Posts tagged best hindi kavita

कुछ बात ऐसी

कुछ बात ऐसी
कुछ बात वैसी
बस ना जाने कैसी कैसी कहानी ,हर मोड़ पर थी कहानी
कुछ अभी की तो कुछ बात पुरानी
ना जाने कौनसी कहानी

कुछ इस तरह
कुछ उस तरह
चलती रही हमारी कहानी
कुछ उलझी कहानी तो सुलझी कहानी
कुछ भूली बिसरी जवानी
कुछ बीत गई जवानी

संग ना जाने कितने किस्से और हुई कहानी
कुछ सफर जाने पहचाने तो कुछ अनजाने

अब यार छोड़ो
ये बाते सब पुरानी
देखलो
ढल गयी मेरी जवानी,
करली नादानी जो करनी थी नादानी
हो गयी नादानी,
अब नही करनी और कोई नादानी
अब नही कोई हरकत बचकानी
बस चल रही है ये जिंदगानी
जो ढलनी थी मेरी जवानी
वो भी ढल गई है

अब नही कोई परेशानी,
बस मस्त जीने दो मुझे अपनी जिंदगानी
कुछ बात ऐसी,
कुछ बात वैसी
बस ना जाने कैसी कैसी

इन्हे भी पढे: सारी शिकायते, सुकून मिलता है, लफ्जों में बयां, इश्क की कहानी

जब इच्छा शक्ति हो

जब इच्छा शक्ति हो स्वच्छ साफ़….
चाहे पूरी दुनिया हो आपके ख़िलाफ़ ।

और लक्ष्य आपका सही….
कोई दूषित शक्ति कारगर नहीं ।

कार्य आपका बनेगा ….
समय निश्चित लगेगा ।

सही लक्ष्य से मदद नहीं दूर….
प्रकृति की सहायता मिलेगी भरपूर ।

अपनाना प्रकृति का नियम….
बनाये रखना अपना संयम ।

जब इच्छा शक्ति हो स्वच्छ साफ़…
चाहे पूरी दुनिया हो आपके ख़िलाफ़।

जीवन की धुंधली राहों में,
जब आपको साथ नहीं मिले राहत,
अँधेरे से जब आपको डर हो,
और विश्वास बांधे हो पांव जूँद।

जब जगमगाते हैं सिर्फ बाधाएं,
और सपनों की ख़्वाहिशें रुकी हों,
जब दिल में जलें अस्थिरता की चिंगारी,
तब भी आपका हौसला जगाएं।

जब आपको लगे कि आकाश छूने की हो इच्छा,
पर बाधाओं ने बांध लिया हो आपको,
तो अपनी ज़िन्दगी का अंधार दूर करें,
और चमकें आपकी इच्छा के सितारे।

जब दरारों से टूटे आपके सपने,
और खिली न हो कोई आशा की बेला,
तब भी उठें सिर ऊँचा करने का संकल्प,
और दृढ़ता से चलें आपकी कदमें।

जब दुश्मनी भाव उबाले रग-रग में,
और कठिनाइयों का बढ़ जाए आभास,
तो अपने मन की शक्ति पुकारें,
और जीतें सबको आपकी आत्म-सामर्थ्य की आवाज़।

जब इच्छा शक्ति हो स्वच्छ साफ़…
चाहे पूरी दुनिया हो आपके ख़िलाफ़।

यह भी पढे: इच्छाओ को ना मारो, कल की तैयारी, लगातार बने रहे, जादू की छड़ी,



संकेतों से भापते है

संकेत
संकेत भविष्य पढ़ने की आशा….
संकेतों से भापते है, आशा या निराशा ।

संकेत दिमाग़ की बोली और समझ ….
भविष्य जानकारी दिमाग़ चाहे सहज ।

अक्सर लोग चाहते संकेत मिले अच्छे समय का …..
समय सदा बदलता रहता जबकि यह विषय रहस्य का ।

भूकम आने से पहले जानवर होते बेचैन असहज ….
हम उनकी बेचैनी के संकेत पढ सकते सहज ।

हम संकेतों को भाषा में करते परिवर्तित …
ताकि समझे और  साधे अपना हित  ।

विचारों की गहराई से जुड़ी
संकेतों की आशा जगमगाती है।
भविष्य के पर्दे खोलकर,
मनोवृत्ति की कथा सुनाती है।

चिन्ताओं के समुद्र में खोजते,
बीते और आने वाले कार्यक्रम।
संकेतों की कविता बनकर,
अनजाने में भी ज्ञान प्राप्त करते हम।

छोटे-छोटे चिन्हों में छुपी है
विश्वास की एक अनमोल भाषा।
जान पहचान के अंदर छिपा है,
भविष्य की सूचना व्यक्त करती साँसों की लहरों में।

कभी एक दूर का नजारा होता है,
कभी एक विचार का संगीत बजता है।
संकेतों की यात्रा करते हम,
भविष्य की राहों में बहता है स्वप्नों का नदी गंगा।

जीवन के रंग-बिरंगे पलों में,
संकेतों की एक छाप छोड़ जाते हैं।
आशा या निराशा की राह पर,
उड़ान भरते हैं वे दिलों की आवाज़।

संकेतों से भापते है आशा के फूल,
जगमगाते हैं उम्मीद के सितारे।
निराशा के अंधकार को छिड़कते हैं,
संकेतों की रोशनी के द्वारे।

इस संसार में जगमगाती है संकेतों की झील,
आशा और निराशा के आयाम छूती हैं।
जीवन की मंजिलों का रास्ता दिखाती हैं,
संकेतों की कविता जो हमें पढ़ती हैं।

यह भी पढे: अनुभव खुद का चखा, हम संभलेंगे भी, मंजिल की तरफ,

विकल्पों का पतन

यहाँ एक चलन …..
हुआ विकल्पों का पतन ।

प्लास्टिक और रणनीति…..
दोनों की ज़रूरत वाली स्थिति ।

प्लास्टिक करता दूषित वातावरण…
प्लास्टिक का क्यों नहीं नया संस्करण ?

राजनीति भी बहुत मैली और दूषित….
मनो में भर दिया टनो ज़हर अघोषित ।

बोल रहे नहीं है दोनों का विकल्प ….
विचारहीन समाज अच्छाई हुई अल्प ।

ये विचार विकार बात यह ग़लत….
एक सौ चालीस करोड़ हुए बेइज्जत ।

सब एक दूसरे को दिखा रहे उँगली….
बस चल रहा है आके मिल उस गली ।

वैज्ञानिक खोजो को दे इस दिशा में बढ़ावा ….
विश्व से प्लास्टिक मिटे स्वस्थ सब , न करे छलावा।

यहां एक चलन है रुख़सार,
हुआ विकल्पों का पतन अनुभव।
परिवर्तित हुए दृष्टि के आयाम,
खो गई स्वतंत्रता की राह अविरल।

नगरी ने जीने की बंधन में डाला,
चुनौतियों से बनी अब वह भटकती है।
आदर्शों की गोद में लिपटी रही वह,
अब हर तरफ़ है प्रताड़ित और दबी हुई।

जब जगह नहीं रही सपनों की,
तब कैसे उड़े आवाज़ आज़ादी की।
हर तरफ़ दिखें बंधनों की खड़ी,
मन में जलती रहे आग स्वतंत्रता की।

फिर आया है वक़्त जागरूक होने का,
इस चलन को तोड़ देने का।
खुद को मुक्त कर, निकल पड़ो आगे,
अपनी अलख़ जगाओ और चमकाओ राहें।

चलो अब छोड़ो विकल्पों की मृत्यु,
जीवित हो जाओ स्वतंत्रता की प्रेरणा।
करो प्रगति को आगे बढ़ाना,
यही है जीने की सच्ची पहचाना।

आओ मिलकर नयी दिशा में चलें,
करें स्वतंत्रता की शोरगुल मचाएं।
जागो, उठो और बदलो समाज को,
यही है सच्ची आज़ादी की आज़ादी।

यह भी पढे: खुद से करे सवाल, प्रति दिन चिन्ह, अपनी मेहनत,

खुद से करे सवाल

खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट ।
ग़र वर्तमान में प्रसन्न…..
यही सच्चा कमाया धन ।

फिर जीवन को नहीं रहे तुम काट…..
चाहे न या कम धन फिर भी ठाठ -भाट।

जीवन का मालिक कौन है यह सत्ता किसके है पास….
यदि जीवन की चाभी स्वयं के पास यह सुखद अहसास ।

आपकी सुखी और दुखी होने की चाभी यदि दूसरो के पास….
राक्षस और तोते की कहानी गर्दन तोते की दाबेगी इधर राक्षस की उड़ेगी सांस ।

अकारण वर्तमान में रहे ख़ुश ….
शुक्रिया करे नहीं हो कभी नाखुश ।

ख़ुशी का विकल्प सिर्फ़ और सिर्फ़
ख़ुशी ….
जिये जीवन जैसे जीवन जीता शशि ।

खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।

जीवन का मतलब क्या है, विचार करो थोड़ा,
क्या तुम बस काम करते हो, और अपनी ज़िन्दगी छोड़ा?

ख़ुद से पूछो, क्या तुम खुश हो, क्या तुम संतुष्ट हो,
क्या तुम वह सपना पाए हो, जिसे ज़िंदगी ने तुमसे छीना हो?

क्या तुम वक्त का मज़ा ले रहे हो, प्यार से अपनों के साथ,
या बस दौड़ रहे हो, धन-दौलत के पीछे भागते रहते हाथ?

जीवन एक उपहार है, इसे सवार्थी बना न पाओ,
इसका आनंद लो, अपने सपनों को पूरा करो।

धन और सम्पत्ति तो केवल मालिकी हैं यहाँ,
परम मूल्यवान है वह, जो मनुष्य को मिलता है स्वयं।

ताजगी और ख़ुशी से भरी हो ज़िंदगी की क़लाएं,
बस वही सच्चा कमाया धन, जो दिल को छू जाएं।

ज़िंदगी को अपने अरमानों से सजाओ,
सपनों को पूरा करके अपनी ख़ुशियां बढ़ाओ।

खुद से करो सवाल, जीवन को जी रहे हो या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।

यह भी पढे: सवाल उठ रहे है, सवालों के कटघरों में, सवालों में गुम,

अहंकार सत्य सच नहीं

अहंकार सत्य सच नहीं स्वीकारता….
शक्ति सत्य की अहंकार उससे हारता ।

अहंकार मैं का भोजन….
मैं को स्थापित का आयोजन ।

अहंकार की अल्प आयु ….
सत्य सनातन पुरातन जैसे वायु ।

अहंकार प्रशंसा का भी भूखा….
मैं को होता विस्तारण का धोखा ।

अहंकार सत्य सच नहीं स्वीकारता,
शक्ति सत्य की अहंकार उससे हारता।

अहंकार मोह में धूल बन जाता,
माया के जाल में फंसा रह जाता।

मनुष्य की बुद्धि गढ़ी हो या कमजोर,
अहंकार उसे बांधे रखता है तोर।

गर्व में डूबा हुआ व्यक्ति बन जाता,
सत्य को नहीं पहचान पाता।

जब आहुति देता है अहंकार को व्यक्ति,
विचार और बुद्धि रह जाते हैं शून्य।

सत्य की ओर जाने का मार्ग होता है निर्माण,
अहंकार को त्यागना होता है आवश्यक अवधान।

विचारों को स्वतंत्र करो और अहंकार को छोड़ो,
सत्य की ओर बढ़ो, अपने आप को समझो।

बहुमत से नहीं चलना, अहंकार की बातों में,
अपने हृदय की सुनो, सत्य की ओर जाने का रास्ता जानो।

अहंकार को त्याग करो, सत्य को ग्रहण करो,
हम सब एक हैं, यह बात समझो।

सत्य ही हमारा आधार है, अहंकार को छोड़ो,
अपनी असली पहचान में खुद को समझो।

अहंकार प्याज़ के समान….
झूठ के छिलको से होता निर्माण ।

सत्य जैसे दूध की मलाई…
ऊपर आके तेरती सच्चाई ।

सत्य मेव जयते ….
सुख दुख में सम रहते ।

यही सच्चे जीवन का सार
सत्य सबसे बड़ा हथियार।

यह भी पढे: अहंकार का कद, अहंकार से मुक्ति, अपमान ओर अहंकार, सच्चाई का करे,

सकारात्मक प्रतीक्षा

सकारात्मक प्रतीक्षा की करते है बात, लिखने का कार्य कुछ देर रोकते है ओर चलते है उनसे करने के लिए मुलाकात, जब कोई इंतजार कराए उसमे बहुत होने को होता है, इंतजार में बहुत कुछ बाकी होता है उस इंतजार का स्वाद हर किसी से चखा नहीं जाता, कोई दुखी हो जाता है तो इंतजार कर ही खुश हो जाता है, बहुत सारे सपने इंतजार में ही बुन लेता है कुछ अधूरे रह जाते है तो कुछ पूरे हो जाते है।

सकारात्मक प्रतीक्षा की करेंगे बात….
लेखन से करने निकले उससे मुलाक़ात ।

इंतज़ार मतलब प्रतीक्षा….
कुछ अच्छा होने की आकांक्षा ।

प्रतीक्षा का आनंद….
पकने पे आती सुगंध ।

प्रतीक्षा बहुत भली…..
ज़बरदस्ती  से मुसीबतें पली  ।

ज़बरदस्ती…
बल प्रयोग बात सस्ती ।

प्रतीक्षा में आनंद….
सब्र सही समय की गंध ।

प्रतीक्षा एक आशा…
भीतर संतुलन की भाषा ।

प्रतीक्षा नहीं कामचोरी….
भीतर से पुकार ,नहीं कमजोरी ।

प्रतीक्षा बलवान…..
बने वो पहचान ।

सकारात्मक प्रतीक्षा की करेंगे बात,
लेखन से करने निकले उससे मुलाक़ात।

जीवन की उड़ान को बढ़ाते सपने,
आशा के पंखों पर पूरे करते अपने।

ख्वाबों की गुड़ियों को हम बनाते,
आगे बढ़ते रहते, ना होते थमाते।

हर दिन नए सपनों को लेकर आते,
मिटाते अंधकार, अपने आगे ज्योति प्रज्वलित करते।

निराशा की बादलों को छेड़कर,
सकारात्मकता के सूरज को उगलते।

मुश्किलों का सामना करते निडरता से,
हार न मानते, खुद को जीतते।

विचारों की उड़ान को लेते उच्चाईयों पर,
दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते हैं हम।

हर दिन एक नयी प्रतीक्षा के साथ,
जीवन के सफर में आनंदित रहते हैं हम।

सकारात्मकता की किरणों से ज्योतित हैं हम,
उम्मीदों के प्रदीप से प्रज्वलित हैं हम।

जीवन के पथ पर चलते रहें सकारात्मकता के साथ,
आगे बढ़ते रहें, खुशियों को बांटते रहें हम।

ये सकारात्मक प्रतीक्षा का जीने का तरीका है,
खुशहाली के मार्ग पर चलने का रास्ता है।

सकारात्मक प्रतीक्षा की करेंगे बात,
आनंद और संतोष से भरी रहेगी यह रात।

यह भी पढे: इंतजार क्या है, नजर, पता नहीं मैं, मेरी खुशियों,

मैं सुनाता हूँ

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी….
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।
ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग …
बात अच्छी तो दिल होता गदगद लगती बुरी तो लगाता बंदा लार्ज।

जबान से निकला तीर नहीं होता वापस….
चूस जाता इस जीवन का पूरा मधुर रस ।
इसलिए ज़बान का/ को इस्तेमाल करे
सम्भाल के….
दे इज्जत और ले इज्जत इसके सही इस्तेमाल से..

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी,
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।

ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग,
वक्त के साथ बदलती कहानियों का विस्तार।

शब्दों की बातें जगातीं हैं भावनाएं,
ज़ुबान की बारीकी से उभरती हैं आदतें।

एक मुस्कान की ताकत होती है शब्दों में,
खुशियों का जादू छिपा होता है बोलों में।

प्यार की मिठास छिपी होती है वाक्यों में,
दिलों के मेल को जोड़ती हैं वाचाएं।

पर कभी-कभी कटुता भी होती है ज़ुबान में,
ठेस पहुंचाते हैं कुछ निर्बाध शब्द समयांतर में।

हमें समझना चाहिए क़ीमत शब्दों की,
नकारात्मकता से दूर रखें हम भाषाओं की।

ज़ुबान को उचित उपयोग में लाएं,
सद्य और शिष्टाचार से खुशहाली पाएं।

जबान की कहानी सुनने से पहले सोचें,
शब्दों की महत्वपूर्णता को समझें और महसूस करें।

ज़ुबान की ताकत से भर जाएं आप भरपूर,
कहें अच्छे शब्द, बनें अच्छे बहुत शानदार!

यह भी पढे: कुछ ऐसे काम करो, क्या करता हूँ मैं, मन की मनगढ़ंत बाते,

ज्यादा योग्य

ज्यादा योग्य होना नहीं आवश्यक…
एक अच्छा मन आवश्यक बिना शक ।
व्यक्ति में योग्यता है या नहीं दिखता…
योग्य व्यक्ति देने के भाव भरा होता ।

अक्सर व्यक्ति योग्य होने का करता नाटक…
नक़ली तो नक़ली होता है देर सवेर खुलता उसका फाटक ।
हर व्यक्ति की कोशिश या जगा भाव हो कुछ न कुछ समाज को है देना….
वो योग्य व्यक्ति है अच्छे भावों से भरा मेरा  विचार है मेरा है कहना ।

व्यक्ति का मुकाबला होता है योग्यता से,
क्या सिर्फ योग्यता ही है जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरण?
नहीं, एक अच्छा मन भी होना अत्यंत आवश्यक,
विशेषता जो बनाती है व्यक्ति को महान।

योग्यता से काम तो होता है आसानी से,
पर मन की सुखी और स्थिरता बढ़ाती है मनोयोगी शक्ति।
व्यक्ति का ज्ञान और न्यूनता को ध्यान देता है,
उसे एक अच्छा मन ही बहुमुखी विकास का मार्ग देता है।

योग्यता तो जीवन की आपूर्ति होती है,
पर मन की सुख-शांति बनाती है व्यक्ति को आदर्श।
चाहे वह विद्या का साम्राज्य रखे या सामरिक हो,
अच्छा मन ही होता है उसका महत्वपूर्ण आधार।

व्यक्ति के ज्यादा योग्य होने से वह आगे बढ़ता है,
पर अच्छा मन ही दिखाता है उसका व्यक्तित्व कीमती।
योग्यता तो बस एक अंग होती है उसकी,
पर मन की गुहार बदलती है जीवन की दिशा।

तो अपना मन सदा प्रशांत और स्वस्थ रखो,
क्योंकि योग्यता से ज्यादा आवश्यक है अच्छा मन बिना शक।
जगाओ उसे सुगमता और समृद्धि की ऊंचाइयों पर,
जहां योग्यता और मन एक साथ निखारें सफलता की राह।

यह भी पढे: धन से योग्यता, हर व्यक्ति विशेष, योग्यता पे अविश्वास, कामयाबी, जीवन ज्यादा,


लगन की चमक

लगन की चमक, लगन एक छोटा शब्द, परिभाषित करे विशेष,
हौसला और जोश की बहुत ही अनूठी भेष।

जब लगन लग जाती, जीवन देती है रंग,
बदल देती है सोच, बनाती है भाग्य को संग।

लगन वही चमत्कार है, जो बदल देती है ख्वाब,
रास्ते सजाती है मुश्किलों में उठा देती है कबाब।

जीवन की उड़ान को देती है पंख,
विफलता को पार कर, देती है सफलता की फुलवारी रंग।

हर कठिनाई को पार कर, चलती है आगे,
लगन की रोशनी जगाती है हर एक रिश्ते को साथ लेकर बढ़ती है आगे।

मेहनत की राहों में लगन बनी होती है साथी,
सपनों को साकार कर, जीने को मिलती है साथ रात-दिन।

लगन की शक्ति से जगता है कर्म,
संघर्षों को मिटा कर, देती है सफलता को आराम।

जब लगन जीवन की साथ बन जाती है इक राह,
चमकती है जीवन में बदलाव, बनाती है सफलता का महासागर अपार।

लगन की चमक, लगन एक छोटा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द,
जो जीवन को देती है नई दिशा और उम्मीद की आभा।

लगन एक छोटा लेकिन बहुत सुंदर संदेश है इसमें , जब लगन लग जाती वही फिर चमत्कार दिखाती है जीवन को बदल देती है transform कर देती है ।
सफल जीवन में लगन अति आवश्यक ….
वही लगती बनाती बन्दे को लायक़ ।
ल से अर्थ बनता “लक्ष्य”….
बनेगे महान न हो कोई संशय ।
ग से अर्थ बनता “गंभीर”…
क़ुव्वत बदलता वो तक़दीर ।
न से अर्थ बनता “निरंतर”…
सिखाता खोजने से प्राप्त है सारे उत्तर।

यह भी पढे: गुणों में निरंतर विकास, लगातार करते रहे, सफलता का सफर, वादा, बस कोशिश है,