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समय के अनुसार

समय के अनुसार इस शरीर को मृत्यु आती है कोई भी साधन इस मृत्यु को रोक नहीं पाता है, सब कुछ यही रह जाता है, कौन था राजा कौन रंक ये कौन जाने मृत्यु तो बस अपने रास्ते आती है, इस शरीर को मृत्यु ले जाती है
प्रकृति यह नियम अपनाती।
ये सब प्रकृति का केमिकल
लोचा….
शरीर सब तत्वों में मिल जाता जो नही था सोचा ॥

समय के अनुसार मृत्यु नही लगनी चाहिए वो बुरी……
इसमें एक ख़ुशी समय अनुसार चली जीवन की धुरी ॥

मृत्यु सच्चाई नही वो बुरी वो कड़वा सत्य लेकिन सत्य नही वो बुरी ॥

समय अनुसार प्रकृति अपना चक्र पूरा करती हे यह प्रकृति का चक्रव्यूह हे उसमें वो मतभेद नही करती राजा हो रंक हो अमीर हो गरीब हो ताकतवर हो कमजोर हो सब के साथ समान व्यवहार इसकी पहचान ।
प्रणाम प्रकृति को उसके सत्य को उसकी कार्यशेली को नमन वंदन बस सत्य कि माँ प्रकृति इस सत्य के दर्शन भीतर से हो पाए उसमें सहायक बनना आपका अति आभार ।

जीवन पथ

जीवन पथ में काँटे बिछे हे लाखों हज़ार….
आत्मविश्वास से आँखे खोल के रहना तैयार ।
इस जीवन पथ पर सभी चलते …..
व्यक्तित्व हो ऐसा नए पथ चले गढ़ते


आत्मविश्वास एक मशाल….
जो अंधेरे जीवन का काल ।
आत्मविश्वास संग सत्य का तड़का….
निर्माण पथो का , चाहे तगड़ा आए झटका ॥

आत्मविश्वास एक शक्ति एक ऊर्जा , इस ऊर्जा के उत्सर्जन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित हो वो वहाँ नया निर्माण सम्भव कर देगी ओर दूसरो के लिए भी मील का पत्थर बनेगी , आत्मविश्वास संग सत्य को लेकर चलेंगे साथ
तो जीवन की कई अंधेरी गुफाओं से सुगमता से नए पथो का निर्माण कर पाएँगे ओर अपने जीवन को नई दिशा ओर गति में सहायक होंगे ।

कहने को बहुत कुछ लेकिन कम कहा जाए अधिक उसकी गूंज हो तों बहुत शुभ ।
सब की जय हो विजय हो इस बात में नही कोई संशय हो ।

कुछ बेहतर

कुछ बेहतर जो होता हे सिर्फ़ ऑर सिर्फ़ वो एक खूबी वो सदा ही अच्छा….
न जाइए वहाँ जहां आपको किया जाता सहन स्वयं की दो ऐसी शिक्षा…
जाइए वहाँ जहाँ आपका जाना ही उत्सव….
मेला उत्साह उल्लास का हो जाए सब सम्भव।

समय का दान

आज एक शब्द से दोस्ती हुई सुनाई दिया वो अनायास ही था शब्द सुना तो था वक्त दान मै उसे समय का दान में परिवर्तित करके आपके समक्ष रख रहा हूँ आशा हे आपको अच्छा लगेगा इस प्रकार हे

आज 2023 में एक दान को बढ़ा
दीजिए वो हे परस्पर एक दूसरे
के लिए समय दान….
सब अकेले अकेले एक दूसरे के
लिए देना समयदान ही
जीवन का महाकल्याण ।

ध्यान कैसे करे

ध्यान कैसे करे ? ध्यान क्यों करना चाहिए ? ध्यान करने के लिए किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं है इस आपाधापी की जिंदगी में अपने मन के विचारों को हम शांत नहीं रख पाते है इसलिए हमे ध्यान करना चाहिए  

ध्यान कैसे करे : मन को शांत रखने के लिए हमे ध्यान करना चाहिए , मन ना जाने किधर किधर भागता है उस मन को स्थिर करने के लिए ध्यान करना जरूरी है।

मन के भटकाव को रोकने के लिए ध्यान करना जरूरी है, हमे जीवन में सफल होने के लिए स्वयं के विचारों को नियंत्रित रखना होता है उसके लिए हमे ध्यान करने की आवश्यकता है, 

ध्यान तो स्वं घटित होता है , किसी पर चीज पर लगातार ध्यान रहे उसी को ध्यान कहते है ध्यान करने के लिए आपको कही नहीं जाना जहा आप है जो आप कर रहे है बस वही ध्यान हो सकता है, असल में ध्यान वही है,

यदि आप ध्यान करते समय स्थिर नहीं बैठ पाते है तो इसके लिए हमने अलग से एक ब्लॉग लिखा है इसको आप इधर पढ़ सकते है

अपने भीतर की हो रही क्रियायों को सजगता से देखना ही ध्यान है ध्यान जो स्वयं घटित होता है

जब आप भोजन करते है उस समय आप भोजन पर ध्यान दे , कोई भी कार्य कर रहे हो बस उसी पर ध्यान दीजिए उसके अलावा कही नहीं होना आपका ध्यान धीरे धीरे उसी दिशा में केंद्रित होने लगेगा  

जब आप पैदल चल रहे हो तो अपने कदमों पर ध्यान दे ये छोटी छोटी किरया आपको ध्यान की गहराई में धीरे धीरे उतार देगी ओर आप अपने भीतर मन की आवाज को ध्यान से सुन पाओगे जिससे आपका मन शांत होने लगेगा ओर ध्यान इधर उधर की व्यर्थ की चीजों में नहीं जाएगा

आपका मन स्थिर हो जाएगा

खाली दिमाग

कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है इसलिए इस दिमाग सही जगह व्यस्त रखना जरूरी होता है।

खाली दिमाग को समझने और जानने को कोशिश की दिमाग जब खाली होता है तो क्या क्या कार्य करने लग जाता है और दिमाग व्यस्त रहने के कौन कौनसे उपाय ढूढता है।

खाली दिमाग क्या है?
क्यों होता है खाली दिमाग ? जब कोई काम न करने को हमारे पास तो दिमाग को लगता है कि वह खाली है , दिमाग व्यस्त रहना चाहता है किसी न किसी कार्य में और शरीर को भी व्यस्त रखना चाहता है।

मस्तिष्क क्यों खाली है ? क्या कुछ करने को नही है?
आप क्या करना चाहते है या आप खाली नहीं बैठना चाहते जैसे ही आप खाली होते है आप बोर होना महसूस करते है आप को घर , ऑफिस काटने को दौड़ता है की कही चला जाऊ या कुछ करु , कुछ तो करु बस खाली न बैठू मैं

आपका दिमाग आपको शांत नही बैठने दे रहा ?
खाली खाली , सूना सूना लग रहा है ?

आप टीवी चलाकर गाने सुनने लगते है नही तो रिमोट का कान आपके हाथ में बस चैनल को इधर उधर बस  पलटने भर का आप काम करते हैं, नही कुछ मिला टीवी में देखने को तो मोबाइल उठाकर सोशल मीडिया पर ही कुछ करने लग जाते है , और कुछ नही तो अपने मोबाइल में फोन कॉन्टैक्ट कितने है कौन कौन है , जरूरी है या नही है ये कौन है कौन है बस यही सोचने लग जाते है आपका खाली बैठा दिमाग है इस समय बस फिर क्या आप कुछ भी करने लग जाते है।

यह दिमाग बिना काम के कार्यों में लग लग जाता है इसको लगता है की मैं बोर हो रहा हूं तो कही ना कही जुट जाता है और कुछ ना कुछ करने लग जाता है यदि इसका तार हम जोड़े तो वही खाली समय अब हमारी आदत में बदलने लग जाता है जो आदत कैसी भी हो सकती है।

यह दिमाग उत्पात बहुत मचाता है , कभी चैन से बैठता नही हर बैचेन नजर आता है बस कुछ ना कुछ करता हुआ ही नजर आता है , किसी उधेड़ बुन में खुद को यह दिमाग पता है।

अब तो अगले दो दिन है नही करने को तो समझो अपने अपने दिमाग को की क्या चाहता है आपका दिमाग।

दिमाग को खाली रहते देखना चाहते हो या फिर दिमाग को अपने विचारो से भर देना यह आप पर ही निर्भर करता है। आपको दिमाग है की आपका दिमाग खाली बैठा हुआ है या भरा।

आप अपने खाली समय में खाली दिमाग से क्या करवा रहा हो या वो आप से करवा रहा है
कभी फोन लिस्ट खोलकर नंबर चेक करोगे , तो कभी फालतू के व्हाट्सएप मैसेज नही तो वीडियो गेम ही खेलने लग जाते हो
और फिर करोगे भी तो क्या?
यह तो आपका दिमाग है इसको उत्पात मचाने की आदत है इसको सही जगह लगाओ वरना यह दिमाग खुद ही ना जाने कही लग जायेगा जो आपकी आदत में बन जायेगी और उन आदतों को बदलना मुश्किल होता है यह आप अच्छी तरह से जानते है।

समय को लाभ और बुद्धि का उपयोग हो ऐसा कुछ करना।

नमस्कार दोस्तो फिर मिलेंगे और कुछ नई बातो के साथ

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जरूरी नहीं हर बात

जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे, हर बात अपनी ही मनमानी की हो, कुछ ऐसी बाते होती है जो हमारे वश में होती ही नहीं है।
जरूरी नहीं हर किताब अच्छी लगे, हर फिल्म अच्छी लगे, हर मौसम अच्छा लगे हर सफर और हमसफर भी अच्छा लगे कुछ साथ मुलाकात जज़्बात ऐसे होते है जो ना चाहकर भी जिंदगी के हिस्से होते हैं , कहानी और किस्से होते है , उनका होना भी घटना है, उस घटना में बहुत कुछ अपना है तो बहुत कुछ पराया है, बहुत सारी चीज़े जो हो रही है वो हमारी समझ से पड़े होती है।

कुछ जो हमे समय आने पर समझ आ जाती है, ओर कुछ समझ नहीं आती क्युकी हमारी समझ भी उस स्तर तक नहीं पहुच पाती इसलिए जो हो रहा है, जो घटना बन रही है, वो अच्छी ओर बेहतर हो रही है, बस यही सोचकर हमे आगे बढ़ना है जिंदगी की सारी समस्या स्वयं ही हल हो जाती है।

या तो वो दुर्घटना है या फिर महत्वपूर्ण घटना यह तय करना तुम्हारी जिम्मेदारी है, की कितनी दूर साथ चले कुछ दूर या पूरी जिंदगी साथ निभाते चले कुछ को बीच रास्ते में छोड़ा जा सकता है। कुछ को बिलकुल भी नहीं फिर उसका हमारी पसंद और न पसंद से कुछ लेना देना नही,

बस साथ निभाना उसमे बहुत कुछ छिपा है, जो आपको समझना है हो सकता है वो आपके लिए सही है, लेकिन आपको पसंद नही था या नही है लेकिन वो एक दम फिट है आपके लिए , आपके जीवन के लिए।

इसलिए जिंदगी का साथ निभाते चलो
मेरे दोस्त यह जिंदगी इस जिंदगी के साथ थोड़ा मुस्कुराते चलो ,
कभी दुख होगा तो कभी सुख होगा
लेकिन सफर जिंदगी का है
अतंत अच्छा ही होगा
यूं गम को अपने सीने में दबाकर कब तक चलोगे
मुस्कुरादो उस दबे हुए घाव के भी तो गम भरेंगे, क्युकी जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे

यह भी पढे: इसीका नाम जिंदगी, जिंदगी बस इसी तरह, एक जवाब दु, कुछ बाते करे,

मित्रता

मित्रता का सर्वोत्तम रिश्ता ।
निभाता उसे वो ही फ़रिश्ता॥
मित्रता दिल से दिल का सम्बंध ।
खून के रिश्ते भी गहरा इसका बंध ।

Best Part Of Life

best part of life is to love yourself just love yourself nothing else your life is very important for you and for others too.

best part of life
best part of Life

समय अब पूरा

समय अब पूरा होने लगा ,समय का कुछ हिस्सा बाकी था।
अब वो भी खत्म होने लगा
कुछ काम हो गया कुछ और रह गया
यहाँ होने की समय सीमा पूरी होने लगी है

कुछ और वक़्त पूरा होने को है।
कुछ देखने के लिए रुके हुए यहाँ
वक़्त और नजदीक आने लगा है

किसी का इंतज़ार है बस अब
उनके आने पर हम भी चल चलेंगे
उन्होंने कहा था, वही आकर मेरा हाथ पकड़ेंगे
और हमे अपने साथ वो ले चलेंगे

बस वही उत्सुकता बढ़ रही है
आज मुझमे भी कुछ हलचल हो रही है
खुद को रोके रोक नहीं पा रहा हूँ
बस अब इंतज़ार के पल  मैं भी बीता रहा हूँ

सब्र का बाँध टूटने लगा है
अब समय पूरा होने लगा है
कुछ हिस्सा बाकी था
अब वो भी खत्म होने लगा है।