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सकारात्मक शब्दों का संग्रह

एक समय जब मेरे मस्तिष्क में जैसे ही कोई नया विचार आता था , उसे मैं फटाक से लिख देता था, अपने सिरहाने के पास ही मैं अपनी डायरी ओर पेन लेकर सोता था , चाहे वो विचार रात को सोते हुए 2 बजे ही क्यू ना आया हो मेरे दिमाग में लेकिन वो विचार लिखना मुझे बहुत जरूरी लगता था, क्युकी वह एक विचार कब कितना बड़ा हो जाए , उस विचार का क्या कारण है? मेरे मस्तिष्क में आने वाले विचार को बस इसी वजह से मैं उस विचार को लिख लेता था।

सिर्फ इसी वजह से उन सभी विचारों को लिखते लिखते वह विचार आज हजारों की संख्या में हो चुके है, और आज भी मैं उन सभी विचारों पर थोड़ा थोड़ा काम करता रहता हूँ, उनको ओर बड़ा करने की कोशिश में लगा रहता हूँ , मैं उन सकारात्मक विचारों को लिख चुका हूँ और उन्ही विचारों के कारण मेरे जीवन में बहुत बदलाव भी आए है, क्युकी उन विचारों को मैंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था।

ओर उन सभी विचारों से मेरे जीवन में जो परिवर्तन हो रहा था, मैं उन सभी परिवर्तनों को अपने भीतर महसूस कर रहा था, मेरे जीवन की गति में भी परिवर्तन दिख रहा था जिस वजह से मैं हमेशा खुद को बेहतर जीवन की ओर बढ़त हुआ देखता था, मेरा जीवन के प्रति नजरिया बड़ा होता जा रहा था , मेरे भीतर जो सवाल आ रहे थे उन सवालों के जवाब भी मैं ढूंढ प रहा था।

बचपन में मैंने एक किताब पढ़ी थी जिसका नाम पावर ऑफ पाज़िटिव थिंकिंग है यह किताब आज भी बहुत चर्चित किताबों में से एक है यही वह किताब है जिसकी वजह से मैंने उन सभी विचारों को जोड़ना शुरू कर दिया जो मुझे पाज़िटिव एनर्जी देते थे, मैं भागवत गीता का भी पाठ नियमित रूप से करता था और अपने विचारों को दृढ़ कारणए की कोशिश करता था।

सोचने वाली बात यह की हमारे मस्तिष्क में एक दिन में लगभग 60 हजार विचार आते है लेकिन उसमे से कितने विचार सकारात्मक ओर जीवन में उतारने के लिए लायक होते है, तथा उन विचारों पर कार्य कर सके ऐसे कितने विचार होते है।

जिंदगी की मसकक्त

मैं आज भी उस दौड़ का हिस्सा हूँ ,एक कहानी हूँ, एक किस्सा हूँ कभी भागता हूँ, कभी रुकता हूँ ,जिंदगी की मसकक्त से इंसान हूँ

बस न रुकता हूँ न थकता हूँ, जिंदगी की मसकक्त कभी खत्म नहीं होती,
जीते जाओ हर पल खुशी से और मुस्कुराते जाओ।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

जीवन की मसकक्तों से नहीं घबराओ,
आगे बढ़ते जाओ और जीते जाओ सदा।
जीवन का सफर होता है थोड़ा मुश्किल,
पर चिंता मत करो और हर पल को मस्ती से जीते जाओ।

जीवन की मसकक्तों से नहीं घबराओ,
आगे बढ़ते जाओ और मुस्कुराते जाओ सदा।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

जीवन की मसकक्तों से होंगे हर पल झमेले,
पर चिंता मत करो और उमंग से जीते जाओ।
हर एक पल को खुशी से जीतो,
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा।

जिंदगी की मसकक्त कभी खत्म नहीं होती,
जीते जाओ हर पल खुशी से और मुस्कुराते जाओ।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

खुद को बेहतर बनाने

खुद को बेहतर बनाने के लिए आपको लगातार अपने विचारों पर कार्य करना होगा हम किसी भी कार्य को बहुत देर तक करते है तो बोर हो जाते है लेकिन हमे उस बोरियत वाली सिचूऐशन से आगे बढ़ना होगा।

अपने अंदर की ताकत से,
खुद को बेहतर बनाना है।
जीवन के संघर्षों में,
खुद को नया मीठा रंग देना है।

जो दुख देता है तेरे जीवन को,
उसे हँसाते हुए पार करना है।
जो रुकावटें बनती हैं तेरे रास्ते में,
उन्हें नई दिशा देकर मार्ग पार करना है।

जीवन के दुख-दर्द से,
खुद को मुक्त करना है।
नए सपनों की उड़ान भरने के लिए,
खुद को नए राही बनाना है।

जीवन के सफर में,
खुद को नये अवसर देना है।
जीवन के प्रत्येक पल में,
खुद को बेहतर बनाना है।

खुद को बेहतर बनाने की चाह,
जीवन में सफलता की सीढ़ियों को पार करना है।
दुख-दर्द से अपने आप को मुक्त करना है,
खुशियों की तलाश में खुद को नया रास्ता देखना है।

खुद को सबसे बेहतर बनाना है,
अपनी ताकतों को पहचानना है।
संघर्ष को जीत के रूप में देखना है,
हर चुनौती को अपने लिए एक अवसर मानना है।

खुद को बेहतर बनाने की उत्सुकता हमेशा बनी रहनी चाहिए,
आगे बढ़ते रहने की भरपूर उमंग रखनी चाहिए।
ना हार मानने की इच्छा रखनी चाहिए,
बल्कि हर दिन अपनी जीत के लिए लड़ते रहनी चाहिए।

जिंदगी की नई सोच

जिंदगी की नई सोच के साथ जीवन को नया बनाओ

हर रोज नया कुछ सोचो

हर रोज अच्छा सोचे

हर रोज नया कुछ करने की सोचो

हर रोज क्या नया कर सकते हो ?

हर रोज नए सपनों को उन कोर कागज पर लिखो

जिसको आप पूरा कर सकते हो, या कर चाहते हो

हर रोज एक नयापन हो जीवन में इस तरह से सोचो

हर रोज को किस तरह से बेहतर बना सकते हो इस तरह से कुछ करो

अपने हर रोज के काम में

क्या जोड़ सकते हो उसके बारे में सोचो, कितना बेहतर हो यह जीवन

जिंदगी की नई सोच के साथ

रात के ख्याल

रात के उन ख्यालों को कैसे अकेला छोड़ दु

उन ख्यालों संग ना खेलू क्या ………………………

ख्यालों को कैसे अकेला छोड़ दु जो अकेले है

रात में उन के साथ क्या खेलू नहीं

उन ख्यालों से क्या मिलू भी नहीं

वो ख्याल ही है जिनकी वजह से नींद का मज़ा आता है

ये ख्याल मुझे हर रोज नई दुनिया की सैर कराते है

मेरी कल्पनाए एक रूप ले लेती है

उन कल्पनाओ के साथ मैं इन ख्यालों को सजाता हूँ,

देखता हूँ , ओर खूब खेलता हूँ मुझे इन ख्यालों संग अच्छा लगता है

ये ख्याल मेरा बहुत ख्याल रखते है

मैं उठू या नहीं उस रात के बाद इस बात की भी चिंता नहीं

यह ख्याल मुझसे दूर कर देते है फिर कैसे ना देखू मैं ख्याल,

फिर कैसे रहू रात भर बिन ख्याल

मन में सपनों

निकला था उस ठिकाने को ढूँढने जिसका पता भी नहीं मालूम,
मन में सपनों के अलग ही उत्साह लिए हुए।
जाने क्या मिलेगा रास्ते में,
पर मन में जज्बातों के तूफान उठे हुए।

ये दौड़ जीवन की ये चुनौती है,
जिसे अपनी ताकतों से माना जाना है।
अपने सपनों की तलाश में निकलो,
खुद को अगली मंजिल पर पहुँचाना है।

रोक नहीं सकती ये दुनिया तुम्हें,
जो तुम्हारे सपनों की उड़ान भी नहीं रोक पाती।
सफलता की राह में होगी बहुत चुनौतियां,
पर हार नहीं मानो, जीत को प्राप्त करो तुम भी।

ये दिन नहीं रहेंगे दूर,
जब तुम अपने सपनों की उड़ान उड़ा पाओगे।
रास्तों में मिलेगी अनजानी खुशियाँ,
तुम्हारी मेहनत और उमंगों से बरसाओगे।

निकला था उस ठिकाने जिसका पता भी नहीं मालूम,
पर मन में सपनों के अलग ही उत्साह लिए हुए।
दिल में अग्नि भर दो तुम,
सपनों की उड़ान तुम्हारे कदम चलाएगी आगे।

मन को कैसे रोके

इस मन को कैसे रोके जो मन भीतर हो रही है उछल कूद है

इस मन को कैसे रोके

इस मन के आवेश में कितने है झोंके

इस मन को कैसे रोके

यह मन यह मन

इधर उधर ले जाए

जीवन संग सतरंगी सपने सजाए

जीवन की उधेड़ बुन में लगाए

नए नए रंग जीवन संग जोड़े  

इन रंगों में इंसान खुद ही गुम हो जाए

इस मन भीतर अनेक कल्पना सज रही है

जो ये मन सजाए

इस मन को कैसे कैसे

हम समझाए

नित नए कार्यों में यह मन लग जाए

समय की ये बाते

समय की ये बाते समय के परे थी समय कही नहीं है, बस यह हमारी सोच का एक हिस्सा है।

समय रहते ही तुमने जाना था इन बातों को ये समय दायरे में थी ,समय की चादर जितनी खोलो उतनी खुल जाएगी यह असीमित है , समय से हटकर तुम सोचो समय खुद बन जाओगे

कुछ लोग लगातार व्यर्थ के शब्दों का चिंतन करते है जिनमे वह लोग या तो किसी दूसरे की बुराई करते है या फिर स्वयं की जिसकी वजह से यह लोग लगातार अपने विचारों को खराब करते है, इनके शब्द हमेशा कोसने वाले होते है या तो ये लोग खुद को कोसते है या दूसरों को लेकिन क्यों ? ऐसा ये लोग क्यों करते है क्या कोसने से सभी चीज़े ठीक हो जाएगी या फिर कोई मतलब होता है।

किसी को भी कोसने से क्या लाभ होगा यह तो सिर्फ शब्दों की हानी है, आप शब्दों की हानी कर रहे है शब्द अनमोल है इन शब्दों को तोल मोल कर प्रयोग में लाना चाहिए, शब्द बहुत शक्तिशाली, प्रभावशाली होते है।

किसी को अपशब्द बोलने से क्या ही ठीक होगा, बल्कि गलत प्रभाव पड़ेगा आपके जीवन पर ही इसलिए शब्द का उचित ओर ध्यानपूर्वक प्रयोग करे, कुछ लोग ऐसे बोलते है उनके शब्द देखिए अरे यार तूने तो हद्द करदी

यह शब्द बड़ी गजब की चीज है जिनसे आपके जीवन में बदलाव होता है, ओर आप इन शब्दों की भांति बनते जाते है, जैसे जैसे इन शब्दों का प्रयोग आप करते है।

जैसे ही आप बोलते है, की मैं पागल हूँ

मैं बेवकूफ हूँ

मैं दुखी हूँ

मैं ठीक नहीं हूँ

मेरी तो बुद्धि ही खराब हो गई है  

मेरी जिंदगी में कुछ भी ठीक नहीं होता मेरी तो किस्मत ही खराब है

मेरी तो जिंदगी ही खराब है , मेरा जीवन व्यर्थ हो गया है, मुझे यह परेशानी है इन लोगों के पास परेशानी के अलावा कुछ नहीं है, ये लोग कभी अच्छी चीजों पर बात नहीं करते हमेशा परेशानियों , तकलीफ की बाते करते है इसलिए इनके जीवन में परेशानी दुख तकलीफ बड़ी होती जाती है तथा एक बाद के बाद एक परेशानी आती है, जिनका अंत होता नहीं दिखता क्युकी यह परेशानियों का ही चिंतन करते है सदेव, इन परेशानियों को कम करने के लिए हमे लगातार सकारात्मक सोचना चाहिए तभी यह परेशनीय खत्म होगी अन्यथा यह तो बढ़ती रहेगी, इनके अंत होने का कोई छोर नहीं दिखेगा।

हम सभी साधारण है लेकिन हमे उन्नति करने का पूरा अधिकार है हमे अपनी क्षमतायो को बढ़ाने का अधिकार है हमे अपनी क्षमतायो पर कार्य करना चाहिए।

Jivan kya hai

Main dekhta hu zindagi ke baare mei koi baat nahi kar raha bas sabhi log koi kuch or ki baate kar rahe hai………jivan kya hai

Unke pass bahut kuch hai baate karne ko lekin zindagi ke baare mei kuch nahi hai.

Zindagi ke baare mei kuch baat to karo ki yeh zindagi kaisi hai? kyuki yeh zindagi na milegi dubara isliye isko jio yahi abhi khulkar na hee tum mar jana yu hi ghut ghut kar.

Ye sabhi log kapde, jutey, khana, pina, ghumna, hangout karna chahte hai lekin jindagi ko bhulkar, bas jindagi ke baare mei kuch nahi soch rahe jo sabse jaruri hai usko hee bhule hue baithe hai…..

lekin kyuuuuu

kya hame jindagi ke baare mei baat nahi karni chahiye? zindagi jise aap ji rahe ho ya nahi, ye bhi aapko nahi pta bas bhaage ja rahe ho kahi na kahi, kidhar jana hai, safar kya hai? nahi maalum lekin chal rahe bina saas liye..

yahi hai jivan ?

Yeh swaal aap khud se puchiye ki zindagi kya hai or hame kidhar lekar ja rahi hai jindagi ka asli matlab kya hai, jindagi jidhar ja rahi hai ham chup chaap chale ja rahe hai bin soche samjhe, bina kuch jaane bas behte paani ki tarah khud ka koi decision nahi hai.

Kya yahi hai jivan ?

Yeh sirf swal na ho yeh aapko bechain karde bas is tarah se aapke dimaag mei bhar jaye tabhi ham is uttar ko jaan payenge.

Zindagi ka asli matlab janne ki koshish mei ham lag jaye

Is jivan ka purpose kya hai? ham yaha kyu aaye hai kya aesa koi swal mann mei aaya hai kabhi jisne tumhe thodi si bechaini di ho, tumahara mann is jindagi ke baare mei janne ki koshish kar rahe ho, kya hua kabhi aesa yadi uttar nahi hai to aesa hona chahiye tumhare mann bheetar se prshnn hee prshnn ho jaye or tum daud pado ki zindagi mai aa raha hu tujhse Rubru hone ke liye, apni baaho ko faila zindagi se milne ke liye tum utho, daud pado abhi tak tum nirjiv vastu smaan the yadi tumhare mann bheetar yeh prashn nahi utha tha , to ab daud jaao jab jaago tabhi sawera bas shuruaat yahi se abhi se karo bhar jivan ko apni baaho mei.

जिंदगी के साथ चलना

जिंदगी के साथ चलना और जिंदगी एक लगातार चलने वाला सिलसिला है, जो रुकेगा नहीं बस बदल जाएगा, जो जिंदगी का नई जिंदगी के साथ परिवर्तन कहलाएगा

जिंदगी क्या है, ये तो हम सभी जानते हैं,
पर जिसे जीने का तरीका नहीं पता, उसे ये समझाना हमारा काम है।

जिंदगी एक अनमोल उपहार है,
जिसे सदा संतोष से सम्मान करना चाहिए।
हर पल खुश रहने का तरीका सीखना होता है,
जिंदगी के साथ सामंजस्य बनाना होता है।

जिंदगी के साथ बदलना होता है,
कभी हंसते हुए, कभी रोते हुए।
जिंदगी के साथ जीना होता है,
कभी जीते हुए, कभी हारते हुए।

जिंदगी के साथ चलना आगे बढ़ते जाना होता है,
जब तक जीवन हमारे साथ होता है।
जिंदगी के साथ संघर्ष करना होता है,
जब तक मंजिल हमारी नजदीक नहीं होती है।

जिंदगी क्या है, ये तो हम सभी जानते हैं,
पर जिसे समझना होता है, उसे उसका मूल्य समझना होता है।
जिंदगी के साथ चलते जाना होता है,
जब तक जीवन हमारे साथ होता है।