बेमतलब की बाते कविताएं May 24, 2019 बेमतलब की बाते फालतू की बाते ये लौंडे चार करते है ये चार लड़के साथ चले तो छिछोरे लगते है चार लडकिया साथ चले तो अच्छी लगती है चार बुजुर्ग साथ बैठ जाए तो बचपन की बात याद करते है नही तो बस ताश ये पीटते है मोहल्ले की चार औरते मिल जाए तो बस चुगली लगाती हुई थकती नही है और इनकी बाते कभी खत्म होती नही है बस बात करती हुई नजर आती है बेमतलब की बाते जिनका कोई सर पैर नही है बस बात नही जैसे चुगली करती हुई नजर आती है जवान लड़की और लड़को को बोलती है ये कर और वो मत कर बस बिना बात के लेक्चर देती हुई नजर आती है और ये ना जाने क्यों बेमतलब की मतलब डांट बहुत लगाती है ना कुछ सीखती है ना कुछ सिखाती है सिर्फ सारा दिन चुगली लगाती है ये बस बिना बात के बातेे और फिर बात पे बात बनाती जाती है अब ना जाने बात करने से कितना रस टपकता है समझ नही आता बस ये तो चारो घड़ी बात करती ही नजर आती है अगर कोई बात करने के लिए नही मिले इनको तो सकपका ये जाती है अकेली बैठ नही ये औरते पाती है