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जादू की छड़ी

जादू की छड़ी जो हकीकत से बहुत दूर है , लेकिन फिर भी बार बार बस यही सोच करते थे काश मेरे पास जादू की छड़ी होती तो मैं ये कर देता , वो कर देता , बचपन भी कैसा था हमारा 

ये कभी समझ नही आया 

जब समझ आया तो 

दुनिया को ही बदला हुआ

 हमने पाया 

हिंदी सिनेमा जगत ने

 ना जाने क्या क्या हमको दिखाया 

कभी मजनू, आशिक़, पागल, दीवाना, तो कभी आलसी निक्कमा भी हमको बनाया 

हिंदी सिनेमा जगत 

हमे जो वो दिखाते थे 

हम वो बिना सोचे समझे देखते जाते थे 

कभी मुंगेरी लाल , तो कभी लैला मजनू , हीर रांझा 

अलादीन, मुंगेरी लाल के हसीन सपने , 

जैसे नाटक-फिल्में वो हमें दिखाते थे 

जिसमे फाटक दिमाग के सारे 

हमारे  बंद हो जाते थे 

ढूंढते थे जादू की छड़ी 

कही मिल जाये तो हो जाये तबियत हरी 

बस जिंदगी बदल जाये हमारी भी 

कही मिल जाये चिराग अलादीन का 

बस घीसू और हो जाये सारी इच्छा पूरी 

 हम भी कुछ करले 

मुंगेरी लाल के हसीन सपनो की तरह हम भी सोचा करते थे 

बस कुछ करना ना पड़े 

बिना करे सब कुछ मिल जाये 

हाथ किसी भी चीज़ को लगाना ना पड़े 

 सब कुछ बैठे बैठे बस मिल जाये 

जादू की छड़ी घुमाओ , या चिराग घीसू 

और बस सबकुछ  सामने आ जाये 

लेकिन अब 

बड़ी उल्फत हो गयी है 

आज जिसकी वजह से जिंदगी में आलसी हमे बना दिया 

ना काम का ना काज का ढाई पाव अनाज का हमको बना दिया, 

तभी तो एक गिलास पानी का उठाते नही थे हम 

सपनो की दुनिया में ही जीने लगे थे 

जिंदगी की 

हकीकत से ही दूर करा दिया 

जीवन में कुछ करना हम भी चाहते थे 

लेकिन वक़्त ने ना जाने कहा लाकर  है हमको  बैठा दिया वक़्त जो हमने अपने हाथ से निकाल दिया फिर वो वक़्त दुबारा लौटकर कहाँ आया 

यही एक वजह थी जिसकी वजह से 

हमे इस राह पर लाकर खड़ा कर दिया 

मा बाप के सामने  निकम्मा बन कर जीने लगे 

पता ना था जिंदगी इतनी मसक्कत से भरी है 

जिंदगी की मुश्किलों ने आज ये एहसास दिला दिया 

सपनो और हकीकत के बीच का सफर जिंदगी ने तय करा दिया 

काहे को खाली खाली

काहे को खाली खाली , खाली , खाली
खाली क्या है ???
समय
खाली कौन है ??

इंसान
खाली किस से है
पैसों से या समय से
यह खाली भी अजीब शब्द है

आजकल खाली वैसे कोई है क्या ?????
एक तरफ लगता है
सब खाली है
एक तरफ लगता है

दूसरी तरफ देखो तो कोई भी ना खाली
खाली कोई नही है,
कभी खाली तो कभी भरा सा लगता है इंसान
कहते है खाली दिमाग होता है।

शैतान का घर
खाली बड़ा या छोटा
मुट्ठी खाली , जेब खाली ,

रहता नही कोई तो मकान खाली ,

खाया नही कुछ तो पेट भी खाली
खाली डब्बा ,खाली बोटल
अगर तुम भी हो खाली तो

हर कोई आकर बके दो गाली
अरे बुड़बक काहे तू है खाली
यह जब होते है खाली
गेम खेले, जुआ खेले ,
ना जाने क्या क्या है ये खेले
बस दिखते है हरदम खाली, काहे को खाली खाली

रूठना नहीं है

रूठना नहीं है इन छोटी छोटी बातों पर , हाँ कुछ ऐसी ही बाते बस तुम इन छोटी मोती बातों पर बिगड़ मत जाया करो , थोड़ा थोड़ा हाँ बस थोड़ा थोड़ा तुम मुस्कुराय करो , ये जो तुम्हारी हंसी का जादू है न सब पर बिखर जाता है, ओर जिंदगी के होने का एक प्यार स एहसास दिलाता है। बस तुम इसी तरह से मुस्कुराया करो , ऐसे ही , बिना किसी बात पर तुम अपना ये प्यार सा मुंह मत फूलाया करो,

क्या तुम भी रूठ जाते हो उन्ही छोटी छोटी बातों पर? क्यू रूठते हो तुम और उस रूठने से क्या होता है? क्या तुमने कभी सोचा है, की तुम्हारी मुस्कुराहट कही खो जाती है जब तुम रूठते हो, तुम्हारे भीतर का प्रेम कही छुप जाता है, जब तुम रूठते हो, नहीं तुम्हें मुसकुराना है, ओर जीवन संग नए सपनों को सजाना है।

रूठना नहीं, मेरे यार, दिल की बाते सुनो थोड़ी यार
जब चाहें तुम गुस्सा कर लेना,
और दिल खोल कर तुम मुस्कुरा लेना। जिंदगी के सफर में है, थोड़े गम हमारी दोस्ती एक सहारा है जो मिटा देती है सभी गम

जब तुम खुद को अकेला महसूस करो मेरी बातों पर गौर कर लेना , जीवन के रंग में है बहुत उछाल दोस्ती एक खजाना है, जो करती मालामाल
कितना ही तुम रूठ मैं नहीं मनाऊँगा बस तुम रूठे लेकिन मैं तो तुम्हें प्यार से ही बुलाऊँगा

जीवन की दौड़ जब थक जाएगा तू तब कही ओर नहीं मेरे पास ही आएगा तू , मैं दोस्त हूँ तेरा
रूठना नहीं तू दिल की बाते सुन मेरे यार ।

ख्वाब यू तुम

ख्वाब यू तुम इतने मुझे दिखाते हो, इन ख्वाबों को क्यू मेरे मन दर्पण में सजाते हो , इन ख्वाबों से मैं बेचैन हो जाता हूँ बस याद भर तुम्हारी में मैं रहता हूँ, कुछ न कहता हूँ बस चुप यू ही रह जाता हूँ

क्यों इतने ख्वाबों को सजाते हो

मेरे ख्वाबों मे रोज चले आते हो

मुझे मदहोश कर चले जाते हो

मौत की आगोश में जाना चाहता हूं

जिंदगी से रूबरू कर चले जाते हो

क्यों इतना बेचैन कर तन्हाईयों का साथ करवाते हो

लूट जाता हूँ भरे बाजार मैं , अपनी ही जिंदगी लिए

बस तुम मेरे ख्यालों को अकेला छोड़ चले जाते हो !

ख्वाब यू तुम इतने मुझे दिखाते हो

यह भी पढे: ख्वाबों की डोर, ख्वाब इतने, ख्वाब, ख्वाबों को जोड़ता हूँ, वो ख्वाब मंजिलों सी,

यह प्रेम है

यह वो प्रेम है जिसको मेरे शब्द बयान नहीं कर पाए

चन्द लफ्जो में बयान क्या करू?
यह प्रेम है
मेरे सारे शब्द और मेरी उम्र बीत जाए

लेकिन

प्रेम का अर्थ पूरा मेरे शब्द भी ना कर पाए
फिर भी एक नाकाम कोशिश सी है
कुछ बताने की,

एक नया रिश्ता बनाने की

ये संबंध वो है

जिसमे हर एक रिश्ता नाता समा जाता है
मत भेद दिलो मेंं जो है वो दूर हो जाता है 

असीम आसमान भी धरती की औढनी नजर आता है
जब कभी सतरंगी होता है आसमान
तब यही आसमान एक छोर से
बाहे फैलाये दूसरे छोर को जाता है

तब देखो क्या मधुर संबंध
धरती और आसमान का बन जाता है

यह प्रेम है जो धरती और आसमान को
एक करता हुआ नजर आता है

वो प्रेम है
जो पूरे ब्रह्मांड को एक शब्द में बांधे नजर आता है

वो प्रेम है
वो है जो ना शब्दो से बयान हो पाता है

ना मौन से
यह प्रेम तो शब्द और मौन दोनो के पार ले जाता है।

कुछ इश्क

कुछ इश्क भर की बात थी, कुछ खास उसके साथ मुलाकात थी, वो मोहब्बत हुई ऐसे जैसे बिन बादल बरसात थी वो मेरी एक नई जिंदगी की शुरुआत थी,कुछ नई नई सी जिंदगी के साथ बात थी चंद रोज पहले हुई मुलाकात थी , उन मुलाकातों के साथ ही जिंदगी की बात थी कुछ इश्क भर

इश्क ने हमें जीने का मज़ा सिखाया है,
दर्द को भी हंस कर सहना सिखाया है।

उनकी यादों में खोये रहना अच्छा लगता है,
शायद उनसे मिलने का इंतज़ार करना अच्छा लगता है।

जब उनकी आँखों में आप ही नज़र आते हैं,
तब दिल के हर रंग नए नज़ारे से भर आते हैं।

दिल में उनकी खुशियों का थिकाना होता है,
हर दिन उन्हें देखने का उम्मीद में धीरे-धीरे जीता है।

इश्क की दुनिया में हर पल कुछ नया सीखते हैं,
दिल की बातें बिना बोले ही समझ जाते हैं।

जब उनके साथ होते हैं, तो दुनिया कुछ नहीं लगती,
उनके बिना हमारी जिंदगी अधूरी सी होती।

इश्क ने हमें जीने का मज़ा सिखाया है,
दर्द को भी हंस कर सहना सिखाया है।

जब तक इश्क हमारे दिलों में बसा रहेगा,
हम खुशियों की दुनिया में जीते रहेंगे।

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एक दूसरे के दर्द

एक दूसरे के दर्द ख़ुशियाँ
समवेदना की समझ….
मनुष्यता के प्राण
उसके प्राणो का ध्वज ।

जब जीवन में प्रेम
तो दूसरे का ख़ुशियाँ
दुःख दर्द दिखता….

जब नही जाना प्रेम
नही गलती सिर्फ़ स्वयं
का दुःख दिखता
तो नही दूसरे का सुख
दुःख समझता ॥

जब दिल में दर्द उतर जाए,
तब गम की लहर आ जाए।
क्या करें जब ये छाती फट जाए,
वो दर्द जिसे बयां करने के लिए शब्द ना मिल पाए।

इस दर्द से जुड़े दोस्त का जब दिल दुखाए,
तो कैसे उसका दर्द कम कर पाए।
जब उसके आँसू बाहर ना निकले,
तो कैसे उसकी रूह से बातें कर पाए।

जीवन का हर मोड़ पर दर्द का एहसास होता है,
कोई अपना अपनों को खोता है, कोई प्यार को तरसता है।
दुखी होता है जब हमें अपने दोस्त का दर्द देख पाते हैं,
मगर उसे संभाल लेने की चाहत हमें हमेशा होती है।

हम दर्द को कम नहीं कर सकते,
लेकिन उस दर्द के साथ रह सकते हैं।
दोस्त के दर्द में शामिल होकर,
उसका साथ देकर, उसकी मुस्कुराहट लौटाने का हमें सौभाग्य मिल सकता है।

जब दोस्त का दर्द हमारा दर्द बन जाए,
तब हमें उसके साथ थाम जाना चाहिए।
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा सच्चा रहेगा,
जब तक हम एक दूसरे के दर्द को समझना नहीं सीखेंगे।

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उलझन में है दिल

उलझन में है दिल मेरा, अटका हुआ इस अँधेरे में,
कहीं समझ नहीं आता क्या सही है, क्या गलत में।

ये उलझन की घनी धुंध ने मेरी राहें बाँध ली हैं,
एक आस बना कर जीता हूँ, कि शायद बदल जाएं वही।

मैं तो जानता हूँ अब आगे बढ़ना होगा जरूर,
पर राह तो बेख़बर है, जिसे मैंने सोचा था वही नहीं है।

फिर भी ना उदासी है दिल में, ना हार का अभाव है,
कोशिश करता हूँ हर उलझन से अटके हुए समझौते कर लूँ।

जब भी उठती है उलझन की लहर, तब भी खड़ा रहता हूँ मैं,
उस समय भी ढूँढता हूँ मैं अपने अंतर की शांति के लिए।

उलझन की इस घनी धुंध में, बस यहीं हूँ मैं अकेला,
पर उठती हैं मुझमें नयी उमंग, कि एक दिन निकलूँ मैं जीता-जगता हुआ।

उलझन में है दिल मेरा, अटका हुआ इस अँधेरे में

जीतने की आदत डालो

जीतने की आदत डालो यह जीतने की आदत ऐसे ही नहीं आई है,

ये बड़ी मसकक्त की है मैंने,तभी वो हार मेरी जीतने की आदत से हार पाई है

जीतने की आदत डालो,
तो जीवन का रंग बदल जाएगा।
कोई बाधा आए तो,
उसे नये अवसर में बदल जाएगा।

जीवन के संघर्षों में,
जीत की तलाश में निकलो।
थकान और हार से नहीं,
जीत के लिए तुम दौड़ो।

जीत की आदत डालो,
तो सफलता के रास्ते खुल जाएंगे।
अगर एक बार हार मान लो,
तो अगली बार जीत पाने के लिए तुम नहीं तैयार होंगे।

जीत की प्रतिज्ञा लो,
तो विजय की गरिमा तुम्हारी होगी।
बच्चों को एक नया संदेश दो,
जीत के लिए बनो तुम भी तैयार होंगे।

जीत की आदत डालो,
तो जीत से जुड़ी सभी बाधाएं दूर होगीं।
जीत की मीठी खुशबू में डूब जाओ,
तो जीवन का रंग बदल जाएगा।

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व्यस्त अपनी जिंदगी में

व्यस्त अपनी जिंदगी में सब है यहाँ, किसी को किसी की कोई परवाह नहीं है बस बेफिक्री है , किसको किसकी फिक्र है यहाँ , शहर तो अनजान नहीं था बस मतलब ने इस शहर को भी अनजान बना दिया है , देख कर भी लोग आंखे चुराते है उन्हे लगता है चोर है चोरी करकर खाते है।

सब व्यस्त है अपनी जिंदगी में

बेखबरी का जमाना है

खबर किसकी किसको यहाँ

जमाने भर की बात होती है लेकिन

जरूरत किसकी किसको यहाँ

सब अपना अपना मतलब सोचते है,

मतलब की दुनिया है मतलब से लोग खोजते है

किसी को किसीसे मतलब नहीं है यहाँ

किसी से किसी की मुलाकात हो बस इतनी सी बात है