रहे है, लेकिन आपको अपने विचारो को देखना है समझना है क्यों वो बह रहे है? उन लोगो के साथ क्या आपका दिमाग ऐसे ही किर्या कलापो में लगना चाहता है आप यदि करना भी चाहते हो कुछ तो  कर नही पाते बस बह जाते हो दूसरे के साथ…..

आपका मस्तिष्क आपसे कुछ कहता है या कुछ कह रहा है? लेकिन आप अपने मस्तिष्क और उसके विचारो की बात सुन नही पा रहे है या सुनकर अनसुनी कर रहे है हमारा मस्तिष्क ना जाने कितने ही, विचारों को प्रकट कर रहा है कभी हम अकेले बैठना चाहते है तो कभी भीड़ का हिस्सा होना चाहते है, इधर उधर टहलने लग जाते है यदि हमारे पास कुछ और काम नही तो अपने आपको किसी ना किसी काम में व्यस्त रखना चाहते है।

हम हमसे  अपने आपको किसी न किसी प्रकार के कार्य में व्यस्त रखते है, जिसके कारण हम अपने विचारों को सही तरह से ढंग से देख नहीं पाते है हमारा मस्तिष्क हमेशा विचारों में भरा हुआ रहता है हम कभी अपने विचारों के साथ अकेले नहीं होते, ये दिमाग कभी बिना विचारों के नहीं होता ये बात हम कभी नहीं सोचते की ये जो विचार है हमे  किस दिशा में ले जा रहे है।

हमारा मस्तिष्क भी कितने प्रकार के विचारों को प्रकट करता है, कभी किसी प्रकार की सोच में व्यस्त करता है तो कभी काही कुछ और स्तिथि और परिसतिथियों के कारण हमारा मस्तिष्क अलग अलग प्रकार की सोच को विचारों को जनम देता है, या हम यू कह सकते की हमारा मस्तिष्क की प्रकार से कार्य करता है, हमारा मस्तिष्क तो अनंत तरीकों से काम कर सकता है और इतनी किरयायाओ में व्यस्त हो सकता है शायद उसको इमैजिन करना भी मुश्किल है।

Mind work on different different level it vary accrdng to your thought how u give design to ur thought it can goes nd go beyond the limits of univers your brain is complete universe as your brain think it happen in our real life.

हमारा दिमाग भी हर समय हर पल घिरा हुआ रहता है जिसके कारण हमारा मस्तिष्क आने जाने वाले विचारों में विचार विमर्श की क्रिया और प्रतिक्रिया में लगातार उलझा रहता है, इन विचारो के दृश्य और इनकी कल्पनाएं हमारे मस्तिष्क में लगातार चलने वाली किरायायो के एक सहायक होती है, हमारी छोटी छोटी विचार का अपना एक दृश्य होता है और दृश्य की अपनी एक उसकी उचाईं और गहराई उस एक विचार के साथ होती है।

कभी कभी लगता है कि आसक्ति अब भी बाकी है मेरी बहुत सारी जगह जिसके बुलबुले फूटते है,  अंदर ही अंदर और में उनको देखता हूं रोक भी लेता हूं लेकिन फिर भी  ऐसा लगता है कि यदि मैं इन विषयों को हमेसा रोकता रहा तो इनका विस्फोट भी होगा एक दिन जो सही नही है फिर मुझमे अंतर ही कहाँ रह गया यदि मैं भी एक दिशा से दूसरी दिशा में भटकता रहूंगा तो।

इससे तात्पर्य यह है कि मुझे अपनी इच्छाओं की पूर्ति करते रहना चाहिए चाहे वो छोटी सी इच्छा क्यों न हो उस इच्छा को मारना नही चाहिए उसे समझना चाहिए मेरा लगाव जीवन के प्रति अब भी बाकी है वो लगाव कम हो में इसके लिए अभ्यासरत हूं।

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सुंदर आयाम

हर सुबह उठकर अपने विचारों को उत्तम बनाए उन विचारों को बार बार मनन व चिंतन करे आज का शब्द “सुंदर आयाम”

सुंदर आयाम प्रकृति के,
नादियाँ अपना जल नहीं पीती,
वृक्ष अपना फल नहीं खाते,
हीरे जवाहरात भी दूसरे को सुशोभित ,
नियम प्रकृति का दूसरे के प्रति समर्पित ……
ऐसे ही दयावान व्यक्ति अनायास दूसरो के
हित के लिए होता हर समय आकर्षित ।

सुंदर आयाम प्रकृति के,
नादियाँ अपना जल नहीं पीती।
वृक्ष अपना फल नहीं खाते।
हीरे जवाहरात भी दूसरे को सुशोभित।

प्रकृति की अनूठी सुंदरता,
मनोहारी नजारों में बिखराती।
नदियाँ अपनी बहुता प्रदर्शित करती,
पर खुद को नहीं उन्हें भरती।

वृक्षों की हरियाली से लबरेज,
फलों की मिठास से नहीं भरेज।
वे धरती के अनुपम उपहार हैं,
जो दूसरों को खुशियाँ देते हैं।

हीरे और जवाहरात की मोहकता,
दूसरों के श्रृंगार में बसता।
ना स्वयं चमकते हैं, ना भूलते हैं,
पर दूसरों की ख़ूबसूरती में खो जाते हैं।

यह अद्भुत प्रकृति का रहस्य है,
सदैव दूसरों को सुशोभित करने का इरादा है।
जो देती है वृक्षों को जीवन,
और नादियों को मार्गदर्शन।

इसीलिए वे सुंदरता का प्रतीक हैं,
जो प्रकृति की महिमा को दिखाते हैं।
हमें सिखाते हैं समर्पण और निस्वार्थता,
क्योंकि खुद को भूल जाना ही सुंदरता है।

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