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हमारा जीवन

हमारा जीवन कायनात का हिस्सा…..
छोटे से हिस्से का मनों टनो का क़िस्सा ।

मेरे मन कुछ और….
कायनात की अलग ठौर ।

हम कुछ करते फ़ैसले…..
कायनात अलग चाल चले ।

कार्य न होने के एक लाख कारण….
कायनात ऐसा रूप धरती धारण ।

हमारे फ़ैसले नहीं पक्के…..
उसके जोड़ और धागे कच्चे ।

कायनात के फ़ैसले बड़ा समीकरण….
बस सीखे करना उसका अनुकरण ।

जीवन में कुछ भी नहीं पक्का….
यहाँ चलता कायनात का सिक्का ।

करे कोशिश बाक़ी छोड़े कायनात पे…
बस अपनी कोशिश में सौ प्रतिशत दे ।

हमारा जीवन कहने को तो हमारा लेकिन है यह उधारा , हम अपना सिर्फ़ सौ प्रतिशत दे सकते है वो भी हर कोई देता नहीं लेकिन व्यक्ति विशेष को लगता है कि उसने अपना सौ प्रतिशत दिया है ।
हम एक विशाल कायनात का बूँद से भी छोटा सा हिस्सा है इस कायनात में अरबों खरबों या उससे भी कही ज़्यादा हर पल हर क्षण बदलाव हो रहा है कही न कही पता या ना पता होते हुए हमारे जीवनों को हमारे किए फ़ैसलो को वो प्रभावित या पलट रहा है कायनात का फैसला अटल अपरिवर्तित और कई मायनों में अच्छा न लगते हुए भी अच्छा है क्योंकि कायनात सब कुछ जानती है समझती है किसको किस समय क्या मिलना है क्या उसके लिए अच्छा है बुरा है उससे अच्छा कोई नहीं जानता ।
यह कितना कठिन है किसी के साथ दिख रहा है बुरा हुआ है लेकिन सत्य है कि वो घटा है बंदा उल्टा हो जाता है लेकिन कोई मदद नहीं कर सकता फिर लगता है कायनात का बहुत कठोर फैसला है जो बहुत मुश्किल है साधारण जन के लिए ।

इन सब बाँतो के प्रकाश में समझ आता है हम अपना सौ प्रतिशत दे और और कायनात की मर्ज़ी पर डाल दे ।
कायनात के फ़ैसले का जो जैसा भी है उसे माने समझे और उसके अनुरूप अपने जीवन को ढालने का प्रयास करे बस इतना ही कहना है वाणी को विश्राम ।

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अच्छा समय आएगा

अच्छा समय अभी आएगा
मित्रता सत्रुता सबक़ भी सिखाएगा ।

अच्छा समय अभी आएगा….
जो अच्छे कर्मों से उसे बुलाएगा।

अच्छा समय अभी आएगा,
मन में जगाएगा उम्मीद का दीपक।
मित्रता सत्रुता सबक़ भी सिखाएगा,
खुशहाली लेकर आएगा आपके द्वार पर।

मित्रता का संगम होगा सबको,
दूर भी होंगे झगड़े और लड़ाई।
दिलों में बसेगा एकता का रंग,
एक दूसरे का होगा आदर-सम्मान।

विश्वास की किरण जगाएगा सबका,
अच्छाई का पूरा विश्व में फैलाएगा।
समझदारी सबको सिखाएगा,
गलतियों से सबक यही ले आएगा।

प्रेम की बारिश होगी फूलों की बहार,
बदल जाएगा दुश्मनी का संसार।
हंसी और मुस्कान की लहरें उठेंगी,
खुशियों के गीत हम सब गाएँगे।

दोस्ती का त्योहार मनाया जाएगा,
दूरियों को भी छूकर गले लगाया जाएगा।
बंधनों को तोड़कर हम आगे बढ़ेंगे,
प्रेम और सदभाव से सबको जोड़ेंगे।

आएगा वह दिन जब इंसानियत की जीत होगी,
बुराइयों की हार और सच्चाई की जीत होगी।
इस कविता की आवाज़ सबको सुनाई देगी,
और नया भविष्य अच्छाई से सजाई देगी।

अच्छा समय ज़रूर आएगा हमारे पास,
मित्रता सत्रुता सबक़ सिखाएगा साथ।
हम सब मिलकर इसे बनाएंगे,
हर दिन अच्छाई और प्रेम से जीएंगे।

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मेरी मुस्कुराहट

कही मेरी मुस्कुराहट तो नही खो गई, मैं दिखता हूं आजकल बहुत गंभीर सा चेहरा लिए हुए ना जाने वो मुस्कुराते हुए होठ कहां छुप गए है, जो हमेशा मुस्कुराते ही रहते थे चाहे उन होंठों के पास मुस्कुराने की वजह हो ना हो लेकिन वो बस मुस्कुराते हुए रहे आज कुछ गुम गुम से है।

मेरी मुस्कुराहट खो गई कहीं,
ये चेहरा गंभीर सा हो गया हैं।
होंठों पर खेलती थी हंसी,
अब वो खो गए, कहां छुप गए हैं?

जहां चेहरे पर मुस्कान थी लगी,
हंसती अदा थी वो लगी-शूनी,
अब देखता हूं खुद को आईने में,
कहां छुप गई वो खुशी जो भरी?

जीवन की मस्ती थी उस हंसी में,
खुशियाँ थी चिरागों की तरह जगमगाती।
आजकल कहाँ हैं वो रौशनी वाले दिन,
बीतते हैं अब ख़ामोशी से रातें।

मौसम की बदलती चाल में,
खो गई हैं प्यारी सी मुस्कान।
कहीं तलाशता हूं उसे दिल में,
पर ना जाने कहां छुप गए होंठ कहां?

ये दिन थे जब हंसते थे, गाते थे,
खुशियों की बहार थी हर दिशा में।
पर अब आँखों में हैं आँसू छलकते,
मुस्कान की कहां हैं वो मिशालें?

कहीं गुम हो गई खुशियों की छाँव,
बन गया ये चेहरा गंभीर सा अब।
लौट आओ, मेरी प्यारी मुस्कान,
चाहे वो होंठों के पास, चाहे जहां छुप गए होंठ कहां।

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मैं सुनाता हूँ

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी….
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।
ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग …
बात अच्छी तो दिल होता गदगद लगती बुरी तो लगाता बंदा लार्ज।

जबान से निकला तीर नहीं होता वापस….
चूस जाता इस जीवन का पूरा मधुर रस ।
इसलिए ज़बान का/ को इस्तेमाल करे
सम्भाल के….
दे इज्जत और ले इज्जत इसके सही इस्तेमाल से..

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी,
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।

ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग,
वक्त के साथ बदलती कहानियों का विस्तार।

शब्दों की बातें जगातीं हैं भावनाएं,
ज़ुबान की बारीकी से उभरती हैं आदतें।

एक मुस्कान की ताकत होती है शब्दों में,
खुशियों का जादू छिपा होता है बोलों में।

प्यार की मिठास छिपी होती है वाक्यों में,
दिलों के मेल को जोड़ती हैं वाचाएं।

पर कभी-कभी कटुता भी होती है ज़ुबान में,
ठेस पहुंचाते हैं कुछ निर्बाध शब्द समयांतर में।

हमें समझना चाहिए क़ीमत शब्दों की,
नकारात्मकता से दूर रखें हम भाषाओं की।

ज़ुबान को उचित उपयोग में लाएं,
सद्य और शिष्टाचार से खुशहाली पाएं।

जबान की कहानी सुनने से पहले सोचें,
शब्दों की महत्वपूर्णता को समझें और महसूस करें।

ज़ुबान की ताकत से भर जाएं आप भरपूर,
कहें अच्छे शब्द, बनें अच्छे बहुत शानदार!

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अपने पे रखे नज़र

अपने पे रखे नज़र हम दिखते कैसे है…
यही मुद्दे की बात हम दिखते कैसे है।
असली लेबोलबाब हम दिखते कैसे है….
इसी बात सब राज हम दिखते कैसे है ।

जो दिखता है वही बिकता है ….
वो व्यापारी की नज़र रखता है ।
असल में तो हम अपनी नज़र से कैसे है…
वही सच में आप है , अपनी नज़र दिखते कैसे है ।

अपने पे नज़र रखे हम दिखते कैसे है,
यही मुद्दे की बात हम दिखते कैसे है।
असली लेबोलबाब हम दिखते कैसे है,
इसी बात सब राज हम दिखते कैसे है।

हम आहुति हैं साहस की, न रुकने वाले युद्धों की,
जो अथाह विश्वास रखते, कठिनाइयों को चुनौती देते।
हम वीरता के अम्बार में चमक, अद्वितीय स्वाभिमान की,
पर दिखने का तरीका, यह जग न समझे, हम जानते हैं बस खुदाई की।

सबके होंठों पर हंसी हो, लेकिन सच्चाई हमारी हो,
चाहे चुप रहें हम, जैसे ज्ञाता नहीं हमारी हो।
हम कवच हैं सत्य का, जो न टूटे कभी विपरीत में,
बदलने से तोड़ देंगे नहीं, इस जग के फ़रमान को हम पर मिले विपरीत में।

अपने कर्मों में छुपी है, हमारी असलियत गहराई में,
हम पर नज़र रखने वालों को है यह सच्चाई में।
हम अद्वितीय व्यक्तित्व के साकार हैं, अज्ञात जग में छिपे हुए,
बस खुद का साथी हैं हम, बाकी सब बने रुखे हुए।

जगत के राजों की जड़ में है विद्या की वृक्षारोहण,
हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते जाते हैं अग्रणी।
हार नहीं मानते हम, जीत के लिए बने हैं हम आदी,
जिसे देखते हैं सब राज, वही हमारी पहचान है प्रमुख हदी।

अपने पे रखे नज़र हम दिखते हैं जैसे कैसे,
यही मुद्दे की बात हम जानते हैं कैसे।
असली लेबबोलबाब हम दिखते हैं कैसे,
इसी बात सब राज हम दिखते हैं कैसे।

यह हैं हमारी प्रखरता, जो छिपी हैं हमारे अंदर,
जग में लहराते हैं हम, अपने वीरता के प्रमाण पर।
हमारे हृदय में धड़कन, जो लहराती हैं गर्व के साथ,
महसूस करो यह जग, हमारी उच्चता की अवाज़।

हम सृजनशीलता के प्रतीक, जो जगत में चमकते हैं,
अपने विचारों के आचरण, जो जग को प्रेरित करते हैं।
हम उज्ज्वल आध्यात्मिकता, जो जगत में छाती चौड़ी करते हैं,
मिटाओ अंधकार को, बन जाओ ज्ञान के बिरादरों के सरदार।

हम अस्थायी नहीं, दीर्घकालिक प्रतिष्ठित हैं,
जहां जाते हैं हम, उज्ज्वलता छोड़ जाते हैं।
हम सहायता के प्रतीक, जो जगत को बचाते हैं,
बढ़ते हैं हम सबके साथ, जीवन के रास्ते साथ चलाते हैं।

हम अपने कर्मों के धर्म में जीने का जन्म लेते हैं,
जन जन को जागृत करते हैं, सत्य के पथ पर चलते हैं।
जग को दिखाते हैं हम, अपनी सत्यता के बादशाही,
हम अपने पे रखे नज़र हैं, जग को दिखते हैं कैसे हमारी महिमा।

घेरने को बीमारी तैयार

घेरने को बीमारी तैयार ….
होके घोड़े पे सवार ।
बीमारी दबी भीतर…..
कमजोर पड़ते आ जाएगी ऊपर ।
घेरने को बीमारी तैयार….
सज के घोड़े पे सवार ।

बीमारी और स्वास्थ्य में लकीर लकीर का फ़र्क़….
जिसकी लकीर हो जाती बड़ी चलता उसका तर्क ।
घेरने को बीमारी तैयार ….
तर्क के घोड़े पे सवार।

घेरने को बीमारी तैयार,
होके घोड़े पे सवार।
बीमारी दबी भीतर,
कमजोर पड़ते आ जाएगी ऊपर।

बस्तियों की चौकीदारी,
आँखों में है चिंता सदैव।
जगह छोटी, जनसंख्या बढ़ी,
स्वास्थ्य की बातें हो गईं परेशानी आविर्भाव।

प्रदूषण ने घेरा दूरियाँ,
धूल के ढेरों ने छिन ली धड़कनें।
जहां स्वच्छता की बातें थी सुनी,
वहां कचरे की बढ़ गई बरसातें।

धुएं में उड़ रहा खुदरा जीवन,
दानों की जगह पाएंगे अनुशासन।
बीमारी की लहरें बढ़ रहीं गहराई,
स्वास्थ्य की चिंता बढ़ी तनाव की वजह।

उच्च रक्तचाप, मधुमेह और दिल की बीमारियाँ,
बढ़ती उम्र के साथ हो रहीं जमावटें।
घबराहट हर घर में घुस रही है,
स्वास्थ्य का मामला हुआ नाराजगी का वजह।

व्यस्तताओं ने छीन ली सुख की नींव,
प्राकृतिक आहार की बढ़ी है कमी।
जीवन में खुद को समझाने की जरूरत है,
स्वस्थ रहेगा तो होगी कामयाबी।

योग और ध्यान का अभ्यास करें,
रोज़ाना व्यायाम को महत्व दें।
प्रकृति से संबंध बनाए रखें,
स्वास्थ्य की रक्षा में आगे बढ़ें।

घेरने को बीमारी से बचें,
उत्साह और संयम से रहें सजग।
स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें,
खुशहाली की राह पर आगे बढ़ें।

यह संदेश देता है संकेत,
स्वास्थ्य का रखें हमेशा ध्यान।
बीमारियों को दूर रखें दूर,
जीवन को बनाएँ स्वस्थ और पुरूर।

अच्छे आहार का सेवन करें,
फलों और सब्जियों से भरें थाली।
विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर,
स्वस्थ शरीर को पाएँ मजबूत और स्वस्थ बाली।

व्यायाम को न भूलें, नियमित बनाएँ,
शारीरिक कठिनाइयों को दूर भगाएँ।
स्वस्थ मनोवृत्ति का ध्यान रखें,
खुशहाल और सकारात्मक जीवन बिताएँ।

धूल, धुएं, प्रदूषण से बचें,
पर्यावरण की रक्षा करें सबके साथ।
स्वच्छता को महत्व दें हम सभी,
स्वस्थ भारत की ओर करें प्रगति का साथ।

इस प्रकार से स्वस्थ रहें हम सब,
बीमारियों से दूर रखें हम खुद को।
स्वस्थ देश का सपना साकार करें,
आपदाओं के खिलाफ मजबूत खड़े हों।

स्वस्थ्य जीवन का ध्यान रखें,
खुशहाली की ओर बढ़ते जाएँ।
घेरने को बीमारी ना तैयार करें,
आपदाओं के साथ निरंतर लड़ते जाएँ।

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उन्ही से सीखा है

प्यार से बात करना और मुस्कुराना तो उन्ही से सीखा है वरना हमे कहाँ कभी प्यार और मुस्कुराना यह आया

प्यार की बातें, मुस्कान की हंसी,
वो जीवन के रंग जो हैं सदैव स्वास्थ्य।
कोई अनजान, बन गया हमारा यार,
उन्ही से सीखा है प्यार का सच्चा आदर।

जब रूठ जाती थी ज़िंदगी के रंग,
वो ही आते थे हमारे दिल के संग।
हंसते रहते थे हम उनके साथ,
प्यार की बातों में खो जाते थे रात।

सपनों की दुनिया में सफर कराते थे,
वो ही थे जो हमारी दिल की आरती उठाते थे।
जिस्म को छूने से पहले दिल को छू जाते थे,
वो ही थे जो हमारे दिल को बहुत समझाते थे।

प्यार की बातें, मुस्कान की हंसी,
वो जीवन के रंग जो हैं सदैव स्वास्थ्य।
उनके बिना यह ज़िंदगी कैसी होती,
प्यार और मुस्कान से जीने की ख़्वाहिश रोती।

वो हमेशा रहेंगे हमारे दिलों में,
प्यार और मुस्कान से भरे हमारे सपनों में।
जब भी याद आएंगे हम उनकी मुस्कान,
दिल में उठेगा प्यार का यही गान।

उन्ही से सीखा है
उनही से सीखा है

एक जवाब दु

जिंदगी को एक जवाब दु ??
चलो छोड़ो उसे मै क्यों ना एक ख्वाब की तरह छोड़ दू।

जिंदगी को एक जवाब दूंगा,
मैं उसे ख्वाब की तरह छोड़ दूंगा।
जहां खुशियों की बहार होगी,
और गमों का कोई असर न होगा।

चलो छोड़ो उसे, जो दर्द दे रही है,
एक नई पलकों में नया सवेरा छोड़ दूंगा।
ख्वाबों की उड़ान भरी होगी,
मन को रंगीन और स्वप्नों को मैं फिर से पूरा छोड़ दूंगा।

जिंदगी का सफर है ये, जाने अनजाने,
मैं उसे एक आगामी संगीन रचा दूंगा।
हर एक अध्याय में नयी कहानी छोड़ जाऊंगा,
दिल के हर रास्ते पर खुशियों का ठिकाना छोड़ दूंगा।

जिंदगी को एक जवाब दूंगा,
ख्वाबों की उड़ान में उसे छोड़ दूंगा।
आगे की राह पर नए रंग बिखेरूंगा,
और जीवन के साथी खुशियों का त्योहार मनाऊंगा।

एक जवाब दु
एक जवाब दु

अच्छे दिन

प्रत्येक अच्छे दिन की गतिविधि का ले आनंद…
यही जीवन का प्रबंध , कस्तूरी और उसकी सुगंध ।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा….
जीवन एक प्रयोगशाला जीवान्त कक्षा ।

बुरे को बुरा अच्छे को अच्छा सब कहते हे….
बुराई में ढूँढ लो अच्छाई अर्थ बदलते हे ।
हर दिन का एक अलग ही रूप रंग…..
अलग ही ऊर्जा अलग ही उसकी तरंग ।

अपनो का साथ सब को लेके चले संग….
जीवन में अलग सुगंध अलग ही तरंग ।
मिलजुल के रहने में भरपूर आनंद…..
शर्त एक चालाकी से तोड़ना पड़ेगा संबंध।

प्रत्येक अच्छे दिन की गतिविधि का ले आनंद…
यही जीवन का प्रबंध, कस्तूरी और उसकी सुगंध।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा…

जीवन के रंग और खुशियों का संगम,
बुरे दिन को भी बना सकते हैं हम।
प्रत्येक सुबह उठकर देखो आँखों में चमक,
खुशियों का गुलशन सजाएं जीवन के रास्ते में।

सूरज की किरणों से रंगी हर सुबह,
चीरते अंधकार को मिटाएं दिल की दहली।
करे योग ध्यान में, स्वास्थ्य का रखे ध्यान,
हर दिन बनाए अच्छा, बढ़ाएं जीवन की गाथा।

अच्छे कर्म करें, दूसरों की मदद करें,
खुशियों का बांटें, दुःखों को हरें।
संयम और समर्पण से जीवन जियें,
बुरे दिनों को भी अच्छा बनाएं आप खुद ही।

हंसते रहें, मुस्कान बांटें सबके साथ,
सदैव आपका जीवन हो खुशियों से भरपूर।
बुरे दिन आएं तो अच्छे दिन को ढूंढें,
खुशियों के जीने का तरीका हमेशा याद रखें।

जीवन के रंग और खुशियों का संगम,
बुरे दिन को भी बना सकते हैं हम।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा,
हर दिन अपने जीवन को उज्जवल बनाएं आप खुद ही।

पनौती

परेशानियाँ दुर्भाग्य कहलाती पनौती….
कुछ व्यक्ति पनौती समाज के लिए चुनौती ।
कुछ पनौती घूमे परेशानियाँ बपौती ….
सदा करते विलाप फूटा भाग्य उनकी सम्पति ।

प्रश्न क्या पनौती एक सच्चाई…..
या दुर्बलता को छिपाने की इकाई ।
पनौती या सौभाग्य नहीं रहते सदा ….
खोजे समता पनौती सौभाग्य में सर्वदा ।
क्या सोचती हो तू, मन में जब उठती है ये सवाल,
क्यों मुश्किलों से डरती है, अपनी ताकत कम समझती है

जीवन के मैदान में कभी नहीं रहती सुख-दुख की सुनीली छाँव,
जैसे दिन रात की रोशनी का खेल चलता रहता है प्रतिदिन नयी रात की छाँव।
जितनी बड़ी हो जाए तेरी परेशानियाँ, उतना ही मजबूत बनता है तू,
हर चुनौती तू पार करती है, अपनी आत्मा को जानती है तू,

घूमे परेशानियाँ, आगे बढ़े न कभी थकती,
जैसे बादलों की छाँव अंधकार को तोड़ती।
हर कठिनाई तू पर आती है, लेकिन अपने मन को नहीं हारती,
अग्रसर तू बनती है, समय के साथ बढ़ती है तू,

पनौती व्यक्ति नहीं है किसी बुराई का कारण,
बल्कि वो है समाज के लिए चुनौती की पहचान।
उनकी मेहनत और संघर्ष है जो उन्हें सशक्त बनाते हैं,
उनकी साहसिकता और पराक्रम है जो उन्हें आगे बढ़ाते हैं,

तो चलो आओ, जीवन की पनौतियों को गले लगाएं,
खुद को बदलकर एक नया आदमी बनाएं।
परेशानियों को आगे बढ़ाकर जीत जाएंऔर जीवन की सभी चुनौतियों को हराएं।