Posts tagged hindi ki kavita

मुस्कुराहट छुआ छूत

जरा देखिए दिखे कोई चेहरा जो नहीं रहा हो मुस्कुरा….
दीजिए उसको मुस्कुराहट उसका भी चेहरा खिले ये ख़ुशी का इशारा ।
मुस्कुराहट छुआ छूत की बीमारी…..
इच्छा ये लगे सबको, है इतनी प्यारी ।

जरा मुस्कराइए….
ख़ुशी के महामार्ग पे चढ़ जाइए ।
जीवन के प्रति कृतघ्न भाव अपनाइए….
जीवन भी पूरी क्षमता से ख़ुद को लुटाइए।

जगमगाते रंगों के बीच एक चेहरा है,
जो नहीं रहा हो मुस्कुरा।
उसकी आँखों में छुपी दर्द की बूंदें,
जीवन की गहराईयों में घिरा।

पर उसे चाहिए था एक मुस्कान का इशारा,
जिससे उसका भी चेहरा खिले।
वो खुशी का संकेत जो भर दे उसके दिल को,
और हर गम को दूर कर दे मिटाए।

मुस्कुराहट छुआ छूत की बीमारी है,
जो देती है दिल को आराम।
वो बतलाती है कि जीने का असली मजा,
खुशियों को बांटने में है समाया।

जब चेहरे पर लगी मुस्कान की छांव हो,
दिल की धड़कनें भी जगमगाए।
हर दर्द को दूर कर दे वो प्यारी मुस्कान,
और खुशियों से सजाए।

तो जरा देखिए, दिखेगा वह चेहरा है,
जो नहीं रहा हो मुस्कुरा।
उसे दीजिए वो मुस्कुराहट का तोहफा,
जिससे उसका जीवन बन जाए सुहाना।

दुनिया के लिए

दुनिया के लिए मैं एक व्यक्ति , लेकिन वही  मैं परिवार के लिए पूरी दुनिया ….
ये सब नज़रिए का फ़र्क़ , जब फ़र्क़ ख़त्म होते  वहाँ नज़रिया बड़ा ये उसका नफ़ा ।

मानो तो सब है एक परिवार , सारी पृथ्वी के सारे प्राणी एक परिवार ….
वसुधैव कुटुंबकम इस बात का उचित आधार और पूर्ण विचार ।

ये धरती, ये आकाश, ये सृष्टि अपार,
मैं एक व्यक्ति, उसका छोटा सा अंश हार।
परिवार के लिए हूँ मैं पूरी दुनिया,
उनके लिए हर कठिनाईयों का नया सूर्य।

बच्चों के खेलने के लिए पार्क बनाता हूँ,
उनके सपनों को मैं हकीकत में लाता हूँ।
पत्नी के लिए चाँद लाता हूँ रोज़ाना,
उसके आँचल से मैं सबको रोशनी देता हूँ।

माता-पिता के लिए मैं एक आश्रय हूँ,
उनके सपनों को साकार करता हूँ।
उनकी ऊंचाइयों को मैं छूने का अधिकार,
मैं उनके लिए बढ़ने का प्रतिकार।

दोस्तों के लिए मैं हंसता हूँ और रोता हूँ,
उनकी परेशानियों को दूर भगाता हूँ।
खुशियों के मोमेंट्स में मैं साथ देता हूँ,
उनकी ज़िन्दगी को मैं सजाता हूँ।

सभी के लिए मैं एक दोस्त, एक साथी हूँ,
उनकी मुसीबतों में मैं उम्मीद का बाँसी हूँ।
जब फर्क़ ख़त्म होते, नज़रिए समाने के,
मैं उसका नफ़ा हूँ, ये ज़िंदगी बदलाने के।

धरती के मालिक, परिवार की आभारी,
मैं व्यक्ति और उसका अद्वितीय पारी।
जीवन का सफर, संघर्षों से भरा,
सबके लिए मैं आगे बढ़ता चला, दुनिया के लिए


वो नहीं है बराबर

अंगुलियाँ बताती की वो नहीं है बराबर
हर उँगली का अपना जादू और हुनर ।
देती उँगलियाँ परस्पर एक दूसरे का साथ…
हथेली संग मिलकर कहलाती वो हाथ ।

अंगुलियाँ से हाथ की सुंदरता….
प्यार करे सहलाये मारे बचाये ,थप्पड़ या मुक्का सब इनकी क्षमता ।
इसी प्रकार जीवन में कोई छोटा कोई बड़ा ….
परस्पर सहयोग से कार्य करे नहीं होगा झगड़ा ।

अंगुलियाँ बताती की वो नहीं है बराबर
हर उंगली का अपना जादू और हुनर।
देती उंगलियाँ परस्पर एक दूसरे का साथ,
हथेली संग मिलकर कहलाती वो हाथ।

बड़ी उंगली सभी को राह दिखा जाती,
मध्यम उंगली संगठन को बनाती।
अनामिका सृजनशीलता में निपुण,
कनिष्ठिका योग्यता से भरपूर है यह दुनिया किसी की नहीं।

अंगुलियों की संगठनशीलता,
अद्वितीयता का प्रतीक बनती है।
एक दूसरे को समर्थन देती,
संयोग का प्रभाव जगाती है।

हर उंगली में छिपी है अनगिनत शक्ति,
प्रतिभा, कौशल और संवेदनशीलता की लिप्त।
जब वे मिल जाती हैं, एकजुट होकर,
दुनिया को छूने का अवसर मिलता है सबको।

अंगुलियों की मिलनसार ताकत,
साकार और असाकार के बीच जो बांध लेती।
वे बनाती हैं हाथ को समृद्ध,
सफलता की ओर अग्रिम बढ़ाने की कल्पना खुद ही कर लेती।

अंगुलियाँ हैं बराबर नहीं होती,
पर अपने महत्व में सभी को झोंकती।
हर उंगली अपना जादू प्रगटाती,
हुनर की चमक दुनिया को दिखाती।

विचारों का पिटारा

अच्छे विचारों का पिटारा
हो मस्तिष्क तुम्हारा…..
फिर हार में या जीत में
सदा खुला रहेगा यह द्वारा ।

अच्छा व्यक्तित्व व्यापार की पूजी के समान मज़बूत सहारा ….
सब अच्छा ,जब अच्छे विचारो का पिटारा
हो मस्तिष्क तुम्हारा ।

अच्छे विचारो का पिटारा,
हो मस्तिष्क तुम्हारा।
फिर हार में या जीत में,
सदा खुला रहेगा यह द्वारा।

जब भी दुख सताए आपको,
और जीवन थकाए आपको।
तो खोल लें इस पिटारे को,
विचारों का अमृत पाएं आपको।

यहाँ निवेदन करें आपको,
अपार ज्ञान प्राप्त हो आपको।
ज्ञान की कठपुतली बनें आप,
और दुर्बलता को हराएं आप।

चाहे जीत हो या हार हो,
चाहे अंधकार हो या प्यार हो।
यह विचारों का पिटारा,
सदैव चमके यहाँ तुम्हारा।


किसी को लूटा के

किसी को लूट के मज़ा आता किसी को लूटा के,
समझ समझ का खेल है भइया काम न करना किसी का दिल दुखा के ।
परोपकार की महिमा अपरंपार….
समझने वाले का बेड़ा ही पार ।

बात यह की ज़रूरतमंद की ज़रूरत को सही से समझना …..
सच्ची ज़रूरत को महत्व देकर सामर्थ्य यथाशक्ति से पूरा करना।

किसी को लूट के मज़ा आता, किसी को लूटा के,
समझ-समझ का खेल है भइया, काम न करना किसी के दिल दुखा के।
परोपकार की महिमा अपरंपार, इस दुनिया में बहुत अलग है विचार।
कर्मठ और उदार लोग, जीवन में चमकते हैं जो होंठ।

दूसरों की मदद करना एक कला है, त्याग और दया से हृदय बना है।
दरिद्रता और दुःख से दूरी बना है, स्वार्थ की जगह परोपकार की चमका है।

दिन-रात मेहनत करते लोग, दूसरों के दुःखों को हरते लोग।
अनजानों को राह दिखाते लोग, खुद को भी भूल जाते लोग।

आँखों में चमक, हंसी का रंग, खुशियों का बांधन बांधा है।
मन में शांति, आदर्शों का ताज, अपने सुखों में खुश रहा है।

दुखी को दिया, रोगी को दवा, दिलों में आराम का विश्राम।
परोपकार की महिमा अपरंपार, जीवन का सच्चा धर्म है यह।

चलो आओ मिलकर बदलें दुनिया, दूसरों के सुखों का राग गाएं।
परोपकार की अद्भुत शक्ति से, हम सब मिलकर जीवन को सजाएं।

कुछ इस तरह से

कुछ इस तरह से दिल की धड़कने धड़क रही थी,
मानो अभी दिल निकल ही पड़ेगा।
ये अजनबी ख्वाहिशें उठती जा रही थीं,
मेरी रूह को छूने को तरस रही थीं।

अनजाने संगीत की लहरें बहा रही थीं,
इसका कोई नाम नहीं, पर ज़बान ये बता रही थीं।
जैसे दरिया बहने को तड़प रहा हो,
मेरे अंतर को ये खींच रही थीं।

क्या ये प्यार की लहरें हैं जो मचल रहीं हैं,
या फिर कोई और राज है जो चुपके से बता रहीं हैं।
मन में अनगिनत सवाल उठते हैं जब,
ये धड़कनें मेरे दिल को जगा रहीं हैं।

कुछ इस तरह से दिल की धड़कने धड़क रही थी,
मानो अभी दिल निकल ही पड़ेगा।
कभी हुई ना थी ऐसी हलचल इस दिल में,
अब तक ना जाने क्यों ये जगा रही थीं।

कभी हँसती, कभी रोती थी ये धड़कनें,
पर आजकल खोई नज़र आ रही थीं।
ज़िंदगी की इस रेस में जब सब भाग रहे हैं,
ये धड़कनें मेरे संग ठहर रही थीं।

इस तरह से दिल की धड़कने धड़क रही थी,
मानो अभी दिल निकल ही पड़ेगा।
शायद ये संकेत है कुछ नया शुरू होने का,
ये धड़कनें मेरी कहानी सुना रही हैं।

तेरे होने से

तेरे होने से बस तुम्हारे होने का एहसास है जिंदगी अगर तुम नही तो बकवास है ये जिंदगी

तेरे बिना, ये जिंदगी बेकार है,
बस तू ही है मेरे हर ख्वाब की आस है।

तुम्हारे होने से है मेरी जिंदगी की खुशियां,
तेरी मुस्कान से है मेरे चेहरे की रौशनी विश्वास है।

तू है मेरी पहली चाहत, एक अनमोल खजाना,
तेरे बगैर है ये दुनिया सुनी, सनसनी और रंजना।

तेरा साथ है मेरी हर सुबह, हर रात,
तेरी आवाज में है मेरे जीवन का सारा स्वाद।

तू है मेरी मुसीबतों का समाधान,
तेरे बिना है ये जिंदगी बस एक आधार बिना आसारन।

तेरे प्यार की रोशनी में जगमगाता हूँ,
तेरे साथ है जीने का ऐसा ख्वाब सजाता हूँ।

तेरी हर मुस्कान पर दिल लुटाता हूँ,
तेरे बिना है ये जिंदगी बस एक ख्वाब जगाता हूँ।

तू है मेरा सच्चा साथी, दोस्त और रखवाला,
तेरे बिना है ये जिंदगी बस एक बेसब्री का खेलखेला।

तेरे होने से है मेरी जिंदगी का अर्थ,
तेरे बगैर है ये जिंदगी बस व्यर्थ है

सुखद सम्भावना

जीवन में जीने की सुखद सम्भावना खोजना ही परम जीवन ……
विसंगति मुक्त शक्ति से पूर्ण जीना ही जीवन का सर्वोत्तम गुन ।
जीवन में न ही किसी को दबाना न ही स्वयं किसी से दबना……
सबके विस्तार में बनना सहायक, इस ख़ुशियाली का मेरा सपना ।

जीवन की खोज में हम चले थे,
सुखद सम्भावना की खोज में हम थे।
परम जीवन की ओर, हम रहे थे ध्यानित,
विसंगति मुक्त, शक्ति से पूर्ण जीवन की प्रार्थना।

हमने जीवन का अर्थ ढूंढ़ा,
संघर्षों से आगे बढ़ा।
दबाव से मुक्त, स्वतंत्रता की आस थी,
न किसी को दबाना, न ही स्वयं किसी से दबना।

खोजते रहे हम सत्य की ओर,
विचारों में रहे संतुलित और।
जीवन के सफर में, आगे बढ़ते रहे,
अध्ययन करते रहे, अनुभवों से प्राप्त करते रहे।

जीवन एक अनंत गंगा है,
जो हर दिन चलती रहती है।
प्रेम, सम्मान, और सहयोग से,
हम इस गंगा को शुद्धता से भरते रहते हैं।

जीवन की प्रकृति में, सुंदरता है छिपी,
स्वयं को खोजने का अवसर है यही।
जीने का संगीत, संघर्षों में भी है,
हर एक पल को, खुशियों से भरते रहते हैं।

जीवन का सर्वोत्तम गुण है स्वतंत्रता,
खुश रहना है संघर्षों के बीच।
जीवन की सुखद सम्भावना खोजना ही परम जीवन,
विसंगति मुक्त, शक्ति से पूर्ण जीना ही जीवन का सर्वोत्तम गुण।

प्रकृति मदद कर रही सबकी भरपूर कर रही विस्तार…..
सहायक बने उसके कार्य में ये सबसे सुखद समाचार ।
देखे बड़े से बड़ा सपना अपने विस्तार का….
सब हो जाएगा पूरा सपना जीवन जिये प्यार का ।
सब यही रह जाएगा यहाँ सब कुछ उधार का।
समझ समझ का फ़रका हे, यह प्रश्न उत्तर आपके वजूद आपके आधार का।

वक्त बेवक्त

वो वक्त बेवक्त सताते है
कभी दिल में आते है
कभी दिमाग में आते है
कभी आंखो से टप टप बह जाते है
तो कभी धड़कनों धड़क जाते है
कभी आवाज को नरम
तो कभी भारी कर जाते है
कभी नींद तोड़ देते है
तो कभी सोने ही नहीं देते है
कभी इस दिल का डर
तो कभी मन की वेदना को बढ़ाते है
अब थोड़ा
मुश्किल है , नामुमकिन है
क्युकी
वो अब खुश है
लेकिन हम नाखुश
क्युकी वो हर ख्याल में
अब भी हमको सताते है
मेरे ख्यालों की खुशी छीन जाते है
वो वक़्त , बेवक्त हमें सताते है।

वक्त बेवक्त
वक्त बेवक्त

ढूँढता हूँ

मैं घूमता हूँ दिन भर , दिन भर ढूँढता भी हूँ मैं

खुद को ही ना जाने कहाँ कहाँ ढूँढता हूँ मैं

कहाँ मिलूँगा-कहाँ मिलूँगा

खुद से बस

यही एक सवाल है जो

मैं खुद से बार बार पूछता हूँ

क्या मैं खुद को ढूंढ पाऊँगा

खुद के सवालों से ही मैं जूझ रहा हूँ

खुद से ही बस यही एक सवाल पूछ रहा हूँ

ढूँडु खुद को कैसे यह एक सवाल कर रहा हूँ

कहाँ कहाँ ढूढू खुद को

खुद से

बस यही एक सवाल है जो मैं खुद से कर रहा हूँ  

जवाब तो नहीं पता मुझे इसका कब मिलेगा

ये मुझको नहीं खबर है बस लापता हूं, इस दुनिया की भीड़ में

निकला हूँ उस ठिकाने को ढूँढने जिसका पता नहीं मालूम मुझे