मुकम्मल ना सही तो अधूरा ही रहने दे,ऐ सितमगर….
ये इश्क है कोई मकसद तो नही….
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हँस कर बुलाया
किसी ने हँस कर बुलाया तो मर मिटे उस पर
हमें किसी को परखने का फन नही आया…
मुकम्मल ना सही तो अधूरा ही रहने दे,ऐ सितमगर….
ये इश्क है कोई मकसद तो नही….
किसी ने हँस कर बुलाया तो मर मिटे उस पर
हमें किसी को परखने का फन नही आया…