समझदार लोग, पढे लिखे होने का क्या फायदा यदि आप इसी तरह की हरकते करेंगे जिससे की समाज को उसका परिणाम भुगतना पड़े, किसी दूसरे का नुकसान ओर खुद का फायदा हो क्या आप इसीको समझदारी कहते है, कुछ लोग कूड़ा कही भी डाल देते है, आजकल लोग फ्लैट, बिल्डिंग सोसाइटी में रहते है, ओर यह लोग ऊपर से ही कूड़ा फेकते रहते है कोई गली में कोई किसी की छत पर, तो कोई आसपास के किसी खाली प्लॉट में ही कूड़ा डाल देता है, लेकिन यह लोग कूड़े की गाड़ी में कूड़ा नहीं डालते है जबकी कूड़े की गाड़ी हर रोज आती है उसमे कूड़ा नहीं डालते, ना ही कूड़ा उठाने वाले को लगाते है कूड़ा उठाने के लिए, बस कुछ रुपये बचाने के लिए इस तरह की हरकते करते है।
इस तरह की हरकतों के लिए कौन जिम्मेदार है? आपकी शिक्षा या संस्कार क्या यही सीखा है आपने स्कूल में या घर में की आप अपने घर से कूड़ा फेक दे तो फिर चाहे वो गली में तारों पर लटके या या गली में बिखर जाए इस बात से आपको कोइ फर्क नहीं पड़ता क्यूकी कूड़ा आपके घर से तो निकल गया है अब इस बात से कोई फरक नहीं पड़ता की किसका नुकसान होता है।
लोग कूड़ा फेक देते है और फिर मुकर जाते है की हमने नही फैंका , जब तक आप किसी को देखते नही हो तब तक आप यह नहीं कह सकते है की कूड़ा इन्होंने फैंका है इसलिए जब आप देखोगे तभी उनको कुछ बोल पाओगे लेकिन एक बार सबको बोल देना बहुत जरूरी है ताकि उन्हें अगली बार शर्म आए लेकिन कई लोगो को शर्म नही आती वह वही गलतियां बार बार करते है लेकिन उन्हें गलतियां नही कहते क्युकी कुछ लोग ऐसी हरकतें जान बूझकर करते है अपने कुछ 50 या 100 रुपए बचाने के चक्कर में दूसरो को परेशान करते है।
जो हमारे घर के पीछे वाले घर में रहते है उनकी छत पर कूड़ा हर दूसरे दिन पड़ा रहता है, हममें से ही कोई है जो इस तरह की हरकत कर रहा है अब यह बहुत निंदनीय कार्य है। और ऐसा कौन कर रहा है यह उनको नही पता चल रहा क्युकी उन्होंने किसी को भी कूड़ा फ़ैकते हुए नहीं देखा।