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मानसिक तनाव

स्ट्रेस क्या है जब भी स्ट्रेस तो क्या करे? यह आपका मानसिक तनाव है जो आपको किसी भी विषय में अधिक सोचने पर होते है, छोटी छोटी बातों पर आप अधिक चिंतित होने लगते है तो आपको स्ट्रेस होने लगती है।

  • मानसिक तनाव को कम करने के लिए आप रोजाना आधे घंटे पैदल चले, पैदल चलने से दिमागी तौर पर बहुत आराम मिलता है, जितना भी स्ट्रेस होता है वह कम हो जाता है।
  • साइकिल चलाए आधा घंटा हर रोज
  • एक्सर्साइज़ करे
  • पैदल चले आधा घंटा हर रोज
  • ध्यान करे 40 मिनट
  • हर रोज 4 लीटर पानी पिए
  • हमे व्यायाम करना चाहिए ओर अपने दिन की दिनचर्या को ठीक रखना चाहिए सभी कार्यों को समय पर कर लेना चाहिए
  • हमे स्वस्थ ओर अच्छे भोजन को लेना चाहिए जितना हो सके हमे शुद्ध शाकाहारी भोजन ही लेना इससे हमारे विचार अच्छे होते है ओर सकारात्मक भी
  • सोने का समय सही होना चाहिए अधिक रात्री तक नहीं उठना चाहिए ओर अपनी नींद को पूरे 8 घंटे की लेना चाहिए।
  • अपनी मनपसंद के कार्यों में अधिक समय बिताए जिससे आप सदेव खुश रहते हो उनही कार्यों में अधिक समय बिताने से मूड अच्छा ओर स्वस्थ बना रहता है।

बिना वजह ही हमारे मस्तिसक में बहुत सारे विचार चलते रहते है, जिनकी वजह से हमारा तनाव बढ़त है इसके साथ ही हमारा मूड भी बदल जाता है, बहुत छोटी छोटी बातों से हमारे मूड में काफी बदलाव आ जाते है, जो हमारे मस्तिष्क में तनाव पैदा करता है, इस तनाव को काम करने के लिए हमे ज्यादा समय ध्यान करना चाहिए।

हमे अपने विचारों को सकारात्मक बनाना चाहिए जिससे की हमे उन छोटी छोटी बातों पर सोचने से कोई घबराहट ना हो।

हमारे मस्तिष्क में लगातार विचार आते रहते है, उन विचारों को पर रोक लगाने के लिए हमे अपने विचारों का पैटर्न बदलना होगा, हमारे जो विचार है यदि वो सही ओर सकारात्मक होंगे तो हम अपने ऊपर अधिक कंट्रोल रख सकेंगे।


बिना कुछ कहे

बिना कुछ कहे, उन्होंने कुछ ज्यादा ही समझ लिया अक्सर यही कुछ होता है, जब हम कहते कुछ नहीं है लेकिन वो समझ ज्यादा लेते है, बात कुछ होती नहीं है, लेकिन बढ़ बहुत जाती है, अक्सर यही कुछ होने लगता है, नजदीकिया बहुत होती है लेकिन एकदम से ना जाने क्यू दूरिया होने लग जाती है, मेने कुछ कहा नहीं उन्होंने सुन ज्यादा लिया, मेने कुछ समझाया नहीं 

उन्होंने समझ ज्यादा लिया,मेने कुछ देखा भी नहीं,उन्होंने देख भी ज्यादा लिया 

मेने कुछ सोचा भी नहीं उन्होंने सोच भी ज्यादा लिया 

बस इतना हुआ उसके बाद ना जाने वो रिश्ता ही कही खो गया नासमझी और समझी हुई बातो के बीच जो भेद था, उनकी वजह से वर्षो का रिश्ता अब रिश्ता नहीं रहा बस कुछ था ही नहीं ऐसा  कुछ हो गया। मेरी भीगी हुई पलके भी ना समझा सकी उनको कुछ ना जाने जो बिताया था हिस्सा समझने के लिए वो कुछ लम्हो में सिमट कही खो गया। 

बिना कुछ कहे ना जाने कितनी कितनी बाते हो जाती है, उन बातों से दूरिया भी बढ़ जाती है, पता नहीं चलता सालों का रिश्ता कब खत्म हो जाता है,

दुख का होना

कहते है दुख का होना भी जरूरी है, तभी सुख का अनुभव होता है, बिन दुख के सुख का कैसे पता चले, जब दुख होता है मन में तभी कुछ लिखने का मन करता है, बिना दुख के तो क्या लिखे सब अच्छा ही है, जब गलतिया होगी तभी तो सुधार होगा, बिन गलतियों के उन्मे सुधार कैसा फिर होगा,

इसलिए सिर्फ सुखी जीवन नहीं उसमे दुख का होना भी बहुत अच्छा होता है, उस दुख को समझो वो तुम्हें कुछ बताने, सिखाने आया है, नई चुनौतीयो से मिलाने आया है, नए जीवन को निर्मित कर फिर से नया बनाने आया है, उस नए बनने के सफर में दुख ही अपना साथी है।

दुख होगा तभी तो अच्छा अनुभव लिख सकोगे जब दुख नहीं तो फिर वो लिखना कैसे होगा, कुछ लिखने का मन नहीं करता, बस सुखी जीवन संग हम जीवन के साथ होते है।

जब किसी के प्रेम डूब हुआ होता है कोई इंसान ओर वो उसे नहीं मिलता तो उसकी तड़प ही उसे लिखने पर मजबूर कर देती है, वह अपना क्रोध पन्नों पर उतार देता है, उस प्रेमी का मन अशांत होता है ओर वो सिर्फ लिखना ही चाहता है, उस वक्त उसके अलावा वह प्रेमी कुछ ओर नहीं कर पाता लेकिन जब उसको उसकी प्रेमीका मिल जाए ओर वो आनंद में हो तो फिर वह लिखना नहीं चाहता उसके पास अभी कोई दुख नहीं है, बस वह प्रेम में डूबा हुआ है।

दुख हमे सुखी होने का एहसास दिलाता है, दुख ही है जो हमे जीवन की सच्ची राह दिखाता है, दुख से ही हमे अच्छे ओर बुरे की समझ आती है, जितना सुख जरूरी है उतना ही दुख भी जरूरी है।

2024 T20 विश्व कप

क्या आप चाहते है की रोहित शर्मा 2024 T20 विश्व कप में भी कप्तान बने रहे या फिर उन्हे छोड़ देना चाहिए, रोहित शर्मा के जैसा इस समय कोई भी कप्तान नहीं है, ना ही इस जिम्मेदारी के लिए कोई भी तैयार है इसके साथ ही किसी को रोहित जितना अनुभव भी नहीं है।

रोहित शर्मा एक एसा कप्तान है जो टीम के बारे में पहले सोचता है फिर अपने लिए, वह सभी खिलाड़ियों को एक साथ जोड़कर रखता है, सबकी सुनता है।

रोहित शर्मा 5 बार आईपीएल की ट्रॉफी जीत चुका है, मुंबई इंडियन के लिए, सिर्फ एक खराब दिन उनकी काबिलियत के बारे में नहीं बता सकता रोहित शर्मा एक काबिल कप्तान है।

Gautam Gambhir said, “Rohit Sharma should captain Team India in the T20 World Cup 2024.

He is a phenomenal leader and batsman which we have seen in this World Cup as well.” (Sportskeeds)

रोहित शर्मा

क्या रोहित शर्मा ही रहेंगे 2024 T20 विश्व कप के कप्तान या फिर कोई बदलब होगा इस विश्व कप के लिए, जानकारों ओर सलाहकारों की माने तो रोहित शर्मा ही इस समय एक बेहतर कप्तान के रूप में दिखते है, भारत के लिए T20 विश्व कप चैम्पीयन ट्रॉफी के लिए इसके अलावा दूसरा ओर कोई नाम अभी के लिए सुझाव में नहीं है, ओर ना ही कोई रोहित शर्मा से बेहतर बेहतर कप्तान दिख रहा है जो इस जिम्मेदारी को संभाल सके।

बहुत सुकून

जब भी आता हूँ तुम्हारे पास बहुत सुकून मिलता है मुझे मानो भीतर गहरी शांति आ जाती है, जब भी मैं तुम्हारे पास बैठता हूँ, जब मेरा मन तुमसे मिलने को करता है, तो आता हूं, बैठ जाता हूँ ओर कुछ देर बाते कर खुद से ही खुद में ही मुसकुराता हूँ।

बहुत सुकून
बहुत सुकून

बहुत सुकून सा मिलता है जब भी मैं तुम्हारे पास आता हूँ ऐसा लगता है बहुत कुछ सीखा देते हो उन कुछ ही पलों में जो मैं तुम्हे साथ बिताता हूँ।

पिछले 16 साल से मैं अपनी मनपसंद जगह जा रहा हूँ, जहां मैं काफी समय बिताता था, अब कुछ कम हो गया है मेरा आना जाना इधर लेकिन फिर भी जब भी मेरा मन करता है तो मैं कॉफी पीने ओर इडली खाने के लिए कनाट प्लेस के कॉफी होम में चल जाता हूँ, जहां मुझे बहुत शांति मिलती है ओर जो पेड़ है यहाँ इसके नीचे बैठकर मुझे बहुत अच्छा लगता है ओर मैं बाते भी कर लेता हूँ कुछ पल इस पेड़ से यह पेड़ इस स्थान की शोभा बढ़ देता है, जिसकी वजह से यह जगह आढ़भूत हो जाती है।

बहुत सारा अनुभव लेकर खड़े है अपनी जगह पर यह वृक्ष देवता मेरा मन तो अथाह शांति को प्राप्त होता है जब भी इनकी छाव में बैठता हूँ।

मैंने अपनी पहली पुस्तक “कौन हूँ मैं” इन्ही वृक्ष देवता की छत्र छाया में पूरी की थी, ओर काफी मित्र भी इन की शरण में मुझे मिले है।

आप भी जरूर होकर आए इस स्थान पर याद अभी तक नहीं गए है तो, यह जगह आपको गहरी शांति का अनुभव का अनुभव कराती है साथ ही जो सवाल दबे हुए है भीतर पूछ डालो खुद से यही जाकर आपको आपके जवाब मिलेंगे, ओर साथ ही एक नई राह भी

इस जगह पर आप कितना भी समय व्यतीत कर सकते है सुबह 11 बजे खुल जाता है ओर रात 8 बजे बंद हो जाता है, ये जगह कनाट प्लेस में सबसे शांत जगह है, हनुमान मंदिर के ठीक सामने ही है।

समय का चक्र

समय का चक्र ऐसा है जो किसी को समझ नहीं आता , समय का आना ओर जाना भी पता नहीं चलता, यह अच्छा समय कब आता है ओर कब चल जाता है किसी को नहीं पता चलता बस जब तक सही समय नहीं आता तब तक कुछ भी संभव नहीं होता,  ओर जब जैसे ही समय आता है सभी चीज़े पूरी होती है, सभी अधूरे ओर बिगड़े हुए काम सब पूरे होने लगते है, फिर आपको वो सभी चीज़े पूरी करने की आवश्यकता नहीं होती, वह खुद ही पूरी हो जाती है, जो उस समय के लिए ही जरूरी होती है, उस समय से पहले कुछ भी संभव नहीं है। लेकिन फिर हमे प्रयास करना नहीं छोड़ना चाहिए क्युकी उसी प्रयास करने से वह उस समय पर बिल्कुल सही होती है, जैसी उस समय की मांग ओर आवश्यकता होती है।

समय का चक्र

हम बहुत सारे चीजों के लिए बहुत जल्दी कर देते है, ओर उस जल्दबाजी में बहुत कुछ खराब भी हो जाता है। कुछ चीजों के लिए लेकिन वह सही नहीं होता कई बार ओर कई बार हमे पता नहीं होता की यह समय सही है या नहीं, तो वह समय खुद सब कुछ खुद ही सब ठीक कर कर देता है हम बस उस समय का हिस्सा बन जाते है। अब कोशिश करते रहे, उस चीज के बारे में सोचे ताकि आप उस चीज को पाने के लिए कार्य करते रहे।

जिस तरह से मैं भी इंतजार ही कर रहा हूँ की मैं कुछ बेहतर लिख सकु ऐसा नहीं है की मैं प्रयास नहीं कर रहा परंतु मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूँ, समय का चक्र ही ऐसा जिसमे फंसा हुआ हर इंसान, मैँ बार बार विचार करता हूँ लेकिन वह विचार मेरे मस्तिष्क से ही निकल जाते है ओर मैं कुछ उन पर नहीं पाता बस इसी तरह से मेरा समय निकल रहा है। एक उचीत समय पर ही वो कार्य पूरा होगा जिसका मैं इंतजार कर रहा हूँ।

लिखने का मन

कभी कभी लिखने का भी मन नहीं करता बल्कि यही मेरा एक मनपसंद कार्य है जिसे मैं पूरी जिंदगी करना चाहता हूँ, इसके अलावा कुछ नहीं करना चाहता लेकिन कई बार एस होता की बस बहुत लिख चुका हूँ अब ओर नहीं लिखना चाहता।

लेकिन आज मुझे जुखाम हो रहा है जिसकी वजह से लिखने में ध्यान नहीं लग रहा बार बार एस लग रहा है बस सो जाऊ या आराम कर लू, लेकिन किसी ने एक बात काही है जब आप किसी लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते है तो उसमे बहुत सारी बाधाये आती है, वह मानसिक ओर शारीरिक बाधा कैसी भी हो सकती है।

कई बार हमारा ऑफिस या दुकान जाने का मन नहीं करता लेकिन हमे करना पड़ता है क्युकी जाना जरूरी होता है। इसी प्रकार मेरा कभी लिखने का मन हो या नहीं हो लेकिन मैं लिखता हूँ, क्युकी जिंदगी किसी लक्ष्य को हासिल करना है, तो आपको उस कार्य के प्रति लगातार होना ही पड़ेगा, आपको उस कार्य से अवकाश नहीं लेना।

वैसे मेरी एक आदत है जब मुझे लगता है की आगे आने वाले कुछ दिनों तक किसी दूसरे कार्य में व्यस्त हूँ, या फिर मैं कुछ ओर काम करना चाहता हूँ, तब मैं अपने कार्य को अड्वान्स में ही कर लेता हूँ, ताकि मुझे किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, ओर मुझे कभी ऐसा नहीं लगे की आज मैंने कुछ काम ही नहीं किया।

मैं पहले से ड्राफ्ट में सेव कर लेता हूँ ओर उस दिन दिन तारीख पर सेट करके पोस्ट कर देता हूँ, लेकिन यह सुविधा आपको ओर किसी कार्य में नहीं मिलती इसलिए आपको लगातार तैयार रहना होता है।

इसलिए यदि आपका मन है तो भी कार्य को करे ओर नहीं है तो भी उस कार्य को करे, वह कार्य तभी पूरा होगा ओर इससे आप लगातार कार्य के प्रति बने रहेंगे, आपकी मंजिल आपके करीब आती है।

लगातार करते रहे

किसी भी कार्य लगातार करते रहे क्युकी ज़िंदगी में कुछ करने के लिए बहुत सारा जुनून, पागलपन चाहिए होता है, ओर उसी पगलपने के साथ लगातार काम करते रहना भी बहुत जरूरी है, यदि हम ऐसा नहीं करते तो सफलता हमारे हाथों से दूर निकाल जाती है, जब सफलता दूर होने लगती है तभी हम बहुत सारे बहाने बनाने लग जाते है, ओर उन्ही बहानों के साथ अपने जीवन को बिताने लग जाते है, यदि आप सफल होन चाहते है बहाने ना बनाए, उन बहानों के लिए जवाब ढूँढे ओर उन पर कार्य तभी सफलता हासिल होगी।

कार्य को अधूरा न छोड़े: हम जो भी कार्य शुरू करते है उसको बीच में ही अधूरा छोड़ देते है, जबकी हमे ऐसा नहीं करना चाहिए, हम बार किसी दूसरे कार्य की ओर भागने लगते है, हमे एसा लगता है उस कार्य से हम बोर हो गए या हमारी उस कार्य में रुचि घट जाती है, हमे मज़ा नहीं आ रहा होता है, इसलिए हम उस कार्य को बीच में छोड़ देते है, लेकिन ऐसा करने से हम बहुत पीछे चले जाते है। हमे उस कार्य नए ढंग से करने की कोशिश करनी चाहिए।

स्वयं को रिवार्ड दो: जब भी कुछ करे, उसमे छोटी छोटी उन्नतती पर खुद को रिवार्ड दीजिए, हमे उस कार्य को ओर बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए, ओर उस कार्य को लगातार करते रहे ताकि हमारी रुचि बनी रहे, ओर हम उस कार्य को छोड़ बार बार इधर उधर भटके नहीं।

कार्यों में आनंद ले: उस कार्य में हमे मज़ा ओर वह कार्य हमे अच्छा लगना चाहिए हमे उस तरह से करना चाहिए वो कार्य, हमे कभी भी कार्यों से बोर नहीं होना चाहिए, उसमे आनंद ले।

आदत बनाए: समय पर कार्य करने की आदत बनाए, साथ ही अपने समय की बचत करे बेवजह के कार्यों को करने की आदत दूर रहे।

यह भी पढे: लगातार बने रहे, फोकस रखना खुद को, वादा, तैयारी करो, अपडेट, अपने बिजनस,

भविष्य के निर्माता

आप ही हो अपने भविष्य के निर्माता है इसलिए इसे समझे
बहुत सारे सवाल है जो प्रश्न मेरे मस्तिस्क में आते है,  किस से पूछे हम अपने इन सवाल को ? कौन बताएगा इन सवालो के जवाब ? यह ऐसे सवाल है जिनका उत्तर सिर्फ हम स्वयं ही जान सकते है और कोई आपको नहीं बता सकता।

क्या मेरा कोई अंतिम स्थान है?
क्या है मेरी मंजिल ?
मुझे किस ओर जाना है?
मुझे किस मंजिल की तलाश है?
मैं कहाँ से आया हूँ?
और कहाँ जा रहा हूँ ?
मैं अपनी मंजिल तक कैसे पहुँचूँ?
कैसे पहुँचूँगा?
क्या है मेरी मंजिल का साधन ?

मेरे विचार और मेरी खोज किस तरह से मेरी मंजिल तक पहुचने में मेरी मदद कर रही है?
   
बहुत सारे प्रश्नो का अम्बार हमारे इस मस्तिस्क में लगता जा रहा है।

ऐसा लगता है की हमारे पूछे ही सवालो का जवाब नहीं होता हमारे पास
मै बड़ा बेबस सा महसूस करता हूँ जब नहीं मिलता कोई जवाब लेकिन रुकता नहीं थकता नहीं हूँ आगे निकल चलता हूँ क्युकी मुझे ऐसा लगता है एक समय आता है जब सभी सवालों का जवाब सामने आता है जो पूछ रहा हूं आज उन सभी प्रश्नों का समधन कभी तो मिलेगा इसलिए आज सिर्फ मै सवाल पूछ रहा हूं।

क्या आप अपने बारे में जानने की इच्छा नही रखते ? क्या नहीं जानना चाहते इस जीवन के बारे में ?
क्यों आप अपनी मंजिल का रास्ता नहीं खोज रहे?
या आप इस रास्ते पर जाना नहीं चाहते ?
मंजिल आपको चुन रही है सही रास्ते
और सही दिशा के लिए

हम कैसे अपनी मंजिल की और पहुच रहे है? कौन सा रास्ता हमने चुन लिया है इस जीवन के लिए ?
क्या मंजिल तक पहुचना आसान है,
क्या मंजिल पास में ही है या बहुत दूर है ?
हम सभी को अपने जीवन के लक्ष्य की दिशा को निर्धारित करनी चाहिए  और आप पाओगे की आप सही मंजिल की ओर जा रहे है।

इस सफ़र का कोई अंत नहीं यह तो अनंत की यात्रा है यह सफ़र है स्वयं को जानने का, जीवन के कार्यो को समझने और उन्ह कार्यो को पूरा करने का , स्वयं का अनुभव पाने का स्वयं का अर्थ जानने का , स्वयं को महतवपूर्ण बनाने का , स्वयं से स्वयं की मंजिल तक पहुचने का
इस छोटे से जीवन में बहुत सारी घटनाओ का समावेश है। आपको अपने जीवनरूपी अर्थ को समझने का, बनाने का पहचानने के लिए यह घटनाये हमारे जीवन को महत्वपूर्ण बनाती है। और और अर्थपूर्ण बनाती है। हमे स्वयं में होने का एहसास दिलाती है। यह सभी घटनाये हमारे जीवन की विकासशील परिकिर्यायो से विकसित होने तक सहायता करती है।

यह सभी घटनाये हमारे जीवन में गति प्रदान करती है तथा हमे मृत्यु का भी बोध कराती है।
हम अपने जीवन बिंदु को किस प्रकार से जान सकते है, समझ सकते है? पहचान सकते है?
किस तरह से हम अपनी मंजिल की और बढ़ रहे है ? ऐसे कौनसे सहायक तत्व है जो हमारे जीवन में हमारी मदद करते है आगे बढ़ने के लिए एक सही दिशा की अवसर होने के लिए उन दिशा निर्देशों को हमें भली प्रकार से समझना चाहिए।

हम ही हमारे भविष्य के निर्माता है।

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घूमर फिल्म

घूमर फिल्म में कुछ ऐसे वाक्य जो हमारी जिंदगी को बदलने में सहायक है, कुछ ऐसे विचार जिनको पढ़कर आपको हिम्मत मिले

  1. लगातार कोशिश करने से जीत हासिल होती है।
  2.  जिंदगी में कब कौनसी परेशानी आपको घेर ले ये बात किसी को नहीं पता।
  3.  हम अपने सपनों को बहुत बड़ा कर लेते है लेकिन हमे नहीं पता चलता वो कब टूट जाते है।
  4.  कोई किसी के लिए नहीं रुकता , आपके बदले कोई ओर जगह जरूर लेगा , बिल्कुल वैसा हो  या नहीं वो शायद आपसे बेहतर या फिर बस कुछ कम हो सकता है बिल्कुल आप जैसा न भी हो तो भी।
  5.  उन टूटे हुए ख्वाबों को फिर से जोड़ना मुश्किल हो जाता है, लेकिन उसका टूटना बहुत बड़ा दर्द  है।
  6.  तुम खुद को दुख से भरना चाहते हो लेकिन सुख तुम्हारे साथ ही क्युकी तुम दुख को बड़ा कर लेते हो ओर सुख को छोटा।
  7.  तुम्हारा होसला ही तुम्हें कामयाबी दिलाता है।
  8.  जिंदगी जब कही पर दरवाजा बंद करती है तब दरवाजा खोलना नहीं तोड़ना पड़ता है।
  9.  हम शरीर के कुछ अंगों को बिल्कुल भूल जाते है। जिनका प्रयोग सिर्फ कुछ ऐसे कामों के लिए करते है जिसका विकल्प भी आज मौजूद है।
  10.  जरूरी नहीं है दरवाजे को तोड़ना ही पड़े बस थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है, उस दरवाजे की चाबी को पाने के लिए।
  11.  तीखी बाते कभी कभी इंसान को अच्छा बनाती है, तो बहुत सारे लोगों को बुरा भी बना देता है।
  12.  हमेशा सख्त होना भी अच्छा नहीं है।
  13.  हम हमेशा परफेक्ट होने में ही लगे रहते है। लेकिन क्या परफेक्ट होना जरूरी है?
  14.  कहते है रुकना नहीं है, बस चलते रहना है तभी मंजिल मिलती है।
  15.  अपनी गलतियों को सुधारना है, ओर दुबारा गलतिया ना हो ऐसा प्रयास करना है।
  16.  जिंदगी में बहुत सारी असफलता मिलती है, लेकिन सफलता हमारा अधिकार है, जो एक दिन  अवश्य मिलेगी।
  17.  क्रिकेट अनिश्चितिताओ का खेल है कुछ भी हो सकता है।
  18.  आपकी सफलता सिर्फ आप पर ही निर्भर नहीं करती वो एक समूह का भी हिस्सा है।
  19.  विश्वास जरूरी है अंधविश्वास नहीं।
  20. जब आपकी किस्मत ही किसी ने छिन ली हो, तब किस्मत पर भरोसा करोगे या खुद पर विश्वास।

यह विचार घूमर फिल्म से है, यदि आपको अच्छे लगे हो तो कृपया कमेन्ट करके बताए इसी तरह के बहुत सारे विचार फिल्मों के माध्यम से मैं लिखता रहूँगा।