व्यस्त अपनी जिंदगी में सब है यहाँ, किसी को किसी की कोई परवाह नहीं है बस बेफिक्री है , किसको किसकी फिक्र है यहाँ , शहर तो अनजान नहीं था बस मतलब ने इस शहर को भी अनजान बना दिया है , देख कर भी लोग आंखे चुराते है उन्हे लगता है चोर है चोरी करकर खाते है।
सब व्यस्त है अपनी जिंदगी में
बेखबरी का जमाना है
खबर किसकी किसको यहाँ
जमाने भर की बात होती है लेकिन
जरूरत किसकी किसको यहाँ
सब अपना अपना मतलब सोचते है,
मतलब की दुनिया है मतलब से लोग खोजते है
किसी को किसीसे मतलब नहीं है यहाँ
किसी से किसी की मुलाकात हो बस इतनी सी बात है