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विनम्रता में भी नंबर

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस…..
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस ।
क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा…
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा ।

मैं नहीं विनम्र काईयो की नज़र में….
वो सही है जानते मुझे जीवन के सफ़र में।
क़द सत्य का भी जीवन मी चाहिए बड़ा ..
सत्य कटु , सामने नहीं होता झूठ खड़ा ।

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस,
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस।

क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा,
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा।

विनम्रता से भरी हर बात, हर काम,
प्रभुत्व को देती जीवन को नई शान।

समय के साथ बदले भाव, रहे सदा सुरमई,
विनम्रता बनी रहे हमारी शक्ति की काई।

गर्व से नहीं, बल्कि सहजता से जियें,
दूसरों की सम्मान को हम जगाएं।

जब तक विनम्रता बनी रहे विचारों की नीव,
हम बनेंगे सच्चे मानवता के प्रवीण।

इसलिए आओ मिलकर चलें विनम्रता की राह,
सृजन करें एक जीवन नया, सदा सुखी और सहज।


हल्का फुल्का

हल्का -फुल्का सा है जीवन बस सारा बोझ तो इच्छाओ का है …..
बात अपने आप में हल्की दुलकी नहीं तो बहुत भारी , बात सारी मन को समझ आने का है ।

हल्का-फुल्का सा है जीवन, बस सारा बोझ तो इच्छाओं का है,
बात अपने आप में हल्की-दुलकी नहीं, तो बहुत भारी,
बात सारी मन को समझ आने का है।

हर दिन की दौड़ में खो रहे हैं हम,
कहाँ हैं हमारे अपने, खुद को भूल रहे हैं हम।
इच्छाओं की जंगली धूम में खो जाते हैं हम,
परमार्थ के बंधनों में बंध रहे हैं हम।

छिपा है सच्चाई का राज,
जीने की ख्वाहिशों से बनती है इसकी आवाज।
पर जब तक मन को न समझें, न सही राह चुनें,
हर क्षण बस नापसंद बिताएँ, खो दें अपनी खुशियाँ।

हल्का-फुल्का सा है जीवन, बस सारा बोझ तो इच्छाओं का है,
मन के अन्दर की गहराइयों को समझने का है राज।
अपने अंदर के संघर्षों को न छिपाएँ,
उनसे मैत्री करके, समझ के आगे बढ़ जाएँ।

हर स्वास्थ्य समस्या का हल नहीं दवाओं में है,
हर परेशानी का समाधान नहीं सोच-विचार में है।
हल्का-फुल्का सा है जीवन, बस सारा बोझ तो इच्छाओं का है,
मन को छूने के लिए, अपनी भावनाओं को पहचानो।

हमेशा खुश रहें, आत्माओं को सम्मान दें,
आपातकाल में भी आपने को न भूलें।
हल्का-फुल्का सा है जीवन, बस सारा बोझ तो इच्छाओं का है,
मन को समझें, खुद को पहचानें, और ख्वाबों की उड़ान भरें।

अहंकार का कद

अहंकार का कद चार फीट ही ठीक….
ज़्यादा बड़ा अहंकार बना देता डीठ ।
चार फीट अहंकार है आत्मसम्मान ….
वही ऊर्जा अधिक करती लहुलुहान।

आत्मसम्मान ज़रूरी होता वो मर्यादित….
उसकी सीमा में  रहना स्वय का हित ।
यह सफल स्वस्थ जीवन का पथ…..
ओ सारथी पथ पर सही से चलेगा रथ

अहंकार का कद चार फीट ही ठीक,
ज़्यादा बड़ा अहंकार बना देता डीठ।
चार फीट अहंकार है आत्मसम्मान,
वही ऊर्जा अधिक करती लहुलुहान।

यह जीवन का नियम, यह सत्य है,
अहंकार के बिना व्यक्ति अधूरा रहे।
पर ध्यान रहे, बड़ा अहंकार न करो,
वरना खो दोगे सबकुछ, हो जाओगे हरजाये।

चार फीट अहंकार से भरे रहो,
आत्मसम्मान को सदा बनाए रखो।
पर अहंकार में खुद को न खो दो,
अपने मूल्यों को न समझो छोड़ दो।

जीवन की ऊर्जा बढ़ाने का यह राज,
सम्मान का रखो आदर्श संग ताज।
घमंड और अभिमान से दूर रहो,
सच्चे आत्मसम्मान में बस जीने रहो।

अहंकार का क़द चार फीट ही ठीक,
ज़्यादा बड़ा अहंकार बना देता डीठ।
चार फीट अहंकार है आत्मसम्मान,
वही ऊर्जा अधिक करती लहुलुहान।



अपने पे रखे नज़र

अपने पे रखे नज़र हम दिखते कैसे है…
यही मुद्दे की बात हम दिखते कैसे है।
असली लेबोलबाब हम दिखते कैसे है….
इसी बात सब राज हम दिखते कैसे है ।

जो दिखता है वही बिकता है ….
वो व्यापारी की नज़र रखता है ।
असल में तो हम अपनी नज़र से कैसे है…
वही सच में आप है , अपनी नज़र दिखते कैसे है ।

अपने पे नज़र रखे हम दिखते कैसे है,
यही मुद्दे की बात हम दिखते कैसे है।
असली लेबोलबाब हम दिखते कैसे है,
इसी बात सब राज हम दिखते कैसे है।

हम आहुति हैं साहस की, न रुकने वाले युद्धों की,
जो अथाह विश्वास रखते, कठिनाइयों को चुनौती देते।
हम वीरता के अम्बार में चमक, अद्वितीय स्वाभिमान की,
पर दिखने का तरीका, यह जग न समझे, हम जानते हैं बस खुदाई की।

सबके होंठों पर हंसी हो, लेकिन सच्चाई हमारी हो,
चाहे चुप रहें हम, जैसे ज्ञाता नहीं हमारी हो।
हम कवच हैं सत्य का, जो न टूटे कभी विपरीत में,
बदलने से तोड़ देंगे नहीं, इस जग के फ़रमान को हम पर मिले विपरीत में।

अपने कर्मों में छुपी है, हमारी असलियत गहराई में,
हम पर नज़र रखने वालों को है यह सच्चाई में।
हम अद्वितीय व्यक्तित्व के साकार हैं, अज्ञात जग में छिपे हुए,
बस खुद का साथी हैं हम, बाकी सब बने रुखे हुए।

जगत के राजों की जड़ में है विद्या की वृक्षारोहण,
हम अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते जाते हैं अग्रणी।
हार नहीं मानते हम, जीत के लिए बने हैं हम आदी,
जिसे देखते हैं सब राज, वही हमारी पहचान है प्रमुख हदी।

अपने पे रखे नज़र हम दिखते हैं जैसे कैसे,
यही मुद्दे की बात हम जानते हैं कैसे।
असली लेबबोलबाब हम दिखते हैं कैसे,
इसी बात सब राज हम दिखते हैं कैसे।

यह हैं हमारी प्रखरता, जो छिपी हैं हमारे अंदर,
जग में लहराते हैं हम, अपने वीरता के प्रमाण पर।
हमारे हृदय में धड़कन, जो लहराती हैं गर्व के साथ,
महसूस करो यह जग, हमारी उच्चता की अवाज़।

हम सृजनशीलता के प्रतीक, जो जगत में चमकते हैं,
अपने विचारों के आचरण, जो जग को प्रेरित करते हैं।
हम उज्ज्वल आध्यात्मिकता, जो जगत में छाती चौड़ी करते हैं,
मिटाओ अंधकार को, बन जाओ ज्ञान के बिरादरों के सरदार।

हम अस्थायी नहीं, दीर्घकालिक प्रतिष्ठित हैं,
जहां जाते हैं हम, उज्ज्वलता छोड़ जाते हैं।
हम सहायता के प्रतीक, जो जगत को बचाते हैं,
बढ़ते हैं हम सबके साथ, जीवन के रास्ते साथ चलाते हैं।

हम अपने कर्मों के धर्म में जीने का जन्म लेते हैं,
जन जन को जागृत करते हैं, सत्य के पथ पर चलते हैं।
जग को दिखाते हैं हम, अपनी सत्यता के बादशाही,
हम अपने पे रखे नज़र हैं, जग को दिखते हैं कैसे हमारी महिमा।

बचपन के खिलौने

बचपन के खिलौने
लट्टू कंचे फोटो रंग चिट ….
पढ़ते नंदन चंदामामा की
कॉमिक्स ,रहते थे हम फिट।

बचपन की यादे मीठी मीठी….
नींबू शिकंजी भी लगती थी अनूठी।
पड़ोसियों से माँग कर बर्फ….
इंजॉय ही इंजॉय थी सब तरफ़।

बचपन के खिलौने, अनमोल और खूबसूरत,
लट्टू, कंचे, फोटो, रंग, चिट-चिट छोटे-मोटे।
दिनभर खेलते थे हम उनसे,
खुशियों के रंग में रंगे जीवन के आखिरी पल तक।

नंदन चंदामामा की कहानियों का सफर,
हर रात नए चमत्कार से सजा आसमान।
उड़ जाते थे हम उस अंधेरे गगन में,
चंद्रमा की दुनिया में छुपी थी हर खुशियों की पहचान।

कॉमिक्स के पन्नों का जादू,
पल-पल बदलती थी दुनिया की भाषा।
शीर्षकों में खो जाते थे हम विश्वास की गाथा,
अपनी दुनिया में बसे थे हम जीवन की अपार साथा।

बचपन की यादों का जादू बना,
हमारे दिलों में बसी थी विनोद की धुन।
खेल-खिलौने, कविताएं और कहानियों का संगम,
हमारा बचपन था सच्ची खुशियों का ध्यान।

प्यारे खिलौनों की यादें आज भी ताजगी से भरी हैं,
बचपन की मस्ती और खुशियों की वह फुहारी हैं।
जीवन की इस रेलगाड़ी में, जब भी बहुत हो जाए थकी,
एक नजर डालते हैं हम बचपन के खिलौनों की दुकान पे।

बचपन के खिलौने, वो सुंदर और मधुर यादें,
हमारे दिल की आस्था और ख्वाहिशों की पहचान।
बस एक खिलौना नहीं, वो हमारी पूरी दुनिया थी,
जो हमेशा रहेगी हमारी जीवन की मधुर कहानी।

सुविधाये

सुविधाये बन जाती दुविधाएँ….
जब जब वो सर चढ़ जाए ।
सुविधा है नहीं है वो हक़…..
कभी भी सकती वो सरक ।

धन्यवाद कीजिए मिली है सुविधा….
निपट रहे कार्यक्रम दूर हो रही दुविधा ।
चार दिन की ज़िंदगानी है जनाब …..
मिलजुल के ले सुविधाओ का लाभ ।

सुविधाये बन जाती दुविधाएँ,
जब जब वो सर चढ़ जाए।
सुविधा है नहीं है वो हक़,
जग जमाने में यही अहम सवाल बन जाए।

आदत सी बन गई हैं हमारी,
सब कुछ चाहे बिना मेहनत के पाए।
पर यह भूल रहे हैं हम शायद,
जो ऐसे हक़ को हासिल करने का बन जाए।

हक़ वो नहीं होता सिर्फ सुविधा,
जो मिले बिना किसी प्रयास के।
समय, मेहनत, और संघर्ष से,
हक़ को हम प्राप्त कर सकते हैं अपने मायने में।

ज़रूरत से ज़्यादा दौलत और आराम,
वास्तविकता से दूरी बढ़ा देते हैं।
पर असली महत्व हक़ का होता है,
जो मनुष्य को सच्ची ख़ुशी देते हैं।

हक़ को पाने के लिए संघर्ष करो,
खुद को प्रशासित करो, संयम रखो।
सुविधाओं की जगह हक़ को दो,
और जीवन को सत्य और न्याय से सजो।

इसलिए, सुविधाये बन जाती दुविधाएँ,
जब जब वो सर चढ़ जाए।
पर याद रखो, हक़ का मोल नहीं है,
सुविधाओं की दौलत में, असली ख़ुशी छिपी होती जाए।

अच्छा व्यक्ति बनना

बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है…..
अच्छा व्यक्ति बनना बड़ी बात है ।
अच्छा बनने में ऊर्जा को लगाना ….
बड़े होंगे नहीं छोटा रास्ता है अपनाना।

सब का सम्मान सब का विकास…..
इस दिशा में अकारण सतत प्रयास ।
बड़ा आदमी बनन चाहते नहीं बुराई ….
अच्छे की मोहर की हज़ार गुना कमाई ।

बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है,
अपने सपनों को पुरा करना अच्छी बात है।
पर याद रखो, अच्छा होने का मतलब,
सिर्फ पैमाने का बड़ा नहीं, बल्कि दिल का बड़ा होना है।

अच्छा व्यक्ति बनना बड़ी बात है,
दूसरों के लिए सहायता करना बड़ी बात है।
समय और समर्पण से, खुद को सजाना,
इंसानियत के मार्ग पर चलना, यही है सच्ची पहचाना।

अच्छा बनने में ऊर्जा को लगाना,
स्वयं को समर्पित करना, यही है जीवन का आदर्श गाना।
संघर्षों का सामना कर विजय प्राप्त करना,
और दूसरों को भी जीवन की ओर प्रेरित करना।

बड़े होंगे नहीं छोटा रास्ता है अपनाना,
सपनों को अनुसरण कर, खुद को पहचाना।
हर कठिनाई को चुनौती मानकर आगे बढ़ना,
अपने लक्ष्य को पूरा कर, जीवन को सजाना।

इसलिए, बड़ा आदमी बनना अच्छी बात है,
पर अपनी नीयत को सच्चाई से सजाना जरूरी है।
अच्छाई और दया के पथ पर चलने का संकल्प लेकर,
सभी को साथ लेकर जीना, यही है असली आदर्श।



सुख की अनुभूति है

जीवन की राहों में सुख की अनुभूति है ,
मन का परम आनंद, जीने की विशूद्धता।
चाहे कितनी भी हो मुश्किलें आगे,
खुशियों की बौछारों से होता है सामर्थ्य।

जीवन की हर चुनौती को गले लगाओ,
मुस्कान की चमक से आंखों को जगाओ।
गीतों का संगीत सुनो, खुद को भर दो सुर में,
जीवन की खुशियों को रचो अपनी कविता में।

खेलो, नाचो, गाओ, मुस्कराओ दिल से,
जीवन एक उमंग है, खुद को भरो दिल से।
सपनों की उड़ान भरो, आशाओं के पंखों से,
खुद को उड़ान दो, खुद को विश्राम दो।

जीवन एक सुखमय आनंद का खजाना,
हर पल बिताओ खुशियों की गहराई में।
मित्रों के साथ बिताओ ये अनमोल वक्त,
जीवन की शान्ति और प्रेम का लिए रक्त।

चिड़ियों के गाने सुनो, प्रकृति के संग रहो,
जीवन की रंगीनी में खुद को ढल रहो।
प्यार की ग़रदिश को छूने को जीवन है,
सुख और आनंद से सराबोर जीने को जीवन है।

इस आनंद को अनुभूत करो आज तुम,
जीवन की मधुरता को महसूस करो तुम।
बिना किसी चिंता के जीने की ख्वाहिश,
सुख की अनुभूति है, ये है जीवन की महिमा।

सुख की अनुभूति है
सुख की अनुभूति हैs

जिंदगी एक सुखमय आनंद है , इसको अनुभूत करना ही जीवन है।

ढूँढता हूँ

मैं घूमता हूँ दिन भर , दिन भर ढूँढता भी हूँ मैं

खुद को ही ना जाने कहाँ कहाँ ढूँढता हूँ मैं

कहाँ मिलूँगा-कहाँ मिलूँगा

खुद से बस

यही एक सवाल है जो

मैं खुद से बार बार पूछता हूँ

क्या मैं खुद को ढूंढ पाऊँगा

खुद के सवालों से ही मैं जूझ रहा हूँ

खुद से ही बस यही एक सवाल पूछ रहा हूँ

ढूँडु खुद को कैसे यह एक सवाल कर रहा हूँ

कहाँ कहाँ ढूढू खुद को

खुद से

बस यही एक सवाल है जो मैं खुद से कर रहा हूँ  

जवाब तो नहीं पता मुझे इसका कब मिलेगा

ये मुझको नहीं खबर है बस लापता हूं, इस दुनिया की भीड़ में

निकला हूँ उस ठिकाने को ढूँढने जिसका पता नहीं मालूम मुझे

जीवन के नियम

जीवन के नियम ….
सत्य सदा परम ….
मैत्री की सरगम ….
शांति और संयम….
जीवन एक सपना
जो पूर्ण छदम ….
विकास चरम….
हँसना खिलखिलाना
सब भूल के नई शुरुआत
ही शुद्ध धर्म ।

जीवन के नियम, अनमोल विचार,
एक सत्य की दृष्टि, जीवन का आदार।

सत्य सदा परम, ज्ञान का प्रकाश,
हृदय में शुद्धता, छाती में निर्मल आस्था।

मैत्री की सरगम, विश्वास की पंख,
दूसरों का सम्मान, अपार गुणवंश।

शांति और संयम, मन को शुद्ध रखें,
चंचल बालवती मन, वश में हम सब रखें।

जीवन एक सपना, स्वप्नों की उड़ान,
सपनों को पूरा करें, जीवन का मकसद जान।

इस जीवन के नियमों को स्वीकारें,
आचरण करें, अपने आपको संयम दें।

प्रेम और सम्मान से बनाएं यह सृष्टि,
हर लम्हे को सुंदर, जीवन को सुरम्य बनाएं विस्तृत।